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Sardar Patel Statue of Unity Inauguration: विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा का PM ने किया अनावरण, 1 नवंबर से आम जनता के लिए खुलेंगे द्वार

Sardar Vallabhbhai Patel Statue, Statue of Unity in Gujarat Inauguration Images, Cost, Height, Location: ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ में दो हाई स्पीड लिफ्ट भी हैं, जिससे एक समय में करीब 40 लोग गैलरी तक जा सकते हैं। प्रतिमा के पास स्थित पहाड़ियों पर फूल लगाए गए हैं।

Sardar Patel Statue of Unity Inauguration: विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा का PM ने किया अनावरण, 1 नवंबर से आम जनता के लिए खुलेंगे द्वार
Statue of Unity Inauguration: अनावरण के साथ ही सरदार पटेल की यह प्रतिमा विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा बन गई। (Photo : Twitter/PMO India)

Sardar Vallabhbhai Patel Statue, Statue of Unity in Gujarat Inauguration Images, Cost, Height, Location: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (31 अक्टूबर) को देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर उनकी 182 मीटर ऊंची प्रतिमा (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) का अनावरण किया। उन्होंने कहा, “यह प्रतिमा नए भारत की अभिव्यक्ति है। देश के विराट व्यक्ति को आज इसके जरिए उचित स्थान मिला है। पर कभी सोचा नहीं था कि मैं इसका अनावरण करूंगा। पटेल में कौटिल्य की कूटनीति थी।”

आपको बता दें कि यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। टीवी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक नवंबर, 2018 से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर के द्वार आम जनता के लिए खोल दिए जाएंगे। नजदीक से पटेल की इस प्रतिमा को देखने के लिए 500 रुपए का टिकट लेना पड़ेगा, जबकि तीन किमी की दूरी से इसे देखने पर 30 रुपए का शुल्क चुकाना होगा।

Live Blog

13:23 (IST)31 Oct 2018
‘सरदार’ ने इन प्रतिमाओं को छोड़ा पीछे

सरदार की यह प्रतिमा इससे पहले तक दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है। चीनी प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है। इतना ही नहीं, यह  न्यूयॉर्क स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से भी लगभग दोगुना बड़ी है। विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के टापू पर बनी इस मूर्ति को बनाने में तकरीबन 2389 करोड़ रुपए का खर्च आया है।

13:01 (IST)31 Oct 2018
मोदी सरकार ने राष्ट्रीय एकता दिवस में मनाना शुरू की पटेल की जयंती

सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है।

12:42 (IST)31 Oct 2018
म्यूजियम-ऑडियो गैलरी भी गए PM

केवड़िया में पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य गणमान्य व्यक्ति व मेहमान अनावरण के बाद म्यूजियम और ऑडियो विजुअल गैलरी पहुंचे, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत कॉम्पलेक्स’ में स्थित है।

12:21 (IST)31 Oct 2018
VIDEO: PM ने पटेल को यूं दी श्रद्धांजलि

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण करने के बाद पीएम ने सरदार की प्रतिमा के पास जाकर उस पर जल और पुष्प भी चढ़ाए। देखिए, कैसे उन्होंने देश के पहले गृहमंत्री को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने इससे पहले यहां पर वॉल ऑफ यूनिटी का अनावरण किया।  

12:07 (IST)31 Oct 2018
देश को बांटने की कोशिशों से रहें सतर्क : पीएम

आज देश के लिए सोचने वाले युवाओं की शक्ति हमारे पास है। देश के विकास के लिए, यही एक रास्ता है, जिसको लेकर हमें आगे बढ़ना है। देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाए रखना, एक ऐसा दायित्व है, जो सरदार साहब हमें देकर गए हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की हर तरह की कोशिश का पुरजोर जवाब दें। इसलिए हमें हर तरह से सतर्क रहना है। समाज के तौर पर एकजुट रहना है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

11:55 (IST)31 Oct 2018
पीएम मोदी ने गिनाई अपनी सरकार की योजनाएं

हम देश के हर बेघर को पक्का घर देने की भगीरथ योजना पर काम कर रहे हैं। हमने उन 18 हजार गावों तक बिजली पहुंचाई है, जहां आजादी के इतने वर्षों के बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी। हमारी सरकार सौभाग्य योजना के तहत देश के हर घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए काम कर रही है। देश के हर गांव को सड़क से जोड़ने, डिजिटल कनेक्टिविटी से जोड़ने का काम भी तेज गति से किया जा रहा है। देश में आज हर घर में गैस कनेक्शन पहुंचाने के प्रयास के साथ ही देश के हर घर में शौचालय की सुविधा पहुंचाने पर काम हो रहा है। : प्रधानमंत्री मोदी

11:38 (IST)31 Oct 2018
हमारी मुहिम को लोग राजनीति से जोड़कर देखते हैं : पीएम मोदी

सरदार साहब के दर्शन करने आने वाले टूरिस्ट सरदार सरोवर डैम, सतपुड़ा और विंध्य के पर्वतों के दर्शन भी कर पाएंगे। कई बार तो मैं हैरान रह जाता हूं, जब देश में ही कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति से जोड़कर देखते हैं। सरदार पटेल जैसे महापुरुषों, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है। ऐसा अनुभव कराया जाता है मानो हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है। सरदार पटेल चाहते थे कि भारत सशक्त, सुदृढ़, संवेदनशील, सतर्क और समावेशी बने। हमारे सारे प्रयास उनके इसी सपने को साकार करने की दिशा में हो रहे हैं। : प्रधानमंत्री मोदी

11:34 (IST)31 Oct 2018
सहकारी आंदोलन सरदार पटेल की देन : मोदी

आज का सहकारी आंदोलन जो देश के अनेक गांवों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन चुका है, ये सरदार साहब की ही देन है। सरदार पटेल का ये स्मारक उनके प्रति करोड़ों भारतीयों के सम्मान, हमारे सामर्थ्य, का प्रतीक तो है ही, ये देश की अर्थव्यवस्था, रोज़गार निर्माण का भी महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है। इससे हज़ारों आदिवासी बहन-भाइयों को हर वर्ष सीधा रोज़गार मिलने वाला है। सतपुड़ा और विंध्य के इस अंचल में बसे आप सभी जनों को प्रकृति ने जो कुछ भी सौंपा है, वो अब आधुनिक रूप में आपके काम आने वाला है। देश ने जिन जंगलों के बारे में कविताओं के जरिए पढ़ा, अब उन जंगलों, उन आदिवासी परंपराओं से पूरी दुनिया प्रत्यक्ष साक्षात्कार करने वाली है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

11:28 (IST)31 Oct 2018
इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का प्रतीक है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हमारे इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का भी प्रतीक है। बीते करीब साढ़े तीन वर्षों में हर रोज़ कामगारों ने, शिल्पकारों ने मिशन मोड पर काम किया है। राम सुतार जी की अगुवाई में देश के अद्भुत शिल्पकारों की टीम ने कला के इस गौरवशाली स्मारक को पूरा किया है। आज जो ये सफर एक पड़ाव तक पहुंचा है, उसकी यात्रा 8 वर्ष पहले आज के ही दिन शुरु हुई थी। 31 अक्टूबर 2010 को अहमदाबाद में मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था। करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान आवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है। : प्रधानमंत्री

11:25 (IST)31 Oct 2018
ये प्रतिमा न्‍यू इंडिया के आत्‍मविश्‍वास की अभिव्‍यक्ति : पीएम मोदी

”ये प्रतिमा, सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और परमार्थ की भावना का प्रकटीकरण है। ये प्रतिमा उनके सामर्थ्य और समर्पण का सम्मान तो है ही, ये न्‍यू इंडिया, नए भारत के नए आत्मविश्वास की भी अभिव्यक्ति है। ये प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को ये याद दिलाने के लिए है कि ये राष्ट्र शाश्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहेगा। ये ऊंचाई, ये बुलंदी भारत के युवाओं को ये याद दिलाने के लिए है कि भविष्य का भारत आपकी आकांक्षाओं का है, जो इतनी ही विराट हैं। इन आकांक्षाओं को पूरा करने का सामर्थ्य और मंत्र सिर्फ और सिर्फ एक ही है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत।”

11:19 (IST)31 Oct 2018
”सरदार न होते तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी”

सरदार साहब ने संकल्प न लिया होता, तो आज गीर के शेर को देखने के लिए, सोमनाथ में पूजा करने के लिए और हैदराबाद चार मीनार को देखने के लिए हमें वीज़ा लेना पड़ता। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो सिविल सेवा जैसा प्रशासनिक ढांचा खड़ा करने में हमें बहुत मुश्किल होती। देश के लोकतंत्र से सामान्य जन को जोड़ने के लिए वो हमेशा समर्पित रहे। महिलाओं को भारत की राजनीति में सक्रिय योगदान का अधिकार देने के पीछे भी सरदार पटेल का बहुत बड़ा रोल रहा है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

11:12 (IST)31 Oct 2018
”सरदार पटेल ने देश को रास्‍ता दिखाया”

जिस कमज़ोरी पर दुनिया हमें उस समय ताने दे रही थी, उसी को ताकत बनाते हुए सरदार पटेल ने देश को रास्ता दिखाया। उसी रास्ते पर चलते हुए संशय में घिरा वो भारत आज दुनिया से अपनी शर्तों पर संवाद कर रहा है, दुनिया की बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। कच्छ से कोहिमा तक, करगिल से कन्याकुमारी तक आज अगर बेरोकटोक हम जा पा रहे हैं तो ये सरदार साहब की वजह से, उनके संकल्प से ही संभव हो पाया है। : प्रधानमंत्री

11:09 (IST)31 Oct 2018
सैकड़ों रजवाड़ों के त्‍याग को नहीं भूलना चाहिए : पीएम मोदी

”सरदार पटेल ने 5 जुलाई, 1947 को रियासतों को संबोधित करते हुए कहा था कि- ”विदेशी आक्रांताओं के सामने हमारे आपसी झगड़े, आपसी दुश्मनी, वैर का भाव, हमारी हार की बड़ी वजह थी। अब हमें इस गलती को नहीं दोहराना है और न ही दोबारा किसी का गुलाम होना है। सरदार साहब के इसी संवाद से, एकीकरण की शक्ति को समझते हुए उन्होंने अपने राज्यों का विलय कर दिया। देखते ही देखते, भारत एक हो गया। सरदार साहब के आह्वान पर देश के सैकड़ों रजवाड़ों ने त्याग की मिसाल कायम की थी। हमें इस त्याग को भी कभी नहीं भूलना चाहिए।”

11:04 (IST)31 Oct 2018
“सरदार में था कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश”

सरदार साहब का सामर्थ्य तब भारत के काम आया था जब मां भारती साढ़े पांच सौ से ज्यादा रियासतों में बंटी थी। दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति घोर निराशा थी। निराशावादियों को लगता था कि भारत अपनी विविधताओं की वजह से ही बिखर जाएगा। सरदार पटेल में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश था। : प्रधानमंत्री

11:00 (IST)31 Oct 2018
”यह प्रतिमा सरदार साहब के संकल्‍प की याद दिलाती रहेगी”

आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तब भारत ने न सिर्फ अपने लिए एक नया इतिहास रचा है, बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा का गगनचुम्बी आधार भी रखा है। दुनिया की ये सबसे उंची प्रतिमा पूरी दुनिया और हमारी भावी पीढ़ियों को सरदार साहब के साहस, सामर्थ और संकल्प की याद दिलाती रहेगी। : प्रधानमंत्री मोदी

10:54 (IST)31 Oct 2018
पीएम मोदी को सौंपा गया हथौड़ा

स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी बनाने के लिए ‘लोहा कैंपेन’ के दौरान किसानों से प्राप्त पहला लौह औजार हथौड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा गया। उन्‍होंने कहा, ”आज भारत के वर्तमान ने अपने इतिहास के एक स्वर्णिम पृष्ठ को उजागर करने का काम किया है।”

10:42 (IST)31 Oct 2018
सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन

इस अवसर पर गुजरात पुलिस, सशस्त्र और अर्द्धसैनिक बलों के बैंड सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। इस मौके पर 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकार नृत्य और संगीत की प्रस्तुति देंगे। इस दौरान कई आकर्षण होंगे जिनमें 17 किलोमीटर लंबी फूलों की घाटी का उद्घाटन, प्रतिमा के पास पर्यटकों के लिए तंबुओं के शहर और पटेल के जीवन पर आधारित संग्रहालय का लोकार्पण भी शामिल है।

10:34 (IST)31 Oct 2018
कार्यक्रम शुरू, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण

मोदी द्वारा प्रतिमा के अनावरण के बाद वायु सेना के तीन विमान वहां उड़ान भरेंगे और भगवा, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरेंगे। पटेल की प्रतिमा के पास मोदी ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का भी उद्घाटन करेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार उस समय तीन जगुआर लड़ाकू विमान काफी नीचे से उड़ान भरते हुए जाएंगे। ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन करने के बाद मोदी पटेल को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे जिनकी 31 अक्टूबर को जयंती भी है। इसी दौरान दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर प्रतिमा पर पुष्पवर्षा करेंगे।

10:30 (IST)31 Oct 2018
…तो देश के पहले प्रधानमंत्री होते सरदार

1945-1946 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सरदार पटेल प्रमुख उम्मीदवार थे। लेकिन महात्मा गांधी ने एक बार फिर हस्तक्षेप करके जवाहरलाल नेहरू को अध्यक्ष बनवा दिया। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नेहरू को ब्रिटिश वाइसरॉय ने अंतरिम सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया। इस प्रकार यदि घटनाक्रम सामान्य रहता तो सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते।

10:07 (IST)31 Oct 2018
जब नेहरू ने नहीं मानी पटेल की बात, भारत ने गंवा दी 40 हजार वर्ग गज जमीन

जब चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई ने जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखा कि वह तिब्बत को चीन का अंग मान लें तो पटेल ने नेहरू से आग्रह किया कि वह तिब्बत पर चीन का प्रभुत्व कतई न स्वीकारें, अन्यथा चीन भारत के लिए खतरनाक सिद्ध होगा। जवाहरलाल नेहरू नहीं माने, बस इसी भूल के कारण हमें चीन से पिटना पड़ा और चीन ने हमारी सीमा की 40 हजार वर्ग गज भूमि पर कब्जा कर लिया।

09:45 (IST)31 Oct 2018
इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर मनमोहन, सोनिया, राहुल ने श्रद्धांजलि दी

आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि भी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को स्मारक शक्ति स्थल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “आज खुशी के साथ दादी को याद कर रहा हूं। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया और अपार प्यार दिया। उन्होंने अपने लोगों को बहुत कुछ दिया। मुझे उन पर बहुत गर्व है।” कांग्रेस पार्टी ने कहा, “आज हम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और हमारे देश के सबसे मजबूत नेताओं में से एक का सम्मान करते हैं।” पार्टी ने ट्वीट कर कहा, “उनके नेतृत्व में हमारा देश ने महान जीत, अद्भुत विकास और सबसे महत्वपूर्ण समाज के सभी वर्गो का उत्थान देखा है।”

09:26 (IST)31 Oct 2018
1991 में मरणोपरांत मिला था भारत रत्‍न

सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है।

09:05 (IST)31 Oct 2018
अंग्रेजों ने कई बार जेल में डाला

वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान पटेल को तीन महीने की जेल हुई। मार्च 1931 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन की अध्यक्षता की। जनवरी, 1932 में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया। जुलाई, 1934 में वह रिहा हुए और 1937 के चुनावों में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के संगठन को व्यवस्थित किया।

08:52 (IST)31 Oct 2018
राजनाथ सिंह ने ‘रन फॉर यूनिटी’ को हरी झंडी दिखाई

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरदार पटेल की जयंती के मौके पर दिल्ली में ‘रन फॉर यूनिटी’ को हरी झंडी दिखाई। पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित जफर इकबाल, पांच बार वर्ल्‍ड बॉक्सिंग चैम्पियन मैरी कॉम, जिमनास्टिक और ओलम्पिक मेडेलिस्ट दीपा करमाकर भी मौजूद रहे। राजनाथ ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर मेजर ध्यान चंद स्टेडियम से इस दौड़ को हरी झंडी दिखाई। इस एक किलोमीटर तक की दौड़ में सात से 70 साल की उम्र के बीच के हजारों ने हिस्सा लिया। यह दौड़ इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर समाप्त होगी। यह दिन एकता, अखंडता और सुरक्षा को समर्पित है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, हरदीप सिंह पुरी और आर.के.सिंह भी मौजूद रहे।

08:33 (IST)31 Oct 2018
‘सरदार’ ने किया इंडियन सिविल सर्विसेज का भारतीयकरण

गृहमंत्री के रूप में वल्‍लभ भाई पटेल पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (आईसीएस) का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आईएएस) बनाया। अंग्रेजों की सेवा करने वालों में विश्वास भरकर उन्हें राजभक्ति से देशभक्ति की ओर मोड़ा। यदि सरदार पटेल कुछ वर्ष जीवित रहते तो संभवत: नौकरशाही का पूर्ण कायाकल्प हो जाता।

08:14 (IST)31 Oct 2018
जब सरदार पटेल नहीं बन पाए कांग्रेस अध्‍यक्ष…

सरदार पटेल क्रांतिकारी नहीं थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में सरदार पटेल, महात्मा गांधी के बाद अध्यक्ष पद के दूसरे उम्मीदवार थे। गांधीजी ने स्वाधीनता के प्रस्ताव को स्वीकृत होने से रोकने के प्रयास में अध्यक्ष पद की दावेदारी छोड़ दी और पटेल पर भी नाम वापस लेने के लिए दबाव डाला। अंतत: जवाहरलाल नेहरू अध्यक्ष बने। सन् 1937-1938 में पटेल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार थे। एक बार फिर गांधीजी के दबाव में पटेल को अपना नाम वापस लेना पड़ा और जवाहरलाल नेहरू निर्वाचित हुए।

07:57 (IST)31 Oct 2018
मोदी का लेख : देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले आधुनिक भारत के निर्माता को विशेष श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटेल जयंती पर ट्वीट किया है, ”देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।” उन्‍होंने आज अखबारों में एक लेख भी लिखा है जिसे आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

07:44 (IST)31 Oct 2018
जब पाकिस्तान के पहुंचने से पहले सरदार पटेल ने लक्षद्वीप में फहरवा दिया था तिरंगा

लक्षद्वीप को भारत में मिलाने में भी सरदार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। दरअसल, यह देश का एक ऐसा हिस्सा था जो मुख्यधारा से काफी कटा हुआ था। यहां के लोगों को भारत के स्वतंत्र होने की सूचना ही 15 अगस्त 1947 के कई दिनों बाद मिली। पाकिस्तान से काफी दूर होने के बावजूद भी वह भारत के इस हिस्से पर अपना दावा कर सकता था। तब पाकिस्तानी नौसेना के जहाज लक्षद्वीप के आस-पास मंडराते हुए देखे भी गए थे। लेकिन, इससे पहले कि पाकिस्तान इस हिस्से पर अपना ध्वज फहराए, सरदार ने होशियारी से काम लेते हुए लक्षद्वीप में भारतीय नौसेना का एक जहाज तिरंगा फहराने के लिए भेज दिया। भारतीय नौसेना ने समय रहते द्वीप पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया। पढ़ें पूरा प्रसंग

07:23 (IST)31 Oct 2018
PHOTOS: जानें Statue of Unity की खासियत

कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टर्बो द्वारा बनाई गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना को दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था जिसे 42 महीनों को अंदर पूरा किया जाना था। लेकिन इसकी डिजाइन के काम के कारण इसके निर्माण की अवधि को और चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपानी ने अपने सोशल अकाउंट पर ”स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी” की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। तस्‍वीरें देखें और जानें कि इस प्रोजेक्‍ट की खासियतें क्‍या हैं। देखें गैलरी

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First published on: 31-10-2018 at 07:12 IST
मेष

युगलों के बीच की गलतफहमियां अपने आप दूर होकर शांतिपूर्ण संबध लौटेंगे। आपके लिए लंबी यात्रा के योग हो सकते हैं। इस यात्रा से आपको कुछ समय के लिए अपने परिवार से दूर रहना पड़ सकता है। नए उपक्रम की योजना बना रहे व्यापारियों को चाहिए कि आज काम का शुभारंभ अवश्य करें और इस… Live Blog Highlights 13:23 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने इन प्रतिमाओं को छोड़ा पीछे सरदार की यह प्रतिमा इससे पहले तक दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है। चीनी प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है। इतना ही नहीं, यह  न्यूयॉर्क स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से भी लगभग दोगुना बड़ी है। विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के टापू पर बनी इस मूर्ति को बनाने में तकरीबन 2389 करोड़ रुपए का खर्च आया है। 13:01 (IST)31 Oct 2018 मोदी सरकार ने राष्ट्रीय एकता दिवस में मनाना शुरू की पटेल की जयंती सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 12:42 (IST)31 Oct 2018 म्यूजियम-ऑडियो गैलरी भी गए PM केवड़िया में पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य गणमान्य व्यक्ति व मेहमान अनावरण के बाद म्यूजियम और ऑडियो विजुअल गैलरी पहुंचे, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत कॉम्पलेक्स' में स्थित है। 12:21 (IST)31 Oct 2018 VIDEO: PM ने पटेल को यूं दी श्रद्धांजलि #WATCH: Prime Minister Narendra Modi pays tribute to Sardar Vallabhbhai Patel in Gujarat's Kevadiya on his 143rd birth anniversary. #StatueOfUnity pic.twitter.com/AkVXNegfv0 — ANI (@ANI) October 31, 2018 स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण करने के बाद पीएम ने सरदार की प्रतिमा के पास जाकर उस पर जल और पुष्प भी चढ़ाए। देखिए, कैसे उन्होंने देश के पहले गृहमंत्री को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने इससे पहले यहां पर वॉल ऑफ यूनिटी का अनावरण किया।   12:07 (IST)31 Oct 2018 देश को बांटने की कोशिशों से रहें सतर्क : पीएम आज देश के लिए सोचने वाले युवाओं की शक्ति हमारे पास है। देश के विकास के लिए, यही एक रास्ता है, जिसको लेकर हमें आगे बढ़ना है। देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाए रखना, एक ऐसा दायित्व है, जो सरदार साहब हमें देकर गए हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की हर तरह की कोशिश का पुरजोर जवाब दें। इसलिए हमें हर तरह से सतर्क रहना है। समाज के तौर पर एकजुट रहना है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:55 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी ने गिनाई अपनी सरकार की योजनाएं हम देश के हर बेघर को पक्का घर देने की भगीरथ योजना पर काम कर रहे हैं। हमने उन 18 हजार गावों तक बिजली पहुंचाई है, जहां आजादी के इतने वर्षों के बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी। हमारी सरकार सौभाग्य योजना के तहत देश के हर घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए काम कर रही है। देश के हर गांव को सड़क से जोड़ने, डिजिटल कनेक्टिविटी से जोड़ने का काम भी तेज गति से किया जा रहा है। देश में आज हर घर में गैस कनेक्शन पहुंचाने के प्रयास के साथ ही देश के हर घर में शौचालय की सुविधा पहुंचाने पर काम हो रहा है। : प्रधानमंत्री मोदी 11:38 (IST)31 Oct 2018 हमारी मुहिम को लोग राजनीति से जोड़कर देखते हैं : पीएम मोदी सरदार साहब के दर्शन करने आने वाले टूरिस्ट सरदार सरोवर डैम, सतपुड़ा और विंध्य के पर्वतों के दर्शन भी कर पाएंगे। कई बार तो मैं हैरान रह जाता हूं, जब देश में ही कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति से जोड़कर देखते हैं। सरदार पटेल जैसे महापुरुषों, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है। ऐसा अनुभव कराया जाता है मानो हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है। सरदार पटेल चाहते थे कि भारत सशक्त, सुदृढ़, संवेदनशील, सतर्क और समावेशी बने। हमारे सारे प्रयास उनके इसी सपने को साकार करने की दिशा में हो रहे हैं। : प्रधानमंत्री मोदी 11:34 (IST)31 Oct 2018 सहकारी आंदोलन सरदार पटेल की देन : मोदी आज का सहकारी आंदोलन जो देश के अनेक गांवों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन चुका है, ये सरदार साहब की ही देन है। सरदार पटेल का ये स्मारक उनके प्रति करोड़ों भारतीयों के सम्मान, हमारे सामर्थ्य, का प्रतीक तो है ही, ये देश की अर्थव्यवस्था, रोज़गार निर्माण का भी महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है। इससे हज़ारों आदिवासी बहन-भाइयों को हर वर्ष सीधा रोज़गार मिलने वाला है। सतपुड़ा और विंध्य के इस अंचल में बसे आप सभी जनों को प्रकृति ने जो कुछ भी सौंपा है, वो अब आधुनिक रूप में आपके काम आने वाला है। देश ने जिन जंगलों के बारे में कविताओं के जरिए पढ़ा, अब उन जंगलों, उन आदिवासी परंपराओं से पूरी दुनिया प्रत्यक्ष साक्षात्कार करने वाली है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:28 (IST)31 Oct 2018 इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का प्रतीक है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हमारे इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का भी प्रतीक है। बीते करीब साढ़े तीन वर्षों में हर रोज़ कामगारों ने, शिल्पकारों ने मिशन मोड पर काम किया है। राम सुतार जी की अगुवाई में देश के अद्भुत शिल्पकारों की टीम ने कला के इस गौरवशाली स्मारक को पूरा किया है। आज जो ये सफर एक पड़ाव तक पहुंचा है, उसकी यात्रा 8 वर्ष पहले आज के ही दिन शुरु हुई थी। 31 अक्टूबर 2010 को अहमदाबाद में मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था। करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान आवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है। : प्रधानमंत्री 11:25 (IST)31 Oct 2018 ये प्रतिमा न्‍यू इंडिया के आत्‍मविश्‍वास की अभिव्‍यक्ति : पीएम मोदी ''ये प्रतिमा, सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और परमार्थ की भावना का प्रकटीकरण है। ये प्रतिमा उनके सामर्थ्य और समर्पण का सम्मान तो है ही, ये न्‍यू इंडिया, नए भारत के नए आत्मविश्वास की भी अभिव्यक्ति है। ये प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को ये याद दिलाने के लिए है कि ये राष्ट्र शाश्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहेगा। ये ऊंचाई, ये बुलंदी भारत के युवाओं को ये याद दिलाने के लिए है कि भविष्य का भारत आपकी आकांक्षाओं का है, जो इतनी ही विराट हैं। इन आकांक्षाओं को पूरा करने का सामर्थ्य और मंत्र सिर्फ और सिर्फ एक ही है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत।'' 11:19 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार न होते तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी'' सरदार साहब ने संकल्प न लिया होता, तो आज गीर के शेर को देखने के लिए, सोमनाथ में पूजा करने के लिए और हैदराबाद चार मीनार को देखने के लिए हमें वीज़ा लेना पड़ता। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो सिविल सेवा जैसा प्रशासनिक ढांचा खड़ा करने में हमें बहुत मुश्किल होती। देश के लोकतंत्र से सामान्य जन को जोड़ने के लिए वो हमेशा समर्पित रहे। महिलाओं को भारत की राजनीति में सक्रिय योगदान का अधिकार देने के पीछे भी सरदार पटेल का बहुत बड़ा रोल रहा है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:12 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार पटेल ने देश को रास्‍ता दिखाया'' जिस कमज़ोरी पर दुनिया हमें उस समय ताने दे रही थी, उसी को ताकत बनाते हुए सरदार पटेल ने देश को रास्ता दिखाया। उसी रास्ते पर चलते हुए संशय में घिरा वो भारत आज दुनिया से अपनी शर्तों पर संवाद कर रहा है, दुनिया की बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। कच्छ से कोहिमा तक, करगिल से कन्याकुमारी तक आज अगर बेरोकटोक हम जा पा रहे हैं तो ये सरदार साहब की वजह से, उनके संकल्प से ही संभव हो पाया है। : प्रधानमंत्री #WATCH: Prime Minister Narendra Modi says, "if it was not for Sardar Sahab's resolve, then we Indians would have to take visa to see the Gir lions, pray at Somnath, or to see Hyderabad's Charminar". #StatueOfUnity pic.twitter.com/RfAu3tOSyu — ANI (@ANI) October 31, 2018 11:09 (IST)31 Oct 2018 सैकड़ों रजवाड़ों के त्‍याग को नहीं भूलना चाहिए : पीएम मोदी ''सरदार पटेल ने 5 जुलाई, 1947 को रियासतों को संबोधित करते हुए कहा था कि- ''विदेशी आक्रांताओं के सामने हमारे आपसी झगड़े, आपसी दुश्मनी, वैर का भाव, हमारी हार की बड़ी वजह थी। अब हमें इस गलती को नहीं दोहराना है और न ही दोबारा किसी का गुलाम होना है। सरदार साहब के इसी संवाद से, एकीकरण की शक्ति को समझते हुए उन्होंने अपने राज्यों का विलय कर दिया। देखते ही देखते, भारत एक हो गया। सरदार साहब के आह्वान पर देश के सैकड़ों रजवाड़ों ने त्याग की मिसाल कायम की थी। हमें इस त्याग को भी कभी नहीं भूलना चाहिए।'' 11:04 (IST)31 Oct 2018 "सरदार में था कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश" सरदार साहब का सामर्थ्य तब भारत के काम आया था जब मां भारती साढ़े पांच सौ से ज्यादा रियासतों में बंटी थी। दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति घोर निराशा थी। निराशावादियों को लगता था कि भारत अपनी विविधताओं की वजह से ही बिखर जाएगा। सरदार पटेल में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश था। : प्रधानमंत्री 11:00 (IST)31 Oct 2018 ''यह प्रतिमा सरदार साहब के संकल्‍प की याद दिलाती रहेगी'' आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तब भारत ने न सिर्फ अपने लिए एक नया इतिहास रचा है, बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा का गगनचुम्बी आधार भी रखा है। दुनिया की ये सबसे उंची प्रतिमा पूरी दुनिया और हमारी भावी पीढ़ियों को सरदार साहब के साहस, सामर्थ और संकल्प की याद दिलाती रहेगी। : प्रधानमंत्री मोदी 10:54 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी को सौंपा गया हथौड़ा स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी बनाने के लिए 'लोहा कैंपेन' के दौरान किसानों से प्राप्त पहला लौह औजार हथौड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा गया। उन्‍होंने कहा, ''आज भारत के वर्तमान ने अपने इतिहास के एक स्वर्णिम पृष्ठ को उजागर करने का काम किया है।'' 10:42 (IST)31 Oct 2018 सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन इस अवसर पर गुजरात पुलिस, सशस्त्र और अर्द्धसैनिक बलों के बैंड सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। इस मौके पर 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकार नृत्य और संगीत की प्रस्तुति देंगे। इस दौरान कई आकर्षण होंगे जिनमें 17 किलोमीटर लंबी फूलों की घाटी का उद्घाटन, प्रतिमा के पास पर्यटकों के लिए तंबुओं के शहर और पटेल के जीवन पर आधारित संग्रहालय का लोकार्पण भी शामिल है। #WATCH: Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity inaugurated by Prime Minister Narendra Modi in Gujarat's Kevadiya pic.twitter.com/APnxyFACFT — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:34 (IST)31 Oct 2018 कार्यक्रम शुरू, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण मोदी द्वारा प्रतिमा के अनावरण के बाद वायु सेना के तीन विमान वहां उड़ान भरेंगे और भगवा, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरेंगे। पटेल की प्रतिमा के पास मोदी ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का भी उद्घाटन करेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार उस समय तीन जगुआर लड़ाकू विमान काफी नीचे से उड़ान भरते हुए जाएंगे। ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन करने के बाद मोदी पटेल को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे जिनकी 31 अक्टूबर को जयंती भी है। इसी दौरान दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर प्रतिमा पर पुष्पवर्षा करेंगे। PM Narendra Modi inaugurates Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity pic.twitter.com/c3wfzLBkH4 — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:30 (IST)31 Oct 2018 …तो देश के पहले प्रधानमंत्री होते सरदार 1945-1946 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सरदार पटेल प्रमुख उम्मीदवार थे। लेकिन महात्मा गांधी ने एक बार फिर हस्तक्षेप करके जवाहरलाल नेहरू को अध्यक्ष बनवा दिया। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नेहरू को ब्रिटिश वाइसरॉय ने अंतरिम सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया। इस प्रकार यदि घटनाक्रम सामान्य रहता तो सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते। 10:07 (IST)31 Oct 2018 जब नेहरू ने नहीं मानी पटेल की बात, भारत ने गंवा दी 40 हजार वर्ग गज जमीन जब चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई ने जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखा कि वह तिब्बत को चीन का अंग मान लें तो पटेल ने नेहरू से आग्रह किया कि वह तिब्बत पर चीन का प्रभुत्व कतई न स्वीकारें, अन्यथा चीन भारत के लिए खतरनाक सिद्ध होगा। जवाहरलाल नेहरू नहीं माने, बस इसी भूल के कारण हमें चीन से पिटना पड़ा और चीन ने हमारी सीमा की 40 हजार वर्ग गज भूमि पर कब्जा कर लिया। 09:45 (IST)31 Oct 2018 इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर मनमोहन, सोनिया, राहुल ने श्रद्धांजलि दी आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि भी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को स्मारक शक्ति स्थल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "आज खुशी के साथ दादी को याद कर रहा हूं। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया और अपार प्यार दिया। उन्होंने अपने लोगों को बहुत कुछ दिया। मुझे उन पर बहुत गर्व है।" कांग्रेस पार्टी ने कहा, "आज हम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और हमारे देश के सबसे मजबूत नेताओं में से एक का सम्मान करते हैं।" पार्टी ने ट्वीट कर कहा, "उनके नेतृत्व में हमारा देश ने महान जीत, अद्भुत विकास और सबसे महत्वपूर्ण समाज के सभी वर्गो का उत्थान देखा है।" 09:26 (IST)31 Oct 2018 1991 में मरणोपरांत मिला था भारत रत्‍न सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 09:05 (IST)31 Oct 2018 अंग्रेजों ने कई बार जेल में डाला वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान पटेल को तीन महीने की जेल हुई। मार्च 1931 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन की अध्यक्षता की। जनवरी, 1932 में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया। जुलाई, 1934 में वह रिहा हुए और 1937 के चुनावों में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के संगठन को व्यवस्थित किया। 08:52 (IST)31 Oct 2018 राजनाथ सिंह ने 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरदार पटेल की जयंती के मौके पर दिल्ली में 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई। पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित जफर इकबाल, पांच बार वर्ल्‍ड बॉक्सिंग चैम्पियन मैरी कॉम, जिमनास्टिक और ओलम्पिक मेडेलिस्ट दीपा करमाकर भी मौजूद रहे। राजनाथ ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर मेजर ध्यान चंद स्टेडियम से इस दौड़ को हरी झंडी दिखाई। इस एक किलोमीटर तक की दौड़ में सात से 70 साल की उम्र के बीच के हजारों ने हिस्सा लिया। यह दौड़ इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर समाप्त होगी। यह दिन एकता, अखंडता और सुरक्षा को समर्पित है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, हरदीप सिंह पुरी और आर.के.सिंह भी मौजूद रहे। 08:33 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने किया इंडियन सिविल सर्विसेज का भारतीयकरण गृहमंत्री के रूप में वल्‍लभ भाई पटेल पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (आईसीएस) का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आईएएस) बनाया। अंग्रेजों की सेवा करने वालों में विश्वास भरकर उन्हें राजभक्ति से देशभक्ति की ओर मोड़ा। यदि सरदार पटेल कुछ वर्ष जीवित रहते तो संभवत: नौकरशाही का पूर्ण कायाकल्प हो जाता। 08:14 (IST)31 Oct 2018 जब सरदार पटेल नहीं बन पाए कांग्रेस अध्‍यक्ष… सरदार पटेल क्रांतिकारी नहीं थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में सरदार पटेल, महात्मा गांधी के बाद अध्यक्ष पद के दूसरे उम्मीदवार थे। गांधीजी ने स्वाधीनता के प्रस्ताव को स्वीकृत होने से रोकने के प्रयास में अध्यक्ष पद की दावेदारी छोड़ दी और पटेल पर भी नाम वापस लेने के लिए दबाव डाला। अंतत: जवाहरलाल नेहरू अध्यक्ष बने। सन् 1937-1938 में पटेल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार थे। एक बार फिर गांधीजी के दबाव में पटेल को अपना नाम वापस लेना पड़ा और जवाहरलाल नेहरू निर्वाचित हुए। 07:57 (IST)31 Oct 2018 मोदी का लेख : देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले आधुनिक भारत के निर्माता को विशेष श्रद्धांजलि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटेल जयंती पर ट्वीट किया है, ''देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।'' उन्‍होंने आज अखबारों में एक लेख भी लिखा है जिसे आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं। 07:44 (IST)31 Oct 2018 जब पाकिस्तान के पहुंचने से पहले सरदार पटेल ने लक्षद्वीप में फहरवा दिया था तिरंगा लक्षद्वीप को भारत में मिलाने में भी सरदार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। दरअसल, यह देश का एक ऐसा हिस्सा था जो मुख्यधारा से काफी कटा हुआ था। यहां के लोगों को भारत के स्वतंत्र होने की सूचना ही 15 अगस्त 1947 के कई दिनों बाद मिली। पाकिस्तान से काफी दूर होने के बावजूद भी वह भारत के इस हिस्से पर अपना दावा कर सकता था। तब पाकिस्तानी नौसेना के जहाज लक्षद्वीप के आस-पास मंडराते हुए देखे भी गए थे। लेकिन, इससे पहले कि पाकिस्तान इस हिस्से पर अपना ध्वज फहराए, सरदार ने होशियारी से काम लेते हुए लक्षद्वीप में भारतीय नौसेना का एक जहाज तिरंगा फहराने के लिए भेज दिया। भारतीय नौसेना ने समय रहते द्वीप पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया। पढ़ें पूरा प्रसंग 07:23 (IST)31 Oct 2018 PHOTOS: जानें Statue of Unity की खासियत कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टर्बो द्वारा बनाई गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना को दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था जिसे 42 महीनों को अंदर पूरा किया जाना था। लेकिन इसकी डिजाइन के काम के कारण इसके निर्माण की अवधि को और चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपानी ने अपने सोशल अकाउंट पर ''स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी'' की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। तस्‍वीरें देखें और जानें कि इस प्रोजेक्‍ट की खासियतें क्‍या हैं। देखें गैलरी

