Sharad Pawar राहुल गांधी द्वारा सावरकर पर बयान दिए जाने के बाद से महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज है। शनिवार को सावरकर से जुड़े विषय पर NCP अध्यक्ष शरद पवार ने भी अपना पक्ष रखा। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर के देश की आजादी के लिए दिए गए बलिदान की कोई अनदेखी नहीं कर सकता है, लेकिन उनसे असहमति को राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए क्योंकि आज देश के समक्ष कई और ज्वलंत मुद्दे हैं जिनपर ध्यान देने की जरूरत है।
शरद पवार ने कहा, “आज सावरकर राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है, यह पुरानी चीज हो गई है। हमने सावरकर के बारे में कुछ बातें कही हैं, लेकिन वे व्यक्तिगत नहीं हैं। मैं हिंदू महासभा के खिलाफ था, लेकिन दूसरा पक्ष भी है। हम सावरकर द्वारा देश की आजादी के लिए दिए गए बलिदान की अनदेखी नहीं कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि करीब 32 साल पहले उन्होंने संसद में सावरकर के प्रगतिशील विचारों के बारे में बात की। पवार ने कहा कि सावरकर ने रत्नागिरी में मकान बनाया था और उसी के सामने छोटे से मंदिर का भी निर्माण कराया था। पवार ने बताया, “सावरकर ने मंदिर में पूजा की जिम्मेदारी वाल्मिकी समाज के व्यक्ति को दी थी। मेरा मनाना है कि वह बहुत ही प्रगतिशील बात थी।”
विदेशी जमीन पर कथित तौर पर भारत के खिलाफ बोलने को लेकर बीजेपी के निशाने पर आए कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बचाव करते हुए पवार ने कहा कि वह पहले भारतीय नहीं हैं जिन्होंने देश के मुद्दों पर विदेश में बात की है।
नागपुर के प्रेस क्लब में शरद पवार ने मीडिया से बातचीत के दौरान यह बात कही। वह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के आवास पर उनसे मिलने भी गए। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने सावरकर के मुद्दे पर राहुल गांधी से बात की है और क्या कांग्रेस नेता दिवंगत हिंदुत्व विचारक की आलोचना में कमी लाएंगे तो पवार ने कहा कि हाल में 18-20 पार्टियां एक साथ बैठीं और देश के समक्ष मौजूद मुद्दों पर चर्चा की।
उल्लेखनीय है कि बीजेपी राहुल गांधी पर सावरकर का ‘अपमान’ करने का आरोप लगा रही है। वह, उनके सम्मान में सावरकर गौरव यात्रा भी निकाल रही है। उन्होंने कहा, “मैं सुझाव दूंगा कि इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि जो इस समय सत्ता में हैं वे देश को किस ओर ले जा रहे हैं।” (इनपुट- भाषा)