पूर्वी लद्दाख में भारत के लिए रणनीतिक रूप से काफी अहम पैंगॉन्ग त्सो झील के पास चीन ने अपनी गतिविधियां शुरू कर दी हैं। सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि इस झील के आसपास चीन अपने क्षेत्र में एक दूसरे बड़े पुल का निर्माण कर रहा है। सेटेलाइट से ली गई तस्वीर और जानकारों की मानें तो इस क्षेत्र में चीनी सेना को किसी आपात स्थिति में अपने सैनिकों को जल्दी से जुटाने में सहायता मिलेगी।
भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच गतिरोध पिछले दो साल से अधिक समय से चल रहा है। गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में कई जगहों पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच यह स्थिति बनी है। ऐसे में चीनी सेना द्वारा इस पुल के निर्माण की खबरें हैं। हालांकि पुल बनाने की खबरों पर भारतीय सेना की तरफ से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
वहीं विपक्षी दल केंद्र की मोदी सरकार पर इसको लेकर निशाना साध रहे हैं। कांग्रेस की युवा इकाई के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए लिखा, “मोदी जी, डरो मत – इस ‘पुल’ पर ‘बुलडोजर’ कब?” इसके साथ उन्होंने इससे संबंधित खबर भी शेयर किया है। जिसमें लिखा है कि उपग्रहों से मिली तस्वीरों के बाद भारत सतर्क हुआ है। दावा किया गया है कि चीन इस क्षेत्र में एक पतली पट्टी पर तेजी से निर्माण कार्य कर रहा है।
इस विवादित इलाके में चीनी सेना के निर्माण को उकसावे की चाल माना जा रहा है। वहीं कांग्रेस नेता के ट्वीट में पर कई लोगों ने अपनी राय व्यक्त की है। मंगल(@Mangal_Jal) नाम के एक यूजर ने लिखा, “जब कुछ बोलने की हिम्मत ही नहीं रही तो बुल्डोजर चलाना दूर की बात है इनका बुलडोजर केवल गरीब बेसहारों पर चलता है।”
वहीं कांग्रेस नेता को जवाब देते हुए संजय शुक्ला(@SanjayS08904233) ने लिखा, “ये 1962 का भारत नहीं है कि भारत की 43000वर्ग किलोमीटर जमीन हड़प जाए उस समय किसकी सरकार थी? बरसों गांधी परिवार के सदस्यों ने सरकार का नेतृत्व किया, क्यों नहीं अपनी ज़मीन वापस ली?”