वृषभ

विवाहित युगल आज अत्यधिक सामीप्य का अनुभव करेंगे और प्रेम और सद्भावनापूर्ण संबंधों का आनंद लेंगे खोजकर्ताओं का एक समूह आपको उनकी यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर सकता है। यह आपके लिए किसी सपने के पुरे होने जैसा होगा। आप हमेशा से ही पर्यटन के माध्यम से ज्ञान प्राप्त करने के इच्छुक… Live Blog Highlights 13:23 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने इन प्रतिमाओं को छोड़ा पीछे सरदार की यह प्रतिमा इससे पहले तक दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है। चीनी प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है। इतना ही नहीं, यह  न्यूयॉर्क स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से भी लगभग दोगुना बड़ी है। विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के टापू पर बनी इस मूर्ति को बनाने में तकरीबन 2389 करोड़ रुपए का खर्च आया है। 13:01 (IST)31 Oct 2018 मोदी सरकार ने राष्ट्रीय एकता दिवस में मनाना शुरू की पटेल की जयंती सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 12:42 (IST)31 Oct 2018 म्यूजियम-ऑडियो गैलरी भी गए PM केवड़िया में पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य गणमान्य व्यक्ति व मेहमान अनावरण के बाद म्यूजियम और ऑडियो विजुअल गैलरी पहुंचे, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत कॉम्पलेक्स' में स्थित है। 12:21 (IST)31 Oct 2018 VIDEO: PM ने पटेल को यूं दी श्रद्धांजलि #WATCH: Prime Minister Narendra Modi pays tribute to Sardar Vallabhbhai Patel in Gujarat's Kevadiya on his 143rd birth anniversary. #StatueOfUnity pic.twitter.com/AkVXNegfv0 — ANI (@ANI) October 31, 2018 स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण करने के बाद पीएम ने सरदार की प्रतिमा के पास जाकर उस पर जल और पुष्प भी चढ़ाए। देखिए, कैसे उन्होंने देश के पहले गृहमंत्री को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने इससे पहले यहां पर वॉल ऑफ यूनिटी का अनावरण किया।   12:07 (IST)31 Oct 2018 देश को बांटने की कोशिशों से रहें सतर्क : पीएम आज देश के लिए सोचने वाले युवाओं की शक्ति हमारे पास है। देश के विकास के लिए, यही एक रास्ता है, जिसको लेकर हमें आगे बढ़ना है। देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाए रखना, एक ऐसा दायित्व है, जो सरदार साहब हमें देकर गए हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की हर तरह की कोशिश का पुरजोर जवाब दें। इसलिए हमें हर तरह से सतर्क रहना है। समाज के तौर पर एकजुट रहना है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:55 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी ने गिनाई अपनी सरकार की योजनाएं हम देश के हर बेघर को पक्का घर देने की भगीरथ योजना पर काम कर रहे हैं। हमने उन 18 हजार गावों तक बिजली पहुंचाई है, जहां आजादी के इतने वर्षों के बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी। हमारी सरकार सौभाग्य योजना के तहत देश के हर घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए काम कर रही है। देश के हर गांव को सड़क से जोड़ने, डिजिटल कनेक्टिविटी से जोड़ने का काम भी तेज गति से किया जा रहा है। देश में आज हर घर में गैस कनेक्शन पहुंचाने के प्रयास के साथ ही देश के हर घर में शौचालय की सुविधा पहुंचाने पर काम हो रहा है। : प्रधानमंत्री मोदी 11:38 (IST)31 Oct 2018 हमारी मुहिम को लोग राजनीति से जोड़कर देखते हैं : पीएम मोदी सरदार साहब के दर्शन करने आने वाले टूरिस्ट सरदार सरोवर डैम, सतपुड़ा और विंध्य के पर्वतों के दर्शन भी कर पाएंगे। कई बार तो मैं हैरान रह जाता हूं, जब देश में ही कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति से जोड़कर देखते हैं। सरदार पटेल जैसे महापुरुषों, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है। ऐसा अनुभव कराया जाता है मानो हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है। सरदार पटेल चाहते थे कि भारत सशक्त, सुदृढ़, संवेदनशील, सतर्क और समावेशी बने। हमारे सारे प्रयास उनके इसी सपने को साकार करने की दिशा में हो रहे हैं। : प्रधानमंत्री मोदी 11:34 (IST)31 Oct 2018 सहकारी आंदोलन सरदार पटेल की देन : मोदी आज का सहकारी आंदोलन जो देश के अनेक गांवों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन चुका है, ये सरदार साहब की ही देन है। सरदार पटेल का ये स्मारक उनके प्रति करोड़ों भारतीयों के सम्मान, हमारे सामर्थ्य, का प्रतीक तो है ही, ये देश की अर्थव्यवस्था, रोज़गार निर्माण का भी महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है। इससे हज़ारों आदिवासी बहन-भाइयों को हर वर्ष सीधा रोज़गार मिलने वाला है। सतपुड़ा और विंध्य के इस अंचल में बसे आप सभी जनों को प्रकृति ने जो कुछ भी सौंपा है, वो अब आधुनिक रूप में आपके काम आने वाला है। देश ने जिन जंगलों के बारे में कविताओं के जरिए पढ़ा, अब उन जंगलों, उन आदिवासी परंपराओं से पूरी दुनिया प्रत्यक्ष साक्षात्कार करने वाली है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:28 (IST)31 Oct 2018 इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का प्रतीक है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हमारे इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का भी प्रतीक है। बीते करीब साढ़े तीन वर्षों में हर रोज़ कामगारों ने, शिल्पकारों ने मिशन मोड पर काम किया है। राम सुतार जी की अगुवाई में देश के अद्भुत शिल्पकारों की टीम ने कला के इस गौरवशाली स्मारक को पूरा किया है। आज जो ये सफर एक पड़ाव तक पहुंचा है, उसकी यात्रा 8 वर्ष पहले आज के ही दिन शुरु हुई थी। 31 अक्टूबर 2010 को अहमदाबाद में मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था। करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान आवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है। : प्रधानमंत्री 11:25 (IST)31 Oct 2018 ये प्रतिमा न्‍यू इंडिया के आत्‍मविश्‍वास की अभिव्‍यक्ति : पीएम मोदी ''ये प्रतिमा, सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और परमार्थ की भावना का प्रकटीकरण है। ये प्रतिमा उनके सामर्थ्य और समर्पण का सम्मान तो है ही, ये न्‍यू इंडिया, नए भारत के नए आत्मविश्वास की भी अभिव्यक्ति है। ये प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को ये याद दिलाने के लिए है कि ये राष्ट्र शाश्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहेगा। ये ऊंचाई, ये बुलंदी भारत के युवाओं को ये याद दिलाने के लिए है कि भविष्य का भारत आपकी आकांक्षाओं का है, जो इतनी ही विराट हैं। इन आकांक्षाओं को पूरा करने का सामर्थ्य और मंत्र सिर्फ और सिर्फ एक ही है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत।'' 11:19 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार न होते तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी'' सरदार साहब ने संकल्प न लिया होता, तो आज गीर के शेर को देखने के लिए, सोमनाथ में पूजा करने के लिए और हैदराबाद चार मीनार को देखने के लिए हमें वीज़ा लेना पड़ता। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो सिविल सेवा जैसा प्रशासनिक ढांचा खड़ा करने में हमें बहुत मुश्किल होती। देश के लोकतंत्र से सामान्य जन को जोड़ने के लिए वो हमेशा समर्पित रहे। महिलाओं को भारत की राजनीति में सक्रिय योगदान का अधिकार देने के पीछे भी सरदार पटेल का बहुत बड़ा रोल रहा है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:12 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार पटेल ने देश को रास्‍ता दिखाया'' जिस कमज़ोरी पर दुनिया हमें उस समय ताने दे रही थी, उसी को ताकत बनाते हुए सरदार पटेल ने देश को रास्ता दिखाया। उसी रास्ते पर चलते हुए संशय में घिरा वो भारत आज दुनिया से अपनी शर्तों पर संवाद कर रहा है, दुनिया की बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। कच्छ से कोहिमा तक, करगिल से कन्याकुमारी तक आज अगर बेरोकटोक हम जा पा रहे हैं तो ये सरदार साहब की वजह से, उनके संकल्प से ही संभव हो पाया है। : प्रधानमंत्री #WATCH: Prime Minister Narendra Modi says, "if it was not for Sardar Sahab's resolve, then we Indians would have to take visa to see the Gir lions, pray at Somnath, or to see Hyderabad's Charminar". #StatueOfUnity pic.twitter.com/RfAu3tOSyu — ANI (@ANI) October 31, 2018 11:09 (IST)31 Oct 2018 सैकड़ों रजवाड़ों के त्‍याग को नहीं भूलना चाहिए : पीएम मोदी ''सरदार पटेल ने 5 जुलाई, 1947 को रियासतों को संबोधित करते हुए कहा था कि- ''विदेशी आक्रांताओं के सामने हमारे आपसी झगड़े, आपसी दुश्मनी, वैर का भाव, हमारी हार की बड़ी वजह थी। अब हमें इस गलती को नहीं दोहराना है और न ही दोबारा किसी का गुलाम होना है। सरदार साहब के इसी संवाद से, एकीकरण की शक्ति को समझते हुए उन्होंने अपने राज्यों का विलय कर दिया। देखते ही देखते, भारत एक हो गया। सरदार साहब के आह्वान पर देश के सैकड़ों रजवाड़ों ने त्याग की मिसाल कायम की थी। हमें इस त्याग को भी कभी नहीं भूलना चाहिए।'' 11:04 (IST)31 Oct 2018 "सरदार में था कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश" सरदार साहब का सामर्थ्य तब भारत के काम आया था जब मां भारती साढ़े पांच सौ से ज्यादा रियासतों में बंटी थी। दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति घोर निराशा थी। निराशावादियों को लगता था कि भारत अपनी विविधताओं की वजह से ही बिखर जाएगा। सरदार पटेल में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश था। : प्रधानमंत्री 11:00 (IST)31 Oct 2018 ''यह प्रतिमा सरदार साहब के संकल्‍प की याद दिलाती रहेगी'' आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तब भारत ने न सिर्फ अपने लिए एक नया इतिहास रचा है, बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा का गगनचुम्बी आधार भी रखा है। दुनिया की ये सबसे उंची प्रतिमा पूरी दुनिया और हमारी भावी पीढ़ियों को सरदार साहब के साहस, सामर्थ और संकल्प की याद दिलाती रहेगी। : प्रधानमंत्री मोदी 10:54 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी को सौंपा गया हथौड़ा स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी बनाने के लिए 'लोहा कैंपेन' के दौरान किसानों से प्राप्त पहला लौह औजार हथौड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा गया। उन्‍होंने कहा, ''आज भारत के वर्तमान ने अपने इतिहास के एक स्वर्णिम पृष्ठ को उजागर करने का काम किया है।'' 10:42 (IST)31 Oct 2018 सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन इस अवसर पर गुजरात पुलिस, सशस्त्र और अर्द्धसैनिक बलों के बैंड सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। इस मौके पर 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकार नृत्य और संगीत की प्रस्तुति देंगे। इस दौरान कई आकर्षण होंगे जिनमें 17 किलोमीटर लंबी फूलों की घाटी का उद्घाटन, प्रतिमा के पास पर्यटकों के लिए तंबुओं के शहर और पटेल के जीवन पर आधारित संग्रहालय का लोकार्पण भी शामिल है। #WATCH: Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity inaugurated by Prime Minister Narendra Modi in Gujarat's Kevadiya pic.twitter.com/APnxyFACFT — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:34 (IST)31 Oct 2018 कार्यक्रम शुरू, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण मोदी द्वारा प्रतिमा के अनावरण के बाद वायु सेना के तीन विमान वहां उड़ान भरेंगे और भगवा, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरेंगे। पटेल की प्रतिमा के पास मोदी ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का भी उद्घाटन करेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार उस समय तीन जगुआर लड़ाकू विमान काफी नीचे से उड़ान भरते हुए जाएंगे। ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन करने के बाद मोदी पटेल को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे जिनकी 31 अक्टूबर को जयंती भी है। इसी दौरान दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर प्रतिमा पर पुष्पवर्षा करेंगे। PM Narendra Modi inaugurates Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity pic.twitter.com/c3wfzLBkH4 — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:30 (IST)31 Oct 2018 …तो देश के पहले प्रधानमंत्री होते सरदार 1945-1946 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सरदार पटेल प्रमुख उम्मीदवार थे। लेकिन महात्मा गांधी ने एक बार फिर हस्तक्षेप करके जवाहरलाल नेहरू को अध्यक्ष बनवा दिया। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नेहरू को ब्रिटिश वाइसरॉय ने अंतरिम सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया। इस प्रकार यदि घटनाक्रम सामान्य रहता तो सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते। 10:07 (IST)31 Oct 2018 जब नेहरू ने नहीं मानी पटेल की बात, भारत ने गंवा दी 40 हजार वर्ग गज जमीन जब चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई ने जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखा कि वह तिब्बत को चीन का अंग मान लें तो पटेल ने नेहरू से आग्रह किया कि वह तिब्बत पर चीन का प्रभुत्व कतई न स्वीकारें, अन्यथा चीन भारत के लिए खतरनाक सिद्ध होगा। जवाहरलाल नेहरू नहीं माने, बस इसी भूल के कारण हमें चीन से पिटना पड़ा और चीन ने हमारी सीमा की 40 हजार वर्ग गज भूमि पर कब्जा कर लिया। 09:45 (IST)31 Oct 2018 इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर मनमोहन, सोनिया, राहुल ने श्रद्धांजलि दी आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि भी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को स्मारक शक्ति स्थल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "आज खुशी के साथ दादी को याद कर रहा हूं। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया और अपार प्यार दिया। उन्होंने अपने लोगों को बहुत कुछ दिया। मुझे उन पर बहुत गर्व है।" कांग्रेस पार्टी ने कहा, "आज हम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और हमारे देश के सबसे मजबूत नेताओं में से एक का सम्मान करते हैं।" पार्टी ने ट्वीट कर कहा, "उनके नेतृत्व में हमारा देश ने महान जीत, अद्भुत विकास और सबसे महत्वपूर्ण समाज के सभी वर्गो का उत्थान देखा है।" 09:26 (IST)31 Oct 2018 1991 में मरणोपरांत मिला था भारत रत्‍न सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 09:05 (IST)31 Oct 2018 अंग्रेजों ने कई बार जेल में डाला वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान पटेल को तीन महीने की जेल हुई। मार्च 1931 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन की अध्यक्षता की। जनवरी, 1932 में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया। जुलाई, 1934 में वह रिहा हुए और 1937 के चुनावों में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के संगठन को व्यवस्थित किया। 08:52 (IST)31 Oct 2018 राजनाथ सिंह ने 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरदार पटेल की जयंती के मौके पर दिल्ली में 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई। पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित जफर इकबाल, पांच बार वर्ल्‍ड बॉक्सिंग चैम्पियन मैरी कॉम, जिमनास्टिक और ओलम्पिक मेडेलिस्ट दीपा करमाकर भी मौजूद रहे। राजनाथ ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर मेजर ध्यान चंद स्टेडियम से इस दौड़ को हरी झंडी दिखाई। इस एक किलोमीटर तक की दौड़ में सात से 70 साल की उम्र के बीच के हजारों ने हिस्सा लिया। यह दौड़ इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर समाप्त होगी। यह दिन एकता, अखंडता और सुरक्षा को समर्पित है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, हरदीप सिंह पुरी और आर.के.सिंह भी मौजूद रहे। 08:33 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने किया इंडियन सिविल सर्विसेज का भारतीयकरण गृहमंत्री के रूप में वल्‍लभ भाई पटेल पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (आईसीएस) का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आईएएस) बनाया। अंग्रेजों की सेवा करने वालों में विश्वास भरकर उन्हें राजभक्ति से देशभक्ति की ओर मोड़ा। यदि सरदार पटेल कुछ वर्ष जीवित रहते तो संभवत: नौकरशाही का पूर्ण कायाकल्प हो जाता। 08:14 (IST)31 Oct 2018 जब सरदार पटेल नहीं बन पाए कांग्रेस अध्‍यक्ष… सरदार पटेल क्रांतिकारी नहीं थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में सरदार पटेल, महात्मा गांधी के बाद अध्यक्ष पद के दूसरे उम्मीदवार थे। गांधीजी ने स्वाधीनता के प्रस्ताव को स्वीकृत होने से रोकने के प्रयास में अध्यक्ष पद की दावेदारी छोड़ दी और पटेल पर भी नाम वापस लेने के लिए दबाव डाला। अंतत: जवाहरलाल नेहरू अध्यक्ष बने। सन् 1937-1938 में पटेल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार थे। एक बार फिर गांधीजी के दबाव में पटेल को अपना नाम वापस लेना पड़ा और जवाहरलाल नेहरू निर्वाचित हुए। 07:57 (IST)31 Oct 2018 मोदी का लेख : देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले आधुनिक भारत के निर्माता को विशेष श्रद्धांजलि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटेल जयंती पर ट्वीट किया है, ''देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।'' उन्‍होंने आज अखबारों में एक लेख भी लिखा है जिसे आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं। 07:44 (IST)31 Oct 2018 जब पाकिस्तान के पहुंचने से पहले सरदार पटेल ने लक्षद्वीप में फहरवा दिया था तिरंगा लक्षद्वीप को भारत में मिलाने में भी सरदार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। दरअसल, यह देश का एक ऐसा हिस्सा था जो मुख्यधारा से काफी कटा हुआ था। यहां के लोगों को भारत के स्वतंत्र होने की सूचना ही 15 अगस्त 1947 के कई दिनों बाद मिली। पाकिस्तान से काफी दूर होने के बावजूद भी वह भारत के इस हिस्से पर अपना दावा कर सकता था। तब पाकिस्तानी नौसेना के जहाज लक्षद्वीप के आस-पास मंडराते हुए देखे भी गए थे। लेकिन, इससे पहले कि पाकिस्तान इस हिस्से पर अपना ध्वज फहराए, सरदार ने होशियारी से काम लेते हुए लक्षद्वीप में भारतीय नौसेना का एक जहाज तिरंगा फहराने के लिए भेज दिया। भारतीय नौसेना ने समय रहते द्वीप पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया। पढ़ें पूरा प्रसंग 07:23 (IST)31 Oct 2018 PHOTOS: जानें Statue of Unity की खासियत कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टर्बो द्वारा बनाई गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना को दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था जिसे 42 महीनों को अंदर पूरा किया जाना था। लेकिन इसकी डिजाइन के काम के कारण इसके निर्माण की अवधि को और चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपानी ने अपने सोशल अकाउंट पर ''स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी'' की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। तस्‍वीरें देखें और जानें कि इस प्रोजेक्‍ट की खासियतें क्‍या हैं। देखें गैलरी

मिथुन

अविवाहित व्यक्तियों को चाहिए कि अपने मित्रों को पार्टियों और समारोहों में हिस्सा लें, जिससे संभावित प्रेमी से भेंट हो सके। अगर परिवार के साथ बाहर सैर सपाटे पर जाने की योजना बना रहे हैं तो आज दिन अच्छा है। स्वास्थ्य सेवाकर्मी और डॉक्टर आज अपने व्यवसाय के चरम शिखर पर होंगे। राजनेताओं को आज… Live Blog Highlights 13:23 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने इन प्रतिमाओं को छोड़ा पीछे सरदार की यह प्रतिमा इससे पहले तक दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है। चीनी प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है। इतना ही नहीं, यह  न्यूयॉर्क स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से भी लगभग दोगुना बड़ी है। विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के टापू पर बनी इस मूर्ति को बनाने में तकरीबन 2389 करोड़ रुपए का खर्च आया है। 13:01 (IST)31 Oct 2018 मोदी सरकार ने राष्ट्रीय एकता दिवस में मनाना शुरू की पटेल की जयंती सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 12:42 (IST)31 Oct 2018 म्यूजियम-ऑडियो गैलरी भी गए PM केवड़िया में पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य गणमान्य व्यक्ति व मेहमान अनावरण के बाद म्यूजियम और ऑडियो विजुअल गैलरी पहुंचे, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत कॉम्पलेक्स' में स्थित है। 12:21 (IST)31 Oct 2018 VIDEO: PM ने पटेल को यूं दी श्रद्धांजलि #WATCH: Prime Minister Narendra Modi pays tribute to Sardar Vallabhbhai Patel in Gujarat's Kevadiya on his 143rd birth anniversary. #StatueOfUnity pic.twitter.com/AkVXNegfv0 — ANI (@ANI) October 31, 2018 स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण करने के बाद पीएम ने सरदार की प्रतिमा के पास जाकर उस पर जल और पुष्प भी चढ़ाए। देखिए, कैसे उन्होंने देश के पहले गृहमंत्री को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने इससे पहले यहां पर वॉल ऑफ यूनिटी का अनावरण किया।   12:07 (IST)31 Oct 2018 देश को बांटने की कोशिशों से रहें सतर्क : पीएम आज देश के लिए सोचने वाले युवाओं की शक्ति हमारे पास है। देश के विकास के लिए, यही एक रास्ता है, जिसको लेकर हमें आगे बढ़ना है। देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाए रखना, एक ऐसा दायित्व है, जो सरदार साहब हमें देकर गए हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की हर तरह की कोशिश का पुरजोर जवाब दें। इसलिए हमें हर तरह से सतर्क रहना है। समाज के तौर पर एकजुट रहना है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:55 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी ने गिनाई अपनी सरकार की योजनाएं हम देश के हर बेघर को पक्का घर देने की भगीरथ योजना पर काम कर रहे हैं। हमने उन 18 हजार गावों तक बिजली पहुंचाई है, जहां आजादी के इतने वर्षों के बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी। हमारी सरकार सौभाग्य योजना के तहत देश के हर घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए काम कर रही है। देश के हर गांव को सड़क से जोड़ने, डिजिटल कनेक्टिविटी से जोड़ने का काम भी तेज गति से किया जा रहा है। देश में आज हर घर में गैस कनेक्शन पहुंचाने के प्रयास के साथ ही देश के हर घर में शौचालय की सुविधा पहुंचाने पर काम हो रहा है। : प्रधानमंत्री मोदी 11:38 (IST)31 Oct 2018 हमारी मुहिम को लोग राजनीति से जोड़कर देखते हैं : पीएम मोदी सरदार साहब के दर्शन करने आने वाले टूरिस्ट सरदार सरोवर डैम, सतपुड़ा और विंध्य के पर्वतों के दर्शन भी कर पाएंगे। कई बार तो मैं हैरान रह जाता हूं, जब देश में ही कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति से जोड़कर देखते हैं। सरदार पटेल जैसे महापुरुषों, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है। ऐसा अनुभव कराया जाता है मानो हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है। सरदार पटेल चाहते थे कि भारत सशक्त, सुदृढ़, संवेदनशील, सतर्क और समावेशी बने। हमारे सारे प्रयास उनके इसी सपने को साकार करने की दिशा में हो रहे हैं। : प्रधानमंत्री मोदी 11:34 (IST)31 Oct 2018 सहकारी आंदोलन सरदार पटेल की देन : मोदी आज का सहकारी आंदोलन जो देश के अनेक गांवों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन चुका है, ये सरदार साहब की ही देन है। सरदार पटेल का ये स्मारक उनके प्रति करोड़ों भारतीयों के सम्मान, हमारे सामर्थ्य, का प्रतीक तो है ही, ये देश की अर्थव्यवस्था, रोज़गार निर्माण का भी महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है। इससे हज़ारों आदिवासी बहन-भाइयों को हर वर्ष सीधा रोज़गार मिलने वाला है। सतपुड़ा और विंध्य के इस अंचल में बसे आप सभी जनों को प्रकृति ने जो कुछ भी सौंपा है, वो अब आधुनिक रूप में आपके काम आने वाला है। देश ने जिन जंगलों के बारे में कविताओं के जरिए पढ़ा, अब उन जंगलों, उन आदिवासी परंपराओं से पूरी दुनिया प्रत्यक्ष साक्षात्कार करने वाली है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:28 (IST)31 Oct 2018 इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का प्रतीक है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हमारे इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का भी प्रतीक है। बीते करीब साढ़े तीन वर्षों में हर रोज़ कामगारों ने, शिल्पकारों ने मिशन मोड पर काम किया है। राम सुतार जी की अगुवाई में देश के अद्भुत शिल्पकारों की टीम ने कला के इस गौरवशाली स्मारक को पूरा किया है। आज जो ये सफर एक पड़ाव तक पहुंचा है, उसकी यात्रा 8 वर्ष पहले आज के ही दिन शुरु हुई थी। 31 अक्टूबर 2010 को अहमदाबाद में मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था। करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान आवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है। : प्रधानमंत्री 11:25 (IST)31 Oct 2018 ये प्रतिमा न्‍यू इंडिया के आत्‍मविश्‍वास की अभिव्‍यक्ति : पीएम मोदी ''ये प्रतिमा, सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और परमार्थ की भावना का प्रकटीकरण है। ये प्रतिमा उनके सामर्थ्य और समर्पण का सम्मान तो है ही, ये न्‍यू इंडिया, नए भारत के नए आत्मविश्वास की भी अभिव्यक्ति है। ये प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को ये याद दिलाने के लिए है कि ये राष्ट्र शाश्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहेगा। ये ऊंचाई, ये बुलंदी भारत के युवाओं को ये याद दिलाने के लिए है कि भविष्य का भारत आपकी आकांक्षाओं का है, जो इतनी ही विराट हैं। इन आकांक्षाओं को पूरा करने का सामर्थ्य और मंत्र सिर्फ और सिर्फ एक ही है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत।'' 11:19 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार न होते तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी'' सरदार साहब ने संकल्प न लिया होता, तो आज गीर के शेर को देखने के लिए, सोमनाथ में पूजा करने के लिए और हैदराबाद चार मीनार को देखने के लिए हमें वीज़ा लेना पड़ता। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो सिविल सेवा जैसा प्रशासनिक ढांचा खड़ा करने में हमें बहुत मुश्किल होती। देश के लोकतंत्र से सामान्य जन को जोड़ने के लिए वो हमेशा समर्पित रहे। महिलाओं को भारत की राजनीति में सक्रिय योगदान का अधिकार देने के पीछे भी सरदार पटेल का बहुत बड़ा रोल रहा है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:12 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार पटेल ने देश को रास्‍ता दिखाया'' जिस कमज़ोरी पर दुनिया हमें उस समय ताने दे रही थी, उसी को ताकत बनाते हुए सरदार पटेल ने देश को रास्ता दिखाया। उसी रास्ते पर चलते हुए संशय में घिरा वो भारत आज दुनिया से अपनी शर्तों पर संवाद कर रहा है, दुनिया की बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। कच्छ से कोहिमा तक, करगिल से कन्याकुमारी तक आज अगर बेरोकटोक हम जा पा रहे हैं तो ये सरदार साहब की वजह से, उनके संकल्प से ही संभव हो पाया है। : प्रधानमंत्री #WATCH: Prime Minister Narendra Modi says, "if it was not for Sardar Sahab's resolve, then we Indians would have to take visa to see the Gir lions, pray at Somnath, or to see Hyderabad's Charminar". #StatueOfUnity pic.twitter.com/RfAu3tOSyu — ANI (@ANI) October 31, 2018 11:09 (IST)31 Oct 2018 सैकड़ों रजवाड़ों के त्‍याग को नहीं भूलना चाहिए : पीएम मोदी ''सरदार पटेल ने 5 जुलाई, 1947 को रियासतों को संबोधित करते हुए कहा था कि- ''विदेशी आक्रांताओं के सामने हमारे आपसी झगड़े, आपसी दुश्मनी, वैर का भाव, हमारी हार की बड़ी वजह थी। अब हमें इस गलती को नहीं दोहराना है और न ही दोबारा किसी का गुलाम होना है। सरदार साहब के इसी संवाद से, एकीकरण की शक्ति को समझते हुए उन्होंने अपने राज्यों का विलय कर दिया। देखते ही देखते, भारत एक हो गया। सरदार साहब के आह्वान पर देश के सैकड़ों रजवाड़ों ने त्याग की मिसाल कायम की थी। हमें इस त्याग को भी कभी नहीं भूलना चाहिए।'' 11:04 (IST)31 Oct 2018 "सरदार में था कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश" सरदार साहब का सामर्थ्य तब भारत के काम आया था जब मां भारती साढ़े पांच सौ से ज्यादा रियासतों में बंटी थी। दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति घोर निराशा थी। निराशावादियों को लगता था कि भारत अपनी विविधताओं की वजह से ही बिखर जाएगा। सरदार पटेल में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश था। : प्रधानमंत्री 11:00 (IST)31 Oct 2018 ''यह प्रतिमा सरदार साहब के संकल्‍प की याद दिलाती रहेगी'' आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तब भारत ने न सिर्फ अपने लिए एक नया इतिहास रचा है, बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा का गगनचुम्बी आधार भी रखा है। दुनिया की ये सबसे उंची प्रतिमा पूरी दुनिया और हमारी भावी पीढ़ियों को सरदार साहब के साहस, सामर्थ और संकल्प की याद दिलाती रहेगी। : प्रधानमंत्री मोदी 10:54 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी को सौंपा गया हथौड़ा स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी बनाने के लिए 'लोहा कैंपेन' के दौरान किसानों से प्राप्त पहला लौह औजार हथौड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा गया। उन्‍होंने कहा, ''आज भारत के वर्तमान ने अपने इतिहास के एक स्वर्णिम पृष्ठ को उजागर करने का काम किया है।'' 10:42 (IST)31 Oct 2018 सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन इस अवसर पर गुजरात पुलिस, सशस्त्र और अर्द्धसैनिक बलों के बैंड सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। इस मौके पर 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकार नृत्य और संगीत की प्रस्तुति देंगे। इस दौरान कई आकर्षण होंगे जिनमें 17 किलोमीटर लंबी फूलों की घाटी का उद्घाटन, प्रतिमा के पास पर्यटकों के लिए तंबुओं के शहर और पटेल के जीवन पर आधारित संग्रहालय का लोकार्पण भी शामिल है। #WATCH: Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity inaugurated by Prime Minister Narendra Modi in Gujarat's Kevadiya pic.twitter.com/APnxyFACFT — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:34 (IST)31 Oct 2018 कार्यक्रम शुरू, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण मोदी द्वारा प्रतिमा के अनावरण के बाद वायु सेना के तीन विमान वहां उड़ान भरेंगे और भगवा, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरेंगे। पटेल की प्रतिमा के पास मोदी ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का भी उद्घाटन करेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार उस समय तीन जगुआर लड़ाकू विमान काफी नीचे से उड़ान भरते हुए जाएंगे। ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन करने के बाद मोदी पटेल को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे जिनकी 31 अक्टूबर को जयंती भी है। इसी दौरान दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर प्रतिमा पर पुष्पवर्षा करेंगे। PM Narendra Modi inaugurates Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity pic.twitter.com/c3wfzLBkH4 — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:30 (IST)31 Oct 2018 …तो देश के पहले प्रधानमंत्री होते सरदार 1945-1946 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सरदार पटेल प्रमुख उम्मीदवार थे। लेकिन महात्मा गांधी ने एक बार फिर हस्तक्षेप करके जवाहरलाल नेहरू को अध्यक्ष बनवा दिया। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नेहरू को ब्रिटिश वाइसरॉय ने अंतरिम सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया। इस प्रकार यदि घटनाक्रम सामान्य रहता तो सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते। 10:07 (IST)31 Oct 2018 जब नेहरू ने नहीं मानी पटेल की बात, भारत ने गंवा दी 40 हजार वर्ग गज जमीन जब चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई ने जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखा कि वह तिब्बत को चीन का अंग मान लें तो पटेल ने नेहरू से आग्रह किया कि वह तिब्बत पर चीन का प्रभुत्व कतई न स्वीकारें, अन्यथा चीन भारत के लिए खतरनाक सिद्ध होगा। जवाहरलाल नेहरू नहीं माने, बस इसी भूल के कारण हमें चीन से पिटना पड़ा और चीन ने हमारी सीमा की 40 हजार वर्ग गज भूमि पर कब्जा कर लिया। 09:45 (IST)31 Oct 2018 इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर मनमोहन, सोनिया, राहुल ने श्रद्धांजलि दी आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि भी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को स्मारक शक्ति स्थल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "आज खुशी के साथ दादी को याद कर रहा हूं। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया और अपार प्यार दिया। उन्होंने अपने लोगों को बहुत कुछ दिया। मुझे उन पर बहुत गर्व है।" कांग्रेस पार्टी ने कहा, "आज हम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और हमारे देश के सबसे मजबूत नेताओं में से एक का सम्मान करते हैं।" पार्टी ने ट्वीट कर कहा, "उनके नेतृत्व में हमारा देश ने महान जीत, अद्भुत विकास और सबसे महत्वपूर्ण समाज के सभी वर्गो का उत्थान देखा है।" 09:26 (IST)31 Oct 2018 1991 में मरणोपरांत मिला था भारत रत्‍न सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 09:05 (IST)31 Oct 2018 अंग्रेजों ने कई बार जेल में डाला वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान पटेल को तीन महीने की जेल हुई। मार्च 1931 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन की अध्यक्षता की। जनवरी, 1932 में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया। जुलाई, 1934 में वह रिहा हुए और 1937 के चुनावों में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के संगठन को व्यवस्थित किया। 08:52 (IST)31 Oct 2018 राजनाथ सिंह ने 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरदार पटेल की जयंती के मौके पर दिल्ली में 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई। पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित जफर इकबाल, पांच बार वर्ल्‍ड बॉक्सिंग चैम्पियन मैरी कॉम, जिमनास्टिक और ओलम्पिक मेडेलिस्ट दीपा करमाकर भी मौजूद रहे। राजनाथ ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर मेजर ध्यान चंद स्टेडियम से इस दौड़ को हरी झंडी दिखाई। इस एक किलोमीटर तक की दौड़ में सात से 70 साल की उम्र के बीच के हजारों ने हिस्सा लिया। यह दौड़ इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर समाप्त होगी। यह दिन एकता, अखंडता और सुरक्षा को समर्पित है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, हरदीप सिंह पुरी और आर.के.सिंह भी मौजूद रहे। 08:33 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने किया इंडियन सिविल सर्विसेज का भारतीयकरण गृहमंत्री के रूप में वल्‍लभ भाई पटेल पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (आईसीएस) का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आईएएस) बनाया। अंग्रेजों की सेवा करने वालों में विश्वास भरकर उन्हें राजभक्ति से देशभक्ति की ओर मोड़ा। यदि सरदार पटेल कुछ वर्ष जीवित रहते तो संभवत: नौकरशाही का पूर्ण कायाकल्प हो जाता। 08:14 (IST)31 Oct 2018 जब सरदार पटेल नहीं बन पाए कांग्रेस अध्‍यक्ष… सरदार पटेल क्रांतिकारी नहीं थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में सरदार पटेल, महात्मा गांधी के बाद अध्यक्ष पद के दूसरे उम्मीदवार थे। गांधीजी ने स्वाधीनता के प्रस्ताव को स्वीकृत होने से रोकने के प्रयास में अध्यक्ष पद की दावेदारी छोड़ दी और पटेल पर भी नाम वापस लेने के लिए दबाव डाला। अंतत: जवाहरलाल नेहरू अध्यक्ष बने। सन् 1937-1938 में पटेल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार थे। एक बार फिर गांधीजी के दबाव में पटेल को अपना नाम वापस लेना पड़ा और जवाहरलाल नेहरू निर्वाचित हुए। 07:57 (IST)31 Oct 2018 मोदी का लेख : देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले आधुनिक भारत के निर्माता को विशेष श्रद्धांजलि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटेल जयंती पर ट्वीट किया है, ''देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।'' उन्‍होंने आज अखबारों में एक लेख भी लिखा है जिसे आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं। 07:44 (IST)31 Oct 2018 जब पाकिस्तान के पहुंचने से पहले सरदार पटेल ने लक्षद्वीप में फहरवा दिया था तिरंगा लक्षद्वीप को भारत में मिलाने में भी सरदार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। दरअसल, यह देश का एक ऐसा हिस्सा था जो मुख्यधारा से काफी कटा हुआ था। यहां के लोगों को भारत के स्वतंत्र होने की सूचना ही 15 अगस्त 1947 के कई दिनों बाद मिली। पाकिस्तान से काफी दूर होने के बावजूद भी वह भारत के इस हिस्से पर अपना दावा कर सकता था। तब पाकिस्तानी नौसेना के जहाज लक्षद्वीप के आस-पास मंडराते हुए देखे भी गए थे। लेकिन, इससे पहले कि पाकिस्तान इस हिस्से पर अपना ध्वज फहराए, सरदार ने होशियारी से काम लेते हुए लक्षद्वीप में भारतीय नौसेना का एक जहाज तिरंगा फहराने के लिए भेज दिया। भारतीय नौसेना ने समय रहते द्वीप पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया। पढ़ें पूरा प्रसंग 07:23 (IST)31 Oct 2018 PHOTOS: जानें Statue of Unity की खासियत कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टर्बो द्वारा बनाई गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना को दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था जिसे 42 महीनों को अंदर पूरा किया जाना था। लेकिन इसकी डिजाइन के काम के कारण इसके निर्माण की अवधि को और चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपानी ने अपने सोशल अकाउंट पर ''स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी'' की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। तस्‍वीरें देखें और जानें कि इस प्रोजेक्‍ट की खासियतें क्‍या हैं। देखें गैलरी

कर्क

आज कामकाज के संबंध में किसी से भेट हो सकती है जिससे मिलकर आप उसकी ओर आकर्षित हो सकते हैं। परिवार के वयस्क आज बहुत ऊर्जावान महसूस करेंगे। वे दूसरे सदस्यों के साथ भी मिलजुल कर आनंद मग्न रहेंगे। घर में छोटी-मोटी समस्याएं हो सकती हैं जिसके कारण आपको पहले से तय कोई सैर या… Live Blog Highlights 13:23 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने इन प्रतिमाओं को छोड़ा पीछे सरदार की यह प्रतिमा इससे पहले तक दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है। चीनी प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है। इतना ही नहीं, यह  न्यूयॉर्क स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से भी लगभग दोगुना बड़ी है। विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के टापू पर बनी इस मूर्ति को बनाने में तकरीबन 2389 करोड़ रुपए का खर्च आया है। 13:01 (IST)31 Oct 2018 मोदी सरकार ने राष्ट्रीय एकता दिवस में मनाना शुरू की पटेल की जयंती सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 12:42 (IST)31 Oct 2018 म्यूजियम-ऑडियो गैलरी भी गए PM केवड़िया में पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य गणमान्य व्यक्ति व मेहमान अनावरण के बाद म्यूजियम और ऑडियो विजुअल गैलरी पहुंचे, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत कॉम्पलेक्स' में स्थित है। 12:21 (IST)31 Oct 2018 VIDEO: PM ने पटेल को यूं दी श्रद्धांजलि #WATCH: Prime Minister Narendra Modi pays tribute to Sardar Vallabhbhai Patel in Gujarat's Kevadiya on his 143rd birth anniversary. #StatueOfUnity pic.twitter.com/AkVXNegfv0 — ANI (@ANI) October 31, 2018 स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण करने के बाद पीएम ने सरदार की प्रतिमा के पास जाकर उस पर जल और पुष्प भी चढ़ाए। देखिए, कैसे उन्होंने देश के पहले गृहमंत्री को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने इससे पहले यहां पर वॉल ऑफ यूनिटी का अनावरण किया।   12:07 (IST)31 Oct 2018 देश को बांटने की कोशिशों से रहें सतर्क : पीएम आज देश के लिए सोचने वाले युवाओं की शक्ति हमारे पास है। देश के विकास के लिए, यही एक रास्ता है, जिसको लेकर हमें आगे बढ़ना है। देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाए रखना, एक ऐसा दायित्व है, जो सरदार साहब हमें देकर गए हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की हर तरह की कोशिश का पुरजोर जवाब दें। इसलिए हमें हर तरह से सतर्क रहना है। समाज के तौर पर एकजुट रहना है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:55 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी ने गिनाई अपनी सरकार की योजनाएं हम देश के हर बेघर को पक्का घर देने की भगीरथ योजना पर काम कर रहे हैं। हमने उन 18 हजार गावों तक बिजली पहुंचाई है, जहां आजादी के इतने वर्षों के बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी। हमारी सरकार सौभाग्य योजना के तहत देश के हर घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए काम कर रही है। देश के हर गांव को सड़क से जोड़ने, डिजिटल कनेक्टिविटी से जोड़ने का काम भी तेज गति से किया जा रहा है। देश में आज हर घर में गैस कनेक्शन पहुंचाने के प्रयास के साथ ही देश के हर घर में शौचालय की सुविधा पहुंचाने पर काम हो रहा है। : प्रधानमंत्री मोदी 11:38 (IST)31 Oct 2018 हमारी मुहिम को लोग राजनीति से जोड़कर देखते हैं : पीएम मोदी सरदार साहब के दर्शन करने आने वाले टूरिस्ट सरदार सरोवर डैम, सतपुड़ा और विंध्य के पर्वतों के दर्शन भी कर पाएंगे। कई बार तो मैं हैरान रह जाता हूं, जब देश में ही कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति से जोड़कर देखते हैं। सरदार पटेल जैसे महापुरुषों, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है। ऐसा अनुभव कराया जाता है मानो हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है। सरदार पटेल चाहते थे कि भारत सशक्त, सुदृढ़, संवेदनशील, सतर्क और समावेशी बने। हमारे सारे प्रयास उनके इसी सपने को साकार करने की दिशा में हो रहे हैं। : प्रधानमंत्री मोदी 11:34 (IST)31 Oct 2018 सहकारी आंदोलन सरदार पटेल की देन : मोदी आज का सहकारी आंदोलन जो देश के अनेक गांवों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन चुका है, ये सरदार साहब की ही देन है। सरदार पटेल का ये स्मारक उनके प्रति करोड़ों भारतीयों के सम्मान, हमारे सामर्थ्य, का प्रतीक तो है ही, ये देश की अर्थव्यवस्था, रोज़गार निर्माण का भी महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है। इससे हज़ारों आदिवासी बहन-भाइयों को हर वर्ष सीधा रोज़गार मिलने वाला है। सतपुड़ा और विंध्य के इस अंचल में बसे आप सभी जनों को प्रकृति ने जो कुछ भी सौंपा है, वो अब आधुनिक रूप में आपके काम आने वाला है। देश ने जिन जंगलों के बारे में कविताओं के जरिए पढ़ा, अब उन जंगलों, उन आदिवासी परंपराओं से पूरी दुनिया प्रत्यक्ष साक्षात्कार करने वाली है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:28 (IST)31 Oct 2018 इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का प्रतीक है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हमारे इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का भी प्रतीक है। बीते करीब साढ़े तीन वर्षों में हर रोज़ कामगारों ने, शिल्पकारों ने मिशन मोड पर काम किया है। राम सुतार जी की अगुवाई में देश के अद्भुत शिल्पकारों की टीम ने कला के इस गौरवशाली स्मारक को पूरा किया है। आज जो ये सफर एक पड़ाव तक पहुंचा है, उसकी यात्रा 8 वर्ष पहले आज के ही दिन शुरु हुई थी। 31 अक्टूबर 2010 को अहमदाबाद में मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था। करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान आवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है। : प्रधानमंत्री 11:25 (IST)31 Oct 2018 ये प्रतिमा न्‍यू इंडिया के आत्‍मविश्‍वास की अभिव्‍यक्ति : पीएम मोदी ''ये प्रतिमा, सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और परमार्थ की भावना का प्रकटीकरण है। ये प्रतिमा उनके सामर्थ्य और समर्पण का सम्मान तो है ही, ये न्‍यू इंडिया, नए भारत के नए आत्मविश्वास की भी अभिव्यक्ति है। ये प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को ये याद दिलाने के लिए है कि ये राष्ट्र शाश्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहेगा। ये ऊंचाई, ये बुलंदी भारत के युवाओं को ये याद दिलाने के लिए है कि भविष्य का भारत आपकी आकांक्षाओं का है, जो इतनी ही विराट हैं। इन आकांक्षाओं को पूरा करने का सामर्थ्य और मंत्र सिर्फ और सिर्फ एक ही है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत।'' 11:19 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार न होते तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी'' सरदार साहब ने संकल्प न लिया होता, तो आज गीर के शेर को देखने के लिए, सोमनाथ में पूजा करने के लिए और हैदराबाद चार मीनार को देखने के लिए हमें वीज़ा लेना पड़ता। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो सिविल सेवा जैसा प्रशासनिक ढांचा खड़ा करने में हमें बहुत मुश्किल होती। देश के लोकतंत्र से सामान्य जन को जोड़ने के लिए वो हमेशा समर्पित रहे। महिलाओं को भारत की राजनीति में सक्रिय योगदान का अधिकार देने के पीछे भी सरदार पटेल का बहुत बड़ा रोल रहा है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:12 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार पटेल ने देश को रास्‍ता दिखाया'' जिस कमज़ोरी पर दुनिया हमें उस समय ताने दे रही थी, उसी को ताकत बनाते हुए सरदार पटेल ने देश को रास्ता दिखाया। उसी रास्ते पर चलते हुए संशय में घिरा वो भारत आज दुनिया से अपनी शर्तों पर संवाद कर रहा है, दुनिया की बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। कच्छ से कोहिमा तक, करगिल से कन्याकुमारी तक आज अगर बेरोकटोक हम जा पा रहे हैं तो ये सरदार साहब की वजह से, उनके संकल्प से ही संभव हो पाया है। : प्रधानमंत्री #WATCH: Prime Minister Narendra Modi says, "if it was not for Sardar Sahab's resolve, then we Indians would have to take visa to see the Gir lions, pray at Somnath, or to see Hyderabad's Charminar". #StatueOfUnity pic.twitter.com/RfAu3tOSyu — ANI (@ANI) October 31, 2018 11:09 (IST)31 Oct 2018 सैकड़ों रजवाड़ों के त्‍याग को नहीं भूलना चाहिए : पीएम मोदी ''सरदार पटेल ने 5 जुलाई, 1947 को रियासतों को संबोधित करते हुए कहा था कि- ''विदेशी आक्रांताओं के सामने हमारे आपसी झगड़े, आपसी दुश्मनी, वैर का भाव, हमारी हार की बड़ी वजह थी। अब हमें इस गलती को नहीं दोहराना है और न ही दोबारा किसी का गुलाम होना है। सरदार साहब के इसी संवाद से, एकीकरण की शक्ति को समझते हुए उन्होंने अपने राज्यों का विलय कर दिया। देखते ही देखते, भारत एक हो गया। सरदार साहब के आह्वान पर देश के सैकड़ों रजवाड़ों ने त्याग की मिसाल कायम की थी। हमें इस त्याग को भी कभी नहीं भूलना चाहिए।'' 11:04 (IST)31 Oct 2018 "सरदार में था कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश" सरदार साहब का सामर्थ्य तब भारत के काम आया था जब मां भारती साढ़े पांच सौ से ज्यादा रियासतों में बंटी थी। दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति घोर निराशा थी। निराशावादियों को लगता था कि भारत अपनी विविधताओं की वजह से ही बिखर जाएगा। सरदार पटेल में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश था। : प्रधानमंत्री 11:00 (IST)31 Oct 2018 ''यह प्रतिमा सरदार साहब के संकल्‍प की याद दिलाती रहेगी'' आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तब भारत ने न सिर्फ अपने लिए एक नया इतिहास रचा है, बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा का गगनचुम्बी आधार भी रखा है। दुनिया की ये सबसे उंची प्रतिमा पूरी दुनिया और हमारी भावी पीढ़ियों को सरदार साहब के साहस, सामर्थ और संकल्प की याद दिलाती रहेगी। : प्रधानमंत्री मोदी 10:54 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी को सौंपा गया हथौड़ा स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी बनाने के लिए 'लोहा कैंपेन' के दौरान किसानों से प्राप्त पहला लौह औजार हथौड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा गया। उन्‍होंने कहा, ''आज भारत के वर्तमान ने अपने इतिहास के एक स्वर्णिम पृष्ठ को उजागर करने का काम किया है।'' 10:42 (IST)31 Oct 2018 सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन इस अवसर पर गुजरात पुलिस, सशस्त्र और अर्द्धसैनिक बलों के बैंड सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। इस मौके पर 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकार नृत्य और संगीत की प्रस्तुति देंगे। इस दौरान कई आकर्षण होंगे जिनमें 17 किलोमीटर लंबी फूलों की घाटी का उद्घाटन, प्रतिमा के पास पर्यटकों के लिए तंबुओं के शहर और पटेल के जीवन पर आधारित संग्रहालय का लोकार्पण भी शामिल है। #WATCH: Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity inaugurated by Prime Minister Narendra Modi in Gujarat's Kevadiya pic.twitter.com/APnxyFACFT — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:34 (IST)31 Oct 2018 कार्यक्रम शुरू, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण मोदी द्वारा प्रतिमा के अनावरण के बाद वायु सेना के तीन विमान वहां उड़ान भरेंगे और भगवा, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरेंगे। पटेल की प्रतिमा के पास मोदी ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का भी उद्घाटन करेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार उस समय तीन जगुआर लड़ाकू विमान काफी नीचे से उड़ान भरते हुए जाएंगे। ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन करने के बाद मोदी पटेल को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे जिनकी 31 अक्टूबर को जयंती भी है। इसी दौरान दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर प्रतिमा पर पुष्पवर्षा करेंगे। PM Narendra Modi inaugurates Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity pic.twitter.com/c3wfzLBkH4 — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:30 (IST)31 Oct 2018 …तो देश के पहले प्रधानमंत्री होते सरदार 1945-1946 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सरदार पटेल प्रमुख उम्मीदवार थे। लेकिन महात्मा गांधी ने एक बार फिर हस्तक्षेप करके जवाहरलाल नेहरू को अध्यक्ष बनवा दिया। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नेहरू को ब्रिटिश वाइसरॉय ने अंतरिम सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया। इस प्रकार यदि घटनाक्रम सामान्य रहता तो सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते। 10:07 (IST)31 Oct 2018 जब नेहरू ने नहीं मानी पटेल की बात, भारत ने गंवा दी 40 हजार वर्ग गज जमीन जब चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई ने जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखा कि वह तिब्बत को चीन का अंग मान लें तो पटेल ने नेहरू से आग्रह किया कि वह तिब्बत पर चीन का प्रभुत्व कतई न स्वीकारें, अन्यथा चीन भारत के लिए खतरनाक सिद्ध होगा। जवाहरलाल नेहरू नहीं माने, बस इसी भूल के कारण हमें चीन से पिटना पड़ा और चीन ने हमारी सीमा की 40 हजार वर्ग गज भूमि पर कब्जा कर लिया। 09:45 (IST)31 Oct 2018 इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर मनमोहन, सोनिया, राहुल ने श्रद्धांजलि दी आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि भी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को स्मारक शक्ति स्थल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "आज खुशी के साथ दादी को याद कर रहा हूं। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया और अपार प्यार दिया। उन्होंने अपने लोगों को बहुत कुछ दिया। मुझे उन पर बहुत गर्व है।" कांग्रेस पार्टी ने कहा, "आज हम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और हमारे देश के सबसे मजबूत नेताओं में से एक का सम्मान करते हैं।" पार्टी ने ट्वीट कर कहा, "उनके नेतृत्व में हमारा देश ने महान जीत, अद्भुत विकास और सबसे महत्वपूर्ण समाज के सभी वर्गो का उत्थान देखा है।" 09:26 (IST)31 Oct 2018 1991 में मरणोपरांत मिला था भारत रत्‍न सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 09:05 (IST)31 Oct 2018 अंग्रेजों ने कई बार जेल में डाला वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान पटेल को तीन महीने की जेल हुई। मार्च 1931 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन की अध्यक्षता की। जनवरी, 1932 में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया। जुलाई, 1934 में वह रिहा हुए और 1937 के चुनावों में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के संगठन को व्यवस्थित किया। 08:52 (IST)31 Oct 2018 राजनाथ सिंह ने 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरदार पटेल की जयंती के मौके पर दिल्ली में 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई। पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित जफर इकबाल, पांच बार वर्ल्‍ड बॉक्सिंग चैम्पियन मैरी कॉम, जिमनास्टिक और ओलम्पिक मेडेलिस्ट दीपा करमाकर भी मौजूद रहे। राजनाथ ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर मेजर ध्यान चंद स्टेडियम से इस दौड़ को हरी झंडी दिखाई। इस एक किलोमीटर तक की दौड़ में सात से 70 साल की उम्र के बीच के हजारों ने हिस्सा लिया। यह दौड़ इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर समाप्त होगी। यह दिन एकता, अखंडता और सुरक्षा को समर्पित है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, हरदीप सिंह पुरी और आर.के.सिंह भी मौजूद रहे। 08:33 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने किया इंडियन सिविल सर्विसेज का भारतीयकरण गृहमंत्री के रूप में वल्‍लभ भाई पटेल पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (आईसीएस) का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आईएएस) बनाया। अंग्रेजों की सेवा करने वालों में विश्वास भरकर उन्हें राजभक्ति से देशभक्ति की ओर मोड़ा। यदि सरदार पटेल कुछ वर्ष जीवित रहते तो संभवत: नौकरशाही का पूर्ण कायाकल्प हो जाता। 08:14 (IST)31 Oct 2018 जब सरदार पटेल नहीं बन पाए कांग्रेस अध्‍यक्ष… सरदार पटेल क्रांतिकारी नहीं थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में सरदार पटेल, महात्मा गांधी के बाद अध्यक्ष पद के दूसरे उम्मीदवार थे। गांधीजी ने स्वाधीनता के प्रस्ताव को स्वीकृत होने से रोकने के प्रयास में अध्यक्ष पद की दावेदारी छोड़ दी और पटेल पर भी नाम वापस लेने के लिए दबाव डाला। अंतत: जवाहरलाल नेहरू अध्यक्ष बने। सन् 1937-1938 में पटेल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार थे। एक बार फिर गांधीजी के दबाव में पटेल को अपना नाम वापस लेना पड़ा और जवाहरलाल नेहरू निर्वाचित हुए। 07:57 (IST)31 Oct 2018 मोदी का लेख : देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले आधुनिक भारत के निर्माता को विशेष श्रद्धांजलि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटेल जयंती पर ट्वीट किया है, ''देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।'' उन्‍होंने आज अखबारों में एक लेख भी लिखा है जिसे आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं। 07:44 (IST)31 Oct 2018 जब पाकिस्तान के पहुंचने से पहले सरदार पटेल ने लक्षद्वीप में फहरवा दिया था तिरंगा लक्षद्वीप को भारत में मिलाने में भी सरदार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। दरअसल, यह देश का एक ऐसा हिस्सा था जो मुख्यधारा से काफी कटा हुआ था। यहां के लोगों को भारत के स्वतंत्र होने की सूचना ही 15 अगस्त 1947 के कई दिनों बाद मिली। पाकिस्तान से काफी दूर होने के बावजूद भी वह भारत के इस हिस्से पर अपना दावा कर सकता था। तब पाकिस्तानी नौसेना के जहाज लक्षद्वीप के आस-पास मंडराते हुए देखे भी गए थे। लेकिन, इससे पहले कि पाकिस्तान इस हिस्से पर अपना ध्वज फहराए, सरदार ने होशियारी से काम लेते हुए लक्षद्वीप में भारतीय नौसेना का एक जहाज तिरंगा फहराने के लिए भेज दिया। भारतीय नौसेना ने समय रहते द्वीप पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया। पढ़ें पूरा प्रसंग 07:23 (IST)31 Oct 2018 PHOTOS: जानें Statue of Unity की खासियत कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टर्बो द्वारा बनाई गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना को दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था जिसे 42 महीनों को अंदर पूरा किया जाना था। लेकिन इसकी डिजाइन के काम के कारण इसके निर्माण की अवधि को और चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपानी ने अपने सोशल अकाउंट पर ''स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी'' की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। तस्‍वीरें देखें और जानें कि इस प्रोजेक्‍ट की खासियतें क्‍या हैं। देखें गैलरी

