हार्दिक पटेल के कांग्रेस से इस्तीफे ने सियासी हलचल को बढ़ा दिया है। गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले उनका ये कदम पार्टी के लिए बड़ा झटका है। उनके इस्तीफे के बाद युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने हार्दिक पटेल को उनका पुराना बयान याद दिलाया है। उन्होंने पटेल का एक पुराना ट्वीट अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा, “नो कैप्शन नीडेड”।
कांग्रेस नेता की ओर से शेयर किए गए इस ट्वीट में हार्दिक पटेल ने लिखा, “हार-जीत के कारण पाले व्यापारी बदलते हैं, विचारधारा के अनुयायी नहीं। लडूंगा, जीतूंगा और मरते दम तक कांग्रेस में रहूंगा।” श्रीनिवास के ट्वीट पर कई यूजर्स ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। “शेयर द फंडामेंटल्स” नाम के यूजर ने लिखा, “ये ट्वीट करके आपको क्या मिलेगा? उन्होंने पार्टी छोड़ने का कारण बताया है, अब आप उसको स्वीकार करो या मत करो। आपके विचार और आपकी धारणा बदलते रहते हैं और इसमें कुछ गलत नहीं है। हो सकता है किसी दिन आप भी कांग्रेस पार्टी को छोड़कर किसी और दल का हिस्सा बन जाएं या अपनी ही पार्टी बना लें।” वहीं, बाबू नाम के एक अन्य यूजर ने कहा, “लगता है आखिरी दम तक आप ही रहोगे कांग्रेस में, लास्ट पर्सन।”
वहीं, एक कांग्रेस नेता ने हार्दिक पटेल को सत्ता का लालची बताया है। कांग्रेस के प्रवक्ता अमित नायक ने कहा, “गुजरात सरकार के खिलाफ जो हमारी लड़ाई है, अगर इस बीच हमारा कोई साथी थक जाता है और विचलित हो जाता है और उसको आधे रास्ते में आकर डर लगता है और वो लड़ाई को अधूरी छोड़कर भाग जाता है तो उसे कौन रोक सकता है। कमजोर साथी के साथ लड़ाई लड़ने से बेहतर है कि सक्षम लोगों को साथ में रखकर लड़ाई लड़ी जाए।”
उन्होंने आगे कहा, “हार्दिक पटेल कार्यकारी प्रमुख थे, पार्टी ने उन्हें बहुत कम उम्र में पद दिया था। जो आक्षेप वो आज लगा रहे हैं तो क्या उन्हें कल रात को ही ऐसा लगा कि कांग्रेस में गुटबाजी है। ये सब उनको पार्टी ज्वॉइन करने से पहले सोचना चाहिए था। ये तो अंगूर खट्टे वाली बात हुई। मुझे लगता है कि हार्दिक भाई को विपक्ष में रहने से ज्यादा सत्ता का स्वाद चखना है। इसके लिए उनका खुद का व्यक्तिगत स्वार्थ है, जिसकी वजह से वे पार्टी से रिजाइन कर रहे हैं। इससे पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।
इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर भी हमला बोला और कहा, “कांग्रेस पार्टी 27 साल से गुजरात में भारतीय जनता पार्टी के सामने लड़ाई लड़ रही है। 27 साल के बीजेपी के शासन में मंदी, महंगाई और बेरोजगारी बढ़ी है। आज गुजरात का हर नौजवान रोजगार मांग रहा है, लेकिन गुजरात सरकार दे नहीं पा रही।”