scorecardresearch

प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर सरकार को SC की फटकार, कहा- हम आपके प्रयासों से संतुष्ट नहीं हैं

उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार लाख रुपये अनुग्रह राशि दिए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर केन्द्र से जवाब मांगा है।

BMC Guidelines,Maharashtra Coronavirus News,Maharashtra New Curbs,Maharashtra New Guidelines,maharashtra news,Maharatshtra Lockdown,Maharatshtra Lockdown Update,Maharatshtra News Today,Mumabi Lockdown News,Mumbai Night Curfew News,Mumbail Local,Uddhav Thackeray
प्रवासी मजदूर एक बार फिर राज्य छोड़कर अपने-अपने गांव जाने के लिए मजबूर हो गए हैं। (express file photo)

कोरोना संकट के बीच प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवायी हुई। अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों को इस मुद्दे पर फटकार लगाते हुए कहा कि हम आपके प्रयासों से संतुष्ट नहीं हैं। अदालत ने केंद्र से लेबर रजिस्ट्रेशन स्कीम के बारे में जवाब मांगा। अदालत ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के पंजीकरण की प्रक्रिया काफी धीमी है। इसे तेज करने की जरूरत है।

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के पंजीकरण की प्रक्रिया काफी धीमी, इसे तेज किया जाना चाहिए ताकि योजनाओं के लाभ उन तक पहुंच पाएं। अदालत ने कहा कि योजनाओं के लाभ प्रवासी मजदूरों को उनकी पहचान किए जाने तथा उनके पंजीकरण के बाद ही मिल सकते हैं । सरकार यह सुनिश्चित करे कि योजनाओं का फायदा प्रवासियों सहित सभी लाभार्थियों तक पहुंचे और इस प्रक्रिया की निगरानी की जाए।

 LIVE Updates: मॉडर्ना और फाइजर ने दिल्ली को वैक्सीन देने से किया इनकार

अदालत ने कहा कि हम असंगठित क्षेत्रों में मजदूरों के पंजीकरण के मुद्दे पर केन्द्र, राज्यों के प्रयासों से संतुष्ट नहीं हैं। उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार लाख रुपये अनुग्रह राशि दिए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर केन्द्र से जवाब मांगा है। अदालत ने कोविड-19 से मरने वाले लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए समान नीति की मांग वाली याचिका पर भी केन्द्र से जवाब मांगा है।

शीर्ष अदालत दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इन याचिकाओं में केन्द्र तथा राज्यों को 2005 के आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार लाख रुपये अनुग्रह राशि देने और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए समान नीति अपनाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

पीठ ने कहा कि जब तक कोई आधिकारिक दस्तावेज या मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक समान नीति नहीं होगी, जिसमें कहा गया हो कि मृत्यु का कारण कोविड था, तब तक मृतक के परिवार वाले किसी भी योजना के तहत, अगर ऐसी कोई है, मुआवजे का दावा नहीं कर पाएंगे । पीठ ने केन्द्र को अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश देते हुए मामले की आगे की सुनवाई के लिये 11 जून की तारीख तय की।

पढें राष्ट्रीय (National News) खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News)के लिए डाउनलोड करें Hindi News App.

First published on: 24-05-2021 at 13:06 IST
अपडेट