सिंह

वयस्कों के अनुभव और मार्गदर्शन से घर के सभी सदस्यों को लाभ होगा। बच्चों को अपने बुजुर्गों से व्यवहार करते समय मर्यादा में रहना चाहिए। उनका बचपना वयस्कों को दुखी कर सकता है। विद्यार्थियों के लिए अच्छा दिन है। वे बौद्धिक विषयों पर दोस्तों के साथ पूरे आत्मविश्वास के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगे। जो लोग एक… Live Blog Highlights 13:23 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने इन प्रतिमाओं को छोड़ा पीछे सरदार की यह प्रतिमा इससे पहले तक दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है। चीनी प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है। इतना ही नहीं, यह  न्यूयॉर्क स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से भी लगभग दोगुना बड़ी है। विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के टापू पर बनी इस मूर्ति को बनाने में तकरीबन 2389 करोड़ रुपए का खर्च आया है। 13:01 (IST)31 Oct 2018 मोदी सरकार ने राष्ट्रीय एकता दिवस में मनाना शुरू की पटेल की जयंती सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 12:42 (IST)31 Oct 2018 म्यूजियम-ऑडियो गैलरी भी गए PM केवड़िया में पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य गणमान्य व्यक्ति व मेहमान अनावरण के बाद म्यूजियम और ऑडियो विजुअल गैलरी पहुंचे, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत कॉम्पलेक्स' में स्थित है। 12:21 (IST)31 Oct 2018 VIDEO: PM ने पटेल को यूं दी श्रद्धांजलि #WATCH: Prime Minister Narendra Modi pays tribute to Sardar Vallabhbhai Patel in Gujarat's Kevadiya on his 143rd birth anniversary. #StatueOfUnity pic.twitter.com/AkVXNegfv0 — ANI (@ANI) October 31, 2018 स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण करने के बाद पीएम ने सरदार की प्रतिमा के पास जाकर उस पर जल और पुष्प भी चढ़ाए। देखिए, कैसे उन्होंने देश के पहले गृहमंत्री को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने इससे पहले यहां पर वॉल ऑफ यूनिटी का अनावरण किया।   12:07 (IST)31 Oct 2018 देश को बांटने की कोशिशों से रहें सतर्क : पीएम आज देश के लिए सोचने वाले युवाओं की शक्ति हमारे पास है। देश के विकास के लिए, यही एक रास्ता है, जिसको लेकर हमें आगे बढ़ना है। देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाए रखना, एक ऐसा दायित्व है, जो सरदार साहब हमें देकर गए हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की हर तरह की कोशिश का पुरजोर जवाब दें। इसलिए हमें हर तरह से सतर्क रहना है। समाज के तौर पर एकजुट रहना है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:55 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी ने गिनाई अपनी सरकार की योजनाएं हम देश के हर बेघर को पक्का घर देने की भगीरथ योजना पर काम कर रहे हैं। हमने उन 18 हजार गावों तक बिजली पहुंचाई है, जहां आजादी के इतने वर्षों के बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी। हमारी सरकार सौभाग्य योजना के तहत देश के हर घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए काम कर रही है। देश के हर गांव को सड़क से जोड़ने, डिजिटल कनेक्टिविटी से जोड़ने का काम भी तेज गति से किया जा रहा है। देश में आज हर घर में गैस कनेक्शन पहुंचाने के प्रयास के साथ ही देश के हर घर में शौचालय की सुविधा पहुंचाने पर काम हो रहा है। : प्रधानमंत्री मोदी 11:38 (IST)31 Oct 2018 हमारी मुहिम को लोग राजनीति से जोड़कर देखते हैं : पीएम मोदी सरदार साहब के दर्शन करने आने वाले टूरिस्ट सरदार सरोवर डैम, सतपुड़ा और विंध्य के पर्वतों के दर्शन भी कर पाएंगे। कई बार तो मैं हैरान रह जाता हूं, जब देश में ही कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति से जोड़कर देखते हैं। सरदार पटेल जैसे महापुरुषों, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है। ऐसा अनुभव कराया जाता है मानो हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है। सरदार पटेल चाहते थे कि भारत सशक्त, सुदृढ़, संवेदनशील, सतर्क और समावेशी बने। हमारे सारे प्रयास उनके इसी सपने को साकार करने की दिशा में हो रहे हैं। : प्रधानमंत्री मोदी 11:34 (IST)31 Oct 2018 सहकारी आंदोलन सरदार पटेल की देन : मोदी आज का सहकारी आंदोलन जो देश के अनेक गांवों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन चुका है, ये सरदार साहब की ही देन है। सरदार पटेल का ये स्मारक उनके प्रति करोड़ों भारतीयों के सम्मान, हमारे सामर्थ्य, का प्रतीक तो है ही, ये देश की अर्थव्यवस्था, रोज़गार निर्माण का भी महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है। इससे हज़ारों आदिवासी बहन-भाइयों को हर वर्ष सीधा रोज़गार मिलने वाला है। सतपुड़ा और विंध्य के इस अंचल में बसे आप सभी जनों को प्रकृति ने जो कुछ भी सौंपा है, वो अब आधुनिक रूप में आपके काम आने वाला है। देश ने जिन जंगलों के बारे में कविताओं के जरिए पढ़ा, अब उन जंगलों, उन आदिवासी परंपराओं से पूरी दुनिया प्रत्यक्ष साक्षात्कार करने वाली है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:28 (IST)31 Oct 2018 इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का प्रतीक है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हमारे इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का भी प्रतीक है। बीते करीब साढ़े तीन वर्षों में हर रोज़ कामगारों ने, शिल्पकारों ने मिशन मोड पर काम किया है। राम सुतार जी की अगुवाई में देश के अद्भुत शिल्पकारों की टीम ने कला के इस गौरवशाली स्मारक को पूरा किया है। आज जो ये सफर एक पड़ाव तक पहुंचा है, उसकी यात्रा 8 वर्ष पहले आज के ही दिन शुरु हुई थी। 31 अक्टूबर 2010 को अहमदाबाद में मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था। करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान आवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है। : प्रधानमंत्री 11:25 (IST)31 Oct 2018 ये प्रतिमा न्‍यू इंडिया के आत्‍मविश्‍वास की अभिव्‍यक्ति : पीएम मोदी ''ये प्रतिमा, सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और परमार्थ की भावना का प्रकटीकरण है। ये प्रतिमा उनके सामर्थ्य और समर्पण का सम्मान तो है ही, ये न्‍यू इंडिया, नए भारत के नए आत्मविश्वास की भी अभिव्यक्ति है। ये प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को ये याद दिलाने के लिए है कि ये राष्ट्र शाश्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहेगा। ये ऊंचाई, ये बुलंदी भारत के युवाओं को ये याद दिलाने के लिए है कि भविष्य का भारत आपकी आकांक्षाओं का है, जो इतनी ही विराट हैं। इन आकांक्षाओं को पूरा करने का सामर्थ्य और मंत्र सिर्फ और सिर्फ एक ही है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत।'' 11:19 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार न होते तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी'' सरदार साहब ने संकल्प न लिया होता, तो आज गीर के शेर को देखने के लिए, सोमनाथ में पूजा करने के लिए और हैदराबाद चार मीनार को देखने के लिए हमें वीज़ा लेना पड़ता। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो सिविल सेवा जैसा प्रशासनिक ढांचा खड़ा करने में हमें बहुत मुश्किल होती। देश के लोकतंत्र से सामान्य जन को जोड़ने के लिए वो हमेशा समर्पित रहे। महिलाओं को भारत की राजनीति में सक्रिय योगदान का अधिकार देने के पीछे भी सरदार पटेल का बहुत बड़ा रोल रहा है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:12 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार पटेल ने देश को रास्‍ता दिखाया'' जिस कमज़ोरी पर दुनिया हमें उस समय ताने दे रही थी, उसी को ताकत बनाते हुए सरदार पटेल ने देश को रास्ता दिखाया। उसी रास्ते पर चलते हुए संशय में घिरा वो भारत आज दुनिया से अपनी शर्तों पर संवाद कर रहा है, दुनिया की बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। कच्छ से कोहिमा तक, करगिल से कन्याकुमारी तक आज अगर बेरोकटोक हम जा पा रहे हैं तो ये सरदार साहब की वजह से, उनके संकल्प से ही संभव हो पाया है। : प्रधानमंत्री #WATCH: Prime Minister Narendra Modi says, "if it was not for Sardar Sahab's resolve, then we Indians would have to take visa to see the Gir lions, pray at Somnath, or to see Hyderabad's Charminar". #StatueOfUnity pic.twitter.com/RfAu3tOSyu — ANI (@ANI) October 31, 2018 11:09 (IST)31 Oct 2018 सैकड़ों रजवाड़ों के त्‍याग को नहीं भूलना चाहिए : पीएम मोदी ''सरदार पटेल ने 5 जुलाई, 1947 को रियासतों को संबोधित करते हुए कहा था कि- ''विदेशी आक्रांताओं के सामने हमारे आपसी झगड़े, आपसी दुश्मनी, वैर का भाव, हमारी हार की बड़ी वजह थी। अब हमें इस गलती को नहीं दोहराना है और न ही दोबारा किसी का गुलाम होना है। सरदार साहब के इसी संवाद से, एकीकरण की शक्ति को समझते हुए उन्होंने अपने राज्यों का विलय कर दिया। देखते ही देखते, भारत एक हो गया। सरदार साहब के आह्वान पर देश के सैकड़ों रजवाड़ों ने त्याग की मिसाल कायम की थी। हमें इस त्याग को भी कभी नहीं भूलना चाहिए।'' 11:04 (IST)31 Oct 2018 "सरदार में था कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश" सरदार साहब का सामर्थ्य तब भारत के काम आया था जब मां भारती साढ़े पांच सौ से ज्यादा रियासतों में बंटी थी। दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति घोर निराशा थी। निराशावादियों को लगता था कि भारत अपनी विविधताओं की वजह से ही बिखर जाएगा। सरदार पटेल में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश था। : प्रधानमंत्री 11:00 (IST)31 Oct 2018 ''यह प्रतिमा सरदार साहब के संकल्‍प की याद दिलाती रहेगी'' आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तब भारत ने न सिर्फ अपने लिए एक नया इतिहास रचा है, बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा का गगनचुम्बी आधार भी रखा है। दुनिया की ये सबसे उंची प्रतिमा पूरी दुनिया और हमारी भावी पीढ़ियों को सरदार साहब के साहस, सामर्थ और संकल्प की याद दिलाती रहेगी। : प्रधानमंत्री मोदी 10:54 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी को सौंपा गया हथौड़ा स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी बनाने के लिए 'लोहा कैंपेन' के दौरान किसानों से प्राप्त पहला लौह औजार हथौड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा गया। उन्‍होंने कहा, ''आज भारत के वर्तमान ने अपने इतिहास के एक स्वर्णिम पृष्ठ को उजागर करने का काम किया है।'' 10:42 (IST)31 Oct 2018 सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन इस अवसर पर गुजरात पुलिस, सशस्त्र और अर्द्धसैनिक बलों के बैंड सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। इस मौके पर 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकार नृत्य और संगीत की प्रस्तुति देंगे। इस दौरान कई आकर्षण होंगे जिनमें 17 किलोमीटर लंबी फूलों की घाटी का उद्घाटन, प्रतिमा के पास पर्यटकों के लिए तंबुओं के शहर और पटेल के जीवन पर आधारित संग्रहालय का लोकार्पण भी शामिल है। #WATCH: Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity inaugurated by Prime Minister Narendra Modi in Gujarat's Kevadiya pic.twitter.com/APnxyFACFT — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:34 (IST)31 Oct 2018 कार्यक्रम शुरू, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण मोदी द्वारा प्रतिमा के अनावरण के बाद वायु सेना के तीन विमान वहां उड़ान भरेंगे और भगवा, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरेंगे। पटेल की प्रतिमा के पास मोदी ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का भी उद्घाटन करेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार उस समय तीन जगुआर लड़ाकू विमान काफी नीचे से उड़ान भरते हुए जाएंगे। ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन करने के बाद मोदी पटेल को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे जिनकी 31 अक्टूबर को जयंती भी है। इसी दौरान दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर प्रतिमा पर पुष्पवर्षा करेंगे। PM Narendra Modi inaugurates Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity pic.twitter.com/c3wfzLBkH4 — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:30 (IST)31 Oct 2018 …तो देश के पहले प्रधानमंत्री होते सरदार 1945-1946 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सरदार पटेल प्रमुख उम्मीदवार थे। लेकिन महात्मा गांधी ने एक बार फिर हस्तक्षेप करके जवाहरलाल नेहरू को अध्यक्ष बनवा दिया। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नेहरू को ब्रिटिश वाइसरॉय ने अंतरिम सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया। इस प्रकार यदि घटनाक्रम सामान्य रहता तो सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते। 10:07 (IST)31 Oct 2018 जब नेहरू ने नहीं मानी पटेल की बात, भारत ने गंवा दी 40 हजार वर्ग गज जमीन जब चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई ने जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखा कि वह तिब्बत को चीन का अंग मान लें तो पटेल ने नेहरू से आग्रह किया कि वह तिब्बत पर चीन का प्रभुत्व कतई न स्वीकारें, अन्यथा चीन भारत के लिए खतरनाक सिद्ध होगा। जवाहरलाल नेहरू नहीं माने, बस इसी भूल के कारण हमें चीन से पिटना पड़ा और चीन ने हमारी सीमा की 40 हजार वर्ग गज भूमि पर कब्जा कर लिया। 09:45 (IST)31 Oct 2018 इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर मनमोहन, सोनिया, राहुल ने श्रद्धांजलि दी आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि भी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को स्मारक शक्ति स्थल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "आज खुशी के साथ दादी को याद कर रहा हूं। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया और अपार प्यार दिया। उन्होंने अपने लोगों को बहुत कुछ दिया। मुझे उन पर बहुत गर्व है।" कांग्रेस पार्टी ने कहा, "आज हम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और हमारे देश के सबसे मजबूत नेताओं में से एक का सम्मान करते हैं।" पार्टी ने ट्वीट कर कहा, "उनके नेतृत्व में हमारा देश ने महान जीत, अद्भुत विकास और सबसे महत्वपूर्ण समाज के सभी वर्गो का उत्थान देखा है।" 09:26 (IST)31 Oct 2018 1991 में मरणोपरांत मिला था भारत रत्‍न सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 09:05 (IST)31 Oct 2018 अंग्रेजों ने कई बार जेल में डाला वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान पटेल को तीन महीने की जेल हुई। मार्च 1931 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन की अध्यक्षता की। जनवरी, 1932 में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया। जुलाई, 1934 में वह रिहा हुए और 1937 के चुनावों में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के संगठन को व्यवस्थित किया। 08:52 (IST)31 Oct 2018 राजनाथ सिंह ने 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरदार पटेल की जयंती के मौके पर दिल्ली में 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई। पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित जफर इकबाल, पांच बार वर्ल्‍ड बॉक्सिंग चैम्पियन मैरी कॉम, जिमनास्टिक और ओलम्पिक मेडेलिस्ट दीपा करमाकर भी मौजूद रहे। राजनाथ ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर मेजर ध्यान चंद स्टेडियम से इस दौड़ को हरी झंडी दिखाई। इस एक किलोमीटर तक की दौड़ में सात से 70 साल की उम्र के बीच के हजारों ने हिस्सा लिया। यह दौड़ इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर समाप्त होगी। यह दिन एकता, अखंडता और सुरक्षा को समर्पित है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, हरदीप सिंह पुरी और आर.के.सिंह भी मौजूद रहे। 08:33 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने किया इंडियन सिविल सर्विसेज का भारतीयकरण गृहमंत्री के रूप में वल्‍लभ भाई पटेल पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (आईसीएस) का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आईएएस) बनाया। अंग्रेजों की सेवा करने वालों में विश्वास भरकर उन्हें राजभक्ति से देशभक्ति की ओर मोड़ा। यदि सरदार पटेल कुछ वर्ष जीवित रहते तो संभवत: नौकरशाही का पूर्ण कायाकल्प हो जाता। 08:14 (IST)31 Oct 2018 जब सरदार पटेल नहीं बन पाए कांग्रेस अध्‍यक्ष… सरदार पटेल क्रांतिकारी नहीं थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में सरदार पटेल, महात्मा गांधी के बाद अध्यक्ष पद के दूसरे उम्मीदवार थे। गांधीजी ने स्वाधीनता के प्रस्ताव को स्वीकृत होने से रोकने के प्रयास में अध्यक्ष पद की दावेदारी छोड़ दी और पटेल पर भी नाम वापस लेने के लिए दबाव डाला। अंतत: जवाहरलाल नेहरू अध्यक्ष बने। सन् 1937-1938 में पटेल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार थे। एक बार फिर गांधीजी के दबाव में पटेल को अपना नाम वापस लेना पड़ा और जवाहरलाल नेहरू निर्वाचित हुए। 07:57 (IST)31 Oct 2018 मोदी का लेख : देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले आधुनिक भारत के निर्माता को विशेष श्रद्धांजलि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटेल जयंती पर ट्वीट किया है, ''देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।'' उन्‍होंने आज अखबारों में एक लेख भी लिखा है जिसे आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं। 07:44 (IST)31 Oct 2018 जब पाकिस्तान के पहुंचने से पहले सरदार पटेल ने लक्षद्वीप में फहरवा दिया था तिरंगा लक्षद्वीप को भारत में मिलाने में भी सरदार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। दरअसल, यह देश का एक ऐसा हिस्सा था जो मुख्यधारा से काफी कटा हुआ था। यहां के लोगों को भारत के स्वतंत्र होने की सूचना ही 15 अगस्त 1947 के कई दिनों बाद मिली। पाकिस्तान से काफी दूर होने के बावजूद भी वह भारत के इस हिस्से पर अपना दावा कर सकता था। तब पाकिस्तानी नौसेना के जहाज लक्षद्वीप के आस-पास मंडराते हुए देखे भी गए थे। लेकिन, इससे पहले कि पाकिस्तान इस हिस्से पर अपना ध्वज फहराए, सरदार ने होशियारी से काम लेते हुए लक्षद्वीप में भारतीय नौसेना का एक जहाज तिरंगा फहराने के लिए भेज दिया। भारतीय नौसेना ने समय रहते द्वीप पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया। पढ़ें पूरा प्रसंग 07:23 (IST)31 Oct 2018 PHOTOS: जानें Statue of Unity की खासियत कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टर्बो द्वारा बनाई गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना को दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था जिसे 42 महीनों को अंदर पूरा किया जाना था। लेकिन इसकी डिजाइन के काम के कारण इसके निर्माण की अवधि को और चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपानी ने अपने सोशल अकाउंट पर ''स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी'' की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। तस्‍वीरें देखें और जानें कि इस प्रोजेक्‍ट की खासियतें क्‍या हैं। देखें गैलरी

कन्या

अविवाहितों के पालक उनके लिए योग्य सम्बंध के लिए प्रयत्न करेंगे। कोई अप्रत्याशित व्यावसायिक यात्रा आपके कार्यक्रम को उथल पुथल कर सकती है। लेकिन इस यात्रा के परिणाम आपके लिए फायदेमंद होंगे। अपने मकान निर्माण की योजना बना रहे लोगों के लिए आज शुभ दिन होगा। शेयर बाजार के मधास्था और प्रतिस्पर्धियों को आज अत्यधिक… Live Blog Highlights 13:23 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने इन प्रतिमाओं को छोड़ा पीछे सरदार की यह प्रतिमा इससे पहले तक दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है। चीनी प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है। इतना ही नहीं, यह  न्यूयॉर्क स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से भी लगभग दोगुना बड़ी है। विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के टापू पर बनी इस मूर्ति को बनाने में तकरीबन 2389 करोड़ रुपए का खर्च आया है। 13:01 (IST)31 Oct 2018 मोदी सरकार ने राष्ट्रीय एकता दिवस में मनाना शुरू की पटेल की जयंती सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 12:42 (IST)31 Oct 2018 म्यूजियम-ऑडियो गैलरी भी गए PM केवड़िया में पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य गणमान्य व्यक्ति व मेहमान अनावरण के बाद म्यूजियम और ऑडियो विजुअल गैलरी पहुंचे, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत कॉम्पलेक्स' में स्थित है। 12:21 (IST)31 Oct 2018 VIDEO: PM ने पटेल को यूं दी श्रद्धांजलि #WATCH: Prime Minister Narendra Modi pays tribute to Sardar Vallabhbhai Patel in Gujarat's Kevadiya on his 143rd birth anniversary. #StatueOfUnity pic.twitter.com/AkVXNegfv0 — ANI (@ANI) October 31, 2018 स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण करने के बाद पीएम ने सरदार की प्रतिमा के पास जाकर उस पर जल और पुष्प भी चढ़ाए। देखिए, कैसे उन्होंने देश के पहले गृहमंत्री को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने इससे पहले यहां पर वॉल ऑफ यूनिटी का अनावरण किया।   12:07 (IST)31 Oct 2018 देश को बांटने की कोशिशों से रहें सतर्क : पीएम आज देश के लिए सोचने वाले युवाओं की शक्ति हमारे पास है। देश के विकास के लिए, यही एक रास्ता है, जिसको लेकर हमें आगे बढ़ना है। देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाए रखना, एक ऐसा दायित्व है, जो सरदार साहब हमें देकर गए हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की हर तरह की कोशिश का पुरजोर जवाब दें। इसलिए हमें हर तरह से सतर्क रहना है। समाज के तौर पर एकजुट रहना है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:55 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी ने गिनाई अपनी सरकार की योजनाएं हम देश के हर बेघर को पक्का घर देने की भगीरथ योजना पर काम कर रहे हैं। हमने उन 18 हजार गावों तक बिजली पहुंचाई है, जहां आजादी के इतने वर्षों के बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी। हमारी सरकार सौभाग्य योजना के तहत देश के हर घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए काम कर रही है। देश के हर गांव को सड़क से जोड़ने, डिजिटल कनेक्टिविटी से जोड़ने का काम भी तेज गति से किया जा रहा है। देश में आज हर घर में गैस कनेक्शन पहुंचाने के प्रयास के साथ ही देश के हर घर में शौचालय की सुविधा पहुंचाने पर काम हो रहा है। : प्रधानमंत्री मोदी 11:38 (IST)31 Oct 2018 हमारी मुहिम को लोग राजनीति से जोड़कर देखते हैं : पीएम मोदी सरदार साहब के दर्शन करने आने वाले टूरिस्ट सरदार सरोवर डैम, सतपुड़ा और विंध्य के पर्वतों के दर्शन भी कर पाएंगे। कई बार तो मैं हैरान रह जाता हूं, जब देश में ही कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति से जोड़कर देखते हैं। सरदार पटेल जैसे महापुरुषों, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है। ऐसा अनुभव कराया जाता है मानो हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है। सरदार पटेल चाहते थे कि भारत सशक्त, सुदृढ़, संवेदनशील, सतर्क और समावेशी बने। हमारे सारे प्रयास उनके इसी सपने को साकार करने की दिशा में हो रहे हैं। : प्रधानमंत्री मोदी 11:34 (IST)31 Oct 2018 सहकारी आंदोलन सरदार पटेल की देन : मोदी आज का सहकारी आंदोलन जो देश के अनेक गांवों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन चुका है, ये सरदार साहब की ही देन है। सरदार पटेल का ये स्मारक उनके प्रति करोड़ों भारतीयों के सम्मान, हमारे सामर्थ्य, का प्रतीक तो है ही, ये देश की अर्थव्यवस्था, रोज़गार निर्माण का भी महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है। इससे हज़ारों आदिवासी बहन-भाइयों को हर वर्ष सीधा रोज़गार मिलने वाला है। सतपुड़ा और विंध्य के इस अंचल में बसे आप सभी जनों को प्रकृति ने जो कुछ भी सौंपा है, वो अब आधुनिक रूप में आपके काम आने वाला है। देश ने जिन जंगलों के बारे में कविताओं के जरिए पढ़ा, अब उन जंगलों, उन आदिवासी परंपराओं से पूरी दुनिया प्रत्यक्ष साक्षात्कार करने वाली है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:28 (IST)31 Oct 2018 इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का प्रतीक है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हमारे इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का भी प्रतीक है। बीते करीब साढ़े तीन वर्षों में हर रोज़ कामगारों ने, शिल्पकारों ने मिशन मोड पर काम किया है। राम सुतार जी की अगुवाई में देश के अद्भुत शिल्पकारों की टीम ने कला के इस गौरवशाली स्मारक को पूरा किया है। आज जो ये सफर एक पड़ाव तक पहुंचा है, उसकी यात्रा 8 वर्ष पहले आज के ही दिन शुरु हुई थी। 31 अक्टूबर 2010 को अहमदाबाद में मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था। करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान आवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है। : प्रधानमंत्री 11:25 (IST)31 Oct 2018 ये प्रतिमा न्‍यू इंडिया के आत्‍मविश्‍वास की अभिव्‍यक्ति : पीएम मोदी ''ये प्रतिमा, सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और परमार्थ की भावना का प्रकटीकरण है। ये प्रतिमा उनके सामर्थ्य और समर्पण का सम्मान तो है ही, ये न्‍यू इंडिया, नए भारत के नए आत्मविश्वास की भी अभिव्यक्ति है। ये प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को ये याद दिलाने के लिए है कि ये राष्ट्र शाश्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहेगा। ये ऊंचाई, ये बुलंदी भारत के युवाओं को ये याद दिलाने के लिए है कि भविष्य का भारत आपकी आकांक्षाओं का है, जो इतनी ही विराट हैं। इन आकांक्षाओं को पूरा करने का सामर्थ्य और मंत्र सिर्फ और सिर्फ एक ही है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत।'' 11:19 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार न होते तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी'' सरदार साहब ने संकल्प न लिया होता, तो आज गीर के शेर को देखने के लिए, सोमनाथ में पूजा करने के लिए और हैदराबाद चार मीनार को देखने के लिए हमें वीज़ा लेना पड़ता। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो सिविल सेवा जैसा प्रशासनिक ढांचा खड़ा करने में हमें बहुत मुश्किल होती। देश के लोकतंत्र से सामान्य जन को जोड़ने के लिए वो हमेशा समर्पित रहे। महिलाओं को भारत की राजनीति में सक्रिय योगदान का अधिकार देने के पीछे भी सरदार पटेल का बहुत बड़ा रोल रहा है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:12 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार पटेल ने देश को रास्‍ता दिखाया'' जिस कमज़ोरी पर दुनिया हमें उस समय ताने दे रही थी, उसी को ताकत बनाते हुए सरदार पटेल ने देश को रास्ता दिखाया। उसी रास्ते पर चलते हुए संशय में घिरा वो भारत आज दुनिया से अपनी शर्तों पर संवाद कर रहा है, दुनिया की बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। कच्छ से कोहिमा तक, करगिल से कन्याकुमारी तक आज अगर बेरोकटोक हम जा पा रहे हैं तो ये सरदार साहब की वजह से, उनके संकल्प से ही संभव हो पाया है। : प्रधानमंत्री #WATCH: Prime Minister Narendra Modi says, "if it was not for Sardar Sahab's resolve, then we Indians would have to take visa to see the Gir lions, pray at Somnath, or to see Hyderabad's Charminar". #StatueOfUnity pic.twitter.com/RfAu3tOSyu — ANI (@ANI) October 31, 2018 11:09 (IST)31 Oct 2018 सैकड़ों रजवाड़ों के त्‍याग को नहीं भूलना चाहिए : पीएम मोदी ''सरदार पटेल ने 5 जुलाई, 1947 को रियासतों को संबोधित करते हुए कहा था कि- ''विदेशी आक्रांताओं के सामने हमारे आपसी झगड़े, आपसी दुश्मनी, वैर का भाव, हमारी हार की बड़ी वजह थी। अब हमें इस गलती को नहीं दोहराना है और न ही दोबारा किसी का गुलाम होना है। सरदार साहब के इसी संवाद से, एकीकरण की शक्ति को समझते हुए उन्होंने अपने राज्यों का विलय कर दिया। देखते ही देखते, भारत एक हो गया। सरदार साहब के आह्वान पर देश के सैकड़ों रजवाड़ों ने त्याग की मिसाल कायम की थी। हमें इस त्याग को भी कभी नहीं भूलना चाहिए।'' 11:04 (IST)31 Oct 2018 "सरदार में था कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश" सरदार साहब का सामर्थ्य तब भारत के काम आया था जब मां भारती साढ़े पांच सौ से ज्यादा रियासतों में बंटी थी। दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति घोर निराशा थी। निराशावादियों को लगता था कि भारत अपनी विविधताओं की वजह से ही बिखर जाएगा। सरदार पटेल में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश था। : प्रधानमंत्री 11:00 (IST)31 Oct 2018 ''यह प्रतिमा सरदार साहब के संकल्‍प की याद दिलाती रहेगी'' आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तब भारत ने न सिर्फ अपने लिए एक नया इतिहास रचा है, बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा का गगनचुम्बी आधार भी रखा है। दुनिया की ये सबसे उंची प्रतिमा पूरी दुनिया और हमारी भावी पीढ़ियों को सरदार साहब के साहस, सामर्थ और संकल्प की याद दिलाती रहेगी। : प्रधानमंत्री मोदी 10:54 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी को सौंपा गया हथौड़ा स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी बनाने के लिए 'लोहा कैंपेन' के दौरान किसानों से प्राप्त पहला लौह औजार हथौड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा गया। उन्‍होंने कहा, ''आज भारत के वर्तमान ने अपने इतिहास के एक स्वर्णिम पृष्ठ को उजागर करने का काम किया है।'' 10:42 (IST)31 Oct 2018 सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन इस अवसर पर गुजरात पुलिस, सशस्त्र और अर्द्धसैनिक बलों के बैंड सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। इस मौके पर 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकार नृत्य और संगीत की प्रस्तुति देंगे। इस दौरान कई आकर्षण होंगे जिनमें 17 किलोमीटर लंबी फूलों की घाटी का उद्घाटन, प्रतिमा के पास पर्यटकों के लिए तंबुओं के शहर और पटेल के जीवन पर आधारित संग्रहालय का लोकार्पण भी शामिल है। #WATCH: Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity inaugurated by Prime Minister Narendra Modi in Gujarat's Kevadiya pic.twitter.com/APnxyFACFT — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:34 (IST)31 Oct 2018 कार्यक्रम शुरू, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण मोदी द्वारा प्रतिमा के अनावरण के बाद वायु सेना के तीन विमान वहां उड़ान भरेंगे और भगवा, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरेंगे। पटेल की प्रतिमा के पास मोदी ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का भी उद्घाटन करेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार उस समय तीन जगुआर लड़ाकू विमान काफी नीचे से उड़ान भरते हुए जाएंगे। ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन करने के बाद मोदी पटेल को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे जिनकी 31 अक्टूबर को जयंती भी है। इसी दौरान दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर प्रतिमा पर पुष्पवर्षा करेंगे। PM Narendra Modi inaugurates Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity pic.twitter.com/c3wfzLBkH4 — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:30 (IST)31 Oct 2018 …तो देश के पहले प्रधानमंत्री होते सरदार 1945-1946 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सरदार पटेल प्रमुख उम्मीदवार थे। लेकिन महात्मा गांधी ने एक बार फिर हस्तक्षेप करके जवाहरलाल नेहरू को अध्यक्ष बनवा दिया। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नेहरू को ब्रिटिश वाइसरॉय ने अंतरिम सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया। इस प्रकार यदि घटनाक्रम सामान्य रहता तो सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते। 10:07 (IST)31 Oct 2018 जब नेहरू ने नहीं मानी पटेल की बात, भारत ने गंवा दी 40 हजार वर्ग गज जमीन जब चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई ने जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखा कि वह तिब्बत को चीन का अंग मान लें तो पटेल ने नेहरू से आग्रह किया कि वह तिब्बत पर चीन का प्रभुत्व कतई न स्वीकारें, अन्यथा चीन भारत के लिए खतरनाक सिद्ध होगा। जवाहरलाल नेहरू नहीं माने, बस इसी भूल के कारण हमें चीन से पिटना पड़ा और चीन ने हमारी सीमा की 40 हजार वर्ग गज भूमि पर कब्जा कर लिया। 09:45 (IST)31 Oct 2018 इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर मनमोहन, सोनिया, राहुल ने श्रद्धांजलि दी आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि भी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को स्मारक शक्ति स्थल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "आज खुशी के साथ दादी को याद कर रहा हूं। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया और अपार प्यार दिया। उन्होंने अपने लोगों को बहुत कुछ दिया। मुझे उन पर बहुत गर्व है।" कांग्रेस पार्टी ने कहा, "आज हम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और हमारे देश के सबसे मजबूत नेताओं में से एक का सम्मान करते हैं।" पार्टी ने ट्वीट कर कहा, "उनके नेतृत्व में हमारा देश ने महान जीत, अद्भुत विकास और सबसे महत्वपूर्ण समाज के सभी वर्गो का उत्थान देखा है।" 09:26 (IST)31 Oct 2018 1991 में मरणोपरांत मिला था भारत रत्‍न सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 09:05 (IST)31 Oct 2018 अंग्रेजों ने कई बार जेल में डाला वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान पटेल को तीन महीने की जेल हुई। मार्च 1931 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन की अध्यक्षता की। जनवरी, 1932 में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया। जुलाई, 1934 में वह रिहा हुए और 1937 के चुनावों में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के संगठन को व्यवस्थित किया। 08:52 (IST)31 Oct 2018 राजनाथ सिंह ने 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरदार पटेल की जयंती के मौके पर दिल्ली में 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई। पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित जफर इकबाल, पांच बार वर्ल्‍ड बॉक्सिंग चैम्पियन मैरी कॉम, जिमनास्टिक और ओलम्पिक मेडेलिस्ट दीपा करमाकर भी मौजूद रहे। राजनाथ ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर मेजर ध्यान चंद स्टेडियम से इस दौड़ को हरी झंडी दिखाई। इस एक किलोमीटर तक की दौड़ में सात से 70 साल की उम्र के बीच के हजारों ने हिस्सा लिया। यह दौड़ इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर समाप्त होगी। यह दिन एकता, अखंडता और सुरक्षा को समर्पित है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, हरदीप सिंह पुरी और आर.के.सिंह भी मौजूद रहे। 08:33 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने किया इंडियन सिविल सर्विसेज का भारतीयकरण गृहमंत्री के रूप में वल्‍लभ भाई पटेल पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (आईसीएस) का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आईएएस) बनाया। अंग्रेजों की सेवा करने वालों में विश्वास भरकर उन्हें राजभक्ति से देशभक्ति की ओर मोड़ा। यदि सरदार पटेल कुछ वर्ष जीवित रहते तो संभवत: नौकरशाही का पूर्ण कायाकल्प हो जाता। 08:14 (IST)31 Oct 2018 जब सरदार पटेल नहीं बन पाए कांग्रेस अध्‍यक्ष… सरदार पटेल क्रांतिकारी नहीं थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में सरदार पटेल, महात्मा गांधी के बाद अध्यक्ष पद के दूसरे उम्मीदवार थे। गांधीजी ने स्वाधीनता के प्रस्ताव को स्वीकृत होने से रोकने के प्रयास में अध्यक्ष पद की दावेदारी छोड़ दी और पटेल पर भी नाम वापस लेने के लिए दबाव डाला। अंतत: जवाहरलाल नेहरू अध्यक्ष बने। सन् 1937-1938 में पटेल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार थे। एक बार फिर गांधीजी के दबाव में पटेल को अपना नाम वापस लेना पड़ा और जवाहरलाल नेहरू निर्वाचित हुए। 07:57 (IST)31 Oct 2018 मोदी का लेख : देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले आधुनिक भारत के निर्माता को विशेष श्रद्धांजलि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटेल जयंती पर ट्वीट किया है, ''देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।'' उन्‍होंने आज अखबारों में एक लेख भी लिखा है जिसे आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं। 07:44 (IST)31 Oct 2018 जब पाकिस्तान के पहुंचने से पहले सरदार पटेल ने लक्षद्वीप में फहरवा दिया था तिरंगा लक्षद्वीप को भारत में मिलाने में भी सरदार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। दरअसल, यह देश का एक ऐसा हिस्सा था जो मुख्यधारा से काफी कटा हुआ था। यहां के लोगों को भारत के स्वतंत्र होने की सूचना ही 15 अगस्त 1947 के कई दिनों बाद मिली। पाकिस्तान से काफी दूर होने के बावजूद भी वह भारत के इस हिस्से पर अपना दावा कर सकता था। तब पाकिस्तानी नौसेना के जहाज लक्षद्वीप के आस-पास मंडराते हुए देखे भी गए थे। लेकिन, इससे पहले कि पाकिस्तान इस हिस्से पर अपना ध्वज फहराए, सरदार ने होशियारी से काम लेते हुए लक्षद्वीप में भारतीय नौसेना का एक जहाज तिरंगा फहराने के लिए भेज दिया। भारतीय नौसेना ने समय रहते द्वीप पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया। पढ़ें पूरा प्रसंग 07:23 (IST)31 Oct 2018 PHOTOS: जानें Statue of Unity की खासियत कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टर्बो द्वारा बनाई गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना को दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था जिसे 42 महीनों को अंदर पूरा किया जाना था। लेकिन इसकी डिजाइन के काम के कारण इसके निर्माण की अवधि को और चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपानी ने अपने सोशल अकाउंट पर ''स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी'' की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। तस्‍वीरें देखें और जानें कि इस प्रोजेक्‍ट की खासियतें क्‍या हैं। देखें गैलरी

