सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के प्रधान विकास सिंह के बीच हुए विवाद के मामले में बार दो फाड़ हो गई है। होली से एक दिन पहले बार ने कपिल सिब्बल और दूसरे सीनियर एडवोकेट नीरज किशन कौल के खिलाफ दो प्रस्ताव पास करके उनके उस कदम की निंदा की थी जिसमें दोनों ने सीजेआई से माफी मांगी थी। बार ने फैसला किया था कि दोनों के खिलाफ लाए गए दो प्रस्तावों को 16 को होने वाली जनरल बॉडी की मीटिंग में रखा जाएगा। लेकिन आज SCBA के 470 वकील कपिल सिब्बल और नीरज किशन कौल के समर्थन में उतर आए।
470 वकीलों ने चिट्ठी जारी करके SCBA के दोनों प्रस्तावों की तीखी भर्त्सना की है। उनका कहना है कि संविधान के तहत हर शख्स को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार मिला है। बार को चाहिए कि वो इस अधिकार को बढ़ावा दे न कि इसका गला घोंटने की कोशिश करे।
बार ने इस मामले में दो प्रस्ताव होली से एक दिन पहले जारी किए थे इनमें से एक में सिब्बल और कौल को नोटिस देने की बात की गई थी। बार का मानना है कि 2 मार्च को कपिल सिब्बल और कौल ने जिस तरह से सीजेआई से उनकी कोर्ट में जाकर माफी मांगी वो गलत था। दोनों को पूरे मामले का पता ही नहीं था। ऐसे में बार की तरफ से उन दोनों का माफी मांगना गलत था।
16 को होने वाली मीटिंग में SCBA की तरफ से जारी दोनों प्रस्तावों पर वोटिंग कराई जानी है।
कपिल सिब्बल और कौल के समर्थन में आए वकीलों का कहना है कि दोनों ने सीजेआई से माफी मांगकर कोई गलत काम नहीं किया। बार और बेंच के बीच सौहाद्रपूर्ण संबंध बने रहने चाहिए। SCBA के प्रधान विकास सिंह और सीजेआई विवाद के मामले में दोनों ने कुछ भी गलत नहीं किया था। उनका कहना है कि सिब्बल और कौल जैसे सीनियर वकीलों का दायित्व है कि अगर वो कुछ गलत होता देखें तो उसके खिलाफ खड़े हों। उन्होंने जो किया वो गरिमापूर्ण था। वकीलों का कहना था कि दोनों का ध्येय अदालत के डेकोरम को मेंटेन करने का था। इसमें गलत क्या था।
विकास सिंह पर चीख पड़े थे सीजेआई चंद्रचूड़
सीजेआई और विकास सिंह के बीच विवाद की वजह सुप्रीम कोर्ट परिसर की एक जमीन थी। विकास सिंह सीजेआई से मामले की जल्दी सुनवाई करने का अनुरोध कर रहे थे। लेकिन सीजेआई ने उनसे कह दिया कि वो विकास सिंह को एक आम याचिकाकर्ता की तरह से देख रहे हैं। विकास सिंह ने इस पर कहा कि जल्दी सुनवाई के लिए उन्हें अगर सीजेआई के घर तक भी जाना पड़ेगा तो जाएंगे। बस फिर क्या था। सीजेआई भड़क गए। उन्होंने विकास सिंह से कहा कि वो उनको धमकाने की कोशिश भी न करें। वो किसी की धमकी में नहीं आने वाले हैं। सीजेआई ने विकास सिंह को अपनी कोर्ट से बाहर जाने का फरमान तक दे डाला। तल्खी इतनी बढ़ी कि SCBA के होली मिलन के समारोह से भी सीजेआई ने किनारा कर लिया।