माकपा नेता सीताराम येचुरी का कहना है कि मोदी सरकार लोगों की जिंदगी और रोजी रोटी को खत्म करने के बाद उनको भटकाने और गुमराह करने का काम कर रही है। एक तरफ नफरत भरे अभियान चलाए जा रहे हैं तो वहीं देश को नुकसान पहुंचाने का काम किया जा रहा है। देश के लोग लंबे समय तक इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
येचुरी ने ट्वीट किया, “यही असल मुद्दा है, लोगों की जिंदगी और रोजगार को खत्म करने के बाद देश के लोगों को भटकाने का काम किया जा रहा है। बीजेपी अपने अभियानों से नफरत को बढ़ावा देने और देश को नुकसान पहुंचाने का काम कर रही है। इसे लोग लंबे समय तक बर्दाश्त नहीं करेंगे। बहुत हो चुका।” येचुरी ने कॉलमनिस्ट आकार पटेल के ट्वीट को रिट्वीट किया। जिसमें आकार पटेल ने लिखा है कि इस समय देश में 39.5 करोड़ लोगों के पास रोजगार है। 2016 में ये संख्या 41.3 करोड़ थी। मोदी के नेतृत्व में 1.8 करोड़ नौकरियां चली गईं।
पटेल ने लिखा कि भारत का LFPR 40% है, जो अमेरिका की तुलना में 20% कम है। रोजगार की दर 37 प्रतिशत है, जो कि अमेरिका की तुलना में 20% कम है।
This is the central issue, squandering the demographic dividend after destroying lives and livelihoods.
Hate campaigns and distorting the Republic.
This will not be tolerated by the people for long.
Enough. https://t.co/Bx3tIU9WhL— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) March 4, 2021
कॉलमनिस्ट ने अपने लेख में लिखा है, “भारत में फरवरी 2021 में बेरोजगारी दर 6.9% रही। यह जनवरी 2021 में दर्ज की गई 6.5 प्रतिशत बेरोजगारी दर से ज्यादा है। इससे पहले पिछले साल दिसंबर में भारत में बेरोजागारी दर 9.1 प्रतिशत थी। पिछले साल जुलाई के बाद से देश में बेरोजगारी की दर 6.5 प्रतिशत से 9 प्रतिशत के बीच रही है।”
इस अवधि के दौरान फरवरी 2021 की दर 7.3 फीसदी के औसत से थोड़ी कम है। यह फरवरी 2020 की बेरोजगारी दर से भी कम है, जो 7.8 प्रतिशत थी।
मालूम हो कि सेंटर फोर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के मुताबिक पिछले साल अप्रैल में 12 करोड़ भारतीय बेरोजगार हो गए थे। पिछले साल मार्च में तो इससे भी बुरी स्थिति थी। ज्यादातर इसमें छोटे कारोबारी और दिहाड़ी मजदूर थे। इसके अलावा कई नौकरीपेशा लोगों को भी नौकरी से हाथ धोना पड़ा था।
इससे पहले सीताराम येचुरी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार की नीतियों के चलते आम आदमी और अमीर लोगों के बीच का फर्क बढ़ा है। देश में बड़ी असमानता पैदा हो गई है। जहां एक आदमी एक घंटे में 90 करोड़ कमा रहा है तो वहीं देश की एक चौथाई आबादी महज 3 हजार रुपये से हर महीने अपना गुजारा कर रही है। येचुरी ने कहा कि इस क्रूरता के खिलाफ देश को एकजुट होना होगा।