तुला

आज किसी प्रियजन के बारे में दुखद समाचार सुनने मिल सकता हैं, आपकी उपस्थिति और सहायता से उन्हें बहुत सांत्वना मिलेगी यदि आप अविवाहित है तो आज किसी भी नए व्यक्ति से मिलते समय सावधान रहें। धन रखें की हर चमकती सोना नहीं होती। आज आप अपनी यात्रा के दौरान किसी अविस्मरणीय व्यक्ति से मिल… Live Blog Highlights 13:23 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने इन प्रतिमाओं को छोड़ा पीछे सरदार की यह प्रतिमा इससे पहले तक दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है। चीनी प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है। इतना ही नहीं, यह  न्यूयॉर्क स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से भी लगभग दोगुना बड़ी है। विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के टापू पर बनी इस मूर्ति को बनाने में तकरीबन 2389 करोड़ रुपए का खर्च आया है। 13:01 (IST)31 Oct 2018 मोदी सरकार ने राष्ट्रीय एकता दिवस में मनाना शुरू की पटेल की जयंती सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 12:42 (IST)31 Oct 2018 म्यूजियम-ऑडियो गैलरी भी गए PM केवड़िया में पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य गणमान्य व्यक्ति व मेहमान अनावरण के बाद म्यूजियम और ऑडियो विजुअल गैलरी पहुंचे, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत कॉम्पलेक्स' में स्थित है। 12:21 (IST)31 Oct 2018 VIDEO: PM ने पटेल को यूं दी श्रद्धांजलि #WATCH: Prime Minister Narendra Modi pays tribute to Sardar Vallabhbhai Patel in Gujarat's Kevadiya on his 143rd birth anniversary. #StatueOfUnity pic.twitter.com/AkVXNegfv0 — ANI (@ANI) October 31, 2018 स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण करने के बाद पीएम ने सरदार की प्रतिमा के पास जाकर उस पर जल और पुष्प भी चढ़ाए। देखिए, कैसे उन्होंने देश के पहले गृहमंत्री को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने इससे पहले यहां पर वॉल ऑफ यूनिटी का अनावरण किया।   12:07 (IST)31 Oct 2018 देश को बांटने की कोशिशों से रहें सतर्क : पीएम आज देश के लिए सोचने वाले युवाओं की शक्ति हमारे पास है। देश के विकास के लिए, यही एक रास्ता है, जिसको लेकर हमें आगे बढ़ना है। देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाए रखना, एक ऐसा दायित्व है, जो सरदार साहब हमें देकर गए हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की हर तरह की कोशिश का पुरजोर जवाब दें। इसलिए हमें हर तरह से सतर्क रहना है। समाज के तौर पर एकजुट रहना है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:55 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी ने गिनाई अपनी सरकार की योजनाएं हम देश के हर बेघर को पक्का घर देने की भगीरथ योजना पर काम कर रहे हैं। हमने उन 18 हजार गावों तक बिजली पहुंचाई है, जहां आजादी के इतने वर्षों के बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी। हमारी सरकार सौभाग्य योजना के तहत देश के हर घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए काम कर रही है। देश के हर गांव को सड़क से जोड़ने, डिजिटल कनेक्टिविटी से जोड़ने का काम भी तेज गति से किया जा रहा है। देश में आज हर घर में गैस कनेक्शन पहुंचाने के प्रयास के साथ ही देश के हर घर में शौचालय की सुविधा पहुंचाने पर काम हो रहा है। : प्रधानमंत्री मोदी 11:38 (IST)31 Oct 2018 हमारी मुहिम को लोग राजनीति से जोड़कर देखते हैं : पीएम मोदी सरदार साहब के दर्शन करने आने वाले टूरिस्ट सरदार सरोवर डैम, सतपुड़ा और विंध्य के पर्वतों के दर्शन भी कर पाएंगे। कई बार तो मैं हैरान रह जाता हूं, जब देश में ही कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति से जोड़कर देखते हैं। सरदार पटेल जैसे महापुरुषों, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है। ऐसा अनुभव कराया जाता है मानो हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है। सरदार पटेल चाहते थे कि भारत सशक्त, सुदृढ़, संवेदनशील, सतर्क और समावेशी बने। हमारे सारे प्रयास उनके इसी सपने को साकार करने की दिशा में हो रहे हैं। : प्रधानमंत्री मोदी 11:34 (IST)31 Oct 2018 सहकारी आंदोलन सरदार पटेल की देन : मोदी आज का सहकारी आंदोलन जो देश के अनेक गांवों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन चुका है, ये सरदार साहब की ही देन है। सरदार पटेल का ये स्मारक उनके प्रति करोड़ों भारतीयों के सम्मान, हमारे सामर्थ्य, का प्रतीक तो है ही, ये देश की अर्थव्यवस्था, रोज़गार निर्माण का भी महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है। इससे हज़ारों आदिवासी बहन-भाइयों को हर वर्ष सीधा रोज़गार मिलने वाला है। सतपुड़ा और विंध्य के इस अंचल में बसे आप सभी जनों को प्रकृति ने जो कुछ भी सौंपा है, वो अब आधुनिक रूप में आपके काम आने वाला है। देश ने जिन जंगलों के बारे में कविताओं के जरिए पढ़ा, अब उन जंगलों, उन आदिवासी परंपराओं से पूरी दुनिया प्रत्यक्ष साक्षात्कार करने वाली है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:28 (IST)31 Oct 2018 इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का प्रतीक है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हमारे इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का भी प्रतीक है। बीते करीब साढ़े तीन वर्षों में हर रोज़ कामगारों ने, शिल्पकारों ने मिशन मोड पर काम किया है। राम सुतार जी की अगुवाई में देश के अद्भुत शिल्पकारों की टीम ने कला के इस गौरवशाली स्मारक को पूरा किया है। आज जो ये सफर एक पड़ाव तक पहुंचा है, उसकी यात्रा 8 वर्ष पहले आज के ही दिन शुरु हुई थी। 31 अक्टूबर 2010 को अहमदाबाद में मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था। करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान आवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है। : प्रधानमंत्री 11:25 (IST)31 Oct 2018 ये प्रतिमा न्‍यू इंडिया के आत्‍मविश्‍वास की अभिव्‍यक्ति : पीएम मोदी ''ये प्रतिमा, सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और परमार्थ की भावना का प्रकटीकरण है। ये प्रतिमा उनके सामर्थ्य और समर्पण का सम्मान तो है ही, ये न्‍यू इंडिया, नए भारत के नए आत्मविश्वास की भी अभिव्यक्ति है। ये प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को ये याद दिलाने के लिए है कि ये राष्ट्र शाश्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहेगा। ये ऊंचाई, ये बुलंदी भारत के युवाओं को ये याद दिलाने के लिए है कि भविष्य का भारत आपकी आकांक्षाओं का है, जो इतनी ही विराट हैं। इन आकांक्षाओं को पूरा करने का सामर्थ्य और मंत्र सिर्फ और सिर्फ एक ही है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत।'' 11:19 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार न होते तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी'' सरदार साहब ने संकल्प न लिया होता, तो आज गीर के शेर को देखने के लिए, सोमनाथ में पूजा करने के लिए और हैदराबाद चार मीनार को देखने के लिए हमें वीज़ा लेना पड़ता। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो सिविल सेवा जैसा प्रशासनिक ढांचा खड़ा करने में हमें बहुत मुश्किल होती। देश के लोकतंत्र से सामान्य जन को जोड़ने के लिए वो हमेशा समर्पित रहे। महिलाओं को भारत की राजनीति में सक्रिय योगदान का अधिकार देने के पीछे भी सरदार पटेल का बहुत बड़ा रोल रहा है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:12 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार पटेल ने देश को रास्‍ता दिखाया'' जिस कमज़ोरी पर दुनिया हमें उस समय ताने दे रही थी, उसी को ताकत बनाते हुए सरदार पटेल ने देश को रास्ता दिखाया। उसी रास्ते पर चलते हुए संशय में घिरा वो भारत आज दुनिया से अपनी शर्तों पर संवाद कर रहा है, दुनिया की बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। कच्छ से कोहिमा तक, करगिल से कन्याकुमारी तक आज अगर बेरोकटोक हम जा पा रहे हैं तो ये सरदार साहब की वजह से, उनके संकल्प से ही संभव हो पाया है। : प्रधानमंत्री #WATCH: Prime Minister Narendra Modi says, "if it was not for Sardar Sahab's resolve, then we Indians would have to take visa to see the Gir lions, pray at Somnath, or to see Hyderabad's Charminar". #StatueOfUnity pic.twitter.com/RfAu3tOSyu — ANI (@ANI) October 31, 2018 11:09 (IST)31 Oct 2018 सैकड़ों रजवाड़ों के त्‍याग को नहीं भूलना चाहिए : पीएम मोदी ''सरदार पटेल ने 5 जुलाई, 1947 को रियासतों को संबोधित करते हुए कहा था कि- ''विदेशी आक्रांताओं के सामने हमारे आपसी झगड़े, आपसी दुश्मनी, वैर का भाव, हमारी हार की बड़ी वजह थी। अब हमें इस गलती को नहीं दोहराना है और न ही दोबारा किसी का गुलाम होना है। सरदार साहब के इसी संवाद से, एकीकरण की शक्ति को समझते हुए उन्होंने अपने राज्यों का विलय कर दिया। देखते ही देखते, भारत एक हो गया। सरदार साहब के आह्वान पर देश के सैकड़ों रजवाड़ों ने त्याग की मिसाल कायम की थी। हमें इस त्याग को भी कभी नहीं भूलना चाहिए।'' 11:04 (IST)31 Oct 2018 "सरदार में था कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश" सरदार साहब का सामर्थ्य तब भारत के काम आया था जब मां भारती साढ़े पांच सौ से ज्यादा रियासतों में बंटी थी। दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति घोर निराशा थी। निराशावादियों को लगता था कि भारत अपनी विविधताओं की वजह से ही बिखर जाएगा। सरदार पटेल में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश था। : प्रधानमंत्री 11:00 (IST)31 Oct 2018 ''यह प्रतिमा सरदार साहब के संकल्‍प की याद दिलाती रहेगी'' आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तब भारत ने न सिर्फ अपने लिए एक नया इतिहास रचा है, बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा का गगनचुम्बी आधार भी रखा है। दुनिया की ये सबसे उंची प्रतिमा पूरी दुनिया और हमारी भावी पीढ़ियों को सरदार साहब के साहस, सामर्थ और संकल्प की याद दिलाती रहेगी। : प्रधानमंत्री मोदी 10:54 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी को सौंपा गया हथौड़ा स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी बनाने के लिए 'लोहा कैंपेन' के दौरान किसानों से प्राप्त पहला लौह औजार हथौड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा गया। उन्‍होंने कहा, ''आज भारत के वर्तमान ने अपने इतिहास के एक स्वर्णिम पृष्ठ को उजागर करने का काम किया है।'' 10:42 (IST)31 Oct 2018 सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन इस अवसर पर गुजरात पुलिस, सशस्त्र और अर्द्धसैनिक बलों के बैंड सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। इस मौके पर 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकार नृत्य और संगीत की प्रस्तुति देंगे। इस दौरान कई आकर्षण होंगे जिनमें 17 किलोमीटर लंबी फूलों की घाटी का उद्घाटन, प्रतिमा के पास पर्यटकों के लिए तंबुओं के शहर और पटेल के जीवन पर आधारित संग्रहालय का लोकार्पण भी शामिल है। #WATCH: Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity inaugurated by Prime Minister Narendra Modi in Gujarat's Kevadiya pic.twitter.com/APnxyFACFT — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:34 (IST)31 Oct 2018 कार्यक्रम शुरू, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण मोदी द्वारा प्रतिमा के अनावरण के बाद वायु सेना के तीन विमान वहां उड़ान भरेंगे और भगवा, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरेंगे। पटेल की प्रतिमा के पास मोदी ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का भी उद्घाटन करेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार उस समय तीन जगुआर लड़ाकू विमान काफी नीचे से उड़ान भरते हुए जाएंगे। ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन करने के बाद मोदी पटेल को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे जिनकी 31 अक्टूबर को जयंती भी है। इसी दौरान दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर प्रतिमा पर पुष्पवर्षा करेंगे। PM Narendra Modi inaugurates Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity pic.twitter.com/c3wfzLBkH4 — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:30 (IST)31 Oct 2018 …तो देश के पहले प्रधानमंत्री होते सरदार 1945-1946 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सरदार पटेल प्रमुख उम्मीदवार थे। लेकिन महात्मा गांधी ने एक बार फिर हस्तक्षेप करके जवाहरलाल नेहरू को अध्यक्ष बनवा दिया। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नेहरू को ब्रिटिश वाइसरॉय ने अंतरिम सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया। इस प्रकार यदि घटनाक्रम सामान्य रहता तो सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते। 10:07 (IST)31 Oct 2018 जब नेहरू ने नहीं मानी पटेल की बात, भारत ने गंवा दी 40 हजार वर्ग गज जमीन जब चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई ने जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखा कि वह तिब्बत को चीन का अंग मान लें तो पटेल ने नेहरू से आग्रह किया कि वह तिब्बत पर चीन का प्रभुत्व कतई न स्वीकारें, अन्यथा चीन भारत के लिए खतरनाक सिद्ध होगा। जवाहरलाल नेहरू नहीं माने, बस इसी भूल के कारण हमें चीन से पिटना पड़ा और चीन ने हमारी सीमा की 40 हजार वर्ग गज भूमि पर कब्जा कर लिया। 09:45 (IST)31 Oct 2018 इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर मनमोहन, सोनिया, राहुल ने श्रद्धांजलि दी आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि भी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को स्मारक शक्ति स्थल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "आज खुशी के साथ दादी को याद कर रहा हूं। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया और अपार प्यार दिया। उन्होंने अपने लोगों को बहुत कुछ दिया। मुझे उन पर बहुत गर्व है।" कांग्रेस पार्टी ने कहा, "आज हम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और हमारे देश के सबसे मजबूत नेताओं में से एक का सम्मान करते हैं।" पार्टी ने ट्वीट कर कहा, "उनके नेतृत्व में हमारा देश ने महान जीत, अद्भुत विकास और सबसे महत्वपूर्ण समाज के सभी वर्गो का उत्थान देखा है।" 09:26 (IST)31 Oct 2018 1991 में मरणोपरांत मिला था भारत रत्‍न सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 09:05 (IST)31 Oct 2018 अंग्रेजों ने कई बार जेल में डाला वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान पटेल को तीन महीने की जेल हुई। मार्च 1931 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन की अध्यक्षता की। जनवरी, 1932 में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया। जुलाई, 1934 में वह रिहा हुए और 1937 के चुनावों में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के संगठन को व्यवस्थित किया। 08:52 (IST)31 Oct 2018 राजनाथ सिंह ने 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरदार पटेल की जयंती के मौके पर दिल्ली में 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई। पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित जफर इकबाल, पांच बार वर्ल्‍ड बॉक्सिंग चैम्पियन मैरी कॉम, जिमनास्टिक और ओलम्पिक मेडेलिस्ट दीपा करमाकर भी मौजूद रहे। राजनाथ ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर मेजर ध्यान चंद स्टेडियम से इस दौड़ को हरी झंडी दिखाई। इस एक किलोमीटर तक की दौड़ में सात से 70 साल की उम्र के बीच के हजारों ने हिस्सा लिया। यह दौड़ इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर समाप्त होगी। यह दिन एकता, अखंडता और सुरक्षा को समर्पित है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, हरदीप सिंह पुरी और आर.के.सिंह भी मौजूद रहे। 08:33 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने किया इंडियन सिविल सर्विसेज का भारतीयकरण गृहमंत्री के रूप में वल्‍लभ भाई पटेल पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (आईसीएस) का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आईएएस) बनाया। अंग्रेजों की सेवा करने वालों में विश्वास भरकर उन्हें राजभक्ति से देशभक्ति की ओर मोड़ा। यदि सरदार पटेल कुछ वर्ष जीवित रहते तो संभवत: नौकरशाही का पूर्ण कायाकल्प हो जाता। 08:14 (IST)31 Oct 2018 जब सरदार पटेल नहीं बन पाए कांग्रेस अध्‍यक्ष… सरदार पटेल क्रांतिकारी नहीं थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में सरदार पटेल, महात्मा गांधी के बाद अध्यक्ष पद के दूसरे उम्मीदवार थे। गांधीजी ने स्वाधीनता के प्रस्ताव को स्वीकृत होने से रोकने के प्रयास में अध्यक्ष पद की दावेदारी छोड़ दी और पटेल पर भी नाम वापस लेने के लिए दबाव डाला। अंतत: जवाहरलाल नेहरू अध्यक्ष बने। सन् 1937-1938 में पटेल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार थे। एक बार फिर गांधीजी के दबाव में पटेल को अपना नाम वापस लेना पड़ा और जवाहरलाल नेहरू निर्वाचित हुए। 07:57 (IST)31 Oct 2018 मोदी का लेख : देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले आधुनिक भारत के निर्माता को विशेष श्रद्धांजलि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटेल जयंती पर ट्वीट किया है, ''देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।'' उन्‍होंने आज अखबारों में एक लेख भी लिखा है जिसे आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं। 07:44 (IST)31 Oct 2018 जब पाकिस्तान के पहुंचने से पहले सरदार पटेल ने लक्षद्वीप में फहरवा दिया था तिरंगा लक्षद्वीप को भारत में मिलाने में भी सरदार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। दरअसल, यह देश का एक ऐसा हिस्सा था जो मुख्यधारा से काफी कटा हुआ था। यहां के लोगों को भारत के स्वतंत्र होने की सूचना ही 15 अगस्त 1947 के कई दिनों बाद मिली। पाकिस्तान से काफी दूर होने के बावजूद भी वह भारत के इस हिस्से पर अपना दावा कर सकता था। तब पाकिस्तानी नौसेना के जहाज लक्षद्वीप के आस-पास मंडराते हुए देखे भी गए थे। लेकिन, इससे पहले कि पाकिस्तान इस हिस्से पर अपना ध्वज फहराए, सरदार ने होशियारी से काम लेते हुए लक्षद्वीप में भारतीय नौसेना का एक जहाज तिरंगा फहराने के लिए भेज दिया। भारतीय नौसेना ने समय रहते द्वीप पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया। पढ़ें पूरा प्रसंग 07:23 (IST)31 Oct 2018 PHOTOS: जानें Statue of Unity की खासियत कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टर्बो द्वारा बनाई गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना को दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था जिसे 42 महीनों को अंदर पूरा किया जाना था। लेकिन इसकी डिजाइन के काम के कारण इसके निर्माण की अवधि को और चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपानी ने अपने सोशल अकाउंट पर ''स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी'' की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। तस्‍वीरें देखें और जानें कि इस प्रोजेक्‍ट की खासियतें क्‍या हैं। देखें गैलरी

वृश्चिक

एकाकी जन आज किसी से मिलेंगे जो उनके जीवन में नए सकारात्मक बदलाव लाएगा। छात्रों के लिए आज अनुकूल दिन नहीं हैं। वे अपने दोस्तों के साथ बहस कर समय बर्बाद कर सकते हैं। आज खिलाड़ियों को अपने-अपने क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए पुरस्कार मिलने की संभावना बताई जाती है। उन्हें आज जीवनगौरव पुरस्कार भी… Live Blog Highlights 13:23 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने इन प्रतिमाओं को छोड़ा पीछे सरदार की यह प्रतिमा इससे पहले तक दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है। चीनी प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है। इतना ही नहीं, यह  न्यूयॉर्क स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से भी लगभग दोगुना बड़ी है। विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के टापू पर बनी इस मूर्ति को बनाने में तकरीबन 2389 करोड़ रुपए का खर्च आया है। 13:01 (IST)31 Oct 2018 मोदी सरकार ने राष्ट्रीय एकता दिवस में मनाना शुरू की पटेल की जयंती सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 12:42 (IST)31 Oct 2018 म्यूजियम-ऑडियो गैलरी भी गए PM केवड़िया में पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य गणमान्य व्यक्ति व मेहमान अनावरण के बाद म्यूजियम और ऑडियो विजुअल गैलरी पहुंचे, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत कॉम्पलेक्स' में स्थित है। 12:21 (IST)31 Oct 2018 VIDEO: PM ने पटेल को यूं दी श्रद्धांजलि #WATCH: Prime Minister Narendra Modi pays tribute to Sardar Vallabhbhai Patel in Gujarat's Kevadiya on his 143rd birth anniversary. #StatueOfUnity pic.twitter.com/AkVXNegfv0 — ANI (@ANI) October 31, 2018 स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण करने के बाद पीएम ने सरदार की प्रतिमा के पास जाकर उस पर जल और पुष्प भी चढ़ाए। देखिए, कैसे उन्होंने देश के पहले गृहमंत्री को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने इससे पहले यहां पर वॉल ऑफ यूनिटी का अनावरण किया।   12:07 (IST)31 Oct 2018 देश को बांटने की कोशिशों से रहें सतर्क : पीएम आज देश के लिए सोचने वाले युवाओं की शक्ति हमारे पास है। देश के विकास के लिए, यही एक रास्ता है, जिसको लेकर हमें आगे बढ़ना है। देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाए रखना, एक ऐसा दायित्व है, जो सरदार साहब हमें देकर गए हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की हर तरह की कोशिश का पुरजोर जवाब दें। इसलिए हमें हर तरह से सतर्क रहना है। समाज के तौर पर एकजुट रहना है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:55 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी ने गिनाई अपनी सरकार की योजनाएं हम देश के हर बेघर को पक्का घर देने की भगीरथ योजना पर काम कर रहे हैं। हमने उन 18 हजार गावों तक बिजली पहुंचाई है, जहां आजादी के इतने वर्षों के बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी। हमारी सरकार सौभाग्य योजना के तहत देश के हर घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए काम कर रही है। देश के हर गांव को सड़क से जोड़ने, डिजिटल कनेक्टिविटी से जोड़ने का काम भी तेज गति से किया जा रहा है। देश में आज हर घर में गैस कनेक्शन पहुंचाने के प्रयास के साथ ही देश के हर घर में शौचालय की सुविधा पहुंचाने पर काम हो रहा है। : प्रधानमंत्री मोदी 11:38 (IST)31 Oct 2018 हमारी मुहिम को लोग राजनीति से जोड़कर देखते हैं : पीएम मोदी सरदार साहब के दर्शन करने आने वाले टूरिस्ट सरदार सरोवर डैम, सतपुड़ा और विंध्य के पर्वतों के दर्शन भी कर पाएंगे। कई बार तो मैं हैरान रह जाता हूं, जब देश में ही कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति से जोड़कर देखते हैं। सरदार पटेल जैसे महापुरुषों, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है। ऐसा अनुभव कराया जाता है मानो हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है। सरदार पटेल चाहते थे कि भारत सशक्त, सुदृढ़, संवेदनशील, सतर्क और समावेशी बने। हमारे सारे प्रयास उनके इसी सपने को साकार करने की दिशा में हो रहे हैं। : प्रधानमंत्री मोदी 11:34 (IST)31 Oct 2018 सहकारी आंदोलन सरदार पटेल की देन : मोदी आज का सहकारी आंदोलन जो देश के अनेक गांवों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन चुका है, ये सरदार साहब की ही देन है। सरदार पटेल का ये स्मारक उनके प्रति करोड़ों भारतीयों के सम्मान, हमारे सामर्थ्य, का प्रतीक तो है ही, ये देश की अर्थव्यवस्था, रोज़गार निर्माण का भी महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है। इससे हज़ारों आदिवासी बहन-भाइयों को हर वर्ष सीधा रोज़गार मिलने वाला है। सतपुड़ा और विंध्य के इस अंचल में बसे आप सभी जनों को प्रकृति ने जो कुछ भी सौंपा है, वो अब आधुनिक रूप में आपके काम आने वाला है। देश ने जिन जंगलों के बारे में कविताओं के जरिए पढ़ा, अब उन जंगलों, उन आदिवासी परंपराओं से पूरी दुनिया प्रत्यक्ष साक्षात्कार करने वाली है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:28 (IST)31 Oct 2018 इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का प्रतीक है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हमारे इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का भी प्रतीक है। बीते करीब साढ़े तीन वर्षों में हर रोज़ कामगारों ने, शिल्पकारों ने मिशन मोड पर काम किया है। राम सुतार जी की अगुवाई में देश के अद्भुत शिल्पकारों की टीम ने कला के इस गौरवशाली स्मारक को पूरा किया है। आज जो ये सफर एक पड़ाव तक पहुंचा है, उसकी यात्रा 8 वर्ष पहले आज के ही दिन शुरु हुई थी। 31 अक्टूबर 2010 को अहमदाबाद में मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था। करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान आवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है। : प्रधानमंत्री 11:25 (IST)31 Oct 2018 ये प्रतिमा न्‍यू इंडिया के आत्‍मविश्‍वास की अभिव्‍यक्ति : पीएम मोदी ''ये प्रतिमा, सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और परमार्थ की भावना का प्रकटीकरण है। ये प्रतिमा उनके सामर्थ्य और समर्पण का सम्मान तो है ही, ये न्‍यू इंडिया, नए भारत के नए आत्मविश्वास की भी अभिव्यक्ति है। ये प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को ये याद दिलाने के लिए है कि ये राष्ट्र शाश्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहेगा। ये ऊंचाई, ये बुलंदी भारत के युवाओं को ये याद दिलाने के लिए है कि भविष्य का भारत आपकी आकांक्षाओं का है, जो इतनी ही विराट हैं। इन आकांक्षाओं को पूरा करने का सामर्थ्य और मंत्र सिर्फ और सिर्फ एक ही है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत।'' 11:19 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार न होते तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी'' सरदार साहब ने संकल्प न लिया होता, तो आज गीर के शेर को देखने के लिए, सोमनाथ में पूजा करने के लिए और हैदराबाद चार मीनार को देखने के लिए हमें वीज़ा लेना पड़ता। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो सिविल सेवा जैसा प्रशासनिक ढांचा खड़ा करने में हमें बहुत मुश्किल होती। देश के लोकतंत्र से सामान्य जन को जोड़ने के लिए वो हमेशा समर्पित रहे। महिलाओं को भारत की राजनीति में सक्रिय योगदान का अधिकार देने के पीछे भी सरदार पटेल का बहुत बड़ा रोल रहा है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:12 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार पटेल ने देश को रास्‍ता दिखाया'' जिस कमज़ोरी पर दुनिया हमें उस समय ताने दे रही थी, उसी को ताकत बनाते हुए सरदार पटेल ने देश को रास्ता दिखाया। उसी रास्ते पर चलते हुए संशय में घिरा वो भारत आज दुनिया से अपनी शर्तों पर संवाद कर रहा है, दुनिया की बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। कच्छ से कोहिमा तक, करगिल से कन्याकुमारी तक आज अगर बेरोकटोक हम जा पा रहे हैं तो ये सरदार साहब की वजह से, उनके संकल्प से ही संभव हो पाया है। : प्रधानमंत्री #WATCH: Prime Minister Narendra Modi says, "if it was not for Sardar Sahab's resolve, then we Indians would have to take visa to see the Gir lions, pray at Somnath, or to see Hyderabad's Charminar". #StatueOfUnity pic.twitter.com/RfAu3tOSyu — ANI (@ANI) October 31, 2018 11:09 (IST)31 Oct 2018 सैकड़ों रजवाड़ों के त्‍याग को नहीं भूलना चाहिए : पीएम मोदी ''सरदार पटेल ने 5 जुलाई, 1947 को रियासतों को संबोधित करते हुए कहा था कि- ''विदेशी आक्रांताओं के सामने हमारे आपसी झगड़े, आपसी दुश्मनी, वैर का भाव, हमारी हार की बड़ी वजह थी। अब हमें इस गलती को नहीं दोहराना है और न ही दोबारा किसी का गुलाम होना है। सरदार साहब के इसी संवाद से, एकीकरण की शक्ति को समझते हुए उन्होंने अपने राज्यों का विलय कर दिया। देखते ही देखते, भारत एक हो गया। सरदार साहब के आह्वान पर देश के सैकड़ों रजवाड़ों ने त्याग की मिसाल कायम की थी। हमें इस त्याग को भी कभी नहीं भूलना चाहिए।'' 11:04 (IST)31 Oct 2018 "सरदार में था कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश" सरदार साहब का सामर्थ्य तब भारत के काम आया था जब मां भारती साढ़े पांच सौ से ज्यादा रियासतों में बंटी थी। दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति घोर निराशा थी। निराशावादियों को लगता था कि भारत अपनी विविधताओं की वजह से ही बिखर जाएगा। सरदार पटेल में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश था। : प्रधानमंत्री 11:00 (IST)31 Oct 2018 ''यह प्रतिमा सरदार साहब के संकल्‍प की याद दिलाती रहेगी'' आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तब भारत ने न सिर्फ अपने लिए एक नया इतिहास रचा है, बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा का गगनचुम्बी आधार भी रखा है। दुनिया की ये सबसे उंची प्रतिमा पूरी दुनिया और हमारी भावी पीढ़ियों को सरदार साहब के साहस, सामर्थ और संकल्प की याद दिलाती रहेगी। : प्रधानमंत्री मोदी 10:54 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी को सौंपा गया हथौड़ा स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी बनाने के लिए 'लोहा कैंपेन' के दौरान किसानों से प्राप्त पहला लौह औजार हथौड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा गया। उन्‍होंने कहा, ''आज भारत के वर्तमान ने अपने इतिहास के एक स्वर्णिम पृष्ठ को उजागर करने का काम किया है।'' 10:42 (IST)31 Oct 2018 सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन इस अवसर पर गुजरात पुलिस, सशस्त्र और अर्द्धसैनिक बलों के बैंड सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। इस मौके पर 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकार नृत्य और संगीत की प्रस्तुति देंगे। इस दौरान कई आकर्षण होंगे जिनमें 17 किलोमीटर लंबी फूलों की घाटी का उद्घाटन, प्रतिमा के पास पर्यटकों के लिए तंबुओं के शहर और पटेल के जीवन पर आधारित संग्रहालय का लोकार्पण भी शामिल है। #WATCH: Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity inaugurated by Prime Minister Narendra Modi in Gujarat's Kevadiya pic.twitter.com/APnxyFACFT — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:34 (IST)31 Oct 2018 कार्यक्रम शुरू, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण मोदी द्वारा प्रतिमा के अनावरण के बाद वायु सेना के तीन विमान वहां उड़ान भरेंगे और भगवा, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरेंगे। पटेल की प्रतिमा के पास मोदी ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का भी उद्घाटन करेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार उस समय तीन जगुआर लड़ाकू विमान काफी नीचे से उड़ान भरते हुए जाएंगे। ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन करने के बाद मोदी पटेल को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे जिनकी 31 अक्टूबर को जयंती भी है। इसी दौरान दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर प्रतिमा पर पुष्पवर्षा करेंगे। PM Narendra Modi inaugurates Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity pic.twitter.com/c3wfzLBkH4 — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:30 (IST)31 Oct 2018 …तो देश के पहले प्रधानमंत्री होते सरदार 1945-1946 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सरदार पटेल प्रमुख उम्मीदवार थे। लेकिन महात्मा गांधी ने एक बार फिर हस्तक्षेप करके जवाहरलाल नेहरू को अध्यक्ष बनवा दिया। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नेहरू को ब्रिटिश वाइसरॉय ने अंतरिम सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया। इस प्रकार यदि घटनाक्रम सामान्य रहता तो सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते। 10:07 (IST)31 Oct 2018 जब नेहरू ने नहीं मानी पटेल की बात, भारत ने गंवा दी 40 हजार वर्ग गज जमीन जब चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई ने जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखा कि वह तिब्बत को चीन का अंग मान लें तो पटेल ने नेहरू से आग्रह किया कि वह तिब्बत पर चीन का प्रभुत्व कतई न स्वीकारें, अन्यथा चीन भारत के लिए खतरनाक सिद्ध होगा। जवाहरलाल नेहरू नहीं माने, बस इसी भूल के कारण हमें चीन से पिटना पड़ा और चीन ने हमारी सीमा की 40 हजार वर्ग गज भूमि पर कब्जा कर लिया। 09:45 (IST)31 Oct 2018 इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर मनमोहन, सोनिया, राहुल ने श्रद्धांजलि दी आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि भी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को स्मारक शक्ति स्थल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "आज खुशी के साथ दादी को याद कर रहा हूं। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया और अपार प्यार दिया। उन्होंने अपने लोगों को बहुत कुछ दिया। मुझे उन पर बहुत गर्व है।" कांग्रेस पार्टी ने कहा, "आज हम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और हमारे देश के सबसे मजबूत नेताओं में से एक का सम्मान करते हैं।" पार्टी ने ट्वीट कर कहा, "उनके नेतृत्व में हमारा देश ने महान जीत, अद्भुत विकास और सबसे महत्वपूर्ण समाज के सभी वर्गो का उत्थान देखा है।" 09:26 (IST)31 Oct 2018 1991 में मरणोपरांत मिला था भारत रत्‍न सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 09:05 (IST)31 Oct 2018 अंग्रेजों ने कई बार जेल में डाला वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान पटेल को तीन महीने की जेल हुई। मार्च 1931 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन की अध्यक्षता की। जनवरी, 1932 में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया। जुलाई, 1934 में वह रिहा हुए और 1937 के चुनावों में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के संगठन को व्यवस्थित किया। 08:52 (IST)31 Oct 2018 राजनाथ सिंह ने 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरदार पटेल की जयंती के मौके पर दिल्ली में 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई। पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित जफर इकबाल, पांच बार वर्ल्‍ड बॉक्सिंग चैम्पियन मैरी कॉम, जिमनास्टिक और ओलम्पिक मेडेलिस्ट दीपा करमाकर भी मौजूद रहे। राजनाथ ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर मेजर ध्यान चंद स्टेडियम से इस दौड़ को हरी झंडी दिखाई। इस एक किलोमीटर तक की दौड़ में सात से 70 साल की उम्र के बीच के हजारों ने हिस्सा लिया। यह दौड़ इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर समाप्त होगी। यह दिन एकता, अखंडता और सुरक्षा को समर्पित है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, हरदीप सिंह पुरी और आर.के.सिंह भी मौजूद रहे। 08:33 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने किया इंडियन सिविल सर्विसेज का भारतीयकरण गृहमंत्री के रूप में वल्‍लभ भाई पटेल पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (आईसीएस) का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आईएएस) बनाया। अंग्रेजों की सेवा करने वालों में विश्वास भरकर उन्हें राजभक्ति से देशभक्ति की ओर मोड़ा। यदि सरदार पटेल कुछ वर्ष जीवित रहते तो संभवत: नौकरशाही का पूर्ण कायाकल्प हो जाता। 08:14 (IST)31 Oct 2018 जब सरदार पटेल नहीं बन पाए कांग्रेस अध्‍यक्ष… सरदार पटेल क्रांतिकारी नहीं थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में सरदार पटेल, महात्मा गांधी के बाद अध्यक्ष पद के दूसरे उम्मीदवार थे। गांधीजी ने स्वाधीनता के प्रस्ताव को स्वीकृत होने से रोकने के प्रयास में अध्यक्ष पद की दावेदारी छोड़ दी और पटेल पर भी नाम वापस लेने के लिए दबाव डाला। अंतत: जवाहरलाल नेहरू अध्यक्ष बने। सन् 1937-1938 में पटेल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार थे। एक बार फिर गांधीजी के दबाव में पटेल को अपना नाम वापस लेना पड़ा और जवाहरलाल नेहरू निर्वाचित हुए। 07:57 (IST)31 Oct 2018 मोदी का लेख : देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले आधुनिक भारत के निर्माता को विशेष श्रद्धांजलि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटेल जयंती पर ट्वीट किया है, ''देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।'' उन्‍होंने आज अखबारों में एक लेख भी लिखा है जिसे आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं। 07:44 (IST)31 Oct 2018 जब पाकिस्तान के पहुंचने से पहले सरदार पटेल ने लक्षद्वीप में फहरवा दिया था तिरंगा लक्षद्वीप को भारत में मिलाने में भी सरदार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। दरअसल, यह देश का एक ऐसा हिस्सा था जो मुख्यधारा से काफी कटा हुआ था। यहां के लोगों को भारत के स्वतंत्र होने की सूचना ही 15 अगस्त 1947 के कई दिनों बाद मिली। पाकिस्तान से काफी दूर होने के बावजूद भी वह भारत के इस हिस्से पर अपना दावा कर सकता था। तब पाकिस्तानी नौसेना के जहाज लक्षद्वीप के आस-पास मंडराते हुए देखे भी गए थे। लेकिन, इससे पहले कि पाकिस्तान इस हिस्से पर अपना ध्वज फहराए, सरदार ने होशियारी से काम लेते हुए लक्षद्वीप में भारतीय नौसेना का एक जहाज तिरंगा फहराने के लिए भेज दिया। भारतीय नौसेना ने समय रहते द्वीप पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया। पढ़ें पूरा प्रसंग 07:23 (IST)31 Oct 2018 PHOTOS: जानें Statue of Unity की खासियत कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टर्बो द्वारा बनाई गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना को दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था जिसे 42 महीनों को अंदर पूरा किया जाना था। लेकिन इसकी डिजाइन के काम के कारण इसके निर्माण की अवधि को और चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपानी ने अपने सोशल अकाउंट पर ''स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी'' की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। तस्‍वीरें देखें और जानें कि इस प्रोजेक्‍ट की खासियतें क्‍या हैं। देखें गैलरी

धनु

आज आप अपने पुराने रिश्ते को सुधारने की दिशा में क़दम उठाएंगे। ठंडी हवा और शीत पेय आदि से प्रभावित होने वाले बच्चों को इन चीजों से दूर रखें। मौसम के कारण उनका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। जो लोग काम की तलाश में हैं उन्हें संकोच और शर्म छोड़ कर निशंक होकर दूसरों से मदत… Live Blog Highlights 13:23 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने इन प्रतिमाओं को छोड़ा पीछे सरदार की यह प्रतिमा इससे पहले तक दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है। चीनी प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है। इतना ही नहीं, यह  न्यूयॉर्क स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से भी लगभग दोगुना बड़ी है। विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के टापू पर बनी इस मूर्ति को बनाने में तकरीबन 2389 करोड़ रुपए का खर्च आया है। 13:01 (IST)31 Oct 2018 मोदी सरकार ने राष्ट्रीय एकता दिवस में मनाना शुरू की पटेल की जयंती सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 12:42 (IST)31 Oct 2018 म्यूजियम-ऑडियो गैलरी भी गए PM केवड़िया में पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य गणमान्य व्यक्ति व मेहमान अनावरण के बाद म्यूजियम और ऑडियो विजुअल गैलरी पहुंचे, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत कॉम्पलेक्स' में स्थित है। 12:21 (IST)31 Oct 2018 VIDEO: PM ने पटेल को यूं दी श्रद्धांजलि #WATCH: Prime Minister Narendra Modi pays tribute to Sardar Vallabhbhai Patel in Gujarat's Kevadiya on his 143rd birth anniversary. #StatueOfUnity pic.twitter.com/AkVXNegfv0 — ANI (@ANI) October 31, 2018 स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण करने के बाद पीएम ने सरदार की प्रतिमा के पास जाकर उस पर जल और पुष्प भी चढ़ाए। देखिए, कैसे उन्होंने देश के पहले गृहमंत्री को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने इससे पहले यहां पर वॉल ऑफ यूनिटी का अनावरण किया।   12:07 (IST)31 Oct 2018 देश को बांटने की कोशिशों से रहें सतर्क : पीएम आज देश के लिए सोचने वाले युवाओं की शक्ति हमारे पास है। देश के विकास के लिए, यही एक रास्ता है, जिसको लेकर हमें आगे बढ़ना है। देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाए रखना, एक ऐसा दायित्व है, जो सरदार साहब हमें देकर गए हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की हर तरह की कोशिश का पुरजोर जवाब दें। इसलिए हमें हर तरह से सतर्क रहना है। समाज के तौर पर एकजुट रहना है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:55 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी ने गिनाई अपनी सरकार की योजनाएं हम देश के हर बेघर को पक्का घर देने की भगीरथ योजना पर काम कर रहे हैं। हमने उन 18 हजार गावों तक बिजली पहुंचाई है, जहां आजादी के इतने वर्षों के बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी। हमारी सरकार सौभाग्य योजना के तहत देश के हर घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए काम कर रही है। देश के हर गांव को सड़क से जोड़ने, डिजिटल कनेक्टिविटी से जोड़ने का काम भी तेज गति से किया जा रहा है। देश में आज हर घर में गैस कनेक्शन पहुंचाने के प्रयास के साथ ही देश के हर घर में शौचालय की सुविधा पहुंचाने पर काम हो रहा है। : प्रधानमंत्री मोदी 11:38 (IST)31 Oct 2018 हमारी मुहिम को लोग राजनीति से जोड़कर देखते हैं : पीएम मोदी सरदार साहब के दर्शन करने आने वाले टूरिस्ट सरदार सरोवर डैम, सतपुड़ा और विंध्य के पर्वतों के दर्शन भी कर पाएंगे। कई बार तो मैं हैरान रह जाता हूं, जब देश में ही कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति से जोड़कर देखते हैं। सरदार पटेल जैसे महापुरुषों, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है। ऐसा अनुभव कराया जाता है मानो हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है। सरदार पटेल चाहते थे कि भारत सशक्त, सुदृढ़, संवेदनशील, सतर्क और समावेशी बने। हमारे सारे प्रयास उनके इसी सपने को साकार करने की दिशा में हो रहे हैं। : प्रधानमंत्री मोदी 11:34 (IST)31 Oct 2018 सहकारी आंदोलन सरदार पटेल की देन : मोदी आज का सहकारी आंदोलन जो देश के अनेक गांवों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन चुका है, ये सरदार साहब की ही देन है। सरदार पटेल का ये स्मारक उनके प्रति करोड़ों भारतीयों के सम्मान, हमारे सामर्थ्य, का प्रतीक तो है ही, ये देश की अर्थव्यवस्था, रोज़गार निर्माण का भी महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है। इससे हज़ारों आदिवासी बहन-भाइयों को हर वर्ष सीधा रोज़गार मिलने वाला है। सतपुड़ा और विंध्य के इस अंचल में बसे आप सभी जनों को प्रकृति ने जो कुछ भी सौंपा है, वो अब आधुनिक रूप में आपके काम आने वाला है। देश ने जिन जंगलों के बारे में कविताओं के जरिए पढ़ा, अब उन जंगलों, उन आदिवासी परंपराओं से पूरी दुनिया प्रत्यक्ष साक्षात्कार करने वाली है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:28 (IST)31 Oct 2018 इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का प्रतीक है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हमारे इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का भी प्रतीक है। बीते करीब साढ़े तीन वर्षों में हर रोज़ कामगारों ने, शिल्पकारों ने मिशन मोड पर काम किया है। राम सुतार जी की अगुवाई में देश के अद्भुत शिल्पकारों की टीम ने कला के इस गौरवशाली स्मारक को पूरा किया है। आज जो ये सफर एक पड़ाव तक पहुंचा है, उसकी यात्रा 8 वर्ष पहले आज के ही दिन शुरु हुई थी। 31 अक्टूबर 2010 को अहमदाबाद में मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था। करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान आवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है। : प्रधानमंत्री 11:25 (IST)31 Oct 2018 ये प्रतिमा न्‍यू इंडिया के आत्‍मविश्‍वास की अभिव्‍यक्ति : पीएम मोदी ''ये प्रतिमा, सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और परमार्थ की भावना का प्रकटीकरण है। ये प्रतिमा उनके सामर्थ्य और समर्पण का सम्मान तो है ही, ये न्‍यू इंडिया, नए भारत के नए आत्मविश्वास की भी अभिव्यक्ति है। ये प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को ये याद दिलाने के लिए है कि ये राष्ट्र शाश्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहेगा। ये ऊंचाई, ये बुलंदी भारत के युवाओं को ये याद दिलाने के लिए है कि भविष्य का भारत आपकी आकांक्षाओं का है, जो इतनी ही विराट हैं। इन आकांक्षाओं को पूरा करने का सामर्थ्य और मंत्र सिर्फ और सिर्फ एक ही है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत।'' 11:19 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार न होते तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी'' सरदार साहब ने संकल्प न लिया होता, तो आज गीर के शेर को देखने के लिए, सोमनाथ में पूजा करने के लिए और हैदराबाद चार मीनार को देखने के लिए हमें वीज़ा लेना पड़ता। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो सिविल सेवा जैसा प्रशासनिक ढांचा खड़ा करने में हमें बहुत मुश्किल होती। देश के लोकतंत्र से सामान्य जन को जोड़ने के लिए वो हमेशा समर्पित रहे। महिलाओं को भारत की राजनीति में सक्रिय योगदान का अधिकार देने के पीछे भी सरदार पटेल का बहुत बड़ा रोल रहा है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:12 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार पटेल ने देश को रास्‍ता दिखाया'' जिस कमज़ोरी पर दुनिया हमें उस समय ताने दे रही थी, उसी को ताकत बनाते हुए सरदार पटेल ने देश को रास्ता दिखाया। उसी रास्ते पर चलते हुए संशय में घिरा वो भारत आज दुनिया से अपनी शर्तों पर संवाद कर रहा है, दुनिया की बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। कच्छ से कोहिमा तक, करगिल से कन्याकुमारी तक आज अगर बेरोकटोक हम जा पा रहे हैं तो ये सरदार साहब की वजह से, उनके संकल्प से ही संभव हो पाया है। : प्रधानमंत्री #WATCH: Prime Minister Narendra Modi says, "if it was not for Sardar Sahab's resolve, then we Indians would have to take visa to see the Gir lions, pray at Somnath, or to see Hyderabad's Charminar". #StatueOfUnity pic.twitter.com/RfAu3tOSyu — ANI (@ANI) October 31, 2018 11:09 (IST)31 Oct 2018 सैकड़ों रजवाड़ों के त्‍याग को नहीं भूलना चाहिए : पीएम मोदी ''सरदार पटेल ने 5 जुलाई, 1947 को रियासतों को संबोधित करते हुए कहा था कि- ''विदेशी आक्रांताओं के सामने हमारे आपसी झगड़े, आपसी दुश्मनी, वैर का भाव, हमारी हार की बड़ी वजह थी। अब हमें इस गलती को नहीं दोहराना है और न ही दोबारा किसी का गुलाम होना है। सरदार साहब के इसी संवाद से, एकीकरण की शक्ति को समझते हुए उन्होंने अपने राज्यों का विलय कर दिया। देखते ही देखते, भारत एक हो गया। सरदार साहब के आह्वान पर देश के सैकड़ों रजवाड़ों ने त्याग की मिसाल कायम की थी। हमें इस त्याग को भी कभी नहीं भूलना चाहिए।'' 11:04 (IST)31 Oct 2018 "सरदार में था कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश" सरदार साहब का सामर्थ्य तब भारत के काम आया था जब मां भारती साढ़े पांच सौ से ज्यादा रियासतों में बंटी थी। दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति घोर निराशा थी। निराशावादियों को लगता था कि भारत अपनी विविधताओं की वजह से ही बिखर जाएगा। सरदार पटेल में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश था। : प्रधानमंत्री 11:00 (IST)31 Oct 2018 ''यह प्रतिमा सरदार साहब के संकल्‍प की याद दिलाती रहेगी'' आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तब भारत ने न सिर्फ अपने लिए एक नया इतिहास रचा है, बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा का गगनचुम्बी आधार भी रखा है। दुनिया की ये सबसे उंची प्रतिमा पूरी दुनिया और हमारी भावी पीढ़ियों को सरदार साहब के साहस, सामर्थ और संकल्प की याद दिलाती रहेगी। : प्रधानमंत्री मोदी 10:54 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी को सौंपा गया हथौड़ा स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी बनाने के लिए 'लोहा कैंपेन' के दौरान किसानों से प्राप्त पहला लौह औजार हथौड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा गया। उन्‍होंने कहा, ''आज भारत के वर्तमान ने अपने इतिहास के एक स्वर्णिम पृष्ठ को उजागर करने का काम किया है।'' 10:42 (IST)31 Oct 2018 सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन इस अवसर पर गुजरात पुलिस, सशस्त्र और अर्द्धसैनिक बलों के बैंड सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। इस मौके पर 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकार नृत्य और संगीत की प्रस्तुति देंगे। इस दौरान कई आकर्षण होंगे जिनमें 17 किलोमीटर लंबी फूलों की घाटी का उद्घाटन, प्रतिमा के पास पर्यटकों के लिए तंबुओं के शहर और पटेल के जीवन पर आधारित संग्रहालय का लोकार्पण भी शामिल है। #WATCH: Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity inaugurated by Prime Minister Narendra Modi in Gujarat's Kevadiya pic.twitter.com/APnxyFACFT — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:34 (IST)31 Oct 2018 कार्यक्रम शुरू, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण मोदी द्वारा प्रतिमा के अनावरण के बाद वायु सेना के तीन विमान वहां उड़ान भरेंगे और भगवा, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरेंगे। पटेल की प्रतिमा के पास मोदी ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का भी उद्घाटन करेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार उस समय तीन जगुआर लड़ाकू विमान काफी नीचे से उड़ान भरते हुए जाएंगे। ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन करने के बाद मोदी पटेल को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे जिनकी 31 अक्टूबर को जयंती भी है। इसी दौरान दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर प्रतिमा पर पुष्पवर्षा करेंगे। PM Narendra Modi inaugurates Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity pic.twitter.com/c3wfzLBkH4 — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:30 (IST)31 Oct 2018 …तो देश के पहले प्रधानमंत्री होते सरदार 1945-1946 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सरदार पटेल प्रमुख उम्मीदवार थे। लेकिन महात्मा गांधी ने एक बार फिर हस्तक्षेप करके जवाहरलाल नेहरू को अध्यक्ष बनवा दिया। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नेहरू को ब्रिटिश वाइसरॉय ने अंतरिम सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया। इस प्रकार यदि घटनाक्रम सामान्य रहता तो सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते। 10:07 (IST)31 Oct 2018 जब नेहरू ने नहीं मानी पटेल की बात, भारत ने गंवा दी 40 हजार वर्ग गज जमीन जब चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई ने जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखा कि वह तिब्बत को चीन का अंग मान लें तो पटेल ने नेहरू से आग्रह किया कि वह तिब्बत पर चीन का प्रभुत्व कतई न स्वीकारें, अन्यथा चीन भारत के लिए खतरनाक सिद्ध होगा। जवाहरलाल नेहरू नहीं माने, बस इसी भूल के कारण हमें चीन से पिटना पड़ा और चीन ने हमारी सीमा की 40 हजार वर्ग गज भूमि पर कब्जा कर लिया। 09:45 (IST)31 Oct 2018 इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर मनमोहन, सोनिया, राहुल ने श्रद्धांजलि दी आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि भी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को स्मारक शक्ति स्थल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "आज खुशी के साथ दादी को याद कर रहा हूं। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया और अपार प्यार दिया। उन्होंने अपने लोगों को बहुत कुछ दिया। मुझे उन पर बहुत गर्व है।" कांग्रेस पार्टी ने कहा, "आज हम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और हमारे देश के सबसे मजबूत नेताओं में से एक का सम्मान करते हैं।" पार्टी ने ट्वीट कर कहा, "उनके नेतृत्व में हमारा देश ने महान जीत, अद्भुत विकास और सबसे महत्वपूर्ण समाज के सभी वर्गो का उत्थान देखा है।" 09:26 (IST)31 Oct 2018 1991 में मरणोपरांत मिला था भारत रत्‍न सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 09:05 (IST)31 Oct 2018 अंग्रेजों ने कई बार जेल में डाला वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान पटेल को तीन महीने की जेल हुई। मार्च 1931 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन की अध्यक्षता की। जनवरी, 1932 में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया। जुलाई, 1934 में वह रिहा हुए और 1937 के चुनावों में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के संगठन को व्यवस्थित किया। 08:52 (IST)31 Oct 2018 राजनाथ सिंह ने 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरदार पटेल की जयंती के मौके पर दिल्ली में 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई। पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित जफर इकबाल, पांच बार वर्ल्‍ड बॉक्सिंग चैम्पियन मैरी कॉम, जिमनास्टिक और ओलम्पिक मेडेलिस्ट दीपा करमाकर भी मौजूद रहे। राजनाथ ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर मेजर ध्यान चंद स्टेडियम से इस दौड़ को हरी झंडी दिखाई। इस एक किलोमीटर तक की दौड़ में सात से 70 साल की उम्र के बीच के हजारों ने हिस्सा लिया। यह दौड़ इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर समाप्त होगी। यह दिन एकता, अखंडता और सुरक्षा को समर्पित है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, हरदीप सिंह पुरी और आर.के.सिंह भी मौजूद रहे। 08:33 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने किया इंडियन सिविल सर्विसेज का भारतीयकरण गृहमंत्री के रूप में वल्‍लभ भाई पटेल पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (आईसीएस) का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आईएएस) बनाया। अंग्रेजों की सेवा करने वालों में विश्वास भरकर उन्हें राजभक्ति से देशभक्ति की ओर मोड़ा। यदि सरदार पटेल कुछ वर्ष जीवित रहते तो संभवत: नौकरशाही का पूर्ण कायाकल्प हो जाता। 08:14 (IST)31 Oct 2018 जब सरदार पटेल नहीं बन पाए कांग्रेस अध्‍यक्ष… सरदार पटेल क्रांतिकारी नहीं थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में सरदार पटेल, महात्मा गांधी के बाद अध्यक्ष पद के दूसरे उम्मीदवार थे। गांधीजी ने स्वाधीनता के प्रस्ताव को स्वीकृत होने से रोकने के प्रयास में अध्यक्ष पद की दावेदारी छोड़ दी और पटेल पर भी नाम वापस लेने के लिए दबाव डाला। अंतत: जवाहरलाल नेहरू अध्यक्ष बने। सन् 1937-1938 में पटेल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार थे। एक बार फिर गांधीजी के दबाव में पटेल को अपना नाम वापस लेना पड़ा और जवाहरलाल नेहरू निर्वाचित हुए। 07:57 (IST)31 Oct 2018 मोदी का लेख : देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले आधुनिक भारत के निर्माता को विशेष श्रद्धांजलि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटेल जयंती पर ट्वीट किया है, ''देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।'' उन्‍होंने आज अखबारों में एक लेख भी लिखा है जिसे आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं। 07:44 (IST)31 Oct 2018 जब पाकिस्तान के पहुंचने से पहले सरदार पटेल ने लक्षद्वीप में फहरवा दिया था तिरंगा लक्षद्वीप को भारत में मिलाने में भी सरदार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। दरअसल, यह देश का एक ऐसा हिस्सा था जो मुख्यधारा से काफी कटा हुआ था। यहां के लोगों को भारत के स्वतंत्र होने की सूचना ही 15 अगस्त 1947 के कई दिनों बाद मिली। पाकिस्तान से काफी दूर होने के बावजूद भी वह भारत के इस हिस्से पर अपना दावा कर सकता था। तब पाकिस्तानी नौसेना के जहाज लक्षद्वीप के आस-पास मंडराते हुए देखे भी गए थे। लेकिन, इससे पहले कि पाकिस्तान इस हिस्से पर अपना ध्वज फहराए, सरदार ने होशियारी से काम लेते हुए लक्षद्वीप में भारतीय नौसेना का एक जहाज तिरंगा फहराने के लिए भेज दिया। भारतीय नौसेना ने समय रहते द्वीप पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया। पढ़ें पूरा प्रसंग 07:23 (IST)31 Oct 2018 PHOTOS: जानें Statue of Unity की खासियत कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टर्बो द्वारा बनाई गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना को दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था जिसे 42 महीनों को अंदर पूरा किया जाना था। लेकिन इसकी डिजाइन के काम के कारण इसके निर्माण की अवधि को और चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपानी ने अपने सोशल अकाउंट पर ''स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी'' की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। तस्‍वीरें देखें और जानें कि इस प्रोजेक्‍ट की खासियतें क्‍या हैं। देखें गैलरी

