देखें, रस्सी से ऑटो रिक्शा खींचते नज़र आए शशि थरूर, पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर अनोखा विरोध प्रदर्शन
कांग्रेस सांसद ने कहा कि भारत के लोग पेट्रोल-डीजल पर 260% टैक्स देते हैं, जबकि अमेरिका के लोग महज 20%। तेल की कीमत बढ़ती है तो अन्य चीजों के दाम भी तेजी से बढ़ने लगते हैं।

पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों पर विरोध जताने के लिए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक अनोखा तरीका अपनाया। वह तिरुअनंतपुरम में केरल सचिवालय के सामने पहुंचे और वहां जाकर रस्सी से एक आटो रिक्शा को खींचा। इस दौरान उनके साथ बहुत से लोग दिखे। थरूर ने अपने ट्विटर पर लिखा, सौ से ज्यादा आटो उनके साथ विरोध में जुटे।
थरूर ने अपने ट्विटर अकाउंट से विरोध प्रदर्शन का एक वीडियो भी शेयर किया। इसमें वो रस्सी से आटो खींचते दिख रहे हैं। उनका कहना है कि तेल के नाम पर हो रही लूट के लिए केंद्र के साथ केरल सरकार भी जिम्मेदार है। उनकी मांग है कि दोनों सरकारों को तत्काल प्रभाव से टैक्स में कमी करनी चाहिए। आम आदमी पूरी तरह से बेहाल हो चुका है। उसे तत्काल राहत दी जानी बहुत जरूरी है।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि भारत के लोग पेट्रोल-डीजल पर 260% टैक्स देते हैं, जबकि अमेरिका के लोग महज 20%। प्रदर्शन स्थल पर उन्होंने लोगों से कहा कि तेल की कीमतों में वृद्धि से आम आदमी बेहाल हो चुका है। तेल की कीमत बढ़ती है तो अन्य चीजों के दाम भी तेजी से बढ़ने लगते हैं। उनका कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार की असंवेदनशीलता से आम आदमी का बजट गड़बड़ा गया है।
Symbolically pulled an auto-rickshaw in Thiruvananthapuram to protest extortionate fuel taxes & the failure of both Central & State governments to reduce their share of the loot. Over a hundred autos joined the protest under the auspices of @INTUCnational pic.twitter.com/e0D0M29Ffj
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) February 26, 2021
गौरतलब है कि 40 हजार से ज्यादा ट्रेड एसोसिएशन, ट्रांसपोर्ट और किसान यूनियनें तेल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ शुक्रवार को भारत बंद का आयोजन कर रही हैं। उनकी मांग है कि सरकार तत्काल प्रभाव से पेट्रोल-डीजल पर टैक्स में कमी करे। उन्होंने नए e-way बिल के साथ जीएसटी पर भी अपना विरोध जताया।
भारत में हाल के दिनों में जिस तरह से पेट्रोल-डीजल और गैस की कीमतों में लगातार इजाफा हुआ है, उससे जनता बेहाल है। कई राज्यों में पेट्रोल सेंचुरी मार चुका है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये पार हो चुकी है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद सवाल उठ रहे हैं कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम मध्यम स्तर पर है तो भारत में तेल की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं।
उधर, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के लिए केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय वजहें गिनाने के साथ UPA सरकार पर भी निशाना साध रही है। पीएम मोदी ने हाल ही में कहा था कि मध्यम वर्ग को ऐसी कठिनाई नहीं होती यदि पूर्ववर्ती सरकारों ने ऊर्जा आयात की निर्भरता पर ध्यान दिया होता। वहीं पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ओपेक व सहयोगी देशों के द्वारा उत्पादन में कटौती करने से कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें काफी बढ़ गई हैं, जिसके कारण देश में ईंधन की खुदरा कीमतें भी बढ़ गई हैं।