Delhi Police on Sukesh Chandrasekhar: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने सोमवार (12 दिसंबर) को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि महाठग सुकेश (Sukesh Chandrasekhar) ने जमानत पाने के लिए खुद को जज के रूप में पेश किया। इतना ही नहीं वह जेल के अंदर से ही केंद्र सरकार के शीर्ष अधिकारियों का नाम लेकर वसूली का पूरा रैकेट चला रहा था। उसका रैकेट बिना किसी परेशानी के चलता रहे, इसके लिए सुकेश जेल अधिकारियों को हर महीने करीब डेढ़ करोड़ रुपये रिश्वत देता था।
जस्टिस ए आर रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ के समक्ष एक हलफनामे में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के डीसीपी अनीश रॉय ने कहा कि रोहिणी जेल में अंडरट्रायल के दौरान, सुकेश अधिकारियों को 1.5 करोड़ रुपये की मासिक रिश्वत देता था। यह रिश्वत उसके जबरन वसूली के रैकेट को बेरोकटोक अंजाम देने के लिए दी जाती थी। एफिडेविट में पुलिस ने किसे, कितनी रिश्वत दी गई इसका ब्योरा भी पेश किया है।
Sukesh Chandrasekhar ने जमानत पाने के लिए खुद को जज के रूप में पेश किया
पुलिस ने अदालत से कहा कि जेल में अंडरट्रायल के दौरान ठग सुकेश चंद्रशेखर ने न्यायपालिका को प्रभावित करने, धन वसूलने और वांछित सुविधाएं प्राप्त करने के लिए खुद को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के तत्कालीन न्यायाधीश कुरियन जोसेफ और केंद्रीय गृह और कानून सचिवों के रूप में खुद को पेश किया। पुलिस के अनुसार, सुकेश ने जस्टिस कुरियन जोसेफ बनकर उसका केस सुन रहीं जज को फोन मिलाया और उनसे कहा कि मामले में आरोपी को जमानत दें। जेल में बंद रहते हुए खास सुविधाओं के लिए सुकेश ने करोड़ों रुपये की रिश्वत दी।
Delhi Police ने सुकेश को बताया शातिर अपराधी
दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को ठग सुकेश चंद्रशेखर की उस याचिका का विरोध किया, जिसमें उसे दिल्ली से बाहर की एक जेल में ट्रांसफर करने करने का अनुरोध किया गया था। पुलिस ने उसे एक शातिर अपराधी बताया है, जो कानून का जरा भी सम्मान नहीं करता है। पुलिस ने यह भी आरोप लगाया कि सुकेश अपने गिरोह को बढ़ाने के लिए कानून की प्रक्रिया का दुरूपयोग कर रहा है और दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रहा है।
पुलिस के वकील रजत नायर ने सुकेश के उन आरोपों का भी जवाब दिया कि मंडोली जेल में उसके साथ मारपीट हुई और उसकी जांच को खतरा है। नायर ने कहा कि अपनी मांगें पूरी कराने के लिए सुकेश जेल अधिकारियों पर ऐसे उल्टे-सीधे आरोप लगाता रहता है। उन्होंने कहा कि आरोपों की जांच में मारपीट का पता नहीं चला और न ही मेडिकल टेस्ट्स में यह बात सामने आई है।