मकर

उत्सव के माहौल के रूप में परिवारों के लिए एक अच्छा दिन आता है और बहुत खुशीयां लाता है। शिक्षक और विद्यार्थी जो शैक्षणिक यात्रा पर जा रहे हों, उन्हें बहुत सजग रहने की आवश्यकता है। छोटी मोटी दुर्घटनाओं की संभावना है। जंगल, नदी, पहाड़ों से गुजरते समय सावधान रहें। आपकी व्यावसायिक नीतियाँ, कुशलता और… Live Blog Highlights 13:23 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने इन प्रतिमाओं को छोड़ा पीछे सरदार की यह प्रतिमा इससे पहले तक दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है। चीनी प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है। इतना ही नहीं, यह  न्यूयॉर्क स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से भी लगभग दोगुना बड़ी है। विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के टापू पर बनी इस मूर्ति को बनाने में तकरीबन 2389 करोड़ रुपए का खर्च आया है। 13:01 (IST)31 Oct 2018 मोदी सरकार ने राष्ट्रीय एकता दिवस में मनाना शुरू की पटेल की जयंती सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 12:42 (IST)31 Oct 2018 म्यूजियम-ऑडियो गैलरी भी गए PM केवड़िया में पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य गणमान्य व्यक्ति व मेहमान अनावरण के बाद म्यूजियम और ऑडियो विजुअल गैलरी पहुंचे, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत कॉम्पलेक्स' में स्थित है। 12:21 (IST)31 Oct 2018 VIDEO: PM ने पटेल को यूं दी श्रद्धांजलि #WATCH: Prime Minister Narendra Modi pays tribute to Sardar Vallabhbhai Patel in Gujarat's Kevadiya on his 143rd birth anniversary. #StatueOfUnity pic.twitter.com/AkVXNegfv0 — ANI (@ANI) October 31, 2018 स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण करने के बाद पीएम ने सरदार की प्रतिमा के पास जाकर उस पर जल और पुष्प भी चढ़ाए। देखिए, कैसे उन्होंने देश के पहले गृहमंत्री को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने इससे पहले यहां पर वॉल ऑफ यूनिटी का अनावरण किया।   12:07 (IST)31 Oct 2018 देश को बांटने की कोशिशों से रहें सतर्क : पीएम आज देश के लिए सोचने वाले युवाओं की शक्ति हमारे पास है। देश के विकास के लिए, यही एक रास्ता है, जिसको लेकर हमें आगे बढ़ना है। देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाए रखना, एक ऐसा दायित्व है, जो सरदार साहब हमें देकर गए हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की हर तरह की कोशिश का पुरजोर जवाब दें। इसलिए हमें हर तरह से सतर्क रहना है। समाज के तौर पर एकजुट रहना है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:55 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी ने गिनाई अपनी सरकार की योजनाएं हम देश के हर बेघर को पक्का घर देने की भगीरथ योजना पर काम कर रहे हैं। हमने उन 18 हजार गावों तक बिजली पहुंचाई है, जहां आजादी के इतने वर्षों के बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी। हमारी सरकार सौभाग्य योजना के तहत देश के हर घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए काम कर रही है। देश के हर गांव को सड़क से जोड़ने, डिजिटल कनेक्टिविटी से जोड़ने का काम भी तेज गति से किया जा रहा है। देश में आज हर घर में गैस कनेक्शन पहुंचाने के प्रयास के साथ ही देश के हर घर में शौचालय की सुविधा पहुंचाने पर काम हो रहा है। : प्रधानमंत्री मोदी 11:38 (IST)31 Oct 2018 हमारी मुहिम को लोग राजनीति से जोड़कर देखते हैं : पीएम मोदी सरदार साहब के दर्शन करने आने वाले टूरिस्ट सरदार सरोवर डैम, सतपुड़ा और विंध्य के पर्वतों के दर्शन भी कर पाएंगे। कई बार तो मैं हैरान रह जाता हूं, जब देश में ही कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति से जोड़कर देखते हैं। सरदार पटेल जैसे महापुरुषों, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है। ऐसा अनुभव कराया जाता है मानो हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है। सरदार पटेल चाहते थे कि भारत सशक्त, सुदृढ़, संवेदनशील, सतर्क और समावेशी बने। हमारे सारे प्रयास उनके इसी सपने को साकार करने की दिशा में हो रहे हैं। : प्रधानमंत्री मोदी 11:34 (IST)31 Oct 2018 सहकारी आंदोलन सरदार पटेल की देन : मोदी आज का सहकारी आंदोलन जो देश के अनेक गांवों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन चुका है, ये सरदार साहब की ही देन है। सरदार पटेल का ये स्मारक उनके प्रति करोड़ों भारतीयों के सम्मान, हमारे सामर्थ्य, का प्रतीक तो है ही, ये देश की अर्थव्यवस्था, रोज़गार निर्माण का भी महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है। इससे हज़ारों आदिवासी बहन-भाइयों को हर वर्ष सीधा रोज़गार मिलने वाला है। सतपुड़ा और विंध्य के इस अंचल में बसे आप सभी जनों को प्रकृति ने जो कुछ भी सौंपा है, वो अब आधुनिक रूप में आपके काम आने वाला है। देश ने जिन जंगलों के बारे में कविताओं के जरिए पढ़ा, अब उन जंगलों, उन आदिवासी परंपराओं से पूरी दुनिया प्रत्यक्ष साक्षात्कार करने वाली है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:28 (IST)31 Oct 2018 इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का प्रतीक है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हमारे इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का भी प्रतीक है। बीते करीब साढ़े तीन वर्षों में हर रोज़ कामगारों ने, शिल्पकारों ने मिशन मोड पर काम किया है। राम सुतार जी की अगुवाई में देश के अद्भुत शिल्पकारों की टीम ने कला के इस गौरवशाली स्मारक को पूरा किया है। आज जो ये सफर एक पड़ाव तक पहुंचा है, उसकी यात्रा 8 वर्ष पहले आज के ही दिन शुरु हुई थी। 31 अक्टूबर 2010 को अहमदाबाद में मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था। करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान आवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है। : प्रधानमंत्री 11:25 (IST)31 Oct 2018 ये प्रतिमा न्‍यू इंडिया के आत्‍मविश्‍वास की अभिव्‍यक्ति : पीएम मोदी ''ये प्रतिमा, सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और परमार्थ की भावना का प्रकटीकरण है। ये प्रतिमा उनके सामर्थ्य और समर्पण का सम्मान तो है ही, ये न्‍यू इंडिया, नए भारत के नए आत्मविश्वास की भी अभिव्यक्ति है। ये प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को ये याद दिलाने के लिए है कि ये राष्ट्र शाश्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहेगा। ये ऊंचाई, ये बुलंदी भारत के युवाओं को ये याद दिलाने के लिए है कि भविष्य का भारत आपकी आकांक्षाओं का है, जो इतनी ही विराट हैं। इन आकांक्षाओं को पूरा करने का सामर्थ्य और मंत्र सिर्फ और सिर्फ एक ही है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत।'' 11:19 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार न होते तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी'' सरदार साहब ने संकल्प न लिया होता, तो आज गीर के शेर को देखने के लिए, सोमनाथ में पूजा करने के लिए और हैदराबाद चार मीनार को देखने के लिए हमें वीज़ा लेना पड़ता। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो सिविल सेवा जैसा प्रशासनिक ढांचा खड़ा करने में हमें बहुत मुश्किल होती। देश के लोकतंत्र से सामान्य जन को जोड़ने के लिए वो हमेशा समर्पित रहे। महिलाओं को भारत की राजनीति में सक्रिय योगदान का अधिकार देने के पीछे भी सरदार पटेल का बहुत बड़ा रोल रहा है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:12 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार पटेल ने देश को रास्‍ता दिखाया'' जिस कमज़ोरी पर दुनिया हमें उस समय ताने दे रही थी, उसी को ताकत बनाते हुए सरदार पटेल ने देश को रास्ता दिखाया। उसी रास्ते पर चलते हुए संशय में घिरा वो भारत आज दुनिया से अपनी शर्तों पर संवाद कर रहा है, दुनिया की बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। कच्छ से कोहिमा तक, करगिल से कन्याकुमारी तक आज अगर बेरोकटोक हम जा पा रहे हैं तो ये सरदार साहब की वजह से, उनके संकल्प से ही संभव हो पाया है। : प्रधानमंत्री #WATCH: Prime Minister Narendra Modi says, "if it was not for Sardar Sahab's resolve, then we Indians would have to take visa to see the Gir lions, pray at Somnath, or to see Hyderabad's Charminar". #StatueOfUnity pic.twitter.com/RfAu3tOSyu — ANI (@ANI) October 31, 2018 11:09 (IST)31 Oct 2018 सैकड़ों रजवाड़ों के त्‍याग को नहीं भूलना चाहिए : पीएम मोदी ''सरदार पटेल ने 5 जुलाई, 1947 को रियासतों को संबोधित करते हुए कहा था कि- ''विदेशी आक्रांताओं के सामने हमारे आपसी झगड़े, आपसी दुश्मनी, वैर का भाव, हमारी हार की बड़ी वजह थी। अब हमें इस गलती को नहीं दोहराना है और न ही दोबारा किसी का गुलाम होना है। सरदार साहब के इसी संवाद से, एकीकरण की शक्ति को समझते हुए उन्होंने अपने राज्यों का विलय कर दिया। देखते ही देखते, भारत एक हो गया। सरदार साहब के आह्वान पर देश के सैकड़ों रजवाड़ों ने त्याग की मिसाल कायम की थी। हमें इस त्याग को भी कभी नहीं भूलना चाहिए।'' 11:04 (IST)31 Oct 2018 "सरदार में था कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश" सरदार साहब का सामर्थ्य तब भारत के काम आया था जब मां भारती साढ़े पांच सौ से ज्यादा रियासतों में बंटी थी। दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति घोर निराशा थी। निराशावादियों को लगता था कि भारत अपनी विविधताओं की वजह से ही बिखर जाएगा। सरदार पटेल में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश था। : प्रधानमंत्री 11:00 (IST)31 Oct 2018 ''यह प्रतिमा सरदार साहब के संकल्‍प की याद दिलाती रहेगी'' आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तब भारत ने न सिर्फ अपने लिए एक नया इतिहास रचा है, बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा का गगनचुम्बी आधार भी रखा है। दुनिया की ये सबसे उंची प्रतिमा पूरी दुनिया और हमारी भावी पीढ़ियों को सरदार साहब के साहस, सामर्थ और संकल्प की याद दिलाती रहेगी। : प्रधानमंत्री मोदी 10:54 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी को सौंपा गया हथौड़ा स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी बनाने के लिए 'लोहा कैंपेन' के दौरान किसानों से प्राप्त पहला लौह औजार हथौड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा गया। उन्‍होंने कहा, ''आज भारत के वर्तमान ने अपने इतिहास के एक स्वर्णिम पृष्ठ को उजागर करने का काम किया है।'' 10:42 (IST)31 Oct 2018 सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन इस अवसर पर गुजरात पुलिस, सशस्त्र और अर्द्धसैनिक बलों के बैंड सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। इस मौके पर 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकार नृत्य और संगीत की प्रस्तुति देंगे। इस दौरान कई आकर्षण होंगे जिनमें 17 किलोमीटर लंबी फूलों की घाटी का उद्घाटन, प्रतिमा के पास पर्यटकों के लिए तंबुओं के शहर और पटेल के जीवन पर आधारित संग्रहालय का लोकार्पण भी शामिल है। #WATCH: Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity inaugurated by Prime Minister Narendra Modi in Gujarat's Kevadiya pic.twitter.com/APnxyFACFT — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:34 (IST)31 Oct 2018 कार्यक्रम शुरू, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण मोदी द्वारा प्रतिमा के अनावरण के बाद वायु सेना के तीन विमान वहां उड़ान भरेंगे और भगवा, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरेंगे। पटेल की प्रतिमा के पास मोदी ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का भी उद्घाटन करेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार उस समय तीन जगुआर लड़ाकू विमान काफी नीचे से उड़ान भरते हुए जाएंगे। ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन करने के बाद मोदी पटेल को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे जिनकी 31 अक्टूबर को जयंती भी है। इसी दौरान दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर प्रतिमा पर पुष्पवर्षा करेंगे। PM Narendra Modi inaugurates Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity pic.twitter.com/c3wfzLBkH4 — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:30 (IST)31 Oct 2018 …तो देश के पहले प्रधानमंत्री होते सरदार 1945-1946 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सरदार पटेल प्रमुख उम्मीदवार थे। लेकिन महात्मा गांधी ने एक बार फिर हस्तक्षेप करके जवाहरलाल नेहरू को अध्यक्ष बनवा दिया। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नेहरू को ब्रिटिश वाइसरॉय ने अंतरिम सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया। इस प्रकार यदि घटनाक्रम सामान्य रहता तो सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते। 10:07 (IST)31 Oct 2018 जब नेहरू ने नहीं मानी पटेल की बात, भारत ने गंवा दी 40 हजार वर्ग गज जमीन जब चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई ने जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखा कि वह तिब्बत को चीन का अंग मान लें तो पटेल ने नेहरू से आग्रह किया कि वह तिब्बत पर चीन का प्रभुत्व कतई न स्वीकारें, अन्यथा चीन भारत के लिए खतरनाक सिद्ध होगा। जवाहरलाल नेहरू नहीं माने, बस इसी भूल के कारण हमें चीन से पिटना पड़ा और चीन ने हमारी सीमा की 40 हजार वर्ग गज भूमि पर कब्जा कर लिया। 09:45 (IST)31 Oct 2018 इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर मनमोहन, सोनिया, राहुल ने श्रद्धांजलि दी आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि भी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को स्मारक शक्ति स्थल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "आज खुशी के साथ दादी को याद कर रहा हूं। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया और अपार प्यार दिया। उन्होंने अपने लोगों को बहुत कुछ दिया। मुझे उन पर बहुत गर्व है।" कांग्रेस पार्टी ने कहा, "आज हम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और हमारे देश के सबसे मजबूत नेताओं में से एक का सम्मान करते हैं।" पार्टी ने ट्वीट कर कहा, "उनके नेतृत्व में हमारा देश ने महान जीत, अद्भुत विकास और सबसे महत्वपूर्ण समाज के सभी वर्गो का उत्थान देखा है।" 09:26 (IST)31 Oct 2018 1991 में मरणोपरांत मिला था भारत रत्‍न सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 09:05 (IST)31 Oct 2018 अंग्रेजों ने कई बार जेल में डाला वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान पटेल को तीन महीने की जेल हुई। मार्च 1931 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन की अध्यक्षता की। जनवरी, 1932 में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया। जुलाई, 1934 में वह रिहा हुए और 1937 के चुनावों में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के संगठन को व्यवस्थित किया। 08:52 (IST)31 Oct 2018 राजनाथ सिंह ने 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरदार पटेल की जयंती के मौके पर दिल्ली में 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई। पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित जफर इकबाल, पांच बार वर्ल्‍ड बॉक्सिंग चैम्पियन मैरी कॉम, जिमनास्टिक और ओलम्पिक मेडेलिस्ट दीपा करमाकर भी मौजूद रहे। राजनाथ ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर मेजर ध्यान चंद स्टेडियम से इस दौड़ को हरी झंडी दिखाई। इस एक किलोमीटर तक की दौड़ में सात से 70 साल की उम्र के बीच के हजारों ने हिस्सा लिया। यह दौड़ इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर समाप्त होगी। यह दिन एकता, अखंडता और सुरक्षा को समर्पित है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, हरदीप सिंह पुरी और आर.के.सिंह भी मौजूद रहे। 08:33 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने किया इंडियन सिविल सर्विसेज का भारतीयकरण गृहमंत्री के रूप में वल्‍लभ भाई पटेल पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (आईसीएस) का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आईएएस) बनाया। अंग्रेजों की सेवा करने वालों में विश्वास भरकर उन्हें राजभक्ति से देशभक्ति की ओर मोड़ा। यदि सरदार पटेल कुछ वर्ष जीवित रहते तो संभवत: नौकरशाही का पूर्ण कायाकल्प हो जाता। 08:14 (IST)31 Oct 2018 जब सरदार पटेल नहीं बन पाए कांग्रेस अध्‍यक्ष… सरदार पटेल क्रांतिकारी नहीं थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में सरदार पटेल, महात्मा गांधी के बाद अध्यक्ष पद के दूसरे उम्मीदवार थे। गांधीजी ने स्वाधीनता के प्रस्ताव को स्वीकृत होने से रोकने के प्रयास में अध्यक्ष पद की दावेदारी छोड़ दी और पटेल पर भी नाम वापस लेने के लिए दबाव डाला। अंतत: जवाहरलाल नेहरू अध्यक्ष बने। सन् 1937-1938 में पटेल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार थे। एक बार फिर गांधीजी के दबाव में पटेल को अपना नाम वापस लेना पड़ा और जवाहरलाल नेहरू निर्वाचित हुए। 07:57 (IST)31 Oct 2018 मोदी का लेख : देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले आधुनिक भारत के निर्माता को विशेष श्रद्धांजलि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटेल जयंती पर ट्वीट किया है, ''देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।'' उन्‍होंने आज अखबारों में एक लेख भी लिखा है जिसे आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं। 07:44 (IST)31 Oct 2018 जब पाकिस्तान के पहुंचने से पहले सरदार पटेल ने लक्षद्वीप में फहरवा दिया था तिरंगा लक्षद्वीप को भारत में मिलाने में भी सरदार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। दरअसल, यह देश का एक ऐसा हिस्सा था जो मुख्यधारा से काफी कटा हुआ था। यहां के लोगों को भारत के स्वतंत्र होने की सूचना ही 15 अगस्त 1947 के कई दिनों बाद मिली। पाकिस्तान से काफी दूर होने के बावजूद भी वह भारत के इस हिस्से पर अपना दावा कर सकता था। तब पाकिस्तानी नौसेना के जहाज लक्षद्वीप के आस-पास मंडराते हुए देखे भी गए थे। लेकिन, इससे पहले कि पाकिस्तान इस हिस्से पर अपना ध्वज फहराए, सरदार ने होशियारी से काम लेते हुए लक्षद्वीप में भारतीय नौसेना का एक जहाज तिरंगा फहराने के लिए भेज दिया। भारतीय नौसेना ने समय रहते द्वीप पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया। पढ़ें पूरा प्रसंग 07:23 (IST)31 Oct 2018 PHOTOS: जानें Statue of Unity की खासियत कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टर्बो द्वारा बनाई गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना को दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था जिसे 42 महीनों को अंदर पूरा किया जाना था। लेकिन इसकी डिजाइन के काम के कारण इसके निर्माण की अवधि को और चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपानी ने अपने सोशल अकाउंट पर ''स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी'' की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। तस्‍वीरें देखें और जानें कि इस प्रोजेक्‍ट की खासियतें क्‍या हैं। देखें गैलरी

कुंभ

अविवाहितों को किसी अनापेक्षित मार्ग से आज विवाह के प्रस्ताव मिल सकते हैं। बाहर मनोरंजन हेतु जाने का कार्यक्रम किसी अनापेक्षित कारण से स्थगित करना पड़ेगा, जिससे सभी को निराशा होगी। शिक्षकों के लिए आज शिक्षा के सन्दर्भ में चुनौती भरा दिन होगा। विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान से उनके अध्यापन कौशल्य की परीक्षा होगी।… Live Blog Highlights 13:23 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने इन प्रतिमाओं को छोड़ा पीछे सरदार की यह प्रतिमा इससे पहले तक दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है। चीनी प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है। इतना ही नहीं, यह  न्यूयॉर्क स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से भी लगभग दोगुना बड़ी है। विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के टापू पर बनी इस मूर्ति को बनाने में तकरीबन 2389 करोड़ रुपए का खर्च आया है। 13:01 (IST)31 Oct 2018 मोदी सरकार ने राष्ट्रीय एकता दिवस में मनाना शुरू की पटेल की जयंती सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 12:42 (IST)31 Oct 2018 म्यूजियम-ऑडियो गैलरी भी गए PM केवड़िया में पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य गणमान्य व्यक्ति व मेहमान अनावरण के बाद म्यूजियम और ऑडियो विजुअल गैलरी पहुंचे, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत कॉम्पलेक्स' में स्थित है। 12:21 (IST)31 Oct 2018 VIDEO: PM ने पटेल को यूं दी श्रद्धांजलि #WATCH: Prime Minister Narendra Modi pays tribute to Sardar Vallabhbhai Patel in Gujarat's Kevadiya on his 143rd birth anniversary. #StatueOfUnity pic.twitter.com/AkVXNegfv0 — ANI (@ANI) October 31, 2018 स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण करने के बाद पीएम ने सरदार की प्रतिमा के पास जाकर उस पर जल और पुष्प भी चढ़ाए। देखिए, कैसे उन्होंने देश के पहले गृहमंत्री को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने इससे पहले यहां पर वॉल ऑफ यूनिटी का अनावरण किया।   12:07 (IST)31 Oct 2018 देश को बांटने की कोशिशों से रहें सतर्क : पीएम आज देश के लिए सोचने वाले युवाओं की शक्ति हमारे पास है। देश के विकास के लिए, यही एक रास्ता है, जिसको लेकर हमें आगे बढ़ना है। देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाए रखना, एक ऐसा दायित्व है, जो सरदार साहब हमें देकर गए हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की हर तरह की कोशिश का पुरजोर जवाब दें। इसलिए हमें हर तरह से सतर्क रहना है। समाज के तौर पर एकजुट रहना है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:55 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी ने गिनाई अपनी सरकार की योजनाएं हम देश के हर बेघर को पक्का घर देने की भगीरथ योजना पर काम कर रहे हैं। हमने उन 18 हजार गावों तक बिजली पहुंचाई है, जहां आजादी के इतने वर्षों के बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी। हमारी सरकार सौभाग्य योजना के तहत देश के हर घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए काम कर रही है। देश के हर गांव को सड़क से जोड़ने, डिजिटल कनेक्टिविटी से जोड़ने का काम भी तेज गति से किया जा रहा है। देश में आज हर घर में गैस कनेक्शन पहुंचाने के प्रयास के साथ ही देश के हर घर में शौचालय की सुविधा पहुंचाने पर काम हो रहा है। : प्रधानमंत्री मोदी 11:38 (IST)31 Oct 2018 हमारी मुहिम को लोग राजनीति से जोड़कर देखते हैं : पीएम मोदी सरदार साहब के दर्शन करने आने वाले टूरिस्ट सरदार सरोवर डैम, सतपुड़ा और विंध्य के पर्वतों के दर्शन भी कर पाएंगे। कई बार तो मैं हैरान रह जाता हूं, जब देश में ही कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति से जोड़कर देखते हैं। सरदार पटेल जैसे महापुरुषों, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है। ऐसा अनुभव कराया जाता है मानो हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है। सरदार पटेल चाहते थे कि भारत सशक्त, सुदृढ़, संवेदनशील, सतर्क और समावेशी बने। हमारे सारे प्रयास उनके इसी सपने को साकार करने की दिशा में हो रहे हैं। : प्रधानमंत्री मोदी 11:34 (IST)31 Oct 2018 सहकारी आंदोलन सरदार पटेल की देन : मोदी आज का सहकारी आंदोलन जो देश के अनेक गांवों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन चुका है, ये सरदार साहब की ही देन है। सरदार पटेल का ये स्मारक उनके प्रति करोड़ों भारतीयों के सम्मान, हमारे सामर्थ्य, का प्रतीक तो है ही, ये देश की अर्थव्यवस्था, रोज़गार निर्माण का भी महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है। इससे हज़ारों आदिवासी बहन-भाइयों को हर वर्ष सीधा रोज़गार मिलने वाला है। सतपुड़ा और विंध्य के इस अंचल में बसे आप सभी जनों को प्रकृति ने जो कुछ भी सौंपा है, वो अब आधुनिक रूप में आपके काम आने वाला है। देश ने जिन जंगलों के बारे में कविताओं के जरिए पढ़ा, अब उन जंगलों, उन आदिवासी परंपराओं से पूरी दुनिया प्रत्यक्ष साक्षात्कार करने वाली है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:28 (IST)31 Oct 2018 इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का प्रतीक है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हमारे इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का भी प्रतीक है। बीते करीब साढ़े तीन वर्षों में हर रोज़ कामगारों ने, शिल्पकारों ने मिशन मोड पर काम किया है। राम सुतार जी की अगुवाई में देश के अद्भुत शिल्पकारों की टीम ने कला के इस गौरवशाली स्मारक को पूरा किया है। आज जो ये सफर एक पड़ाव तक पहुंचा है, उसकी यात्रा 8 वर्ष पहले आज के ही दिन शुरु हुई थी। 31 अक्टूबर 2010 को अहमदाबाद में मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था। करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान आवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है। : प्रधानमंत्री 11:25 (IST)31 Oct 2018 ये प्रतिमा न्‍यू इंडिया के आत्‍मविश्‍वास की अभिव्‍यक्ति : पीएम मोदी ''ये प्रतिमा, सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और परमार्थ की भावना का प्रकटीकरण है। ये प्रतिमा उनके सामर्थ्य और समर्पण का सम्मान तो है ही, ये न्‍यू इंडिया, नए भारत के नए आत्मविश्वास की भी अभिव्यक्ति है। ये प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को ये याद दिलाने के लिए है कि ये राष्ट्र शाश्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहेगा। ये ऊंचाई, ये बुलंदी भारत के युवाओं को ये याद दिलाने के लिए है कि भविष्य का भारत आपकी आकांक्षाओं का है, जो इतनी ही विराट हैं। इन आकांक्षाओं को पूरा करने का सामर्थ्य और मंत्र सिर्फ और सिर्फ एक ही है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत।'' 11:19 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार न होते तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी'' सरदार साहब ने संकल्प न लिया होता, तो आज गीर के शेर को देखने के लिए, सोमनाथ में पूजा करने के लिए और हैदराबाद चार मीनार को देखने के लिए हमें वीज़ा लेना पड़ता। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो सिविल सेवा जैसा प्रशासनिक ढांचा खड़ा करने में हमें बहुत मुश्किल होती। देश के लोकतंत्र से सामान्य जन को जोड़ने के लिए वो हमेशा समर्पित रहे। महिलाओं को भारत की राजनीति में सक्रिय योगदान का अधिकार देने के पीछे भी सरदार पटेल का बहुत बड़ा रोल रहा है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:12 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार पटेल ने देश को रास्‍ता दिखाया'' जिस कमज़ोरी पर दुनिया हमें उस समय ताने दे रही थी, उसी को ताकत बनाते हुए सरदार पटेल ने देश को रास्ता दिखाया। उसी रास्ते पर चलते हुए संशय में घिरा वो भारत आज दुनिया से अपनी शर्तों पर संवाद कर रहा है, दुनिया की बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। कच्छ से कोहिमा तक, करगिल से कन्याकुमारी तक आज अगर बेरोकटोक हम जा पा रहे हैं तो ये सरदार साहब की वजह से, उनके संकल्प से ही संभव हो पाया है। : प्रधानमंत्री #WATCH: Prime Minister Narendra Modi says, "if it was not for Sardar Sahab's resolve, then we Indians would have to take visa to see the Gir lions, pray at Somnath, or to see Hyderabad's Charminar". #StatueOfUnity pic.twitter.com/RfAu3tOSyu — ANI (@ANI) October 31, 2018 11:09 (IST)31 Oct 2018 सैकड़ों रजवाड़ों के त्‍याग को नहीं भूलना चाहिए : पीएम मोदी ''सरदार पटेल ने 5 जुलाई, 1947 को रियासतों को संबोधित करते हुए कहा था कि- ''विदेशी आक्रांताओं के सामने हमारे आपसी झगड़े, आपसी दुश्मनी, वैर का भाव, हमारी हार की बड़ी वजह थी। अब हमें इस गलती को नहीं दोहराना है और न ही दोबारा किसी का गुलाम होना है। सरदार साहब के इसी संवाद से, एकीकरण की शक्ति को समझते हुए उन्होंने अपने राज्यों का विलय कर दिया। देखते ही देखते, भारत एक हो गया। सरदार साहब के आह्वान पर देश के सैकड़ों रजवाड़ों ने त्याग की मिसाल कायम की थी। हमें इस त्याग को भी कभी नहीं भूलना चाहिए।'' 11:04 (IST)31 Oct 2018 "सरदार में था कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश" सरदार साहब का सामर्थ्य तब भारत के काम आया था जब मां भारती साढ़े पांच सौ से ज्यादा रियासतों में बंटी थी। दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति घोर निराशा थी। निराशावादियों को लगता था कि भारत अपनी विविधताओं की वजह से ही बिखर जाएगा। सरदार पटेल में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश था। : प्रधानमंत्री 11:00 (IST)31 Oct 2018 ''यह प्रतिमा सरदार साहब के संकल्‍प की याद दिलाती रहेगी'' आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तब भारत ने न सिर्फ अपने लिए एक नया इतिहास रचा है, बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा का गगनचुम्बी आधार भी रखा है। दुनिया की ये सबसे उंची प्रतिमा पूरी दुनिया और हमारी भावी पीढ़ियों को सरदार साहब के साहस, सामर्थ और संकल्प की याद दिलाती रहेगी। : प्रधानमंत्री मोदी 10:54 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी को सौंपा गया हथौड़ा स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी बनाने के लिए 'लोहा कैंपेन' के दौरान किसानों से प्राप्त पहला लौह औजार हथौड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा गया। उन्‍होंने कहा, ''आज भारत के वर्तमान ने अपने इतिहास के एक स्वर्णिम पृष्ठ को उजागर करने का काम किया है।'' 10:42 (IST)31 Oct 2018 सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन इस अवसर पर गुजरात पुलिस, सशस्त्र और अर्द्धसैनिक बलों के बैंड सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। इस मौके पर 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकार नृत्य और संगीत की प्रस्तुति देंगे। इस दौरान कई आकर्षण होंगे जिनमें 17 किलोमीटर लंबी फूलों की घाटी का उद्घाटन, प्रतिमा के पास पर्यटकों के लिए तंबुओं के शहर और पटेल के जीवन पर आधारित संग्रहालय का लोकार्पण भी शामिल है। #WATCH: Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity inaugurated by Prime Minister Narendra Modi in Gujarat's Kevadiya pic.twitter.com/APnxyFACFT — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:34 (IST)31 Oct 2018 कार्यक्रम शुरू, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण मोदी द्वारा प्रतिमा के अनावरण के बाद वायु सेना के तीन विमान वहां उड़ान भरेंगे और भगवा, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरेंगे। पटेल की प्रतिमा के पास मोदी ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का भी उद्घाटन करेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार उस समय तीन जगुआर लड़ाकू विमान काफी नीचे से उड़ान भरते हुए जाएंगे। ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन करने के बाद मोदी पटेल को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे जिनकी 31 अक्टूबर को जयंती भी है। इसी दौरान दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर प्रतिमा पर पुष्पवर्षा करेंगे। PM Narendra Modi inaugurates Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity pic.twitter.com/c3wfzLBkH4 — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:30 (IST)31 Oct 2018 …तो देश के पहले प्रधानमंत्री होते सरदार 1945-1946 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सरदार पटेल प्रमुख उम्मीदवार थे। लेकिन महात्मा गांधी ने एक बार फिर हस्तक्षेप करके जवाहरलाल नेहरू को अध्यक्ष बनवा दिया। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नेहरू को ब्रिटिश वाइसरॉय ने अंतरिम सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया। इस प्रकार यदि घटनाक्रम सामान्य रहता तो सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते। 10:07 (IST)31 Oct 2018 जब नेहरू ने नहीं मानी पटेल की बात, भारत ने गंवा दी 40 हजार वर्ग गज जमीन जब चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई ने जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखा कि वह तिब्बत को चीन का अंग मान लें तो पटेल ने नेहरू से आग्रह किया कि वह तिब्बत पर चीन का प्रभुत्व कतई न स्वीकारें, अन्यथा चीन भारत के लिए खतरनाक सिद्ध होगा। जवाहरलाल नेहरू नहीं माने, बस इसी भूल के कारण हमें चीन से पिटना पड़ा और चीन ने हमारी सीमा की 40 हजार वर्ग गज भूमि पर कब्जा कर लिया। 09:45 (IST)31 Oct 2018 इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर मनमोहन, सोनिया, राहुल ने श्रद्धांजलि दी आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि भी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को स्मारक शक्ति स्थल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "आज खुशी के साथ दादी को याद कर रहा हूं। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया और अपार प्यार दिया। उन्होंने अपने लोगों को बहुत कुछ दिया। मुझे उन पर बहुत गर्व है।" कांग्रेस पार्टी ने कहा, "आज हम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और हमारे देश के सबसे मजबूत नेताओं में से एक का सम्मान करते हैं।" पार्टी ने ट्वीट कर कहा, "उनके नेतृत्व में हमारा देश ने महान जीत, अद्भुत विकास और सबसे महत्वपूर्ण समाज के सभी वर्गो का उत्थान देखा है।" 09:26 (IST)31 Oct 2018 1991 में मरणोपरांत मिला था भारत रत्‍न सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 09:05 (IST)31 Oct 2018 अंग्रेजों ने कई बार जेल में डाला वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान पटेल को तीन महीने की जेल हुई। मार्च 1931 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन की अध्यक्षता की। जनवरी, 1932 में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया। जुलाई, 1934 में वह रिहा हुए और 1937 के चुनावों में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के संगठन को व्यवस्थित किया। 08:52 (IST)31 Oct 2018 राजनाथ सिंह ने 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरदार पटेल की जयंती के मौके पर दिल्ली में 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई। पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित जफर इकबाल, पांच बार वर्ल्‍ड बॉक्सिंग चैम्पियन मैरी कॉम, जिमनास्टिक और ओलम्पिक मेडेलिस्ट दीपा करमाकर भी मौजूद रहे। राजनाथ ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर मेजर ध्यान चंद स्टेडियम से इस दौड़ को हरी झंडी दिखाई। इस एक किलोमीटर तक की दौड़ में सात से 70 साल की उम्र के बीच के हजारों ने हिस्सा लिया। यह दौड़ इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर समाप्त होगी। यह दिन एकता, अखंडता और सुरक्षा को समर्पित है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, हरदीप सिंह पुरी और आर.के.सिंह भी मौजूद रहे। 08:33 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने किया इंडियन सिविल सर्विसेज का भारतीयकरण गृहमंत्री के रूप में वल्‍लभ भाई पटेल पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (आईसीएस) का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आईएएस) बनाया। अंग्रेजों की सेवा करने वालों में विश्वास भरकर उन्हें राजभक्ति से देशभक्ति की ओर मोड़ा। यदि सरदार पटेल कुछ वर्ष जीवित रहते तो संभवत: नौकरशाही का पूर्ण कायाकल्प हो जाता। 08:14 (IST)31 Oct 2018 जब सरदार पटेल नहीं बन पाए कांग्रेस अध्‍यक्ष… सरदार पटेल क्रांतिकारी नहीं थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में सरदार पटेल, महात्मा गांधी के बाद अध्यक्ष पद के दूसरे उम्मीदवार थे। गांधीजी ने स्वाधीनता के प्रस्ताव को स्वीकृत होने से रोकने के प्रयास में अध्यक्ष पद की दावेदारी छोड़ दी और पटेल पर भी नाम वापस लेने के लिए दबाव डाला। अंतत: जवाहरलाल नेहरू अध्यक्ष बने। सन् 1937-1938 में पटेल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार थे। एक बार फिर गांधीजी के दबाव में पटेल को अपना नाम वापस लेना पड़ा और जवाहरलाल नेहरू निर्वाचित हुए। 07:57 (IST)31 Oct 2018 मोदी का लेख : देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले आधुनिक भारत के निर्माता को विशेष श्रद्धांजलि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटेल जयंती पर ट्वीट किया है, ''देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।'' उन्‍होंने आज अखबारों में एक लेख भी लिखा है जिसे आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं। 07:44 (IST)31 Oct 2018 जब पाकिस्तान के पहुंचने से पहले सरदार पटेल ने लक्षद्वीप में फहरवा दिया था तिरंगा लक्षद्वीप को भारत में मिलाने में भी सरदार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। दरअसल, यह देश का एक ऐसा हिस्सा था जो मुख्यधारा से काफी कटा हुआ था। यहां के लोगों को भारत के स्वतंत्र होने की सूचना ही 15 अगस्त 1947 के कई दिनों बाद मिली। पाकिस्तान से काफी दूर होने के बावजूद भी वह भारत के इस हिस्से पर अपना दावा कर सकता था। तब पाकिस्तानी नौसेना के जहाज लक्षद्वीप के आस-पास मंडराते हुए देखे भी गए थे। लेकिन, इससे पहले कि पाकिस्तान इस हिस्से पर अपना ध्वज फहराए, सरदार ने होशियारी से काम लेते हुए लक्षद्वीप में भारतीय नौसेना का एक जहाज तिरंगा फहराने के लिए भेज दिया। भारतीय नौसेना ने समय रहते द्वीप पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया। पढ़ें पूरा प्रसंग 07:23 (IST)31 Oct 2018 PHOTOS: जानें Statue of Unity की खासियत कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टर्बो द्वारा बनाई गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना को दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था जिसे 42 महीनों को अंदर पूरा किया जाना था। लेकिन इसकी डिजाइन के काम के कारण इसके निर्माण की अवधि को और चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपानी ने अपने सोशल अकाउंट पर ''स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी'' की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। तस्‍वीरें देखें और जानें कि इस प्रोजेक्‍ट की खासियतें क्‍या हैं। देखें गैलरी

