एक दिन पहले भाजपाई सीएम के साथ पिता ने की PC, अगले दिन बेटे ने खिलाफ में खोल दिया मोर्चा, लोग बोले- ड्रामेबाज
एक के बाद एक कई ट्वीट कर शिवसेना नेता ने अपनी ही सरकार को घेरने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस को मुंबईवासियों को अपराधी की तरह नहीं बल्कि पर्यावरण प्रेमी की तरह देखना चाहिए।

मुंबई में आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई को लेकर जारी विवाद पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार को अगर आरे कॉलोनी के जंगल की चिंता नहीं है तो उन्हें पर्यावरण बचाने को लेकर भी नहीं बोलना चाहिए।
एक के बाद एक कई ट्वीट कर शिवसेना नेता ने अपनी ही सरकार को घेरने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि ‘मुंबई पुलिस को मुंबईवासियों को अपराधी की तरह नहीं बल्कि पर्यावरण प्रेमी की तरह देखना चाहिए। इकोसिस्टम को बर्बाद किया जा रहा है और इसके खिलाफ बोलने वाले लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है। मैं सीएम कार्यालय से अपील करता हूं कि वे इस मामले में दखल दें और सुनिश्चित करें कि पुलिस पर्यावरण प्रेमियों के खिलाफ किसी तरह का एक्शन न लें।’
गौरतलब है कि आदित्य ने ये ट्वीट ऐसे समय पर किए हैं जब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फणडवीस के साथ उद्धव ठाकरे ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। इसके अगले ही दिन आदित्य बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गए हैं।
वहीं आदित्य के ट्वीट्स पर ट्विटर यूजर्स ने भी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी हैं। एक यूजर ने तो उन्हें ड्रामेबाज तक करार दे दिया। एक यूजर ने कहा ‘आप आरे कॉलोनी से सिर्फ आधे घंटे की दूरी पर रहते हैं, अगर आपको विरोध जताना था तो आप वहां क्यों नहीं आए?’ एक अन्य यूजर कहते हैं ‘आप अपने चुनावी प्रचार से थोड़ा समय निकालकर आरे कॉलोनी नहीं आ सकते क्या?’
एक यूजर कहते हैं ‘अगर आप जानते हैं कि गलत हो रहा है तो आपको तुरंत विरोध में शामिल हो जाना चाहिए और सरकार से अलग हो जाना चाहिए।’ एक यूजर ने कहा ‘आप कब अपनी बीएमडब्ल्यू कार से विरोध प्रदर्शन में शामिल होने आ रहे हैं?’
एक अन्य यूजर ने कहा ‘ज्यादा समझदारी बहुत घातक होती है मिस्टर ठाकरे। जब ये परियोजना बनी थी तो उसमें सहमति आपकी भी थी और आप उस सरकार में साझेदार थे। अब चुनाव आया तो प्रकृति प्रेमी बन रहे हो उस समय ही विरोध क्यों नहीं किया।’ एक यूजर कहते हैं ‘मुंबईवासियों के वोट्स पाने के लिए किस हद तक ड्रामेबाजी की जा रही है।’