शाकिब अभी आइसीसी की हरफनमौलाओं की रैंकिंग में पहले स्थान पर हैं। एक साल का प्रतिबंध झेलने के बाद अगले सप्ताह वेस्ट इंडीज के खिलाफ होने वाली शृंखला से वे वापसी कर रहे हैं। उनका टीम में होना साथी खिलाड़ियों का मनोबल ऊंचा करेगा।
दरअसल, शाकिब बांग्लादेश की टीम में ‘वन मैन आर्मी’ की तरह हैं। गेंदबाजी, बल्लेबाजी और क्षेत्ररक्षण में उनका कोई सानी नहीं है। उनके आंकड़े भी इस बात की दस्दीक करते हैं। 56 टैस्ट मैचों में पांच शतक और 24 अर्धशतक के साथ उन्होंने 3862 रन बनाए हैं। वहीं अपनी शानदार स्पिन से 210 बल्लेबाजों को पवेलियन पहुंचाया है। इसमें एक पारी में 36 रन खर्च कर सात विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है। एक मैच में 124 रन देकर 10 विकेट उनके बेहतरीन प्रदर्शनों में शूमार है।
टैस्ट के साथ टी-20 और एकदिवसीय मैचों में भी शाकिब का प्रदर्शन शानदार रहा है। 206 एकदिवसीय मैचों में उन्होंने 6323 रन बनाए हैं। इसमें नौ शतक और 47 अर्धशतक शामिल हैं। वहीं टी-20 में करीब 24 के औसत से 1567 रन उनके नाम हैं। विकेटों की बात करें तो एकदिवसीय में 260 और टी-20 में 92 बल्लेबाजों की गिल्लियां बिखेरी हैं।
शाकिब के मैच जीतने की काबिलियत भी किसी से छुपी नहीं है। चैंपियंस ट्रॉफी का न्यूजीलैंड के खिलाफ बांग्लादेश का वो मैच याद करें जिसमें उन्होंने शतक लगाकर टीम को जीत दिलाई थी। इस मैच में किवी खिलाड़ियों ने 266 रन का लक्ष्य रखा था। जवाब में बांग्लादेश की टीम जब बल्लेबाजी के लिए उतरी तो उसकी शुरुआत बेहद खराब रही।
11.4 ओवर में महज 33 रन के कुल स्कोर पर चार बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे। ऐसे में शाकिब ने महमुदुल्लाह के साथ कमान संभाली और 115 गेंद में 114 रन की शानदार पारी खेल कर टीम को जीत दिलाई। महमुदुल्लाह ने भी शतकीय पारी खेली थी। और इस तरह एक हारे हुए मैच को जीत में बदल दिया।