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अविवाहित जन आज किसी आकर्षक व्यक्ति से मिल सकते हैं, पर उन्हें सलाह है कि कोई भी प्रतिबद्धता या समर्पण व्यक्त करने से पहले अच्छी तरह सोच समझ लें। आज बाजार का उतार चढ़ाव निवेशकों को अनापेक्षित मुनाफा दिलाएगा। वे वास्तव में बहुत बड़ा लाभ पा सकते हैं यदि सोच समझ कर निवेश करें। व्यवहार-कुशल… Live Blog Highlights 13:23 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने इन प्रतिमाओं को छोड़ा पीछे सरदार की यह प्रतिमा इससे पहले तक दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है। चीनी प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है। इतना ही नहीं, यह  न्यूयॉर्क स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से भी लगभग दोगुना बड़ी है। विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के टापू पर बनी इस मूर्ति को बनाने में तकरीबन 2389 करोड़ रुपए का खर्च आया है। 13:01 (IST)31 Oct 2018 मोदी सरकार ने राष्ट्रीय एकता दिवस में मनाना शुरू की पटेल की जयंती सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 12:42 (IST)31 Oct 2018 म्यूजियम-ऑडियो गैलरी भी गए PM केवड़िया में पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य गणमान्य व्यक्ति व मेहमान अनावरण के बाद म्यूजियम और ऑडियो विजुअल गैलरी पहुंचे, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत कॉम्पलेक्स' में स्थित है। 12:21 (IST)31 Oct 2018 VIDEO: PM ने पटेल को यूं दी श्रद्धांजलि #WATCH: Prime Minister Narendra Modi pays tribute to Sardar Vallabhbhai Patel in Gujarat's Kevadiya on his 143rd birth anniversary. #StatueOfUnity pic.twitter.com/AkVXNegfv0 — ANI (@ANI) October 31, 2018 स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण करने के बाद पीएम ने सरदार की प्रतिमा के पास जाकर उस पर जल और पुष्प भी चढ़ाए। देखिए, कैसे उन्होंने देश के पहले गृहमंत्री को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने इससे पहले यहां पर वॉल ऑफ यूनिटी का अनावरण किया।   12:07 (IST)31 Oct 2018 देश को बांटने की कोशिशों से रहें सतर्क : पीएम आज देश के लिए सोचने वाले युवाओं की शक्ति हमारे पास है। देश के विकास के लिए, यही एक रास्ता है, जिसको लेकर हमें आगे बढ़ना है। देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाए रखना, एक ऐसा दायित्व है, जो सरदार साहब हमें देकर गए हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की हर तरह की कोशिश का पुरजोर जवाब दें। इसलिए हमें हर तरह से सतर्क रहना है। समाज के तौर पर एकजुट रहना है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:55 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी ने गिनाई अपनी सरकार की योजनाएं हम देश के हर बेघर को पक्का घर देने की भगीरथ योजना पर काम कर रहे हैं। हमने उन 18 हजार गावों तक बिजली पहुंचाई है, जहां आजादी के इतने वर्षों के बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी। हमारी सरकार सौभाग्य योजना के तहत देश के हर घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए काम कर रही है। देश के हर गांव को सड़क से जोड़ने, डिजिटल कनेक्टिविटी से जोड़ने का काम भी तेज गति से किया जा रहा है। देश में आज हर घर में गैस कनेक्शन पहुंचाने के प्रयास के साथ ही देश के हर घर में शौचालय की सुविधा पहुंचाने पर काम हो रहा है। : प्रधानमंत्री मोदी 11:38 (IST)31 Oct 2018 हमारी मुहिम को लोग राजनीति से जोड़कर देखते हैं : पीएम मोदी सरदार साहब के दर्शन करने आने वाले टूरिस्ट सरदार सरोवर डैम, सतपुड़ा और विंध्य के पर्वतों के दर्शन भी कर पाएंगे। कई बार तो मैं हैरान रह जाता हूं, जब देश में ही कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति से जोड़कर देखते हैं। सरदार पटेल जैसे महापुरुषों, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है। ऐसा अनुभव कराया जाता है मानो हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है। सरदार पटेल चाहते थे कि भारत सशक्त, सुदृढ़, संवेदनशील, सतर्क और समावेशी बने। हमारे सारे प्रयास उनके इसी सपने को साकार करने की दिशा में हो रहे हैं। : प्रधानमंत्री मोदी 11:34 (IST)31 Oct 2018 सहकारी आंदोलन सरदार पटेल की देन : मोदी आज का सहकारी आंदोलन जो देश के अनेक गांवों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन चुका है, ये सरदार साहब की ही देन है। सरदार पटेल का ये स्मारक उनके प्रति करोड़ों भारतीयों के सम्मान, हमारे सामर्थ्य, का प्रतीक तो है ही, ये देश की अर्थव्यवस्था, रोज़गार निर्माण का भी महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है। इससे हज़ारों आदिवासी बहन-भाइयों को हर वर्ष सीधा रोज़गार मिलने वाला है। सतपुड़ा और विंध्य के इस अंचल में बसे आप सभी जनों को प्रकृति ने जो कुछ भी सौंपा है, वो अब आधुनिक रूप में आपके काम आने वाला है। देश ने जिन जंगलों के बारे में कविताओं के जरिए पढ़ा, अब उन जंगलों, उन आदिवासी परंपराओं से पूरी दुनिया प्रत्यक्ष साक्षात्कार करने वाली है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:28 (IST)31 Oct 2018 इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का प्रतीक है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हमारे इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का भी प्रतीक है। बीते करीब साढ़े तीन वर्षों में हर रोज़ कामगारों ने, शिल्पकारों ने मिशन मोड पर काम किया है। राम सुतार जी की अगुवाई में देश के अद्भुत शिल्पकारों की टीम ने कला के इस गौरवशाली स्मारक को पूरा किया है। आज जो ये सफर एक पड़ाव तक पहुंचा है, उसकी यात्रा 8 वर्ष पहले आज के ही दिन शुरु हुई थी। 31 अक्टूबर 2010 को अहमदाबाद में मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था। करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान आवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है। : प्रधानमंत्री 11:25 (IST)31 Oct 2018 ये प्रतिमा न्‍यू इंडिया के आत्‍मविश्‍वास की अभिव्‍यक्ति : पीएम मोदी ''ये प्रतिमा, सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और परमार्थ की भावना का प्रकटीकरण है। ये प्रतिमा उनके सामर्थ्य और समर्पण का सम्मान तो है ही, ये न्‍यू इंडिया, नए भारत के नए आत्मविश्वास की भी अभिव्यक्ति है। ये प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को ये याद दिलाने के लिए है कि ये राष्ट्र शाश्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहेगा। ये ऊंचाई, ये बुलंदी भारत के युवाओं को ये याद दिलाने के लिए है कि भविष्य का भारत आपकी आकांक्षाओं का है, जो इतनी ही विराट हैं। इन आकांक्षाओं को पूरा करने का सामर्थ्य और मंत्र सिर्फ और सिर्फ एक ही है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत।'' 11:19 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार न होते तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी'' सरदार साहब ने संकल्प न लिया होता, तो आज गीर के शेर को देखने के लिए, सोमनाथ में पूजा करने के लिए और हैदराबाद चार मीनार को देखने के लिए हमें वीज़ा लेना पड़ता। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो सिविल सेवा जैसा प्रशासनिक ढांचा खड़ा करने में हमें बहुत मुश्किल होती। देश के लोकतंत्र से सामान्य जन को जोड़ने के लिए वो हमेशा समर्पित रहे। महिलाओं को भारत की राजनीति में सक्रिय योगदान का अधिकार देने के पीछे भी सरदार पटेल का बहुत बड़ा रोल रहा है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:12 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार पटेल ने देश को रास्‍ता दिखाया'' जिस कमज़ोरी पर दुनिया हमें उस समय ताने दे रही थी, उसी को ताकत बनाते हुए सरदार पटेल ने देश को रास्ता दिखाया। उसी रास्ते पर चलते हुए संशय में घिरा वो भारत आज दुनिया से अपनी शर्तों पर संवाद कर रहा है, दुनिया की बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। कच्छ से कोहिमा तक, करगिल से कन्याकुमारी तक आज अगर बेरोकटोक हम जा पा रहे हैं तो ये सरदार साहब की वजह से, उनके संकल्प से ही संभव हो पाया है। : प्रधानमंत्री #WATCH: Prime Minister Narendra Modi says, "if it was not for Sardar Sahab's resolve, then we Indians would have to take visa to see the Gir lions, pray at Somnath, or to see Hyderabad's Charminar". #StatueOfUnity pic.twitter.com/RfAu3tOSyu — ANI (@ANI) October 31, 2018 11:09 (IST)31 Oct 2018 सैकड़ों रजवाड़ों के त्‍याग को नहीं भूलना चाहिए : पीएम मोदी ''सरदार पटेल ने 5 जुलाई, 1947 को रियासतों को संबोधित करते हुए कहा था कि- ''विदेशी आक्रांताओं के सामने हमारे आपसी झगड़े, आपसी दुश्मनी, वैर का भाव, हमारी हार की बड़ी वजह थी। अब हमें इस गलती को नहीं दोहराना है और न ही दोबारा किसी का गुलाम होना है। सरदार साहब के इसी संवाद से, एकीकरण की शक्ति को समझते हुए उन्होंने अपने राज्यों का विलय कर दिया। देखते ही देखते, भारत एक हो गया। सरदार साहब के आह्वान पर देश के सैकड़ों रजवाड़ों ने त्याग की मिसाल कायम की थी। हमें इस त्याग को भी कभी नहीं भूलना चाहिए।'' 11:04 (IST)31 Oct 2018 "सरदार में था कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश" सरदार साहब का सामर्थ्य तब भारत के काम आया था जब मां भारती साढ़े पांच सौ से ज्यादा रियासतों में बंटी थी। दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति घोर निराशा थी। निराशावादियों को लगता था कि भारत अपनी विविधताओं की वजह से ही बिखर जाएगा। सरदार पटेल में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश था। : प्रधानमंत्री 11:00 (IST)31 Oct 2018 ''यह प्रतिमा सरदार साहब के संकल्‍प की याद दिलाती रहेगी'' आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तब भारत ने न सिर्फ अपने लिए एक नया इतिहास रचा है, बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा का गगनचुम्बी आधार भी रखा है। दुनिया की ये सबसे उंची प्रतिमा पूरी दुनिया और हमारी भावी पीढ़ियों को सरदार साहब के साहस, सामर्थ और संकल्प की याद दिलाती रहेगी। : प्रधानमंत्री मोदी 10:54 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी को सौंपा गया हथौड़ा स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी बनाने के लिए 'लोहा कैंपेन' के दौरान किसानों से प्राप्त पहला लौह औजार हथौड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा गया। उन्‍होंने कहा, ''आज भारत के वर्तमान ने अपने इतिहास के एक स्वर्णिम पृष्ठ को उजागर करने का काम किया है।'' 10:42 (IST)31 Oct 2018 सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन इस अवसर पर गुजरात पुलिस, सशस्त्र और अर्द्धसैनिक बलों के बैंड सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। इस मौके पर 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकार नृत्य और संगीत की प्रस्तुति देंगे। इस दौरान कई आकर्षण होंगे जिनमें 17 किलोमीटर लंबी फूलों की घाटी का उद्घाटन, प्रतिमा के पास पर्यटकों के लिए तंबुओं के शहर और पटेल के जीवन पर आधारित संग्रहालय का लोकार्पण भी शामिल है। #WATCH: Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity inaugurated by Prime Minister Narendra Modi in Gujarat's Kevadiya pic.twitter.com/APnxyFACFT — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:34 (IST)31 Oct 2018 कार्यक्रम शुरू, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण मोदी द्वारा प्रतिमा के अनावरण के बाद वायु सेना के तीन विमान वहां उड़ान भरेंगे और भगवा, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरेंगे। पटेल की प्रतिमा के पास मोदी ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का भी उद्घाटन करेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार उस समय तीन जगुआर लड़ाकू विमान काफी नीचे से उड़ान भरते हुए जाएंगे। ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन करने के बाद मोदी पटेल को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे जिनकी 31 अक्टूबर को जयंती भी है। इसी दौरान दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर प्रतिमा पर पुष्पवर्षा करेंगे। PM Narendra Modi inaugurates Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity pic.twitter.com/c3wfzLBkH4 — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:30 (IST)31 Oct 2018 …तो देश के पहले प्रधानमंत्री होते सरदार 1945-1946 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सरदार पटेल प्रमुख उम्मीदवार थे। लेकिन महात्मा गांधी ने एक बार फिर हस्तक्षेप करके जवाहरलाल नेहरू को अध्यक्ष बनवा दिया। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नेहरू को ब्रिटिश वाइसरॉय ने अंतरिम सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया। इस प्रकार यदि घटनाक्रम सामान्य रहता तो सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते। 10:07 (IST)31 Oct 2018 जब नेहरू ने नहीं मानी पटेल की बात, भारत ने गंवा दी 40 हजार वर्ग गज जमीन जब चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई ने जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखा कि वह तिब्बत को चीन का अंग मान लें तो पटेल ने नेहरू से आग्रह किया कि वह तिब्बत पर चीन का प्रभुत्व कतई न स्वीकारें, अन्यथा चीन भारत के लिए खतरनाक सिद्ध होगा। जवाहरलाल नेहरू नहीं माने, बस इसी भूल के कारण हमें चीन से पिटना पड़ा और चीन ने हमारी सीमा की 40 हजार वर्ग गज भूमि पर कब्जा कर लिया। 09:45 (IST)31 Oct 2018 इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर मनमोहन, सोनिया, राहुल ने श्रद्धांजलि दी आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि भी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को स्मारक शक्ति स्थल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "आज खुशी के साथ दादी को याद कर रहा हूं। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया और अपार प्यार दिया। उन्होंने अपने लोगों को बहुत कुछ दिया। मुझे उन पर बहुत गर्व है।" कांग्रेस पार्टी ने कहा, "आज हम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और हमारे देश के सबसे मजबूत नेताओं में से एक का सम्मान करते हैं।" पार्टी ने ट्वीट कर कहा, "उनके नेतृत्व में हमारा देश ने महान जीत, अद्भुत विकास और सबसे महत्वपूर्ण समाज के सभी वर्गो का उत्थान देखा है।" 09:26 (IST)31 Oct 2018 1991 में मरणोपरांत मिला था भारत रत्‍न सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 09:05 (IST)31 Oct 2018 अंग्रेजों ने कई बार जेल में डाला वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान पटेल को तीन महीने की जेल हुई। मार्च 1931 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन की अध्यक्षता की। जनवरी, 1932 में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया। जुलाई, 1934 में वह रिहा हुए और 1937 के चुनावों में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के संगठन को व्यवस्थित किया। 08:52 (IST)31 Oct 2018 राजनाथ सिंह ने 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरदार पटेल की जयंती के मौके पर दिल्ली में 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई। पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित जफर इकबाल, पांच बार वर्ल्‍ड बॉक्सिंग चैम्पियन मैरी कॉम, जिमनास्टिक और ओलम्पिक मेडेलिस्ट दीपा करमाकर भी मौजूद रहे। राजनाथ ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर मेजर ध्यान चंद स्टेडियम से इस दौड़ को हरी झंडी दिखाई। इस एक किलोमीटर तक की दौड़ में सात से 70 साल की उम्र के बीच के हजारों ने हिस्सा लिया। यह दौड़ इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर समाप्त होगी। यह दिन एकता, अखंडता और सुरक्षा को समर्पित है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, हरदीप सिंह पुरी और आर.के.सिंह भी मौजूद रहे। 08:33 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने किया इंडियन सिविल सर्विसेज का भारतीयकरण गृहमंत्री के रूप में वल्‍लभ भाई पटेल पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (आईसीएस) का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आईएएस) बनाया। अंग्रेजों की सेवा करने वालों में विश्वास भरकर उन्हें राजभक्ति से देशभक्ति की ओर मोड़ा। यदि सरदार पटेल कुछ वर्ष जीवित रहते तो संभवत: नौकरशाही का पूर्ण कायाकल्प हो जाता। 08:14 (IST)31 Oct 2018 जब सरदार पटेल नहीं बन पाए कांग्रेस अध्‍यक्ष… सरदार पटेल क्रांतिकारी नहीं थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में सरदार पटेल, महात्मा गांधी के बाद अध्यक्ष पद के दूसरे उम्मीदवार थे। गांधीजी ने स्वाधीनता के प्रस्ताव को स्वीकृत होने से रोकने के प्रयास में अध्यक्ष पद की दावेदारी छोड़ दी और पटेल पर भी नाम वापस लेने के लिए दबाव डाला। अंतत: जवाहरलाल नेहरू अध्यक्ष बने। सन् 1937-1938 में पटेल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार थे। एक बार फिर गांधीजी के दबाव में पटेल को अपना नाम वापस लेना पड़ा और जवाहरलाल नेहरू निर्वाचित हुए। 07:57 (IST)31 Oct 2018 मोदी का लेख : देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले आधुनिक भारत के निर्माता को विशेष श्रद्धांजलि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटेल जयंती पर ट्वीट किया है, ''देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।'' उन्‍होंने आज अखबारों में एक लेख भी लिखा है जिसे आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं। 07:44 (IST)31 Oct 2018 जब पाकिस्तान के पहुंचने से पहले सरदार पटेल ने लक्षद्वीप में फहरवा दिया था तिरंगा लक्षद्वीप को भारत में मिलाने में भी सरदार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। दरअसल, यह देश का एक ऐसा हिस्सा था जो मुख्यधारा से काफी कटा हुआ था। यहां के लोगों को भारत के स्वतंत्र होने की सूचना ही 15 अगस्त 1947 के कई दिनों बाद मिली। पाकिस्तान से काफी दूर होने के बावजूद भी वह भारत के इस हिस्से पर अपना दावा कर सकता था। तब पाकिस्तानी नौसेना के जहाज लक्षद्वीप के आस-पास मंडराते हुए देखे भी गए थे। लेकिन, इससे पहले कि पाकिस्तान इस हिस्से पर अपना ध्वज फहराए, सरदार ने होशियारी से काम लेते हुए लक्षद्वीप में भारतीय नौसेना का एक जहाज तिरंगा फहराने के लिए भेज दिया। भारतीय नौसेना ने समय रहते द्वीप पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया। पढ़ें पूरा प्रसंग 07:23 (IST)31 Oct 2018 PHOTOS: जानें Statue of Unity की खासियत कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टर्बो द्वारा बनाई गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना को दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था जिसे 42 महीनों को अंदर पूरा किया जाना था। लेकिन इसकी डिजाइन के काम के कारण इसके निर्माण की अवधि को और चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपानी ने अपने सोशल अकाउंट पर ''स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी'' की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। तस्‍वीरें देखें और जानें कि इस प्रोजेक्‍ट की खासियतें क्‍या हैं। देखें गैलरी

मेष

आप आज महमानों को अपने घर आमंत्रित करेंगे और आदर्श मेजबान होंगे। आप सभी आमंत्रित लोगों से मेलजोल बढ़ाएंगे, अपने बारे में बताएँगे, साथ ही उन्हें भी अपने परिवार के बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।कलाकार किसी नए रचनात्मक कलाकृति को शुरू करने के लिए अपनी कलात्मकता और प्रवृत्ति का उपयोग करेंगे।सरकारी परियोजनाओं… Live Blog Highlights 13:23 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने इन प्रतिमाओं को छोड़ा पीछे सरदार की यह प्रतिमा इससे पहले तक दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है। चीनी प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है। इतना ही नहीं, यह  न्यूयॉर्क स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से भी लगभग दोगुना बड़ी है। विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के टापू पर बनी इस मूर्ति को बनाने में तकरीबन 2389 करोड़ रुपए का खर्च आया है। 13:01 (IST)31 Oct 2018 मोदी सरकार ने राष्ट्रीय एकता दिवस में मनाना शुरू की पटेल की जयंती सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 12:42 (IST)31 Oct 2018 म्यूजियम-ऑडियो गैलरी भी गए PM केवड़िया में पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य गणमान्य व्यक्ति व मेहमान अनावरण के बाद म्यूजियम और ऑडियो विजुअल गैलरी पहुंचे, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत कॉम्पलेक्स' में स्थित है। 12:21 (IST)31 Oct 2018 VIDEO: PM ने पटेल को यूं दी श्रद्धांजलि #WATCH: Prime Minister Narendra Modi pays tribute to Sardar Vallabhbhai Patel in Gujarat's Kevadiya on his 143rd birth anniversary. #StatueOfUnity pic.twitter.com/AkVXNegfv0 — ANI (@ANI) October 31, 2018 स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण करने के बाद पीएम ने सरदार की प्रतिमा के पास जाकर उस पर जल और पुष्प भी चढ़ाए। देखिए, कैसे उन्होंने देश के पहले गृहमंत्री को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने इससे पहले यहां पर वॉल ऑफ यूनिटी का अनावरण किया।   12:07 (IST)31 Oct 2018 देश को बांटने की कोशिशों से रहें सतर्क : पीएम आज देश के लिए सोचने वाले युवाओं की शक्ति हमारे पास है। देश के विकास के लिए, यही एक रास्ता है, जिसको लेकर हमें आगे बढ़ना है। देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाए रखना, एक ऐसा दायित्व है, जो सरदार साहब हमें देकर गए हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की हर तरह की कोशिश का पुरजोर जवाब दें। इसलिए हमें हर तरह से सतर्क रहना है। समाज के तौर पर एकजुट रहना है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:55 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी ने गिनाई अपनी सरकार की योजनाएं हम देश के हर बेघर को पक्का घर देने की भगीरथ योजना पर काम कर रहे हैं। हमने उन 18 हजार गावों तक बिजली पहुंचाई है, जहां आजादी के इतने वर्षों के बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी। हमारी सरकार सौभाग्य योजना के तहत देश के हर घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए काम कर रही है। देश के हर गांव को सड़क से जोड़ने, डिजिटल कनेक्टिविटी से जोड़ने का काम भी तेज गति से किया जा रहा है। देश में आज हर घर में गैस कनेक्शन पहुंचाने के प्रयास के साथ ही देश के हर घर में शौचालय की सुविधा पहुंचाने पर काम हो रहा है। : प्रधानमंत्री मोदी 11:38 (IST)31 Oct 2018 हमारी मुहिम को लोग राजनीति से जोड़कर देखते हैं : पीएम मोदी सरदार साहब के दर्शन करने आने वाले टूरिस्ट सरदार सरोवर डैम, सतपुड़ा और विंध्य के पर्वतों के दर्शन भी कर पाएंगे। कई बार तो मैं हैरान रह जाता हूं, जब देश में ही कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति से जोड़कर देखते हैं। सरदार पटेल जैसे महापुरुषों, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है। ऐसा अनुभव कराया जाता है मानो हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है। सरदार पटेल चाहते थे कि भारत सशक्त, सुदृढ़, संवेदनशील, सतर्क और समावेशी बने। हमारे सारे प्रयास उनके इसी सपने को साकार करने की दिशा में हो रहे हैं। : प्रधानमंत्री मोदी 11:34 (IST)31 Oct 2018 सहकारी आंदोलन सरदार पटेल की देन : मोदी आज का सहकारी आंदोलन जो देश के अनेक गांवों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन चुका है, ये सरदार साहब की ही देन है। सरदार पटेल का ये स्मारक उनके प्रति करोड़ों भारतीयों के सम्मान, हमारे सामर्थ्य, का प्रतीक तो है ही, ये देश की अर्थव्यवस्था, रोज़गार निर्माण का भी महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है। इससे हज़ारों आदिवासी बहन-भाइयों को हर वर्ष सीधा रोज़गार मिलने वाला है। सतपुड़ा और विंध्य के इस अंचल में बसे आप सभी जनों को प्रकृति ने जो कुछ भी सौंपा है, वो अब आधुनिक रूप में आपके काम आने वाला है। देश ने जिन जंगलों के बारे में कविताओं के जरिए पढ़ा, अब उन जंगलों, उन आदिवासी परंपराओं से पूरी दुनिया प्रत्यक्ष साक्षात्कार करने वाली है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:28 (IST)31 Oct 2018 इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का प्रतीक है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हमारे इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का भी प्रतीक है। बीते करीब साढ़े तीन वर्षों में हर रोज़ कामगारों ने, शिल्पकारों ने मिशन मोड पर काम किया है। राम सुतार जी की अगुवाई में देश के अद्भुत शिल्पकारों की टीम ने कला के इस गौरवशाली स्मारक को पूरा किया है। आज जो ये सफर एक पड़ाव तक पहुंचा है, उसकी यात्रा 8 वर्ष पहले आज के ही दिन शुरु हुई थी। 31 अक्टूबर 2010 को अहमदाबाद में मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था। करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान आवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है। : प्रधानमंत्री 11:25 (IST)31 Oct 2018 ये प्रतिमा न्‍यू इंडिया के आत्‍मविश्‍वास की अभिव्‍यक्ति : पीएम मोदी ''ये प्रतिमा, सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और परमार्थ की भावना का प्रकटीकरण है। ये प्रतिमा उनके सामर्थ्य और समर्पण का सम्मान तो है ही, ये न्‍यू इंडिया, नए भारत के नए आत्मविश्वास की भी अभिव्यक्ति है। ये प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को ये याद दिलाने के लिए है कि ये राष्ट्र शाश्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहेगा। ये ऊंचाई, ये बुलंदी भारत के युवाओं को ये याद दिलाने के लिए है कि भविष्य का भारत आपकी आकांक्षाओं का है, जो इतनी ही विराट हैं। इन आकांक्षाओं को पूरा करने का सामर्थ्य और मंत्र सिर्फ और सिर्फ एक ही है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत।'' 11:19 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार न होते तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी'' सरदार साहब ने संकल्प न लिया होता, तो आज गीर के शेर को देखने के लिए, सोमनाथ में पूजा करने के लिए और हैदराबाद चार मीनार को देखने के लिए हमें वीज़ा लेना पड़ता। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो सिविल सेवा जैसा प्रशासनिक ढांचा खड़ा करने में हमें बहुत मुश्किल होती। देश के लोकतंत्र से सामान्य जन को जोड़ने के लिए वो हमेशा समर्पित रहे। महिलाओं को भारत की राजनीति में सक्रिय योगदान का अधिकार देने के पीछे भी सरदार पटेल का बहुत बड़ा रोल रहा है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:12 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार पटेल ने देश को रास्‍ता दिखाया'' जिस कमज़ोरी पर दुनिया हमें उस समय ताने दे रही थी, उसी को ताकत बनाते हुए सरदार पटेल ने देश को रास्ता दिखाया। उसी रास्ते पर चलते हुए संशय में घिरा वो भारत आज दुनिया से अपनी शर्तों पर संवाद कर रहा है, दुनिया की बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। कच्छ से कोहिमा तक, करगिल से कन्याकुमारी तक आज अगर बेरोकटोक हम जा पा रहे हैं तो ये सरदार साहब की वजह से, उनके संकल्प से ही संभव हो पाया है। : प्रधानमंत्री #WATCH: Prime Minister Narendra Modi says, "if it was not for Sardar Sahab's resolve, then we Indians would have to take visa to see the Gir lions, pray at Somnath, or to see Hyderabad's Charminar". #StatueOfUnity pic.twitter.com/RfAu3tOSyu — ANI (@ANI) October 31, 2018 11:09 (IST)31 Oct 2018 सैकड़ों रजवाड़ों के त्‍याग को नहीं भूलना चाहिए : पीएम मोदी ''सरदार पटेल ने 5 जुलाई, 1947 को रियासतों को संबोधित करते हुए कहा था कि- ''विदेशी आक्रांताओं के सामने हमारे आपसी झगड़े, आपसी दुश्मनी, वैर का भाव, हमारी हार की बड़ी वजह थी। अब हमें इस गलती को नहीं दोहराना है और न ही दोबारा किसी का गुलाम होना है। सरदार साहब के इसी संवाद से, एकीकरण की शक्ति को समझते हुए उन्होंने अपने राज्यों का विलय कर दिया। देखते ही देखते, भारत एक हो गया। सरदार साहब के आह्वान पर देश के सैकड़ों रजवाड़ों ने त्याग की मिसाल कायम की थी। हमें इस त्याग को भी कभी नहीं भूलना चाहिए।'' 11:04 (IST)31 Oct 2018 "सरदार में था कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश" सरदार साहब का सामर्थ्य तब भारत के काम आया था जब मां भारती साढ़े पांच सौ से ज्यादा रियासतों में बंटी थी। दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति घोर निराशा थी। निराशावादियों को लगता था कि भारत अपनी विविधताओं की वजह से ही बिखर जाएगा। सरदार पटेल में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश था। : प्रधानमंत्री 11:00 (IST)31 Oct 2018 ''यह प्रतिमा सरदार साहब के संकल्‍प की याद दिलाती रहेगी'' आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तब भारत ने न सिर्फ अपने लिए एक नया इतिहास रचा है, बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा का गगनचुम्बी आधार भी रखा है। दुनिया की ये सबसे उंची प्रतिमा पूरी दुनिया और हमारी भावी पीढ़ियों को सरदार साहब के साहस, सामर्थ और संकल्प की याद दिलाती रहेगी। : प्रधानमंत्री मोदी 10:54 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी को सौंपा गया हथौड़ा स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी बनाने के लिए 'लोहा कैंपेन' के दौरान किसानों से प्राप्त पहला लौह औजार हथौड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा गया। उन्‍होंने कहा, ''आज भारत के वर्तमान ने अपने इतिहास के एक स्वर्णिम पृष्ठ को उजागर करने का काम किया है।'' 10:42 (IST)31 Oct 2018 सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन इस अवसर पर गुजरात पुलिस, सशस्त्र और अर्द्धसैनिक बलों के बैंड सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। इस मौके पर 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकार नृत्य और संगीत की प्रस्तुति देंगे। इस दौरान कई आकर्षण होंगे जिनमें 17 किलोमीटर लंबी फूलों की घाटी का उद्घाटन, प्रतिमा के पास पर्यटकों के लिए तंबुओं के शहर और पटेल के जीवन पर आधारित संग्रहालय का लोकार्पण भी शामिल है। #WATCH: Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity inaugurated by Prime Minister Narendra Modi in Gujarat's Kevadiya pic.twitter.com/APnxyFACFT — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:34 (IST)31 Oct 2018 कार्यक्रम शुरू, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण मोदी द्वारा प्रतिमा के अनावरण के बाद वायु सेना के तीन विमान वहां उड़ान भरेंगे और भगवा, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरेंगे। पटेल की प्रतिमा के पास मोदी ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का भी उद्घाटन करेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार उस समय तीन जगुआर लड़ाकू विमान काफी नीचे से उड़ान भरते हुए जाएंगे। ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन करने के बाद मोदी पटेल को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे जिनकी 31 अक्टूबर को जयंती भी है। इसी दौरान दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर प्रतिमा पर पुष्पवर्षा करेंगे। PM Narendra Modi inaugurates Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity pic.twitter.com/c3wfzLBkH4 — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:30 (IST)31 Oct 2018 …तो देश के पहले प्रधानमंत्री होते सरदार 1945-1946 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सरदार पटेल प्रमुख उम्मीदवार थे। लेकिन महात्मा गांधी ने एक बार फिर हस्तक्षेप करके जवाहरलाल नेहरू को अध्यक्ष बनवा दिया। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नेहरू को ब्रिटिश वाइसरॉय ने अंतरिम सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया। इस प्रकार यदि घटनाक्रम सामान्य रहता तो सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते। 10:07 (IST)31 Oct 2018 जब नेहरू ने नहीं मानी पटेल की बात, भारत ने गंवा दी 40 हजार वर्ग गज जमीन जब चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई ने जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखा कि वह तिब्बत को चीन का अंग मान लें तो पटेल ने नेहरू से आग्रह किया कि वह तिब्बत पर चीन का प्रभुत्व कतई न स्वीकारें, अन्यथा चीन भारत के लिए खतरनाक सिद्ध होगा। जवाहरलाल नेहरू नहीं माने, बस इसी भूल के कारण हमें चीन से पिटना पड़ा और चीन ने हमारी सीमा की 40 हजार वर्ग गज भूमि पर कब्जा कर लिया। 09:45 (IST)31 Oct 2018 इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर मनमोहन, सोनिया, राहुल ने श्रद्धांजलि दी आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि भी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को स्मारक शक्ति स्थल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "आज खुशी के साथ दादी को याद कर रहा हूं। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया और अपार प्यार दिया। उन्होंने अपने लोगों को बहुत कुछ दिया। मुझे उन पर बहुत गर्व है।" कांग्रेस पार्टी ने कहा, "आज हम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और हमारे देश के सबसे मजबूत नेताओं में से एक का सम्मान करते हैं।" पार्टी ने ट्वीट कर कहा, "उनके नेतृत्व में हमारा देश ने महान जीत, अद्भुत विकास और सबसे महत्वपूर्ण समाज के सभी वर्गो का उत्थान देखा है।" 09:26 (IST)31 Oct 2018 1991 में मरणोपरांत मिला था भारत रत्‍न सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 09:05 (IST)31 Oct 2018 अंग्रेजों ने कई बार जेल में डाला वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान पटेल को तीन महीने की जेल हुई। मार्च 1931 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन की अध्यक्षता की। जनवरी, 1932 में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया। जुलाई, 1934 में वह रिहा हुए और 1937 के चुनावों में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के संगठन को व्यवस्थित किया। 08:52 (IST)31 Oct 2018 राजनाथ सिंह ने 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरदार पटेल की जयंती के मौके पर दिल्ली में 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई। पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित जफर इकबाल, पांच बार वर्ल्‍ड बॉक्सिंग चैम्पियन मैरी कॉम, जिमनास्टिक और ओलम्पिक मेडेलिस्ट दीपा करमाकर भी मौजूद रहे। राजनाथ ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर मेजर ध्यान चंद स्टेडियम से इस दौड़ को हरी झंडी दिखाई। इस एक किलोमीटर तक की दौड़ में सात से 70 साल की उम्र के बीच के हजारों ने हिस्सा लिया। यह दौड़ इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर समाप्त होगी। यह दिन एकता, अखंडता और सुरक्षा को समर्पित है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, हरदीप सिंह पुरी और आर.के.सिंह भी मौजूद रहे। 08:33 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने किया इंडियन सिविल सर्विसेज का भारतीयकरण गृहमंत्री के रूप में वल्‍लभ भाई पटेल पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (आईसीएस) का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आईएएस) बनाया। अंग्रेजों की सेवा करने वालों में विश्वास भरकर उन्हें राजभक्ति से देशभक्ति की ओर मोड़ा। यदि सरदार पटेल कुछ वर्ष जीवित रहते तो संभवत: नौकरशाही का पूर्ण कायाकल्प हो जाता। 08:14 (IST)31 Oct 2018 जब सरदार पटेल नहीं बन पाए कांग्रेस अध्‍यक्ष… सरदार पटेल क्रांतिकारी नहीं थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में सरदार पटेल, महात्मा गांधी के बाद अध्यक्ष पद के दूसरे उम्मीदवार थे। गांधीजी ने स्वाधीनता के प्रस्ताव को स्वीकृत होने से रोकने के प्रयास में अध्यक्ष पद की दावेदारी छोड़ दी और पटेल पर भी नाम वापस लेने के लिए दबाव डाला। अंतत: जवाहरलाल नेहरू अध्यक्ष बने। सन् 1937-1938 में पटेल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार थे। एक बार फिर गांधीजी के दबाव में पटेल को अपना नाम वापस लेना पड़ा और जवाहरलाल नेहरू निर्वाचित हुए। 07:57 (IST)31 Oct 2018 मोदी का लेख : देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले आधुनिक भारत के निर्माता को विशेष श्रद्धांजलि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटेल जयंती पर ट्वीट किया है, ''देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।'' उन्‍होंने आज अखबारों में एक लेख भी लिखा है जिसे आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं। 07:44 (IST)31 Oct 2018 जब पाकिस्तान के पहुंचने से पहले सरदार पटेल ने लक्षद्वीप में फहरवा दिया था तिरंगा लक्षद्वीप को भारत में मिलाने में भी सरदार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। दरअसल, यह देश का एक ऐसा हिस्सा था जो मुख्यधारा से काफी कटा हुआ था। यहां के लोगों को भारत के स्वतंत्र होने की सूचना ही 15 अगस्त 1947 के कई दिनों बाद मिली। पाकिस्तान से काफी दूर होने के बावजूद भी वह भारत के इस हिस्से पर अपना दावा कर सकता था। तब पाकिस्तानी नौसेना के जहाज लक्षद्वीप के आस-पास मंडराते हुए देखे भी गए थे। लेकिन, इससे पहले कि पाकिस्तान इस हिस्से पर अपना ध्वज फहराए, सरदार ने होशियारी से काम लेते हुए लक्षद्वीप में भारतीय नौसेना का एक जहाज तिरंगा फहराने के लिए भेज दिया। भारतीय नौसेना ने समय रहते द्वीप पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया। पढ़ें पूरा प्रसंग 07:23 (IST)31 Oct 2018 PHOTOS: जानें Statue of Unity की खासियत कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टर्बो द्वारा बनाई गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना को दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था जिसे 42 महीनों को अंदर पूरा किया जाना था। लेकिन इसकी डिजाइन के काम के कारण इसके निर्माण की अवधि को और चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपानी ने अपने सोशल अकाउंट पर ''स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी'' की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। तस्‍वीरें देखें और जानें कि इस प्रोजेक्‍ट की खासियतें क्‍या हैं। देखें गैलरी

वृषभ

आपके प्रणय को अंततः आज आपके माता-पिता की औपचारिक मंजूरी मिल जाएगी।उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाने की इच्छा रखने वाले बच्चे आपकी सलाह के लिए आपसे संपर्क करेंगे जिससे आपको बहुत खुशी और गर्व होगा।छात्र आज अपनी जरूरी परियोजनाओं को करने में निष्क्रिय हो सकते हैं। जो लोग तकनीकी जाँच में हैं, वे भी… Live Blog Highlights 13:23 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने इन प्रतिमाओं को छोड़ा पीछे सरदार की यह प्रतिमा इससे पहले तक दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है। चीनी प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है। इतना ही नहीं, यह  न्यूयॉर्क स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से भी लगभग दोगुना बड़ी है। विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के टापू पर बनी इस मूर्ति को बनाने में तकरीबन 2389 करोड़ रुपए का खर्च आया है। 13:01 (IST)31 Oct 2018 मोदी सरकार ने राष्ट्रीय एकता दिवस में मनाना शुरू की पटेल की जयंती सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 12:42 (IST)31 Oct 2018 म्यूजियम-ऑडियो गैलरी भी गए PM केवड़िया में पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य गणमान्य व्यक्ति व मेहमान अनावरण के बाद म्यूजियम और ऑडियो विजुअल गैलरी पहुंचे, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत कॉम्पलेक्स' में स्थित है। 12:21 (IST)31 Oct 2018 VIDEO: PM ने पटेल को यूं दी श्रद्धांजलि #WATCH: Prime Minister Narendra Modi pays tribute to Sardar Vallabhbhai Patel in Gujarat's Kevadiya on his 143rd birth anniversary. #StatueOfUnity pic.twitter.com/AkVXNegfv0 — ANI (@ANI) October 31, 2018 स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण करने के बाद पीएम ने सरदार की प्रतिमा के पास जाकर उस पर जल और पुष्प भी चढ़ाए। देखिए, कैसे उन्होंने देश के पहले गृहमंत्री को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने इससे पहले यहां पर वॉल ऑफ यूनिटी का अनावरण किया।   12:07 (IST)31 Oct 2018 देश को बांटने की कोशिशों से रहें सतर्क : पीएम आज देश के लिए सोचने वाले युवाओं की शक्ति हमारे पास है। देश के विकास के लिए, यही एक रास्ता है, जिसको लेकर हमें आगे बढ़ना है। देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाए रखना, एक ऐसा दायित्व है, जो सरदार साहब हमें देकर गए हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की हर तरह की कोशिश का पुरजोर जवाब दें। इसलिए हमें हर तरह से सतर्क रहना है। समाज के तौर पर एकजुट रहना है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:55 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी ने गिनाई अपनी सरकार की योजनाएं हम देश के हर बेघर को पक्का घर देने की भगीरथ योजना पर काम कर रहे हैं। हमने उन 18 हजार गावों तक बिजली पहुंचाई है, जहां आजादी के इतने वर्षों के बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी। हमारी सरकार सौभाग्य योजना के तहत देश के हर घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए काम कर रही है। देश के हर गांव को सड़क से जोड़ने, डिजिटल कनेक्टिविटी से जोड़ने का काम भी तेज गति से किया जा रहा है। देश में आज हर घर में गैस कनेक्शन पहुंचाने के प्रयास के साथ ही देश के हर घर में शौचालय की सुविधा पहुंचाने पर काम हो रहा है। : प्रधानमंत्री मोदी 11:38 (IST)31 Oct 2018 हमारी मुहिम को लोग राजनीति से जोड़कर देखते हैं : पीएम मोदी सरदार साहब के दर्शन करने आने वाले टूरिस्ट सरदार सरोवर डैम, सतपुड़ा और विंध्य के पर्वतों के दर्शन भी कर पाएंगे। कई बार तो मैं हैरान रह जाता हूं, जब देश में ही कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति से जोड़कर देखते हैं। सरदार पटेल जैसे महापुरुषों, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है। ऐसा अनुभव कराया जाता है मानो हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है। सरदार पटेल चाहते थे कि भारत सशक्त, सुदृढ़, संवेदनशील, सतर्क और समावेशी बने। हमारे सारे प्रयास उनके इसी सपने को साकार करने की दिशा में हो रहे हैं। : प्रधानमंत्री मोदी 11:34 (IST)31 Oct 2018 सहकारी आंदोलन सरदार पटेल की देन : मोदी आज का सहकारी आंदोलन जो देश के अनेक गांवों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन चुका है, ये सरदार साहब की ही देन है। सरदार पटेल का ये स्मारक उनके प्रति करोड़ों भारतीयों के सम्मान, हमारे सामर्थ्य, का प्रतीक तो है ही, ये देश की अर्थव्यवस्था, रोज़गार निर्माण का भी महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है। इससे हज़ारों आदिवासी बहन-भाइयों को हर वर्ष सीधा रोज़गार मिलने वाला है। सतपुड़ा और विंध्य के इस अंचल में बसे आप सभी जनों को प्रकृति ने जो कुछ भी सौंपा है, वो अब आधुनिक रूप में आपके काम आने वाला है। देश ने जिन जंगलों के बारे में कविताओं के जरिए पढ़ा, अब उन जंगलों, उन आदिवासी परंपराओं से पूरी दुनिया प्रत्यक्ष साक्षात्कार करने वाली है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:28 (IST)31 Oct 2018 इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का प्रतीक है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हमारे इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का भी प्रतीक है। बीते करीब साढ़े तीन वर्षों में हर रोज़ कामगारों ने, शिल्पकारों ने मिशन मोड पर काम किया है। राम सुतार जी की अगुवाई में देश के अद्भुत शिल्पकारों की टीम ने कला के इस गौरवशाली स्मारक को पूरा किया है। आज जो ये सफर एक पड़ाव तक पहुंचा है, उसकी यात्रा 8 वर्ष पहले आज के ही दिन शुरु हुई थी। 31 अक्टूबर 2010 को अहमदाबाद में मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था। करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान आवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है। : प्रधानमंत्री 11:25 (IST)31 Oct 2018 ये प्रतिमा न्‍यू इंडिया के आत्‍मविश्‍वास की अभिव्‍यक्ति : पीएम मोदी ''ये प्रतिमा, सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और परमार्थ की भावना का प्रकटीकरण है। ये प्रतिमा उनके सामर्थ्य और समर्पण का सम्मान तो है ही, ये न्‍यू इंडिया, नए भारत के नए आत्मविश्वास की भी अभिव्यक्ति है। ये प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को ये याद दिलाने के लिए है कि ये राष्ट्र शाश्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहेगा। ये ऊंचाई, ये बुलंदी भारत के युवाओं को ये याद दिलाने के लिए है कि भविष्य का भारत आपकी आकांक्षाओं का है, जो इतनी ही विराट हैं। इन आकांक्षाओं को पूरा करने का सामर्थ्य और मंत्र सिर्फ और सिर्फ एक ही है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत।'' 11:19 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार न होते तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी'' सरदार साहब ने संकल्प न लिया होता, तो आज गीर के शेर को देखने के लिए, सोमनाथ में पूजा करने के लिए और हैदराबाद चार मीनार को देखने के लिए हमें वीज़ा लेना पड़ता। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो सिविल सेवा जैसा प्रशासनिक ढांचा खड़ा करने में हमें बहुत मुश्किल होती। देश के लोकतंत्र से सामान्य जन को जोड़ने के लिए वो हमेशा समर्पित रहे। महिलाओं को भारत की राजनीति में सक्रिय योगदान का अधिकार देने के पीछे भी सरदार पटेल का बहुत बड़ा रोल रहा है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:12 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार पटेल ने देश को रास्‍ता दिखाया'' जिस कमज़ोरी पर दुनिया हमें उस समय ताने दे रही थी, उसी को ताकत बनाते हुए सरदार पटेल ने देश को रास्ता दिखाया। उसी रास्ते पर चलते हुए संशय में घिरा वो भारत आज दुनिया से अपनी शर्तों पर संवाद कर रहा है, दुनिया की बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। कच्छ से कोहिमा तक, करगिल से कन्याकुमारी तक आज अगर बेरोकटोक हम जा पा रहे हैं तो ये सरदार साहब की वजह से, उनके संकल्प से ही संभव हो पाया है। : प्रधानमंत्री #WATCH: Prime Minister Narendra Modi says, "if it was not for Sardar Sahab's resolve, then we Indians would have to take visa to see the Gir lions, pray at Somnath, or to see Hyderabad's Charminar". #StatueOfUnity pic.twitter.com/RfAu3tOSyu — ANI (@ANI) October 31, 2018 11:09 (IST)31 Oct 2018 सैकड़ों रजवाड़ों के त्‍याग को नहीं भूलना चाहिए : पीएम मोदी ''सरदार पटेल ने 5 जुलाई, 1947 को रियासतों को संबोधित करते हुए कहा था कि- ''विदेशी आक्रांताओं के सामने हमारे आपसी झगड़े, आपसी दुश्मनी, वैर का भाव, हमारी हार की बड़ी वजह थी। अब हमें इस गलती को नहीं दोहराना है और न ही दोबारा किसी का गुलाम होना है। सरदार साहब के इसी संवाद से, एकीकरण की शक्ति को समझते हुए उन्होंने अपने राज्यों का विलय कर दिया। देखते ही देखते, भारत एक हो गया। सरदार साहब के आह्वान पर देश के सैकड़ों रजवाड़ों ने त्याग की मिसाल कायम की थी। हमें इस त्याग को भी कभी नहीं भूलना चाहिए।'' 11:04 (IST)31 Oct 2018 "सरदार में था कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश" सरदार साहब का सामर्थ्य तब भारत के काम आया था जब मां भारती साढ़े पांच सौ से ज्यादा रियासतों में बंटी थी। दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति घोर निराशा थी। निराशावादियों को लगता था कि भारत अपनी विविधताओं की वजह से ही बिखर जाएगा। सरदार पटेल में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश था। : प्रधानमंत्री 11:00 (IST)31 Oct 2018 ''यह प्रतिमा सरदार साहब के संकल्‍प की याद दिलाती रहेगी'' आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तब भारत ने न सिर्फ अपने लिए एक नया इतिहास रचा है, बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा का गगनचुम्बी आधार भी रखा है। दुनिया की ये सबसे उंची प्रतिमा पूरी दुनिया और हमारी भावी पीढ़ियों को सरदार साहब के साहस, सामर्थ और संकल्प की याद दिलाती रहेगी। : प्रधानमंत्री मोदी 10:54 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी को सौंपा गया हथौड़ा स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी बनाने के लिए 'लोहा कैंपेन' के दौरान किसानों से प्राप्त पहला लौह औजार हथौड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा गया। उन्‍होंने कहा, ''आज भारत के वर्तमान ने अपने इतिहास के एक स्वर्णिम पृष्ठ को उजागर करने का काम किया है।'' 10:42 (IST)31 Oct 2018 सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन इस अवसर पर गुजरात पुलिस, सशस्त्र और अर्द्धसैनिक बलों के बैंड सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। इस मौके पर 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकार नृत्य और संगीत की प्रस्तुति देंगे। इस दौरान कई आकर्षण होंगे जिनमें 17 किलोमीटर लंबी फूलों की घाटी का उद्घाटन, प्रतिमा के पास पर्यटकों के लिए तंबुओं के शहर और पटेल के जीवन पर आधारित संग्रहालय का लोकार्पण भी शामिल है। #WATCH: Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity inaugurated by Prime Minister Narendra Modi in Gujarat's Kevadiya pic.twitter.com/APnxyFACFT — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:34 (IST)31 Oct 2018 कार्यक्रम शुरू, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण मोदी द्वारा प्रतिमा के अनावरण के बाद वायु सेना के तीन विमान वहां उड़ान भरेंगे और भगवा, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरेंगे। पटेल की प्रतिमा के पास मोदी ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का भी उद्घाटन करेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार उस समय तीन जगुआर लड़ाकू विमान काफी नीचे से उड़ान भरते हुए जाएंगे। ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन करने के बाद मोदी पटेल को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे जिनकी 31 अक्टूबर को जयंती भी है। इसी दौरान दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर प्रतिमा पर पुष्पवर्षा करेंगे। PM Narendra Modi inaugurates Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity pic.twitter.com/c3wfzLBkH4 — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:30 (IST)31 Oct 2018 …तो देश के पहले प्रधानमंत्री होते सरदार 1945-1946 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सरदार पटेल प्रमुख उम्मीदवार थे। लेकिन महात्मा गांधी ने एक बार फिर हस्तक्षेप करके जवाहरलाल नेहरू को अध्यक्ष बनवा दिया। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नेहरू को ब्रिटिश वाइसरॉय ने अंतरिम सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया। इस प्रकार यदि घटनाक्रम सामान्य रहता तो सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते। 10:07 (IST)31 Oct 2018 जब नेहरू ने नहीं मानी पटेल की बात, भारत ने गंवा दी 40 हजार वर्ग गज जमीन जब चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई ने जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखा कि वह तिब्बत को चीन का अंग मान लें तो पटेल ने नेहरू से आग्रह किया कि वह तिब्बत पर चीन का प्रभुत्व कतई न स्वीकारें, अन्यथा चीन भारत के लिए खतरनाक सिद्ध होगा। जवाहरलाल नेहरू नहीं माने, बस इसी भूल के कारण हमें चीन से पिटना पड़ा और चीन ने हमारी सीमा की 40 हजार वर्ग गज भूमि पर कब्जा कर लिया। 09:45 (IST)31 Oct 2018 इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर मनमोहन, सोनिया, राहुल ने श्रद्धांजलि दी आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि भी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को स्मारक शक्ति स्थल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "आज खुशी के साथ दादी को याद कर रहा हूं। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया और अपार प्यार दिया। उन्होंने अपने लोगों को बहुत कुछ दिया। मुझे उन पर बहुत गर्व है।" कांग्रेस पार्टी ने कहा, "आज हम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और हमारे देश के सबसे मजबूत नेताओं में से एक का सम्मान करते हैं।" पार्टी ने ट्वीट कर कहा, "उनके नेतृत्व में हमारा देश ने महान जीत, अद्भुत विकास और सबसे महत्वपूर्ण समाज के सभी वर्गो का उत्थान देखा है।" 09:26 (IST)31 Oct 2018 1991 में मरणोपरांत मिला था भारत रत्‍न सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 09:05 (IST)31 Oct 2018 अंग्रेजों ने कई बार जेल में डाला वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान पटेल को तीन महीने की जेल हुई। मार्च 1931 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन की अध्यक्षता की। जनवरी, 1932 में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया। जुलाई, 1934 में वह रिहा हुए और 1937 के चुनावों में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के संगठन को व्यवस्थित किया। 08:52 (IST)31 Oct 2018 राजनाथ सिंह ने 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरदार पटेल की जयंती के मौके पर दिल्ली में 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई। पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित जफर इकबाल, पांच बार वर्ल्‍ड बॉक्सिंग चैम्पियन मैरी कॉम, जिमनास्टिक और ओलम्पिक मेडेलिस्ट दीपा करमाकर भी मौजूद रहे। राजनाथ ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर मेजर ध्यान चंद स्टेडियम से इस दौड़ को हरी झंडी दिखाई। इस एक किलोमीटर तक की दौड़ में सात से 70 साल की उम्र के बीच के हजारों ने हिस्सा लिया। यह दौड़ इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर समाप्त होगी। यह दिन एकता, अखंडता और सुरक्षा को समर्पित है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, हरदीप सिंह पुरी और आर.के.सिंह भी मौजूद रहे। 08:33 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने किया इंडियन सिविल सर्विसेज का भारतीयकरण गृहमंत्री के रूप में वल्‍लभ भाई पटेल पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (आईसीएस) का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आईएएस) बनाया। अंग्रेजों की सेवा करने वालों में विश्वास भरकर उन्हें राजभक्ति से देशभक्ति की ओर मोड़ा। यदि सरदार पटेल कुछ वर्ष जीवित रहते तो संभवत: नौकरशाही का पूर्ण कायाकल्प हो जाता। 08:14 (IST)31 Oct 2018 जब सरदार पटेल नहीं बन पाए कांग्रेस अध्‍यक्ष… सरदार पटेल क्रांतिकारी नहीं थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में सरदार पटेल, महात्मा गांधी के बाद अध्यक्ष पद के दूसरे उम्मीदवार थे। गांधीजी ने स्वाधीनता के प्रस्ताव को स्वीकृत होने से रोकने के प्रयास में अध्यक्ष पद की दावेदारी छोड़ दी और पटेल पर भी नाम वापस लेने के लिए दबाव डाला। अंतत: जवाहरलाल नेहरू अध्यक्ष बने। सन् 1937-1938 में पटेल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार थे। एक बार फिर गांधीजी के दबाव में पटेल को अपना नाम वापस लेना पड़ा और जवाहरलाल नेहरू निर्वाचित हुए। 07:57 (IST)31 Oct 2018 मोदी का लेख : देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले आधुनिक भारत के निर्माता को विशेष श्रद्धांजलि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटेल जयंती पर ट्वीट किया है, ''देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।'' उन्‍होंने आज अखबारों में एक लेख भी लिखा है जिसे आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं। 07:44 (IST)31 Oct 2018 जब पाकिस्तान के पहुंचने से पहले सरदार पटेल ने लक्षद्वीप में फहरवा दिया था तिरंगा लक्षद्वीप को भारत में मिलाने में भी सरदार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। दरअसल, यह देश का एक ऐसा हिस्सा था जो मुख्यधारा से काफी कटा हुआ था। यहां के लोगों को भारत के स्वतंत्र होने की सूचना ही 15 अगस्त 1947 के कई दिनों बाद मिली। पाकिस्तान से काफी दूर होने के बावजूद भी वह भारत के इस हिस्से पर अपना दावा कर सकता था। तब पाकिस्तानी नौसेना के जहाज लक्षद्वीप के आस-पास मंडराते हुए देखे भी गए थे। लेकिन, इससे पहले कि पाकिस्तान इस हिस्से पर अपना ध्वज फहराए, सरदार ने होशियारी से काम लेते हुए लक्षद्वीप में भारतीय नौसेना का एक जहाज तिरंगा फहराने के लिए भेज दिया। भारतीय नौसेना ने समय रहते द्वीप पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया। पढ़ें पूरा प्रसंग 07:23 (IST)31 Oct 2018 PHOTOS: जानें Statue of Unity की खासियत कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टर्बो द्वारा बनाई गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना को दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था जिसे 42 महीनों को अंदर पूरा किया जाना था। लेकिन इसकी डिजाइन के काम के कारण इसके निर्माण की अवधि को और चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपानी ने अपने सोशल अकाउंट पर ''स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी'' की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। तस्‍वीरें देखें और जानें कि इस प्रोजेक्‍ट की खासियतें क्‍या हैं। देखें गैलरी

