कोरोना से फिर ‘दहली’ दिल्ली, चिंतित SC से पड़ी फटकार! पूछा- क्या कदम उठाए? दाखिल करें स्टेटस रिपोर्ट
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 की स्थिति बदतर हुई है और दिल्ली सरकार को इससे निपटने के लिए उठाए गए कदमों की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

देश में कोरोना का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों का ग्राफ ऊपर की ओर ही जा रहा है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट काफी सख्ती दिखा रहा है और दिल्ली सरकार को फटकार भी लगाई है। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार से कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 की स्थिति बदतर हुई है और दिल्ली सरकार को इससे निपटने के लिए उठाए गए कदमों की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली और महाराष्ट्र के बाद कोविड-19 की स्थिति गुजरात में भी बदतर हुई और नियंत्रण से बाहर हो रही है। उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र, सभी राज्यों से मौजूदा कोविड-19 स्थिति से निपटने के लिए उठाए गए सभी कदमों की विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सुन रहे हैं कि इस महीने में केसों में भारी बढोतरी हुई है। हम सभी राज्यों से एक ताजा स्टेटस रिपोर्ट चाहते हैं। यदि राज्य अच्छी तरह से तैयारी नहीं करते तो दिसंबर में इससे भी बदतर चीजें हो सकती हैं। उच्चतम न्यायालय ने स्थिति से निपटने के लिए उठाए गए कदमों, मरीज़ों के प्रबंधन और वर्तमान स्थिति पर चार राज्यों से रिपोर्ट मांगी है।
कोरोना की स्थिति को लेकर दिल्ली सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कोरोना से निपटने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने अस्पतालों में बेड बढ़ाने के अलावा अन्य कई इंतजाम किया है। एएसजी संजय जैन ने कहा कि बड़े स्तर पर निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित हैं। हमने सभी निर्देशों का पालन किया है।
इसपर कोर्ट ने उनसे पूछा की मौजूदा हालत के लिए आप क्या कर रहे हैं। इसपर दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि हमने अस्पतालों और क्वारंटाइन सेंटर बनाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर टेस्टिंग को लेकर भी सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने पूछा कि टेस्टिंग एक दिन में 7000 से 5000 तक कम क्यों हो गई है? जबकि मुंबई और चेन्नई में यह टेस्टिंग 15 हजार से 17 हजार हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कोविड -19 रोगियों के समुचित उपचार और अस्पतालों में कोरोना रोगियों के शवों के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार को लेकर स्वत: संज्ञान लिया है।
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