कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा है कि उन्हें नेशनल कॉनफ्रेंस के वरिष्ठ नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला की एक चिट्ठी मिली है। शशि थरूर के मुताबिक फारुक अब्दुल्ला ने अपनी इस चिट्ठी में लिखा है कि संसद के एक वरिष्ठ नेता को इस तरह Sub-Jail में रखना कोई उपाय नहीं है…वो कोई अपराधी नहीं है जो साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है। शशि थरूर ने फारूक अब्दुल्लाह की इस चिट्ठी को ट्विटर पर शेयर किया है। जानकारी के मुताबिक थरूर को मिले खत में लिखा गया है कि सरकार को संसद के मौजूदा सत्र में हिस्सा लेने के लिए यहां के सासंदों को आने की इजाजत देनी चाहिए।
अपने खत में फारूक अब्दुल्ला ने लिखा कि ‘प्रिय शशि मेरे मजिस्ट्रेट द्वारा मुझे आज तुम्हारा खत मिला। यह बहुत दुर्भाग्य की बात है कि इस वक्त वो मुझे सम्मान नहीं दे रहे हैं…मैं यकीन के साथ कह सकता हूं कि संसद के किसी वरिष्ठ सदस्य और किसी राजनीतिक पार्टी के वरिष्ठ नेता के साथ ऐसा सलूक करना गलत है….आखिर हम एक अपराधी नहीं हैं।’
आपको बता दें कि बीते 19 नवंबर को विपक्ष ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए फारूक अब्दुल्लाह के लिए मांग की थी कि उन्हें संसद की कार्यवाही में हिस्सा लेने की मंजूरी मिलनी चहिए। पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उनक बेटे उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती बीते 5 अगस्त से अपने घर में नजरबंद हैं।
Letter from imprisoned FarooqSaab. Members of Parliament should be allowed to attend the session as a matter of parliamentary privilege. Otherwise the tool of arrest can be used to muzzle opposition voices. Participation in Parliament is essential 4 democracy&popular sovereignty. pic.twitter.com/xEQ45klWCb
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) December 5, 2019
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने के बाद से ही यह सभी नेता नजरबंद चल रहे हैं। इन नेताओं को घर में नजरबंद रखने के पीछे सरकार ने दलील दी थी कि राज्य की शांति और सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
सरकार की तरफ से कहा गया है कि स्थिति पूर्ण रूप से सामान्य होने पर नेताओं की यह नजरबंदी हटा ली जाएगी।