मिथुन

मामूली बीमारी से ग्रस्त बच्चों को आज बिस्तर पर पड़े रहना होगा, जिससे खेलकूद ना कर सकने के कारण निराशा होगी।अपने हिस्सेदार पर अंधा विश्वास अनावश्यक आर्थिक नुकसान का कारण हो सकता है। उस पर विश्वास रखें पर सारी बातें उस पर ना छोड़ें। उनकी गतिविधियों पर ध्यान दें।आज वयस्क स्वजनों को स्वास्थ्य जाँच के… Live Blog Highlights 13:23 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने इन प्रतिमाओं को छोड़ा पीछे सरदार की यह प्रतिमा इससे पहले तक दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है। चीनी प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है। इतना ही नहीं, यह  न्यूयॉर्क स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से भी लगभग दोगुना बड़ी है। विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के टापू पर बनी इस मूर्ति को बनाने में तकरीबन 2389 करोड़ रुपए का खर्च आया है। 13:01 (IST)31 Oct 2018 मोदी सरकार ने राष्ट्रीय एकता दिवस में मनाना शुरू की पटेल की जयंती सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 12:42 (IST)31 Oct 2018 म्यूजियम-ऑडियो गैलरी भी गए PM केवड़िया में पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य गणमान्य व्यक्ति व मेहमान अनावरण के बाद म्यूजियम और ऑडियो विजुअल गैलरी पहुंचे, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत कॉम्पलेक्स' में स्थित है। 12:21 (IST)31 Oct 2018 VIDEO: PM ने पटेल को यूं दी श्रद्धांजलि #WATCH: Prime Minister Narendra Modi pays tribute to Sardar Vallabhbhai Patel in Gujarat's Kevadiya on his 143rd birth anniversary. #StatueOfUnity pic.twitter.com/AkVXNegfv0 — ANI (@ANI) October 31, 2018 स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण करने के बाद पीएम ने सरदार की प्रतिमा के पास जाकर उस पर जल और पुष्प भी चढ़ाए। देखिए, कैसे उन्होंने देश के पहले गृहमंत्री को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने इससे पहले यहां पर वॉल ऑफ यूनिटी का अनावरण किया।   12:07 (IST)31 Oct 2018 देश को बांटने की कोशिशों से रहें सतर्क : पीएम आज देश के लिए सोचने वाले युवाओं की शक्ति हमारे पास है। देश के विकास के लिए, यही एक रास्ता है, जिसको लेकर हमें आगे बढ़ना है। देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाए रखना, एक ऐसा दायित्व है, जो सरदार साहब हमें देकर गए हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की हर तरह की कोशिश का पुरजोर जवाब दें। इसलिए हमें हर तरह से सतर्क रहना है। समाज के तौर पर एकजुट रहना है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:55 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी ने गिनाई अपनी सरकार की योजनाएं हम देश के हर बेघर को पक्का घर देने की भगीरथ योजना पर काम कर रहे हैं। हमने उन 18 हजार गावों तक बिजली पहुंचाई है, जहां आजादी के इतने वर्षों के बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी। हमारी सरकार सौभाग्य योजना के तहत देश के हर घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए काम कर रही है। देश के हर गांव को सड़क से जोड़ने, डिजिटल कनेक्टिविटी से जोड़ने का काम भी तेज गति से किया जा रहा है। देश में आज हर घर में गैस कनेक्शन पहुंचाने के प्रयास के साथ ही देश के हर घर में शौचालय की सुविधा पहुंचाने पर काम हो रहा है। : प्रधानमंत्री मोदी 11:38 (IST)31 Oct 2018 हमारी मुहिम को लोग राजनीति से जोड़कर देखते हैं : पीएम मोदी सरदार साहब के दर्शन करने आने वाले टूरिस्ट सरदार सरोवर डैम, सतपुड़ा और विंध्य के पर्वतों के दर्शन भी कर पाएंगे। कई बार तो मैं हैरान रह जाता हूं, जब देश में ही कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति से जोड़कर देखते हैं। सरदार पटेल जैसे महापुरुषों, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है। ऐसा अनुभव कराया जाता है मानो हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है। सरदार पटेल चाहते थे कि भारत सशक्त, सुदृढ़, संवेदनशील, सतर्क और समावेशी बने। हमारे सारे प्रयास उनके इसी सपने को साकार करने की दिशा में हो रहे हैं। : प्रधानमंत्री मोदी 11:34 (IST)31 Oct 2018 सहकारी आंदोलन सरदार पटेल की देन : मोदी आज का सहकारी आंदोलन जो देश के अनेक गांवों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन चुका है, ये सरदार साहब की ही देन है। सरदार पटेल का ये स्मारक उनके प्रति करोड़ों भारतीयों के सम्मान, हमारे सामर्थ्य, का प्रतीक तो है ही, ये देश की अर्थव्यवस्था, रोज़गार निर्माण का भी महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है। इससे हज़ारों आदिवासी बहन-भाइयों को हर वर्ष सीधा रोज़गार मिलने वाला है। सतपुड़ा और विंध्य के इस अंचल में बसे आप सभी जनों को प्रकृति ने जो कुछ भी सौंपा है, वो अब आधुनिक रूप में आपके काम आने वाला है। देश ने जिन जंगलों के बारे में कविताओं के जरिए पढ़ा, अब उन जंगलों, उन आदिवासी परंपराओं से पूरी दुनिया प्रत्यक्ष साक्षात्कार करने वाली है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:28 (IST)31 Oct 2018 इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का प्रतीक है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हमारे इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का भी प्रतीक है। बीते करीब साढ़े तीन वर्षों में हर रोज़ कामगारों ने, शिल्पकारों ने मिशन मोड पर काम किया है। राम सुतार जी की अगुवाई में देश के अद्भुत शिल्पकारों की टीम ने कला के इस गौरवशाली स्मारक को पूरा किया है। आज जो ये सफर एक पड़ाव तक पहुंचा है, उसकी यात्रा 8 वर्ष पहले आज के ही दिन शुरु हुई थी। 31 अक्टूबर 2010 को अहमदाबाद में मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था। करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान आवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है। : प्रधानमंत्री 11:25 (IST)31 Oct 2018 ये प्रतिमा न्‍यू इंडिया के आत्‍मविश्‍वास की अभिव्‍यक्ति : पीएम मोदी ''ये प्रतिमा, सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और परमार्थ की भावना का प्रकटीकरण है। ये प्रतिमा उनके सामर्थ्य और समर्पण का सम्मान तो है ही, ये न्‍यू इंडिया, नए भारत के नए आत्मविश्वास की भी अभिव्यक्ति है। ये प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को ये याद दिलाने के लिए है कि ये राष्ट्र शाश्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहेगा। ये ऊंचाई, ये बुलंदी भारत के युवाओं को ये याद दिलाने के लिए है कि भविष्य का भारत आपकी आकांक्षाओं का है, जो इतनी ही विराट हैं। इन आकांक्षाओं को पूरा करने का सामर्थ्य और मंत्र सिर्फ और सिर्फ एक ही है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत।'' 11:19 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार न होते तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी'' सरदार साहब ने संकल्प न लिया होता, तो आज गीर के शेर को देखने के लिए, सोमनाथ में पूजा करने के लिए और हैदराबाद चार मीनार को देखने के लिए हमें वीज़ा लेना पड़ता। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो सिविल सेवा जैसा प्रशासनिक ढांचा खड़ा करने में हमें बहुत मुश्किल होती। देश के लोकतंत्र से सामान्य जन को जोड़ने के लिए वो हमेशा समर्पित रहे। महिलाओं को भारत की राजनीति में सक्रिय योगदान का अधिकार देने के पीछे भी सरदार पटेल का बहुत बड़ा रोल रहा है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:12 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार पटेल ने देश को रास्‍ता दिखाया'' जिस कमज़ोरी पर दुनिया हमें उस समय ताने दे रही थी, उसी को ताकत बनाते हुए सरदार पटेल ने देश को रास्ता दिखाया। उसी रास्ते पर चलते हुए संशय में घिरा वो भारत आज दुनिया से अपनी शर्तों पर संवाद कर रहा है, दुनिया की बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। कच्छ से कोहिमा तक, करगिल से कन्याकुमारी तक आज अगर बेरोकटोक हम जा पा रहे हैं तो ये सरदार साहब की वजह से, उनके संकल्प से ही संभव हो पाया है। : प्रधानमंत्री #WATCH: Prime Minister Narendra Modi says, "if it was not for Sardar Sahab's resolve, then we Indians would have to take visa to see the Gir lions, pray at Somnath, or to see Hyderabad's Charminar". #StatueOfUnity pic.twitter.com/RfAu3tOSyu — ANI (@ANI) October 31, 2018 11:09 (IST)31 Oct 2018 सैकड़ों रजवाड़ों के त्‍याग को नहीं भूलना चाहिए : पीएम मोदी ''सरदार पटेल ने 5 जुलाई, 1947 को रियासतों को संबोधित करते हुए कहा था कि- ''विदेशी आक्रांताओं के सामने हमारे आपसी झगड़े, आपसी दुश्मनी, वैर का भाव, हमारी हार की बड़ी वजह थी। अब हमें इस गलती को नहीं दोहराना है और न ही दोबारा किसी का गुलाम होना है। सरदार साहब के इसी संवाद से, एकीकरण की शक्ति को समझते हुए उन्होंने अपने राज्यों का विलय कर दिया। देखते ही देखते, भारत एक हो गया। सरदार साहब के आह्वान पर देश के सैकड़ों रजवाड़ों ने त्याग की मिसाल कायम की थी। हमें इस त्याग को भी कभी नहीं भूलना चाहिए।'' 11:04 (IST)31 Oct 2018 "सरदार में था कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश" सरदार साहब का सामर्थ्य तब भारत के काम आया था जब मां भारती साढ़े पांच सौ से ज्यादा रियासतों में बंटी थी। दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति घोर निराशा थी। निराशावादियों को लगता था कि भारत अपनी विविधताओं की वजह से ही बिखर जाएगा। सरदार पटेल में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश था। : प्रधानमंत्री 11:00 (IST)31 Oct 2018 ''यह प्रतिमा सरदार साहब के संकल्‍प की याद दिलाती रहेगी'' आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तब भारत ने न सिर्फ अपने लिए एक नया इतिहास रचा है, बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा का गगनचुम्बी आधार भी रखा है। दुनिया की ये सबसे उंची प्रतिमा पूरी दुनिया और हमारी भावी पीढ़ियों को सरदार साहब के साहस, सामर्थ और संकल्प की याद दिलाती रहेगी। : प्रधानमंत्री मोदी 10:54 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी को सौंपा गया हथौड़ा स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी बनाने के लिए 'लोहा कैंपेन' के दौरान किसानों से प्राप्त पहला लौह औजार हथौड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा गया। उन्‍होंने कहा, ''आज भारत के वर्तमान ने अपने इतिहास के एक स्वर्णिम पृष्ठ को उजागर करने का काम किया है।'' 10:42 (IST)31 Oct 2018 सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन इस अवसर पर गुजरात पुलिस, सशस्त्र और अर्द्धसैनिक बलों के बैंड सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। इस मौके पर 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकार नृत्य और संगीत की प्रस्तुति देंगे। इस दौरान कई आकर्षण होंगे जिनमें 17 किलोमीटर लंबी फूलों की घाटी का उद्घाटन, प्रतिमा के पास पर्यटकों के लिए तंबुओं के शहर और पटेल के जीवन पर आधारित संग्रहालय का लोकार्पण भी शामिल है। #WATCH: Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity inaugurated by Prime Minister Narendra Modi in Gujarat's Kevadiya pic.twitter.com/APnxyFACFT — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:34 (IST)31 Oct 2018 कार्यक्रम शुरू, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण मोदी द्वारा प्रतिमा के अनावरण के बाद वायु सेना के तीन विमान वहां उड़ान भरेंगे और भगवा, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरेंगे। पटेल की प्रतिमा के पास मोदी ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का भी उद्घाटन करेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार उस समय तीन जगुआर लड़ाकू विमान काफी नीचे से उड़ान भरते हुए जाएंगे। ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन करने के बाद मोदी पटेल को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे जिनकी 31 अक्टूबर को जयंती भी है। इसी दौरान दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर प्रतिमा पर पुष्पवर्षा करेंगे। PM Narendra Modi inaugurates Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity pic.twitter.com/c3wfzLBkH4 — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:30 (IST)31 Oct 2018 …तो देश के पहले प्रधानमंत्री होते सरदार 1945-1946 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सरदार पटेल प्रमुख उम्मीदवार थे। लेकिन महात्मा गांधी ने एक बार फिर हस्तक्षेप करके जवाहरलाल नेहरू को अध्यक्ष बनवा दिया। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नेहरू को ब्रिटिश वाइसरॉय ने अंतरिम सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया। इस प्रकार यदि घटनाक्रम सामान्य रहता तो सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते। 10:07 (IST)31 Oct 2018 जब नेहरू ने नहीं मानी पटेल की बात, भारत ने गंवा दी 40 हजार वर्ग गज जमीन जब चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई ने जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखा कि वह तिब्बत को चीन का अंग मान लें तो पटेल ने नेहरू से आग्रह किया कि वह तिब्बत पर चीन का प्रभुत्व कतई न स्वीकारें, अन्यथा चीन भारत के लिए खतरनाक सिद्ध होगा। जवाहरलाल नेहरू नहीं माने, बस इसी भूल के कारण हमें चीन से पिटना पड़ा और चीन ने हमारी सीमा की 40 हजार वर्ग गज भूमि पर कब्जा कर लिया। 09:45 (IST)31 Oct 2018 इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर मनमोहन, सोनिया, राहुल ने श्रद्धांजलि दी आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि भी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को स्मारक शक्ति स्थल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "आज खुशी के साथ दादी को याद कर रहा हूं। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया और अपार प्यार दिया। उन्होंने अपने लोगों को बहुत कुछ दिया। मुझे उन पर बहुत गर्व है।" कांग्रेस पार्टी ने कहा, "आज हम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और हमारे देश के सबसे मजबूत नेताओं में से एक का सम्मान करते हैं।" पार्टी ने ट्वीट कर कहा, "उनके नेतृत्व में हमारा देश ने महान जीत, अद्भुत विकास और सबसे महत्वपूर्ण समाज के सभी वर्गो का उत्थान देखा है।" 09:26 (IST)31 Oct 2018 1991 में मरणोपरांत मिला था भारत रत्‍न सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 09:05 (IST)31 Oct 2018 अंग्रेजों ने कई बार जेल में डाला वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान पटेल को तीन महीने की जेल हुई। मार्च 1931 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन की अध्यक्षता की। जनवरी, 1932 में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया। जुलाई, 1934 में वह रिहा हुए और 1937 के चुनावों में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के संगठन को व्यवस्थित किया। 08:52 (IST)31 Oct 2018 राजनाथ सिंह ने 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरदार पटेल की जयंती के मौके पर दिल्ली में 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई। पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित जफर इकबाल, पांच बार वर्ल्‍ड बॉक्सिंग चैम्पियन मैरी कॉम, जिमनास्टिक और ओलम्पिक मेडेलिस्ट दीपा करमाकर भी मौजूद रहे। राजनाथ ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर मेजर ध्यान चंद स्टेडियम से इस दौड़ को हरी झंडी दिखाई। इस एक किलोमीटर तक की दौड़ में सात से 70 साल की उम्र के बीच के हजारों ने हिस्सा लिया। यह दौड़ इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर समाप्त होगी। यह दिन एकता, अखंडता और सुरक्षा को समर्पित है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, हरदीप सिंह पुरी और आर.के.सिंह भी मौजूद रहे। 08:33 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने किया इंडियन सिविल सर्विसेज का भारतीयकरण गृहमंत्री के रूप में वल्‍लभ भाई पटेल पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (आईसीएस) का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आईएएस) बनाया। अंग्रेजों की सेवा करने वालों में विश्वास भरकर उन्हें राजभक्ति से देशभक्ति की ओर मोड़ा। यदि सरदार पटेल कुछ वर्ष जीवित रहते तो संभवत: नौकरशाही का पूर्ण कायाकल्प हो जाता। 08:14 (IST)31 Oct 2018 जब सरदार पटेल नहीं बन पाए कांग्रेस अध्‍यक्ष… सरदार पटेल क्रांतिकारी नहीं थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में सरदार पटेल, महात्मा गांधी के बाद अध्यक्ष पद के दूसरे उम्मीदवार थे। गांधीजी ने स्वाधीनता के प्रस्ताव को स्वीकृत होने से रोकने के प्रयास में अध्यक्ष पद की दावेदारी छोड़ दी और पटेल पर भी नाम वापस लेने के लिए दबाव डाला। अंतत: जवाहरलाल नेहरू अध्यक्ष बने। सन् 1937-1938 में पटेल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार थे। एक बार फिर गांधीजी के दबाव में पटेल को अपना नाम वापस लेना पड़ा और जवाहरलाल नेहरू निर्वाचित हुए। 07:57 (IST)31 Oct 2018 मोदी का लेख : देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले आधुनिक भारत के निर्माता को विशेष श्रद्धांजलि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटेल जयंती पर ट्वीट किया है, ''देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।'' उन्‍होंने आज अखबारों में एक लेख भी लिखा है जिसे आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं। 07:44 (IST)31 Oct 2018 जब पाकिस्तान के पहुंचने से पहले सरदार पटेल ने लक्षद्वीप में फहरवा दिया था तिरंगा लक्षद्वीप को भारत में मिलाने में भी सरदार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। दरअसल, यह देश का एक ऐसा हिस्सा था जो मुख्यधारा से काफी कटा हुआ था। यहां के लोगों को भारत के स्वतंत्र होने की सूचना ही 15 अगस्त 1947 के कई दिनों बाद मिली। पाकिस्तान से काफी दूर होने के बावजूद भी वह भारत के इस हिस्से पर अपना दावा कर सकता था। तब पाकिस्तानी नौसेना के जहाज लक्षद्वीप के आस-पास मंडराते हुए देखे भी गए थे। लेकिन, इससे पहले कि पाकिस्तान इस हिस्से पर अपना ध्वज फहराए, सरदार ने होशियारी से काम लेते हुए लक्षद्वीप में भारतीय नौसेना का एक जहाज तिरंगा फहराने के लिए भेज दिया। भारतीय नौसेना ने समय रहते द्वीप पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया। पढ़ें पूरा प्रसंग 07:23 (IST)31 Oct 2018 PHOTOS: जानें Statue of Unity की खासियत कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टर्बो द्वारा बनाई गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना को दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था जिसे 42 महीनों को अंदर पूरा किया जाना था। लेकिन इसकी डिजाइन के काम के कारण इसके निर्माण की अवधि को और चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपानी ने अपने सोशल अकाउंट पर ''स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी'' की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। तस्‍वीरें देखें और जानें कि इस प्रोजेक्‍ट की खासियतें क्‍या हैं। देखें गैलरी

कर्क

व्यापारी के लिए आज का दिन अच्छा है। आज आप ग्राहकों, सहयोगियों और अधिकारियों से भेंट और वार्तालाप कर सकते है।अपने आर्थिक मामलों में सावधान रहें और भविष्य में सारे आर्थिक काम और अर्थ संकल्प बनाकर उसका पालन करें।जो लोग अचल संपत्ति के व्यवसाय में हैं, उनके नए सौदों में अनावश्यक देरी होने की संभावना… Live Blog Highlights 13:23 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने इन प्रतिमाओं को छोड़ा पीछे सरदार की यह प्रतिमा इससे पहले तक दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है। चीनी प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है। इतना ही नहीं, यह  न्यूयॉर्क स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से भी लगभग दोगुना बड़ी है। विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के टापू पर बनी इस मूर्ति को बनाने में तकरीबन 2389 करोड़ रुपए का खर्च आया है। 13:01 (IST)31 Oct 2018 मोदी सरकार ने राष्ट्रीय एकता दिवस में मनाना शुरू की पटेल की जयंती सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 12:42 (IST)31 Oct 2018 म्यूजियम-ऑडियो गैलरी भी गए PM केवड़िया में पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य गणमान्य व्यक्ति व मेहमान अनावरण के बाद म्यूजियम और ऑडियो विजुअल गैलरी पहुंचे, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत कॉम्पलेक्स' में स्थित है। 12:21 (IST)31 Oct 2018 VIDEO: PM ने पटेल को यूं दी श्रद्धांजलि #WATCH: Prime Minister Narendra Modi pays tribute to Sardar Vallabhbhai Patel in Gujarat's Kevadiya on his 143rd birth anniversary. #StatueOfUnity pic.twitter.com/AkVXNegfv0 — ANI (@ANI) October 31, 2018 स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण करने के बाद पीएम ने सरदार की प्रतिमा के पास जाकर उस पर जल और पुष्प भी चढ़ाए। देखिए, कैसे उन्होंने देश के पहले गृहमंत्री को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने इससे पहले यहां पर वॉल ऑफ यूनिटी का अनावरण किया।   12:07 (IST)31 Oct 2018 देश को बांटने की कोशिशों से रहें सतर्क : पीएम आज देश के लिए सोचने वाले युवाओं की शक्ति हमारे पास है। देश के विकास के लिए, यही एक रास्ता है, जिसको लेकर हमें आगे बढ़ना है। देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाए रखना, एक ऐसा दायित्व है, जो सरदार साहब हमें देकर गए हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की हर तरह की कोशिश का पुरजोर जवाब दें। इसलिए हमें हर तरह से सतर्क रहना है। समाज के तौर पर एकजुट रहना है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:55 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी ने गिनाई अपनी सरकार की योजनाएं हम देश के हर बेघर को पक्का घर देने की भगीरथ योजना पर काम कर रहे हैं। हमने उन 18 हजार गावों तक बिजली पहुंचाई है, जहां आजादी के इतने वर्षों के बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी। हमारी सरकार सौभाग्य योजना के तहत देश के हर घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए काम कर रही है। देश के हर गांव को सड़क से जोड़ने, डिजिटल कनेक्टिविटी से जोड़ने का काम भी तेज गति से किया जा रहा है। देश में आज हर घर में गैस कनेक्शन पहुंचाने के प्रयास के साथ ही देश के हर घर में शौचालय की सुविधा पहुंचाने पर काम हो रहा है। : प्रधानमंत्री मोदी 11:38 (IST)31 Oct 2018 हमारी मुहिम को लोग राजनीति से जोड़कर देखते हैं : पीएम मोदी सरदार साहब के दर्शन करने आने वाले टूरिस्ट सरदार सरोवर डैम, सतपुड़ा और विंध्य के पर्वतों के दर्शन भी कर पाएंगे। कई बार तो मैं हैरान रह जाता हूं, जब देश में ही कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति से जोड़कर देखते हैं। सरदार पटेल जैसे महापुरुषों, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है। ऐसा अनुभव कराया जाता है मानो हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है। सरदार पटेल चाहते थे कि भारत सशक्त, सुदृढ़, संवेदनशील, सतर्क और समावेशी बने। हमारे सारे प्रयास उनके इसी सपने को साकार करने की दिशा में हो रहे हैं। : प्रधानमंत्री मोदी 11:34 (IST)31 Oct 2018 सहकारी आंदोलन सरदार पटेल की देन : मोदी आज का सहकारी आंदोलन जो देश के अनेक गांवों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन चुका है, ये सरदार साहब की ही देन है। सरदार पटेल का ये स्मारक उनके प्रति करोड़ों भारतीयों के सम्मान, हमारे सामर्थ्य, का प्रतीक तो है ही, ये देश की अर्थव्यवस्था, रोज़गार निर्माण का भी महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है। इससे हज़ारों आदिवासी बहन-भाइयों को हर वर्ष सीधा रोज़गार मिलने वाला है। सतपुड़ा और विंध्य के इस अंचल में बसे आप सभी जनों को प्रकृति ने जो कुछ भी सौंपा है, वो अब आधुनिक रूप में आपके काम आने वाला है। देश ने जिन जंगलों के बारे में कविताओं के जरिए पढ़ा, अब उन जंगलों, उन आदिवासी परंपराओं से पूरी दुनिया प्रत्यक्ष साक्षात्कार करने वाली है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:28 (IST)31 Oct 2018 इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का प्रतीक है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हमारे इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का भी प्रतीक है। बीते करीब साढ़े तीन वर्षों में हर रोज़ कामगारों ने, शिल्पकारों ने मिशन मोड पर काम किया है। राम सुतार जी की अगुवाई में देश के अद्भुत शिल्पकारों की टीम ने कला के इस गौरवशाली स्मारक को पूरा किया है। आज जो ये सफर एक पड़ाव तक पहुंचा है, उसकी यात्रा 8 वर्ष पहले आज के ही दिन शुरु हुई थी। 31 अक्टूबर 2010 को अहमदाबाद में मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था। करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान आवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है। : प्रधानमंत्री 11:25 (IST)31 Oct 2018 ये प्रतिमा न्‍यू इंडिया के आत्‍मविश्‍वास की अभिव्‍यक्ति : पीएम मोदी ''ये प्रतिमा, सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और परमार्थ की भावना का प्रकटीकरण है। ये प्रतिमा उनके सामर्थ्य और समर्पण का सम्मान तो है ही, ये न्‍यू इंडिया, नए भारत के नए आत्मविश्वास की भी अभिव्यक्ति है। ये प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को ये याद दिलाने के लिए है कि ये राष्ट्र शाश्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहेगा। ये ऊंचाई, ये बुलंदी भारत के युवाओं को ये याद दिलाने के लिए है कि भविष्य का भारत आपकी आकांक्षाओं का है, जो इतनी ही विराट हैं। इन आकांक्षाओं को पूरा करने का सामर्थ्य और मंत्र सिर्फ और सिर्फ एक ही है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत।'' 11:19 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार न होते तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी'' सरदार साहब ने संकल्प न लिया होता, तो आज गीर के शेर को देखने के लिए, सोमनाथ में पूजा करने के लिए और हैदराबाद चार मीनार को देखने के लिए हमें वीज़ा लेना पड़ता। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो सिविल सेवा जैसा प्रशासनिक ढांचा खड़ा करने में हमें बहुत मुश्किल होती। देश के लोकतंत्र से सामान्य जन को जोड़ने के लिए वो हमेशा समर्पित रहे। महिलाओं को भारत की राजनीति में सक्रिय योगदान का अधिकार देने के पीछे भी सरदार पटेल का बहुत बड़ा रोल रहा है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:12 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार पटेल ने देश को रास्‍ता दिखाया'' जिस कमज़ोरी पर दुनिया हमें उस समय ताने दे रही थी, उसी को ताकत बनाते हुए सरदार पटेल ने देश को रास्ता दिखाया। उसी रास्ते पर चलते हुए संशय में घिरा वो भारत आज दुनिया से अपनी शर्तों पर संवाद कर रहा है, दुनिया की बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। कच्छ से कोहिमा तक, करगिल से कन्याकुमारी तक आज अगर बेरोकटोक हम जा पा रहे हैं तो ये सरदार साहब की वजह से, उनके संकल्प से ही संभव हो पाया है। : प्रधानमंत्री #WATCH: Prime Minister Narendra Modi says, "if it was not for Sardar Sahab's resolve, then we Indians would have to take visa to see the Gir lions, pray at Somnath, or to see Hyderabad's Charminar". #StatueOfUnity pic.twitter.com/RfAu3tOSyu — ANI (@ANI) October 31, 2018 11:09 (IST)31 Oct 2018 सैकड़ों रजवाड़ों के त्‍याग को नहीं भूलना चाहिए : पीएम मोदी ''सरदार पटेल ने 5 जुलाई, 1947 को रियासतों को संबोधित करते हुए कहा था कि- ''विदेशी आक्रांताओं के सामने हमारे आपसी झगड़े, आपसी दुश्मनी, वैर का भाव, हमारी हार की बड़ी वजह थी। अब हमें इस गलती को नहीं दोहराना है और न ही दोबारा किसी का गुलाम होना है। सरदार साहब के इसी संवाद से, एकीकरण की शक्ति को समझते हुए उन्होंने अपने राज्यों का विलय कर दिया। देखते ही देखते, भारत एक हो गया। सरदार साहब के आह्वान पर देश के सैकड़ों रजवाड़ों ने त्याग की मिसाल कायम की थी। हमें इस त्याग को भी कभी नहीं भूलना चाहिए।'' 11:04 (IST)31 Oct 2018 "सरदार में था कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश" सरदार साहब का सामर्थ्य तब भारत के काम आया था जब मां भारती साढ़े पांच सौ से ज्यादा रियासतों में बंटी थी। दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति घोर निराशा थी। निराशावादियों को लगता था कि भारत अपनी विविधताओं की वजह से ही बिखर जाएगा। सरदार पटेल में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश था। : प्रधानमंत्री 11:00 (IST)31 Oct 2018 ''यह प्रतिमा सरदार साहब के संकल्‍प की याद दिलाती रहेगी'' आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तब भारत ने न सिर्फ अपने लिए एक नया इतिहास रचा है, बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा का गगनचुम्बी आधार भी रखा है। दुनिया की ये सबसे उंची प्रतिमा पूरी दुनिया और हमारी भावी पीढ़ियों को सरदार साहब के साहस, सामर्थ और संकल्प की याद दिलाती रहेगी। : प्रधानमंत्री मोदी 10:54 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी को सौंपा गया हथौड़ा स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी बनाने के लिए 'लोहा कैंपेन' के दौरान किसानों से प्राप्त पहला लौह औजार हथौड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा गया। उन्‍होंने कहा, ''आज भारत के वर्तमान ने अपने इतिहास के एक स्वर्णिम पृष्ठ को उजागर करने का काम किया है।'' 10:42 (IST)31 Oct 2018 सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन इस अवसर पर गुजरात पुलिस, सशस्त्र और अर्द्धसैनिक बलों के बैंड सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। इस मौके पर 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकार नृत्य और संगीत की प्रस्तुति देंगे। इस दौरान कई आकर्षण होंगे जिनमें 17 किलोमीटर लंबी फूलों की घाटी का उद्घाटन, प्रतिमा के पास पर्यटकों के लिए तंबुओं के शहर और पटेल के जीवन पर आधारित संग्रहालय का लोकार्पण भी शामिल है। #WATCH: Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity inaugurated by Prime Minister Narendra Modi in Gujarat's Kevadiya pic.twitter.com/APnxyFACFT — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:34 (IST)31 Oct 2018 कार्यक्रम शुरू, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण मोदी द्वारा प्रतिमा के अनावरण के बाद वायु सेना के तीन विमान वहां उड़ान भरेंगे और भगवा, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरेंगे। पटेल की प्रतिमा के पास मोदी ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का भी उद्घाटन करेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार उस समय तीन जगुआर लड़ाकू विमान काफी नीचे से उड़ान भरते हुए जाएंगे। ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन करने के बाद मोदी पटेल को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे जिनकी 31 अक्टूबर को जयंती भी है। इसी दौरान दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर प्रतिमा पर पुष्पवर्षा करेंगे। PM Narendra Modi inaugurates Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity pic.twitter.com/c3wfzLBkH4 — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:30 (IST)31 Oct 2018 …तो देश के पहले प्रधानमंत्री होते सरदार 1945-1946 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सरदार पटेल प्रमुख उम्मीदवार थे। लेकिन महात्मा गांधी ने एक बार फिर हस्तक्षेप करके जवाहरलाल नेहरू को अध्यक्ष बनवा दिया। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नेहरू को ब्रिटिश वाइसरॉय ने अंतरिम सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया। इस प्रकार यदि घटनाक्रम सामान्य रहता तो सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते। 10:07 (IST)31 Oct 2018 जब नेहरू ने नहीं मानी पटेल की बात, भारत ने गंवा दी 40 हजार वर्ग गज जमीन जब चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई ने जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखा कि वह तिब्बत को चीन का अंग मान लें तो पटेल ने नेहरू से आग्रह किया कि वह तिब्बत पर चीन का प्रभुत्व कतई न स्वीकारें, अन्यथा चीन भारत के लिए खतरनाक सिद्ध होगा। जवाहरलाल नेहरू नहीं माने, बस इसी भूल के कारण हमें चीन से पिटना पड़ा और चीन ने हमारी सीमा की 40 हजार वर्ग गज भूमि पर कब्जा कर लिया। 09:45 (IST)31 Oct 2018 इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर मनमोहन, सोनिया, राहुल ने श्रद्धांजलि दी आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि भी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को स्मारक शक्ति स्थल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "आज खुशी के साथ दादी को याद कर रहा हूं। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया और अपार प्यार दिया। उन्होंने अपने लोगों को बहुत कुछ दिया। मुझे उन पर बहुत गर्व है।" कांग्रेस पार्टी ने कहा, "आज हम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और हमारे देश के सबसे मजबूत नेताओं में से एक का सम्मान करते हैं।" पार्टी ने ट्वीट कर कहा, "उनके नेतृत्व में हमारा देश ने महान जीत, अद्भुत विकास और सबसे महत्वपूर्ण समाज के सभी वर्गो का उत्थान देखा है।" 09:26 (IST)31 Oct 2018 1991 में मरणोपरांत मिला था भारत रत्‍न सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 09:05 (IST)31 Oct 2018 अंग्रेजों ने कई बार जेल में डाला वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान पटेल को तीन महीने की जेल हुई। मार्च 1931 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन की अध्यक्षता की। जनवरी, 1932 में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया। जुलाई, 1934 में वह रिहा हुए और 1937 के चुनावों में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के संगठन को व्यवस्थित किया। 08:52 (IST)31 Oct 2018 राजनाथ सिंह ने 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरदार पटेल की जयंती के मौके पर दिल्ली में 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई। पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित जफर इकबाल, पांच बार वर्ल्‍ड बॉक्सिंग चैम्पियन मैरी कॉम, जिमनास्टिक और ओलम्पिक मेडेलिस्ट दीपा करमाकर भी मौजूद रहे। राजनाथ ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर मेजर ध्यान चंद स्टेडियम से इस दौड़ को हरी झंडी दिखाई। इस एक किलोमीटर तक की दौड़ में सात से 70 साल की उम्र के बीच के हजारों ने हिस्सा लिया। यह दौड़ इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर समाप्त होगी। यह दिन एकता, अखंडता और सुरक्षा को समर्पित है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, हरदीप सिंह पुरी और आर.के.सिंह भी मौजूद रहे। 08:33 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने किया इंडियन सिविल सर्विसेज का भारतीयकरण गृहमंत्री के रूप में वल्‍लभ भाई पटेल पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (आईसीएस) का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आईएएस) बनाया। अंग्रेजों की सेवा करने वालों में विश्वास भरकर उन्हें राजभक्ति से देशभक्ति की ओर मोड़ा। यदि सरदार पटेल कुछ वर्ष जीवित रहते तो संभवत: नौकरशाही का पूर्ण कायाकल्प हो जाता। 08:14 (IST)31 Oct 2018 जब सरदार पटेल नहीं बन पाए कांग्रेस अध्‍यक्ष… सरदार पटेल क्रांतिकारी नहीं थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में सरदार पटेल, महात्मा गांधी के बाद अध्यक्ष पद के दूसरे उम्मीदवार थे। गांधीजी ने स्वाधीनता के प्रस्ताव को स्वीकृत होने से रोकने के प्रयास में अध्यक्ष पद की दावेदारी छोड़ दी और पटेल पर भी नाम वापस लेने के लिए दबाव डाला। अंतत: जवाहरलाल नेहरू अध्यक्ष बने। सन् 1937-1938 में पटेल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार थे। एक बार फिर गांधीजी के दबाव में पटेल को अपना नाम वापस लेना पड़ा और जवाहरलाल नेहरू निर्वाचित हुए। 07:57 (IST)31 Oct 2018 मोदी का लेख : देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले आधुनिक भारत के निर्माता को विशेष श्रद्धांजलि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटेल जयंती पर ट्वीट किया है, ''देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।'' उन्‍होंने आज अखबारों में एक लेख भी लिखा है जिसे आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं। 07:44 (IST)31 Oct 2018 जब पाकिस्तान के पहुंचने से पहले सरदार पटेल ने लक्षद्वीप में फहरवा दिया था तिरंगा लक्षद्वीप को भारत में मिलाने में भी सरदार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। दरअसल, यह देश का एक ऐसा हिस्सा था जो मुख्यधारा से काफी कटा हुआ था। यहां के लोगों को भारत के स्वतंत्र होने की सूचना ही 15 अगस्त 1947 के कई दिनों बाद मिली। पाकिस्तान से काफी दूर होने के बावजूद भी वह भारत के इस हिस्से पर अपना दावा कर सकता था। तब पाकिस्तानी नौसेना के जहाज लक्षद्वीप के आस-पास मंडराते हुए देखे भी गए थे। लेकिन, इससे पहले कि पाकिस्तान इस हिस्से पर अपना ध्वज फहराए, सरदार ने होशियारी से काम लेते हुए लक्षद्वीप में भारतीय नौसेना का एक जहाज तिरंगा फहराने के लिए भेज दिया। भारतीय नौसेना ने समय रहते द्वीप पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया। पढ़ें पूरा प्रसंग 07:23 (IST)31 Oct 2018 PHOTOS: जानें Statue of Unity की खासियत कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टर्बो द्वारा बनाई गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना को दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था जिसे 42 महीनों को अंदर पूरा किया जाना था। लेकिन इसकी डिजाइन के काम के कारण इसके निर्माण की अवधि को और चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपानी ने अपने सोशल अकाउंट पर ''स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी'' की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। तस्‍वीरें देखें और जानें कि इस प्रोजेक्‍ट की खासियतें क्‍या हैं। देखें गैलरी

