गौतम अडानी की कंपनी ने NDTV को खरीदा तो सोशल मीडिया पर एक तरह से बवाल मच गया। लोगों का कहना था कि ये मीडिया प्लेटफार्म अपनी सरकार के खिलाफ तीखे तेवर दिखाने के लिए जाना जाता है। लेकिन अब इस मीडिया हाउस के तेवर पहले से नहीं रहेंगे। लोगों का कहना था कि अडानी को पीएम मोदी का दोस्त माना जाता है और वो कभी नहीं चाहेंगे कि उनके मीडिया प्लेटफार्म से सरकार के खिलाफ कोई आवाज उठे।
एक शख्स ने तो NDTV का नामकरण भी कर दिया। उन्होंने अडानी की अगुवाई में चलने वाले चैनल का नाम रखा है Narendra Damodardas TV। उनका कहना था कि देश बेचने के खिलाफ आवाज उठाने वाला चैनल खुद बिक गया। हो सकता है कि मैनेजमेंट की कोई मजबूरी रही हो।
एक यूजर का कहना था कि सरकार ने मास्टर स्ट्रोक लगा ही दिया। अब ये मीडिया हाउस भी गोदी मीडिया में शरीक हो गया है। उनका कहना था कि एक अकेला चैनल सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहा था। अब ये चुप हो जाएगा, क्योंकि अडानी पीएम मोदी के बेहद नजदीकी दोस्त हैं।
एक यूजर ने पत्रकार रवीश कुमार के लिए चिंता जाहिर की। उनका कहना था कि रवीश को अब YOU TUBE चैनल खोलकर गुजारा करना पड़ेगा। एक अन्य शख्स का कहना था कि एक दमदार आवाज अब सुनाई देनी बंद हो जाएगी। उनका मानना है कि रवीश अडानी की गुलामी करने से रहे।
एक यूजर का कहना था कि सरकार धीरे धीरे लोकतंत्र के सारे स्तंभों को खत्म करती जा रही है। एक मीडिया हाउस था जो दूसरो से अलग था। लेकिन अडानी ने उसे भी कब्जे में ले लिया। एक शख्स का कहना था कि सरकार जिस तरह से काम कर रही है उसे देखकर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की याद आती है।