जल्द ही सड़कों पर पुराने हॉर्न की जगह गाड़ियों से भारतीय संगीत सुनने को मिल सकता है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी बकायदा इसके लिए तैयारी कर रहे हैं। एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए नासिक पहुंचे नितिन गडकरी ने ये बातें कही।
नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि वह एक ऐसा कानून लाने की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत वाहनों के हॉर्न के रूप में केवल भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों की आवाज का इस्तेमाल किया जा सके। गडकरी ने एक हाईवे के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए कहा- “वह एम्बुलेंस और पुलिस वाहनों में लगे सायरन का भी अध्ययन कर रहे हैं, मैं इन सायरनों को ऑल इंडिया रेडियो पर बजाए जाने वाले धुन से बदलना चाहता हूं”।
आगे गडकरी ने कहा कि उन्होंने लाल बत्ती बंद कर दी है। अब इन सायरन को भी खत्म करना चाहता हूं। गडकरी एम्बुलेंस और पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सायरन का अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने कहा- ‘एक कलाकार ने आकाशवाणी के लिए एक धुन बनाया, जिसे सुबह-सुबह बजाया गया। मैं एम्बुलेंस के लिए उस धुन का उपयोग करने के बारे में सोच रहा हूं ताकि लोग सुखद महसूस करें”।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सायरन बहुत परेशान करने वाला है, खासकर मंत्रियों के गुजरने के बाद, सायरन का लगातार उपयोग किया जाता है। यह कानों को भी नुकसान पहुंचाता है।
गडकरी ने कहा- “मैं इसका अध्ययन कर रहा हूं और जल्द ही एक कानून बनाने की योजना बना रहा हूं कि सभी वाहनों के हॉर्न भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों में होने चाहिए ताकि सुनने में सुखद रहे। जैसे बांसुरी, तबला, वायलिन, माउथ ऑर्गेन, हारमोनियम…”।
केंद्रीय मंत्री ने आगे भारत में हो रही सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि देश में हर साल 5 लाख दुर्घटनाएं होती हैं। जिसमें 1.5 लाख लोग मारे जाते हैं। साथ ही लाखों लोग घायल होते हैं। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं के कारण हम अपने जीडीपी का 3 प्रतिशत हिस्सा खो देते हैं।

उन्होंने कहा कि मुंबई-पुणे हाईवे पर हादसों में 50 फीसदी की कमी आई है। तमिलनाडु सरकार ने दुर्घटनाओं और मौतों में 50 प्रतिशत की कमी की है, लेकिन महाराष्ट्र में ऐसी सफलता हासिल नहीं की जा सकी है। महाराष्ट्र में दुर्घटनाओं के कारण मरने वालों की दर बहुत अधिक है।