सिंह

लेखपालों के लिए आज अच्छा दिन है। वे आज ख्याति प्राप्त कर सकते हैं।संभवता छात्र आज आयोजित शैक्षणिक दौरे में भाग नहीं ले पाएंगे। विद्यार्थी आज शिक्षकों के पास आत्मीयता की अपेक्षा लेकर आयेंगे। उन्हें शिक्षकों की ओर से प्रशंसा और अपनापन मिलेगा।अपने नये रिश्ते को बढ़ने और परिपक्व होने के लिए थोडा और समय… Live Blog Highlights 13:23 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने इन प्रतिमाओं को छोड़ा पीछे सरदार की यह प्रतिमा इससे पहले तक दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है। चीनी प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है। इतना ही नहीं, यह  न्यूयॉर्क स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से भी लगभग दोगुना बड़ी है। विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के टापू पर बनी इस मूर्ति को बनाने में तकरीबन 2389 करोड़ रुपए का खर्च आया है। 13:01 (IST)31 Oct 2018 मोदी सरकार ने राष्ट्रीय एकता दिवस में मनाना शुरू की पटेल की जयंती सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 12:42 (IST)31 Oct 2018 म्यूजियम-ऑडियो गैलरी भी गए PM केवड़िया में पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य गणमान्य व्यक्ति व मेहमान अनावरण के बाद म्यूजियम और ऑडियो विजुअल गैलरी पहुंचे, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत कॉम्पलेक्स' में स्थित है। 12:21 (IST)31 Oct 2018 VIDEO: PM ने पटेल को यूं दी श्रद्धांजलि #WATCH: Prime Minister Narendra Modi pays tribute to Sardar Vallabhbhai Patel in Gujarat's Kevadiya on his 143rd birth anniversary. #StatueOfUnity pic.twitter.com/AkVXNegfv0 — ANI (@ANI) October 31, 2018 स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण करने के बाद पीएम ने सरदार की प्रतिमा के पास जाकर उस पर जल और पुष्प भी चढ़ाए। देखिए, कैसे उन्होंने देश के पहले गृहमंत्री को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने इससे पहले यहां पर वॉल ऑफ यूनिटी का अनावरण किया।   12:07 (IST)31 Oct 2018 देश को बांटने की कोशिशों से रहें सतर्क : पीएम आज देश के लिए सोचने वाले युवाओं की शक्ति हमारे पास है। देश के विकास के लिए, यही एक रास्ता है, जिसको लेकर हमें आगे बढ़ना है। देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाए रखना, एक ऐसा दायित्व है, जो सरदार साहब हमें देकर गए हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की हर तरह की कोशिश का पुरजोर जवाब दें। इसलिए हमें हर तरह से सतर्क रहना है। समाज के तौर पर एकजुट रहना है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:55 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी ने गिनाई अपनी सरकार की योजनाएं हम देश के हर बेघर को पक्का घर देने की भगीरथ योजना पर काम कर रहे हैं। हमने उन 18 हजार गावों तक बिजली पहुंचाई है, जहां आजादी के इतने वर्षों के बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी। हमारी सरकार सौभाग्य योजना के तहत देश के हर घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए काम कर रही है। देश के हर गांव को सड़क से जोड़ने, डिजिटल कनेक्टिविटी से जोड़ने का काम भी तेज गति से किया जा रहा है। देश में आज हर घर में गैस कनेक्शन पहुंचाने के प्रयास के साथ ही देश के हर घर में शौचालय की सुविधा पहुंचाने पर काम हो रहा है। : प्रधानमंत्री मोदी 11:38 (IST)31 Oct 2018 हमारी मुहिम को लोग राजनीति से जोड़कर देखते हैं : पीएम मोदी सरदार साहब के दर्शन करने आने वाले टूरिस्ट सरदार सरोवर डैम, सतपुड़ा और विंध्य के पर्वतों के दर्शन भी कर पाएंगे। कई बार तो मैं हैरान रह जाता हूं, जब देश में ही कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति से जोड़कर देखते हैं। सरदार पटेल जैसे महापुरुषों, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है। ऐसा अनुभव कराया जाता है मानो हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है। सरदार पटेल चाहते थे कि भारत सशक्त, सुदृढ़, संवेदनशील, सतर्क और समावेशी बने। हमारे सारे प्रयास उनके इसी सपने को साकार करने की दिशा में हो रहे हैं। : प्रधानमंत्री मोदी 11:34 (IST)31 Oct 2018 सहकारी आंदोलन सरदार पटेल की देन : मोदी आज का सहकारी आंदोलन जो देश के अनेक गांवों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन चुका है, ये सरदार साहब की ही देन है। सरदार पटेल का ये स्मारक उनके प्रति करोड़ों भारतीयों के सम्मान, हमारे सामर्थ्य, का प्रतीक तो है ही, ये देश की अर्थव्यवस्था, रोज़गार निर्माण का भी महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है। इससे हज़ारों आदिवासी बहन-भाइयों को हर वर्ष सीधा रोज़गार मिलने वाला है। सतपुड़ा और विंध्य के इस अंचल में बसे आप सभी जनों को प्रकृति ने जो कुछ भी सौंपा है, वो अब आधुनिक रूप में आपके काम आने वाला है। देश ने जिन जंगलों के बारे में कविताओं के जरिए पढ़ा, अब उन जंगलों, उन आदिवासी परंपराओं से पूरी दुनिया प्रत्यक्ष साक्षात्कार करने वाली है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:28 (IST)31 Oct 2018 इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का प्रतीक है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हमारे इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का भी प्रतीक है। बीते करीब साढ़े तीन वर्षों में हर रोज़ कामगारों ने, शिल्पकारों ने मिशन मोड पर काम किया है। राम सुतार जी की अगुवाई में देश के अद्भुत शिल्पकारों की टीम ने कला के इस गौरवशाली स्मारक को पूरा किया है। आज जो ये सफर एक पड़ाव तक पहुंचा है, उसकी यात्रा 8 वर्ष पहले आज के ही दिन शुरु हुई थी। 31 अक्टूबर 2010 को अहमदाबाद में मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था। करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान आवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है। : प्रधानमंत्री 11:25 (IST)31 Oct 2018 ये प्रतिमा न्‍यू इंडिया के आत्‍मविश्‍वास की अभिव्‍यक्ति : पीएम मोदी ''ये प्रतिमा, सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और परमार्थ की भावना का प्रकटीकरण है। ये प्रतिमा उनके सामर्थ्य और समर्पण का सम्मान तो है ही, ये न्‍यू इंडिया, नए भारत के नए आत्मविश्वास की भी अभिव्यक्ति है। ये प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को ये याद दिलाने के लिए है कि ये राष्ट्र शाश्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहेगा। ये ऊंचाई, ये बुलंदी भारत के युवाओं को ये याद दिलाने के लिए है कि भविष्य का भारत आपकी आकांक्षाओं का है, जो इतनी ही विराट हैं। इन आकांक्षाओं को पूरा करने का सामर्थ्य और मंत्र सिर्फ और सिर्फ एक ही है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत।'' 11:19 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार न होते तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी'' सरदार साहब ने संकल्प न लिया होता, तो आज गीर के शेर को देखने के लिए, सोमनाथ में पूजा करने के लिए और हैदराबाद चार मीनार को देखने के लिए हमें वीज़ा लेना पड़ता। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो सिविल सेवा जैसा प्रशासनिक ढांचा खड़ा करने में हमें बहुत मुश्किल होती। देश के लोकतंत्र से सामान्य जन को जोड़ने के लिए वो हमेशा समर्पित रहे। महिलाओं को भारत की राजनीति में सक्रिय योगदान का अधिकार देने के पीछे भी सरदार पटेल का बहुत बड़ा रोल रहा है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:12 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार पटेल ने देश को रास्‍ता दिखाया'' जिस कमज़ोरी पर दुनिया हमें उस समय ताने दे रही थी, उसी को ताकत बनाते हुए सरदार पटेल ने देश को रास्ता दिखाया। उसी रास्ते पर चलते हुए संशय में घिरा वो भारत आज दुनिया से अपनी शर्तों पर संवाद कर रहा है, दुनिया की बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। कच्छ से कोहिमा तक, करगिल से कन्याकुमारी तक आज अगर बेरोकटोक हम जा पा रहे हैं तो ये सरदार साहब की वजह से, उनके संकल्प से ही संभव हो पाया है। : प्रधानमंत्री #WATCH: Prime Minister Narendra Modi says, "if it was not for Sardar Sahab's resolve, then we Indians would have to take visa to see the Gir lions, pray at Somnath, or to see Hyderabad's Charminar". #StatueOfUnity pic.twitter.com/RfAu3tOSyu — ANI (@ANI) October 31, 2018 11:09 (IST)31 Oct 2018 सैकड़ों रजवाड़ों के त्‍याग को नहीं भूलना चाहिए : पीएम मोदी ''सरदार पटेल ने 5 जुलाई, 1947 को रियासतों को संबोधित करते हुए कहा था कि- ''विदेशी आक्रांताओं के सामने हमारे आपसी झगड़े, आपसी दुश्मनी, वैर का भाव, हमारी हार की बड़ी वजह थी। अब हमें इस गलती को नहीं दोहराना है और न ही दोबारा किसी का गुलाम होना है। सरदार साहब के इसी संवाद से, एकीकरण की शक्ति को समझते हुए उन्होंने अपने राज्यों का विलय कर दिया। देखते ही देखते, भारत एक हो गया। सरदार साहब के आह्वान पर देश के सैकड़ों रजवाड़ों ने त्याग की मिसाल कायम की थी। हमें इस त्याग को भी कभी नहीं भूलना चाहिए।'' 11:04 (IST)31 Oct 2018 "सरदार में था कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश" सरदार साहब का सामर्थ्य तब भारत के काम आया था जब मां भारती साढ़े पांच सौ से ज्यादा रियासतों में बंटी थी। दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति घोर निराशा थी। निराशावादियों को लगता था कि भारत अपनी विविधताओं की वजह से ही बिखर जाएगा। सरदार पटेल में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश था। : प्रधानमंत्री 11:00 (IST)31 Oct 2018 ''यह प्रतिमा सरदार साहब के संकल्‍प की याद दिलाती रहेगी'' आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तब भारत ने न सिर्फ अपने लिए एक नया इतिहास रचा है, बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा का गगनचुम्बी आधार भी रखा है। दुनिया की ये सबसे उंची प्रतिमा पूरी दुनिया और हमारी भावी पीढ़ियों को सरदार साहब के साहस, सामर्थ और संकल्प की याद दिलाती रहेगी। : प्रधानमंत्री मोदी 10:54 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी को सौंपा गया हथौड़ा स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी बनाने के लिए 'लोहा कैंपेन' के दौरान किसानों से प्राप्त पहला लौह औजार हथौड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा गया। उन्‍होंने कहा, ''आज भारत के वर्तमान ने अपने इतिहास के एक स्वर्णिम पृष्ठ को उजागर करने का काम किया है।'' 10:42 (IST)31 Oct 2018 सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन इस अवसर पर गुजरात पुलिस, सशस्त्र और अर्द्धसैनिक बलों के बैंड सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। इस मौके पर 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकार नृत्य और संगीत की प्रस्तुति देंगे। इस दौरान कई आकर्षण होंगे जिनमें 17 किलोमीटर लंबी फूलों की घाटी का उद्घाटन, प्रतिमा के पास पर्यटकों के लिए तंबुओं के शहर और पटेल के जीवन पर आधारित संग्रहालय का लोकार्पण भी शामिल है। #WATCH: Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity inaugurated by Prime Minister Narendra Modi in Gujarat's Kevadiya pic.twitter.com/APnxyFACFT — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:34 (IST)31 Oct 2018 कार्यक्रम शुरू, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण मोदी द्वारा प्रतिमा के अनावरण के बाद वायु सेना के तीन विमान वहां उड़ान भरेंगे और भगवा, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरेंगे। पटेल की प्रतिमा के पास मोदी ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का भी उद्घाटन करेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार उस समय तीन जगुआर लड़ाकू विमान काफी नीचे से उड़ान भरते हुए जाएंगे। ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन करने के बाद मोदी पटेल को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे जिनकी 31 अक्टूबर को जयंती भी है। इसी दौरान दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर प्रतिमा पर पुष्पवर्षा करेंगे। PM Narendra Modi inaugurates Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity pic.twitter.com/c3wfzLBkH4 — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:30 (IST)31 Oct 2018 …तो देश के पहले प्रधानमंत्री होते सरदार 1945-1946 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सरदार पटेल प्रमुख उम्मीदवार थे। लेकिन महात्मा गांधी ने एक बार फिर हस्तक्षेप करके जवाहरलाल नेहरू को अध्यक्ष बनवा दिया। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नेहरू को ब्रिटिश वाइसरॉय ने अंतरिम सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया। इस प्रकार यदि घटनाक्रम सामान्य रहता तो सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते। 10:07 (IST)31 Oct 2018 जब नेहरू ने नहीं मानी पटेल की बात, भारत ने गंवा दी 40 हजार वर्ग गज जमीन जब चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई ने जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखा कि वह तिब्बत को चीन का अंग मान लें तो पटेल ने नेहरू से आग्रह किया कि वह तिब्बत पर चीन का प्रभुत्व कतई न स्वीकारें, अन्यथा चीन भारत के लिए खतरनाक सिद्ध होगा। जवाहरलाल नेहरू नहीं माने, बस इसी भूल के कारण हमें चीन से पिटना पड़ा और चीन ने हमारी सीमा की 40 हजार वर्ग गज भूमि पर कब्जा कर लिया। 09:45 (IST)31 Oct 2018 इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर मनमोहन, सोनिया, राहुल ने श्रद्धांजलि दी आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि भी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को स्मारक शक्ति स्थल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "आज खुशी के साथ दादी को याद कर रहा हूं। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया और अपार प्यार दिया। उन्होंने अपने लोगों को बहुत कुछ दिया। मुझे उन पर बहुत गर्व है।" कांग्रेस पार्टी ने कहा, "आज हम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और हमारे देश के सबसे मजबूत नेताओं में से एक का सम्मान करते हैं।" पार्टी ने ट्वीट कर कहा, "उनके नेतृत्व में हमारा देश ने महान जीत, अद्भुत विकास और सबसे महत्वपूर्ण समाज के सभी वर्गो का उत्थान देखा है।" 09:26 (IST)31 Oct 2018 1991 में मरणोपरांत मिला था भारत रत्‍न सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 09:05 (IST)31 Oct 2018 अंग्रेजों ने कई बार जेल में डाला वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान पटेल को तीन महीने की जेल हुई। मार्च 1931 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन की अध्यक्षता की। जनवरी, 1932 में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया। जुलाई, 1934 में वह रिहा हुए और 1937 के चुनावों में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के संगठन को व्यवस्थित किया। 08:52 (IST)31 Oct 2018 राजनाथ सिंह ने 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरदार पटेल की जयंती के मौके पर दिल्ली में 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई। पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित जफर इकबाल, पांच बार वर्ल्‍ड बॉक्सिंग चैम्पियन मैरी कॉम, जिमनास्टिक और ओलम्पिक मेडेलिस्ट दीपा करमाकर भी मौजूद रहे। राजनाथ ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर मेजर ध्यान चंद स्टेडियम से इस दौड़ को हरी झंडी दिखाई। इस एक किलोमीटर तक की दौड़ में सात से 70 साल की उम्र के बीच के हजारों ने हिस्सा लिया। यह दौड़ इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर समाप्त होगी। यह दिन एकता, अखंडता और सुरक्षा को समर्पित है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, हरदीप सिंह पुरी और आर.के.सिंह भी मौजूद रहे। 08:33 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने किया इंडियन सिविल सर्विसेज का भारतीयकरण गृहमंत्री के रूप में वल्‍लभ भाई पटेल पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (आईसीएस) का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आईएएस) बनाया। अंग्रेजों की सेवा करने वालों में विश्वास भरकर उन्हें राजभक्ति से देशभक्ति की ओर मोड़ा। यदि सरदार पटेल कुछ वर्ष जीवित रहते तो संभवत: नौकरशाही का पूर्ण कायाकल्प हो जाता। 08:14 (IST)31 Oct 2018 जब सरदार पटेल नहीं बन पाए कांग्रेस अध्‍यक्ष… सरदार पटेल क्रांतिकारी नहीं थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में सरदार पटेल, महात्मा गांधी के बाद अध्यक्ष पद के दूसरे उम्मीदवार थे। गांधीजी ने स्वाधीनता के प्रस्ताव को स्वीकृत होने से रोकने के प्रयास में अध्यक्ष पद की दावेदारी छोड़ दी और पटेल पर भी नाम वापस लेने के लिए दबाव डाला। अंतत: जवाहरलाल नेहरू अध्यक्ष बने। सन् 1937-1938 में पटेल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार थे। एक बार फिर गांधीजी के दबाव में पटेल को अपना नाम वापस लेना पड़ा और जवाहरलाल नेहरू निर्वाचित हुए। 07:57 (IST)31 Oct 2018 मोदी का लेख : देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले आधुनिक भारत के निर्माता को विशेष श्रद्धांजलि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटेल जयंती पर ट्वीट किया है, ''देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।'' उन्‍होंने आज अखबारों में एक लेख भी लिखा है जिसे आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं। 07:44 (IST)31 Oct 2018 जब पाकिस्तान के पहुंचने से पहले सरदार पटेल ने लक्षद्वीप में फहरवा दिया था तिरंगा लक्षद्वीप को भारत में मिलाने में भी सरदार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। दरअसल, यह देश का एक ऐसा हिस्सा था जो मुख्यधारा से काफी कटा हुआ था। यहां के लोगों को भारत के स्वतंत्र होने की सूचना ही 15 अगस्त 1947 के कई दिनों बाद मिली। पाकिस्तान से काफी दूर होने के बावजूद भी वह भारत के इस हिस्से पर अपना दावा कर सकता था। तब पाकिस्तानी नौसेना के जहाज लक्षद्वीप के आस-पास मंडराते हुए देखे भी गए थे। लेकिन, इससे पहले कि पाकिस्तान इस हिस्से पर अपना ध्वज फहराए, सरदार ने होशियारी से काम लेते हुए लक्षद्वीप में भारतीय नौसेना का एक जहाज तिरंगा फहराने के लिए भेज दिया। भारतीय नौसेना ने समय रहते द्वीप पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया। पढ़ें पूरा प्रसंग 07:23 (IST)31 Oct 2018 PHOTOS: जानें Statue of Unity की खासियत कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टर्बो द्वारा बनाई गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना को दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था जिसे 42 महीनों को अंदर पूरा किया जाना था। लेकिन इसकी डिजाइन के काम के कारण इसके निर्माण की अवधि को और चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपानी ने अपने सोशल अकाउंट पर ''स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी'' की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। तस्‍वीरें देखें और जानें कि इस प्रोजेक्‍ट की खासियतें क्‍या हैं। देखें गैलरी

कन्या

बच्चे आज खुद को क्षतिग्रस्त कर सकते हैं। उनको मामूली खरोंच या चोट हुई, तब भी पूरा परिवार परेशान हो जायेगा।तकनीकी विषयों का अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए एक कठिन दिन हैं। उन्हें अध्ययन करने में समर्थ होने के लिए शांतिपूर्ण वातावरण की आवश्यकता है।कलाकार आज स्वयं को शारीरिक रूप से अस्वस्थ अनुभव करेंगे… Live Blog Highlights 13:23 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने इन प्रतिमाओं को छोड़ा पीछे सरदार की यह प्रतिमा इससे पहले तक दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है। चीनी प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है। इतना ही नहीं, यह  न्यूयॉर्क स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से भी लगभग दोगुना बड़ी है। विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के टापू पर बनी इस मूर्ति को बनाने में तकरीबन 2389 करोड़ रुपए का खर्च आया है। 13:01 (IST)31 Oct 2018 मोदी सरकार ने राष्ट्रीय एकता दिवस में मनाना शुरू की पटेल की जयंती सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 12:42 (IST)31 Oct 2018 म्यूजियम-ऑडियो गैलरी भी गए PM केवड़िया में पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य गणमान्य व्यक्ति व मेहमान अनावरण के बाद म्यूजियम और ऑडियो विजुअल गैलरी पहुंचे, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत कॉम्पलेक्स' में स्थित है। 12:21 (IST)31 Oct 2018 VIDEO: PM ने पटेल को यूं दी श्रद्धांजलि #WATCH: Prime Minister Narendra Modi pays tribute to Sardar Vallabhbhai Patel in Gujarat's Kevadiya on his 143rd birth anniversary. #StatueOfUnity pic.twitter.com/AkVXNegfv0 — ANI (@ANI) October 31, 2018 स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण करने के बाद पीएम ने सरदार की प्रतिमा के पास जाकर उस पर जल और पुष्प भी चढ़ाए। देखिए, कैसे उन्होंने देश के पहले गृहमंत्री को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने इससे पहले यहां पर वॉल ऑफ यूनिटी का अनावरण किया।   12:07 (IST)31 Oct 2018 देश को बांटने की कोशिशों से रहें सतर्क : पीएम आज देश के लिए सोचने वाले युवाओं की शक्ति हमारे पास है। देश के विकास के लिए, यही एक रास्ता है, जिसको लेकर हमें आगे बढ़ना है। देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाए रखना, एक ऐसा दायित्व है, जो सरदार साहब हमें देकर गए हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की हर तरह की कोशिश का पुरजोर जवाब दें। इसलिए हमें हर तरह से सतर्क रहना है। समाज के तौर पर एकजुट रहना है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:55 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी ने गिनाई अपनी सरकार की योजनाएं हम देश के हर बेघर को पक्का घर देने की भगीरथ योजना पर काम कर रहे हैं। हमने उन 18 हजार गावों तक बिजली पहुंचाई है, जहां आजादी के इतने वर्षों के बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी। हमारी सरकार सौभाग्य योजना के तहत देश के हर घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए काम कर रही है। देश के हर गांव को सड़क से जोड़ने, डिजिटल कनेक्टिविटी से जोड़ने का काम भी तेज गति से किया जा रहा है। देश में आज हर घर में गैस कनेक्शन पहुंचाने के प्रयास के साथ ही देश के हर घर में शौचालय की सुविधा पहुंचाने पर काम हो रहा है। : प्रधानमंत्री मोदी 11:38 (IST)31 Oct 2018 हमारी मुहिम को लोग राजनीति से जोड़कर देखते हैं : पीएम मोदी सरदार साहब के दर्शन करने आने वाले टूरिस्ट सरदार सरोवर डैम, सतपुड़ा और विंध्य के पर्वतों के दर्शन भी कर पाएंगे। कई बार तो मैं हैरान रह जाता हूं, जब देश में ही कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति से जोड़कर देखते हैं। सरदार पटेल जैसे महापुरुषों, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है। ऐसा अनुभव कराया जाता है मानो हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है। सरदार पटेल चाहते थे कि भारत सशक्त, सुदृढ़, संवेदनशील, सतर्क और समावेशी बने। हमारे सारे प्रयास उनके इसी सपने को साकार करने की दिशा में हो रहे हैं। : प्रधानमंत्री मोदी 11:34 (IST)31 Oct 2018 सहकारी आंदोलन सरदार पटेल की देन : मोदी आज का सहकारी आंदोलन जो देश के अनेक गांवों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन चुका है, ये सरदार साहब की ही देन है। सरदार पटेल का ये स्मारक उनके प्रति करोड़ों भारतीयों के सम्मान, हमारे सामर्थ्य, का प्रतीक तो है ही, ये देश की अर्थव्यवस्था, रोज़गार निर्माण का भी महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है। इससे हज़ारों आदिवासी बहन-भाइयों को हर वर्ष सीधा रोज़गार मिलने वाला है। सतपुड़ा और विंध्य के इस अंचल में बसे आप सभी जनों को प्रकृति ने जो कुछ भी सौंपा है, वो अब आधुनिक रूप में आपके काम आने वाला है। देश ने जिन जंगलों के बारे में कविताओं के जरिए पढ़ा, अब उन जंगलों, उन आदिवासी परंपराओं से पूरी दुनिया प्रत्यक्ष साक्षात्कार करने वाली है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:28 (IST)31 Oct 2018 इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का प्रतीक है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हमारे इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का भी प्रतीक है। बीते करीब साढ़े तीन वर्षों में हर रोज़ कामगारों ने, शिल्पकारों ने मिशन मोड पर काम किया है। राम सुतार जी की अगुवाई में देश के अद्भुत शिल्पकारों की टीम ने कला के इस गौरवशाली स्मारक को पूरा किया है। आज जो ये सफर एक पड़ाव तक पहुंचा है, उसकी यात्रा 8 वर्ष पहले आज के ही दिन शुरु हुई थी। 31 अक्टूबर 2010 को अहमदाबाद में मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था। करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान आवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है। : प्रधानमंत्री 11:25 (IST)31 Oct 2018 ये प्रतिमा न्‍यू इंडिया के आत्‍मविश्‍वास की अभिव्‍यक्ति : पीएम मोदी ''ये प्रतिमा, सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और परमार्थ की भावना का प्रकटीकरण है। ये प्रतिमा उनके सामर्थ्य और समर्पण का सम्मान तो है ही, ये न्‍यू इंडिया, नए भारत के नए आत्मविश्वास की भी अभिव्यक्ति है। ये प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को ये याद दिलाने के लिए है कि ये राष्ट्र शाश्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहेगा। ये ऊंचाई, ये बुलंदी भारत के युवाओं को ये याद दिलाने के लिए है कि भविष्य का भारत आपकी आकांक्षाओं का है, जो इतनी ही विराट हैं। इन आकांक्षाओं को पूरा करने का सामर्थ्य और मंत्र सिर्फ और सिर्फ एक ही है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत।'' 11:19 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार न होते तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी'' सरदार साहब ने संकल्प न लिया होता, तो आज गीर के शेर को देखने के लिए, सोमनाथ में पूजा करने के लिए और हैदराबाद चार मीनार को देखने के लिए हमें वीज़ा लेना पड़ता। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो सिविल सेवा जैसा प्रशासनिक ढांचा खड़ा करने में हमें बहुत मुश्किल होती। देश के लोकतंत्र से सामान्य जन को जोड़ने के लिए वो हमेशा समर्पित रहे। महिलाओं को भारत की राजनीति में सक्रिय योगदान का अधिकार देने के पीछे भी सरदार पटेल का बहुत बड़ा रोल रहा है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:12 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार पटेल ने देश को रास्‍ता दिखाया'' जिस कमज़ोरी पर दुनिया हमें उस समय ताने दे रही थी, उसी को ताकत बनाते हुए सरदार पटेल ने देश को रास्ता दिखाया। उसी रास्ते पर चलते हुए संशय में घिरा वो भारत आज दुनिया से अपनी शर्तों पर संवाद कर रहा है, दुनिया की बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। कच्छ से कोहिमा तक, करगिल से कन्याकुमारी तक आज अगर बेरोकटोक हम जा पा रहे हैं तो ये सरदार साहब की वजह से, उनके संकल्प से ही संभव हो पाया है। : प्रधानमंत्री #WATCH: Prime Minister Narendra Modi says, "if it was not for Sardar Sahab's resolve, then we Indians would have to take visa to see the Gir lions, pray at Somnath, or to see Hyderabad's Charminar". #StatueOfUnity pic.twitter.com/RfAu3tOSyu — ANI (@ANI) October 31, 2018 11:09 (IST)31 Oct 2018 सैकड़ों रजवाड़ों के त्‍याग को नहीं भूलना चाहिए : पीएम मोदी ''सरदार पटेल ने 5 जुलाई, 1947 को रियासतों को संबोधित करते हुए कहा था कि- ''विदेशी आक्रांताओं के सामने हमारे आपसी झगड़े, आपसी दुश्मनी, वैर का भाव, हमारी हार की बड़ी वजह थी। अब हमें इस गलती को नहीं दोहराना है और न ही दोबारा किसी का गुलाम होना है। सरदार साहब के इसी संवाद से, एकीकरण की शक्ति को समझते हुए उन्होंने अपने राज्यों का विलय कर दिया। देखते ही देखते, भारत एक हो गया। सरदार साहब के आह्वान पर देश के सैकड़ों रजवाड़ों ने त्याग की मिसाल कायम की थी। हमें इस त्याग को भी कभी नहीं भूलना चाहिए।'' 11:04 (IST)31 Oct 2018 "सरदार में था कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश" सरदार साहब का सामर्थ्य तब भारत के काम आया था जब मां भारती साढ़े पांच सौ से ज्यादा रियासतों में बंटी थी। दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति घोर निराशा थी। निराशावादियों को लगता था कि भारत अपनी विविधताओं की वजह से ही बिखर जाएगा। सरदार पटेल में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश था। : प्रधानमंत्री 11:00 (IST)31 Oct 2018 ''यह प्रतिमा सरदार साहब के संकल्‍प की याद दिलाती रहेगी'' आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तब भारत ने न सिर्फ अपने लिए एक नया इतिहास रचा है, बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा का गगनचुम्बी आधार भी रखा है। दुनिया की ये सबसे उंची प्रतिमा पूरी दुनिया और हमारी भावी पीढ़ियों को सरदार साहब के साहस, सामर्थ और संकल्प की याद दिलाती रहेगी। : प्रधानमंत्री मोदी 10:54 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी को सौंपा गया हथौड़ा स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी बनाने के लिए 'लोहा कैंपेन' के दौरान किसानों से प्राप्त पहला लौह औजार हथौड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा गया। उन्‍होंने कहा, ''आज भारत के वर्तमान ने अपने इतिहास के एक स्वर्णिम पृष्ठ को उजागर करने का काम किया है।'' 10:42 (IST)31 Oct 2018 सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन इस अवसर पर गुजरात पुलिस, सशस्त्र और अर्द्धसैनिक बलों के बैंड सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। इस मौके पर 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकार नृत्य और संगीत की प्रस्तुति देंगे। इस दौरान कई आकर्षण होंगे जिनमें 17 किलोमीटर लंबी फूलों की घाटी का उद्घाटन, प्रतिमा के पास पर्यटकों के लिए तंबुओं के शहर और पटेल के जीवन पर आधारित संग्रहालय का लोकार्पण भी शामिल है। #WATCH: Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity inaugurated by Prime Minister Narendra Modi in Gujarat's Kevadiya pic.twitter.com/APnxyFACFT — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:34 (IST)31 Oct 2018 कार्यक्रम शुरू, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण मोदी द्वारा प्रतिमा के अनावरण के बाद वायु सेना के तीन विमान वहां उड़ान भरेंगे और भगवा, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरेंगे। पटेल की प्रतिमा के पास मोदी ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का भी उद्घाटन करेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार उस समय तीन जगुआर लड़ाकू विमान काफी नीचे से उड़ान भरते हुए जाएंगे। ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन करने के बाद मोदी पटेल को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे जिनकी 31 अक्टूबर को जयंती भी है। इसी दौरान दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर प्रतिमा पर पुष्पवर्षा करेंगे। PM Narendra Modi inaugurates Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity pic.twitter.com/c3wfzLBkH4 — ANI (@ANI) October 31, 2018 10:30 (IST)31 Oct 2018 …तो देश के पहले प्रधानमंत्री होते सरदार 1945-1946 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सरदार पटेल प्रमुख उम्मीदवार थे। लेकिन महात्मा गांधी ने एक बार फिर हस्तक्षेप करके जवाहरलाल नेहरू को अध्यक्ष बनवा दिया। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नेहरू को ब्रिटिश वाइसरॉय ने अंतरिम सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया। इस प्रकार यदि घटनाक्रम सामान्य रहता तो सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते। 10:07 (IST)31 Oct 2018 जब नेहरू ने नहीं मानी पटेल की बात, भारत ने गंवा दी 40 हजार वर्ग गज जमीन जब चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई ने जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखा कि वह तिब्बत को चीन का अंग मान लें तो पटेल ने नेहरू से आग्रह किया कि वह तिब्बत पर चीन का प्रभुत्व कतई न स्वीकारें, अन्यथा चीन भारत के लिए खतरनाक सिद्ध होगा। जवाहरलाल नेहरू नहीं माने, बस इसी भूल के कारण हमें चीन से पिटना पड़ा और चीन ने हमारी सीमा की 40 हजार वर्ग गज भूमि पर कब्जा कर लिया। 09:45 (IST)31 Oct 2018 इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर मनमोहन, सोनिया, राहुल ने श्रद्धांजलि दी आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि भी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को स्मारक शक्ति स्थल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "आज खुशी के साथ दादी को याद कर रहा हूं। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया और अपार प्यार दिया। उन्होंने अपने लोगों को बहुत कुछ दिया। मुझे उन पर बहुत गर्व है।" कांग्रेस पार्टी ने कहा, "आज हम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और हमारे देश के सबसे मजबूत नेताओं में से एक का सम्मान करते हैं।" पार्टी ने ट्वीट कर कहा, "उनके नेतृत्व में हमारा देश ने महान जीत, अद्भुत विकास और सबसे महत्वपूर्ण समाज के सभी वर्गो का उत्थान देखा है।" 09:26 (IST)31 Oct 2018 1991 में मरणोपरांत मिला था भारत रत्‍न सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 09:05 (IST)31 Oct 2018 अंग्रेजों ने कई बार जेल में डाला वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान पटेल को तीन महीने की जेल हुई। मार्च 1931 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन की अध्यक्षता की। जनवरी, 1932 में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया। जुलाई, 1934 में वह रिहा हुए और 1937 के चुनावों में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के संगठन को व्यवस्थित किया। 08:52 (IST)31 Oct 2018 राजनाथ सिंह ने 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरदार पटेल की जयंती के मौके पर दिल्ली में 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई। पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित जफर इकबाल, पांच बार वर्ल्‍ड बॉक्सिंग चैम्पियन मैरी कॉम, जिमनास्टिक और ओलम्पिक मेडेलिस्ट दीपा करमाकर भी मौजूद रहे। राजनाथ ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर मेजर ध्यान चंद स्टेडियम से इस दौड़ को हरी झंडी दिखाई। इस एक किलोमीटर तक की दौड़ में सात से 70 साल की उम्र के बीच के हजारों ने हिस्सा लिया। यह दौड़ इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर समाप्त होगी। यह दिन एकता, अखंडता और सुरक्षा को समर्पित है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, हरदीप सिंह पुरी और आर.के.सिंह भी मौजूद रहे। 08:33 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने किया इंडियन सिविल सर्विसेज का भारतीयकरण गृहमंत्री के रूप में वल्‍लभ भाई पटेल पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (आईसीएस) का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आईएएस) बनाया। अंग्रेजों की सेवा करने वालों में विश्वास भरकर उन्हें राजभक्ति से देशभक्ति की ओर मोड़ा। यदि सरदार पटेल कुछ वर्ष जीवित रहते तो संभवत: नौकरशाही का पूर्ण कायाकल्प हो जाता। 08:14 (IST)31 Oct 2018 जब सरदार पटेल नहीं बन पाए कांग्रेस अध्‍यक्ष… सरदार पटेल क्रांतिकारी नहीं थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में सरदार पटेल, महात्मा गांधी के बाद अध्यक्ष पद के दूसरे उम्मीदवार थे। गांधीजी ने स्वाधीनता के प्रस्ताव को स्वीकृत होने से रोकने के प्रयास में अध्यक्ष पद की दावेदारी छोड़ दी और पटेल पर भी नाम वापस लेने के लिए दबाव डाला। अंतत: जवाहरलाल नेहरू अध्यक्ष बने। सन् 1937-1938 में पटेल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार थे। एक बार फिर गांधीजी के दबाव में पटेल को अपना नाम वापस लेना पड़ा और जवाहरलाल नेहरू निर्वाचित हुए। 07:57 (IST)31 Oct 2018 मोदी का लेख : देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले आधुनिक भारत के निर्माता को विशेष श्रद्धांजलि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटेल जयंती पर ट्वीट किया है, ''देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।'' उन्‍होंने आज अखबारों में एक लेख भी लिखा है जिसे आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं। 07:44 (IST)31 Oct 2018 जब पाकिस्तान के पहुंचने से पहले सरदार पटेल ने लक्षद्वीप में फहरवा दिया था तिरंगा लक्षद्वीप को भारत में मिलाने में भी सरदार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। दरअसल, यह देश का एक ऐसा हिस्सा था जो मुख्यधारा से काफी कटा हुआ था। यहां के लोगों को भारत के स्वतंत्र होने की सूचना ही 15 अगस्त 1947 के कई दिनों बाद मिली। पाकिस्तान से काफी दूर होने के बावजूद भी वह भारत के इस हिस्से पर अपना दावा कर सकता था। तब पाकिस्तानी नौसेना के जहाज लक्षद्वीप के आस-पास मंडराते हुए देखे भी गए थे। लेकिन, इससे पहले कि पाकिस्तान इस हिस्से पर अपना ध्वज फहराए, सरदार ने होशियारी से काम लेते हुए लक्षद्वीप में भारतीय नौसेना का एक जहाज तिरंगा फहराने के लिए भेज दिया। भारतीय नौसेना ने समय रहते द्वीप पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया। पढ़ें पूरा प्रसंग 07:23 (IST)31 Oct 2018 PHOTOS: जानें Statue of Unity की खासियत कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टर्बो द्वारा बनाई गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना को दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था जिसे 42 महीनों को अंदर पूरा किया जाना था। लेकिन इसकी डिजाइन के काम के कारण इसके निर्माण की अवधि को और चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपानी ने अपने सोशल अकाउंट पर ''स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी'' की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। तस्‍वीरें देखें और जानें कि इस प्रोजेक्‍ट की खासियतें क्‍या हैं। देखें गैलरी

तुला

पक्ष के वरिष्ठ नेता उन राजनीतिज्ञों के प्रति उदासीन रहेंगे जो सफलता के लिये जी जान से प्रयत्न कर रहे हैं। स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के लिए सारा दिन कुछ समस्याएं सामने आ सकती हैं। ये उनके लिए थका देने वाला दिन होगा। तथापि वे इन समस्याओं से छुटकारा पा लेंगे।वरिष्ठ वकील आज अपने उच्चाधिकारियों द्वारा… Live Blog Highlights 13:23 (IST)31 Oct 2018 'सरदार' ने इन प्रतिमाओं को छोड़ा पीछे सरदार की यह प्रतिमा इससे पहले तक दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है। चीनी प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है। इतना ही नहीं, यह  न्यूयॉर्क स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से भी लगभग दोगुना बड़ी है। विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के टापू पर बनी इस मूर्ति को बनाने में तकरीबन 2389 करोड़ रुपए का खर्च आया है। 13:01 (IST)31 Oct 2018 मोदी सरकार ने राष्ट्रीय एकता दिवस में मनाना शुरू की पटेल की जयंती सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। 12:42 (IST)31 Oct 2018 म्यूजियम-ऑडियो गैलरी भी गए PM केवड़िया में पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य गणमान्य व्यक्ति व मेहमान अनावरण के बाद म्यूजियम और ऑडियो विजुअल गैलरी पहुंचे, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत कॉम्पलेक्स' में स्थित है। 12:21 (IST)31 Oct 2018 VIDEO: PM ने पटेल को यूं दी श्रद्धांजलि #WATCH: Prime Minister Narendra Modi pays tribute to Sardar Vallabhbhai Patel in Gujarat's Kevadiya on his 143rd birth anniversary. #StatueOfUnity pic.twitter.com/AkVXNegfv0 — ANI (@ANI) October 31, 2018 स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण करने के बाद पीएम ने सरदार की प्रतिमा के पास जाकर उस पर जल और पुष्प भी चढ़ाए। देखिए, कैसे उन्होंने देश के पहले गृहमंत्री को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने इससे पहले यहां पर वॉल ऑफ यूनिटी का अनावरण किया।   12:07 (IST)31 Oct 2018 देश को बांटने की कोशिशों से रहें सतर्क : पीएम आज देश के लिए सोचने वाले युवाओं की शक्ति हमारे पास है। देश के विकास के लिए, यही एक रास्ता है, जिसको लेकर हमें आगे बढ़ना है। देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाए रखना, एक ऐसा दायित्व है, जो सरदार साहब हमें देकर गए हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की हर तरह की कोशिश का पुरजोर जवाब दें। इसलिए हमें हर तरह से सतर्क रहना है। समाज के तौर पर एकजुट रहना है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:55 (IST)31 Oct 2018 पीएम मोदी ने गिनाई अपनी सरकार की योजनाएं हम देश के हर बेघर को पक्का घर देने की भगीरथ योजना पर काम कर रहे हैं। हमने उन 18 हजार गावों तक बिजली पहुंचाई है, जहां आजादी के इतने वर्षों के बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी। हमारी सरकार सौभाग्य योजना के तहत देश के हर घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए काम कर रही है। देश के हर गांव को सड़क से जोड़ने, डिजिटल कनेक्टिविटी से जोड़ने का काम भी तेज गति से किया जा रहा है। देश में आज हर घर में गैस कनेक्शन पहुंचाने के प्रयास के साथ ही देश के हर घर में शौचालय की सुविधा पहुंचाने पर काम हो रहा है। : प्रधानमंत्री मोदी 11:38 (IST)31 Oct 2018 हमारी मुहिम को लोग राजनीति से जोड़कर देखते हैं : पीएम मोदी सरदार साहब के दर्शन करने आने वाले टूरिस्ट सरदार सरोवर डैम, सतपुड़ा और विंध्य के पर्वतों के दर्शन भी कर पाएंगे। कई बार तो मैं हैरान रह जाता हूं, जब देश में ही कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति से जोड़कर देखते हैं। सरदार पटेल जैसे महापुरुषों, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है। ऐसा अनुभव कराया जाता है मानो हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है। सरदार पटेल चाहते थे कि भारत सशक्त, सुदृढ़, संवेदनशील, सतर्क और समावेशी बने। हमारे सारे प्रयास उनके इसी सपने को साकार करने की दिशा में हो रहे हैं। : प्रधानमंत्री मोदी 11:34 (IST)31 Oct 2018 सहकारी आंदोलन सरदार पटेल की देन : मोदी आज का सहकारी आंदोलन जो देश के अनेक गांवों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन चुका है, ये सरदार साहब की ही देन है। सरदार पटेल का ये स्मारक उनके प्रति करोड़ों भारतीयों के सम्मान, हमारे सामर्थ्य, का प्रतीक तो है ही, ये देश की अर्थव्यवस्था, रोज़गार निर्माण का भी महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है। इससे हज़ारों आदिवासी बहन-भाइयों को हर वर्ष सीधा रोज़गार मिलने वाला है। सतपुड़ा और विंध्य के इस अंचल में बसे आप सभी जनों को प्रकृति ने जो कुछ भी सौंपा है, वो अब आधुनिक रूप में आपके काम आने वाला है। देश ने जिन जंगलों के बारे में कविताओं के जरिए पढ़ा, अब उन जंगलों, उन आदिवासी परंपराओं से पूरी दुनिया प्रत्यक्ष साक्षात्कार करने वाली है। : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11:28 (IST)31 Oct 2018 इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का प्रतीक है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हमारे इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्य का भी प्रतीक है। बीते करीब साढ़े तीन वर्षों में हर रोज़ कामगारों ने, शिल्पकारों ने मिशन मोड पर काम किया है। राम सुतार जी की अगुवाई में देश के अद्भुत शिल्पकारों की टीम ने कला के इस गौरवशाली स्मारक को पूरा किया है। आज जो ये सफर एक पड़ाव तक पहुंचा है, उसकी यात्रा 8 वर्ष पहले आज के ही दिन शुरु हुई थी। 31 अक्टूबर 2010 को अहमदाबाद में मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था। करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान आवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है। : प्रधानमंत्री 11:25 (IST)31 Oct 2018 ये प्रतिमा न्‍यू इंडिया के आत्‍मविश्‍वास की अभिव्‍यक्ति : पीएम मोदी ''ये प्रतिमा, सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और परमार्थ की भावना का प्रकटीकरण है। ये प्रतिमा उनके सामर्थ्य और समर्पण का सम्मान तो है ही, ये न्‍यू इंडिया, नए भारत के नए आत्मविश्वास की भी अभिव्यक्ति है। ये प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को ये याद दिलाने के लिए है कि ये राष्ट्र शाश्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहेगा। ये ऊंचाई, ये बुलंदी भारत के युवाओं को ये याद दिलाने के लिए है कि भविष्य का भारत आपकी आकांक्षाओं का है, जो इतनी ही विराट हैं। इन आकांक्षाओं को पूरा करने का सामर्थ्य और मंत्र सिर्फ और सिर्फ एक ही है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत।'' 11:19 (IST)31 Oct 2018 ''सरदार न होते तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी'' सरदार साहब ने संकल्प न लिया होता, तो आज गीर के शेर को देखने के लिए, सोमनाथ में पूजा करने के लिए और हैदराबाद चार मीनार को देखने के लिए हमें वीज़ा लेना पड़ता। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। सरदार साहब का संकल्प न होता, तो सिविल सेवा जैसा प्रशासनिक ढांचा खड़ा करने में हमें बहुत मुश्किल होती। देश के लोकतंत्र से सामान्य जन को जोड़ने के लिए वो हमेशा समर्पित रहे। महिलाओं को भारत की राजनीति में सक्रिय योगदान का अधिकार देने के पीछे भी सरदार पटेल का बहुत बड़ा रोल रहा है। : प्रधानमंत्