किरण बेदी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाना भाजपा का ‘मास्टरस्ट्रोक’: शांति भूषण
आम आदमी पार्टी के संस्थापक-सदस्य शांति भूषण ने किरण बेदी की तारीफ कर खलबली मचा दी है। उन्होंने बेदी को चुनावी मैदान में उतारने के भाजपा के कदम को ‘मास्टरस्ट्रोक’ बताया और कहा कि आप में ‘सब कुछ ठीक नहीं है।’ हालांकि, आप ने दावा किया कि भूषण की टिप्पणी दिखाती है कि पार्टी में […]
आम आदमी पार्टी के संस्थापक-सदस्य शांति भूषण ने किरण बेदी की तारीफ कर खलबली मचा दी है। उन्होंने बेदी को चुनावी मैदान में उतारने के भाजपा के कदम को ‘मास्टरस्ट्रोक’ बताया और कहा कि आप में ‘सब कुछ ठीक नहीं है।’
हालांकि, आप ने दावा किया कि भूषण की टिप्पणी दिखाती है कि पार्टी में ‘आंतरिक लोकतंत्र’ है और कहा कि उनके द्वारा जताया गया दृष्टिकोण ‘व्यक्तिगत’ है।
उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ वकील भूषण ने यह दावा भी किया कि अगर बेदी मुख्यमंत्री बन जाती हैं तो अन्ना हजारे बेहद खुश होंगे। उन्होंने हजारे की अगुवाई वाले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में बेदी की भूमिका को ‘प्रभावशाली’ बताया।
भूषण ने कहा, ‘‘भाजपा से किरण बेदी का जुड़ना भाजपा का एक मास्टरस्ट्रोक है। मुझे लगता है कि पार्टी में उनको लाना तथा मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाया जाना एक मास्टरस्ट्रोक है क्योंकि अन्ना आंदोलन में बेदी, अरविंद (केजरीवाल) और प्रशांत (भूषण) के साथ थीं और भ्रष्टाचार खत्म करने के आंदोलन में उनका योगदान प्रभावशाली था।’’
भूषण की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर किरण बेदी ने भूषण का शुक्रिया अदा किया और आगे कुछ कहने से मना कर दिया।
भूषण ने आप के भीतर ‘पुनर्संरचना’ का भी आह्वान करते हुए कहा कि पार्टी के भीतर सब कुछ ठीक नहीं है और यह अपने आरंभिक सिद्धांतों का पालन नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘आप के भीतर पुनर्संरचना बेहद जरूरी है। पार्टी का जोर राजनीतिक तंत्र सुधारने, राजनीतिक मानक को बेहतर बनाने पर होना चाहिए। मुझे लगता है कि पार्टी के भीतर सब कुछ ठीक नहीं है और यह उस रास्ते पर नहीं चल रही है जिसकी उम्मीद के साथ इसकी स्थापना हुयी थी।’’
उनकी टिप्पणी पर ‘आप’ की तरफ से सतर्क प्रतिक्रिया आयी है। केजरीवाल ने कहा, ‘‘हमारे यहां पार्टी के भीतर आंतरिक लोकपाल है जिसने हाल में दो उम्मीदवारों को बदलने का फैसला किया। उनकी टिप्पणी से साबित होता है कि पार्टी के भीतर आंतरिक लोकतंत्र है।’’
पार्टी के दिल्ली संयोजक आशुतोष ने कहा कि भूषण अपना नजरिया रखने के हकदार हैं लेकिन पार्टी उसका समर्थन नहीं करती। उन्होंने कहा, ‘‘वह वरिष्ठ सदस्य हैं और उन्हें अपना दृष्टिकोण रखने का हक है। हम उनकी राय का समर्थन नहीं करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (भूषण) सबसे भ्रष्ट पार्टी के तौर पर जिस पार्टी की निंदा की और लोगों से अपील की कि उन्हें वोट नहीं देना चाहिए क्योंकि वह आरटीआई के तहत नहीं आना चाहती और वह (बेदी) उसी पार्टी से जुड़ गयीं, यह उनकी ओर से एक प्रतीकात्मक राजनीतिक पैंतरा और अवसरवाद को दिखाता है।’’
यह पहली बार नहीं है जब भूषण आप को लेकर आलोचनात्मक हुए हों क्योंकि अतीत में उन्होंने केजरीवाल की सांगठनिक क्षमता और पार्टी के भीतर आंतरिक लोकतंत्र पर सवाल उठाए थे।
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