RSS Meet Muslim Intellectuals : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत और मुस्लिम बुद्धिजीवियों के बीच अगस्त (2022) के महीने में हुई मुलाक़ात के बाद शुरू हुए संवाद का दौर अभी भी जारी है। इन नेताओं के बीच दूसरी मुलाकात दिल्ली के दरियागंज में स्थित पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग के घर पर 14 जनवरी को हुई। हालांकि इस मुलाक़ात के दौरान मोहन भागवत मौजूद नहीं थे। बता दें कि इस बैठक में काशी और मथुरा के मुद्दों के सौहार्दपूर्ण समाधान की संभावना, गोहत्या, बुलडोजर और नफरती भाषणों पर संघ की चुप्पी जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई है।
RSS Meet Muslim Intellectuals : कौन रहा शामिल ?
इस बैठक में संघ की तरफ से रामलाल, कृष्ण गोपाल और इंद्रेश कुमार तो वहीं, मुस्लिम बुद्धिजीवियों में पूर्व LG नजीब जंग, शाहिद सिद्दीकी, एस वाई कुरैशी, जमात ए इस्लामी की तरफ से मलिक मोहतसिम और दारुल उलूम से जुड़े लोग शामिल हुए थे। सूत्रों के मुताबिक काशी और मथुरा के मुद्दों पर मुस्लिम पक्ष ने सवाल किया कि क्या इन मुद्दों के समाधान से यह तय होगा कि आगे किसी अन्य स्थल की मांग नहीं होगी ? इसके जवाब में आरएसएस नेताओं ने कहा कि वे भविष्य में हिंदू समाज की सोच की गारंटी नहीं दे सकते।
RSS Meet Muslim Intellectuals : किन मुद्दों पर हुई चर्चा ?
आरएसएस नेताओं और मुस्लिम बुद्धिजीवियों के बीच हुई इस दूसरी बैठक में सबसे ज्यादा चर्चा हाल ही में संघ प्रमुख मोहन भागवत के उस इंटरव्यू को लेकर हुई जिसमें उन्होंने कहा था कि दुनियाभर में हिंदुओं के बीच आक्रामकता समाज में जागृति के कारण थी, जो एक हजार से अधिक वर्षों से युद्ध में है। इसके अलावा इस बैठक में काशी और मथुरा के अलावा गोहत्या जैसे मुद्दों पर चर्चा के साथ-साथ मुस्लिम पक्ष द्वारा उठाई गई मुख्य चिंताओं में बुलडोजर की तैनाती, मॉब लिंचिंग, नफरत फैलाने वाले भाषणों पर आरएसएस की चुप्पी जैसे मुद्दे शामिल रहे।
नजीब जंग ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि बैठक बहुत सौहार्दपूर्ण माहौल में आयोजित की गई थी। दोनों पक्षों ने अपनी बात रखी और इस बातचीत को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होने कहा कि यह प्रयास समुदायों को एक साथ लाने और भारत को मजबूत बनाने का है। शायद ही कोई ऐसा विवादस्पद मुद्दा हो जिसे दो समुदायों के बीच सुलझाया न जा सके।