‘एक अनमोल रतन है, उसका नाम है देशमुख, भाजपा ने बनाई चंदामामा कथा’, शिवसेना नेता का भाजपा पर निशाना
हाईकोर्ट की तरफ से सीबीआई जांच के आदेश के बाद एनसीपी की तरफ से एक हाई लेवल मीटिंग का आयोजन किया गया। जिसके बाद महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने इस्तीफा दे दिया।

भ्रष्टाचार मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर से सीबीआई जांच कराने के फैसले के बाद महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। अनिल देशमुख की जगह दिलीप वालसे पाटिल महाराष्ट्र के नए गृहमंत्री बनाए गए हैं। अनिल देशमुख के इस्तीफे पर एक टीवी डिबेट के दौरान शिवसेना प्रवक्ता ने कहा कि अनिल देशमुख एक अनमोल रतन हैं और भाजपा एक चंदामामा वाली कथा बना रही है।
आजतक न्यूज चैनल पर आयोजित टीवी डिबेट शो में अनिल देशमुख के इस्तीफे को लेकर एंकर अंजना ओम कश्यप के द्वारा सवाल पूछे जाने पर शिवसेना प्रवक्ता विजय कृष्णन ने कहा कि किसी सरकार में अगर किसी व्यक्ति पर इल्जाम लगाया जाता है तो तुरंत वो अपना इस्तीफा दे देता है। ऐसे ही एक अनमोल रतन हैं जिनका नाम अनिल देशमुख है। वह कभी भी किसी को धोखा देने के लिए कुर्सी पर नहीं बैठे हैं। कोई भी व्यक्ति लोगों के जेब से पैसा निकालने के लिए गृहमंत्री के पद पर नहीं बैठते है। यह सिर्फ बीजेपी की एक चंदामामा कथा है।
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आगे शिवसेना प्रवक्ता विजय कृष्णन ने कहा कि यह सिर्फ 15 दिन का मामला है.।15 दिन के बाद अनिल देशमुख दोबारा से महाराष्ट्र के गृहमंत्री बनेंगे। बीजेपी सिर्फ सरकार गिराना चाहती है और अपनी सरकार बनानी चाहती है। साथ ही विजय कृष्णन ने कहा कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह सिर्फ हवा हवाई बात कर रहे हैं। उनके पास कोई सबूत नहीं है।
सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट से महाराष्ट्र सरकार को करारा झटका लगा था। परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया था। भ्रष्टाचार मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर से सीबीआई जांच कराने के फैसले के बाद महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने इस्तीफा दे दिया। हाईकोर्ट की तरफ से सीबीआई जांच के आदेश के बाद एनसीपी की तरफ से एक हाई लेवल मीटिंग का आयोजन किया गया था। इस बैठक में शरद पवार, अनिल देशमुख, अजित पवार, और सुप्रिया सुले मौजूद थी। इस अहम बैठक के बाद गृहमंत्री अनिल देशमुख ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस्तीफा सौंप दिया।
बताते चलें कि मुंबई पुलिस आयुक्त पद से तबादले के बाद परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि देशमुख ने पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को 100 करोड़ रुपये वसूली का लक्ष्य दिया था। परमबीर सिंह की तरफ से लगाए गए आरोप के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गर्म हो गयी थी। विपक्षी दलों की तरफ से अनिल देशमुख से इस्तीफे की मांग की जाने लगी थी।