नरेंद्र मोदी सरकार ने काम में सुस्ती दिखाने वाले सीनियर आईएएस अफसर को तुरंत प्रभाव से किया बर्खास्त
नरसिंह 1991 बैच के अरूणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित (एजीएमयूटी) कैडर के आईएएस अधिकारी हैं।

केंद्र सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के. नरसिंह को कथित तौर पर कर्तव्य में लापरवाही के चलते ‘‘जनहित’’ में बर्खास्त कर दिया है। नरसिंह 1991 बैच के अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित (एजीएमयूटी) कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उन्हें काम में कथित तौर पर लापरवाही बरतने के लिए बर्खास्त किया गया है और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के भी आरोप थे। उन्होंने कहा कि विभाग की समीक्षा में अधिकारी की सेवा को कथित तौर पर अयोग्य पाया गया।
केंद्र सरकार के विभागों में कार्यरत आईएएस अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा कराई जा रही है ताकि काम नहीं करने वाले अधिकारियों को बाहर किया जा सके। इसने राज्य सरकारों से भी इस तरह के कदम उठाने को कहा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने नरसिंह के अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु सह सेवानिवृत्ति लाभ) नियम 1958 के नियम 16 (तीन) के तहत जनहित में समय पूर्व सेवानिवृत्ति को मंजूरी दे दी है।
अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु सह सेवानिवृत्ति लाभ) नियम 1958 के मुताबिक, केंद्र सरकार संबंधित राज्य सरकार के साथ विचार-विमर्श कर और सेवा के सदस्य को कम से कम तीन महीने पहले लिखित नोटिस देकर या इस तरह के नोटिस के बदले तीन महीने के वेतन और भत्ते का भुगतान कर जनहित में सदस्य को सेवानिवृत्त कर सकती है। अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों की दो बार सेवा समीक्षा की जाती है, पहली सेवा के 15 वर्ष पूरा होने पर और फिर 25 वर्ष पूरा होने पर।
सूत्रों ने बताया कि किसी आईएएस अधिकारी के खिलाफ यह विरला मामला है। इसका मकसद है कि सरकार में कोई अनुपयुक्त अधिकारी नहीं रहें और यह भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति भी है। इस तरह का मामला 2014 में तब आया था जब मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार में शामिल आईएएस दंपति अरविंद और टीनू जोशी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। आयकर विभाग ने बर्खास्तगी से चार वर्ष पहले उनके आवास पर छापेमारी कर 350 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता लगाया था और तीन करोड़ रुपये नकद जब्त किए थे। सीबीआई ने नरसिंह के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति रखने का मामला दर्ज किया था। अधिकारी के खिलाफ आरोपों में भारतीय खेल प्राधिकरण का सचिव रहते पद के दुरुपयोग का मामला भी था।
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