केरल हाईकोर्ट में एक वकील ने ऐसी याचिका दायर की है जिससे तूफान उठ खड़ा हुआ है। एक वकील ने हाईकोर्ट में रिट लगाकर कहा कि महिला जस्टिस मेरी जोसफ के खिलाफ एक आदेश पारित किया जाए जिससे वो अपने वकील बेटे के केसों की सुनवाई न कर सकें।
वकील का ये भी कहना है कि केसों की लिस्टिंग का अधिकार रजिस्ट्रार जनरल के पास होता है। लेकिन वो अपनी ड्यूटी निभाने में नाकाम रहे हैं। महिला जस्टिस मेरी जोसफ के पास उनके वकील बेटे के केस लगाए जा रहे हैं। वकील का ये भी कहना है कि बेटा अपनी जज मां के चेंबर में बेरोकटोक जाता है। उनका कहना है कि वैसे तो प्रोटोकाल होता है कि जज के चेंबर में जाने वाले हर शख्स का नाम दर्ज किया जाए लेकिन इसकी पालना नहीं की जा रही है।
10 अप्रैल को की जाएगी मामले की सुनवाई
जस्टिस शाहजी चली की बेंच ने एडवोकेट यशवंत शिनॉय की य़ाचिका पर रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी किया है। मामले की सुनवाई 10 अप्रैल को तय की है। ध्यान रहे कि एडवोकेट यशवंत शिनॉय के खिलाफ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए अवमानना की कार्रवाई शुरू की थी। उन पर आरोप है कि उन्होंने जस्टिस मेरी जोसेफ से उनकी कोर्ट में जाकर अभद्रता की थी।
शिनॉय ने उस नोटिस को भी चुनौती दी है जो उन्हें केरल हाईकोर्ट की तरफ से मिला था। बार ने उन्हेें जस्टिस मेरी जोसेफ की कोर्ट में हुई घटना को लेकर नोटिस जारी किया था। उसके बाद हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी किया था जिसमें जस्टिस मेरी जोसेफ की कोर्ट में 9 फरवरी को हुई घटना की आडियो वीडियो रिकार्डिंग को संरक्षित करने को कहा गया था।
जस्टिस मेरी जोसेफ से कोर्ट में हुआ था शिनॉय का विवाद
गौरतलब है कि जस्टिस मेरी जोसेफ को लेकर पहले भी विवाद हो चुका है। उनको लेकर कहा गया था कि दूसरे जज जहां रोजाना औसतन सौ मामलों की सुनवाई करते हैं। वहीं जस्टिस मेरी जोसेफ की कोर्ट में केवल 20 मामले ही लिस्ट कराए जाते हैं। उस मामले में भी रजिस्ट्रार जनरल को आदेश देने का आग्रह किया गया था कि वो इस बारे में उचित कदम उठाए। एडवोकेट शिनॉय ने ही वो याचिका केरल हाईकोर्ट में दायर की थी।