Supreme Court Foundation Day: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने शनिवार (4 फरवरी, 2023) को कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के लिए कोई केस छोटा या बड़ा नहीं, हर मामला महत्वपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट के स्थापना दिवस पर उन्होंने कहा कि कोर्ट जेंडर इक्वेलिटी (Gender Equality) के एक मजबूत समर्थक के रूप में उभरा है। आज सुप्रीम कोर्ट अपना स्थापना दिवस मना रहा है। इस मौके पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि चाहे वह विरासत के कानून की व्याख्या हो या सशस्त्र बलों में महिलाओं के प्रवेश को सुनिश्चित करना हो, हमारी अदालत लैंगिक समानता के एक मजबूत समर्थक के रूप में उभरी है।
उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट के लिए कोई भी मामला छोटा या बड़ा नहीं है, सारे केस महत्वपूर्ण हैं। सीजेआई ने कहा कि नागरिकों की शिकायतों से जुड़े छोटे मामलों में ही संवैधानिक और न्यायशास्त्रीय महत्व के मुद्दे सामने आते हैं। ऐसी शिकायतों को सुलझाने में अदालत सादे संवैधानिक दायित्वों का पालन करती है।
सिंगापुर सुप्रीम कोर्ट के CJI मुख्य अतिथि
सुप्रीम कोर्ट के स्थापना दिवस पर सिंगापुर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस सुंदरेश मेनन (Justice Sundaresh Menon) को चीफ गेस्ट के तौर पर आमंत्रित किया गया है। शुक्रवार को भारत आए थे, उन्होंने सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ की कार्यवाही देखी। इस मौके पर CJI ने कहा कि सिंगापुर के मुख्य न्यायाधीश सुंदरेश मेनन को आमंत्रित करना सम्मान की बात है। ये सुप्रीम कोर्ट आज 73वां स्थापना दिवस मना रहा है। 73 सालों में पहली बार स्थापना दिवस मनाने की परंपरा शुरू हुई है।
26 जनवरी, 1950 को अस्तित्व में आया सुप्रीम कोर्ट
बता दें कि 26 जनवरी 1950 को देश में संविधान लागू होने के दो दिन बाद 28 जनवरी 1950 को सुप्रीम कोर्ट की स्थापना हुई थी। संविधान के भाग 5 अध्याय 4 के तहत इसे स्थापित किया गया है। सुप्रीम कोर्ट अभी तक अपना स्थापना दिवस नहीं मनाता था। इससे पहले 26 नवंबर के दिन संविधान दिवस मनाने की परंपरा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट का स्थापना दिवस मनाने की परंपरा इसलिए शुरू की, ताकि इसका भी अपना एक उत्सव हो। इससे पहले तक स्थापना दिवस नहीं मनाया जाता था, सिर्फ संविधान दिवस मनाने की परंपरा थी, जो कि संविधान को समर्पित था। सुप्रीम कोर्ट का स्थापना दिवस मनाकर लोगों तक यह जानकारी देना चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट कैसे काम करता है और विदेशों में हो रही कार्रवाई से यहां की कार्रवाई कैसे अलग होती है।