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रोटी मातोश्री की, चाकरी शरद पवार की, महाराष्ट्र असेंबली में संजय राउत के लिए बोले शिंदे के मंत्री तो भड़के अजित

भूसे का कहना था कि संजय राउत एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों के वोट के दम पर सांसद बने हैं। उन्हें उस सदन में बने रहने का कोई हक नहीं है।

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Bharat Jodo Yatra: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने की राहुल गांधी की तारीफ। (फोटो सोर्स: File/ANI)

एकनाथ शिंदे के मंत्री की एक बात पर आज महाराष्ट्र असेंबली में बवाल मच गया। दरअसल उन्होंने संजय राउत के लिए टिप्पणी की कि वो खाते तो उद्धव ठाकरे के हाथ से हैं पर उनका दिल शरद पवार के साथ है। वो उनके लिए ही काम करते हैं। बस फिर क्या था। मंत्री की बात पर असेंबली में जोरदार बवाल मच गया। MVA के नेताओं ने मंत्री से माफी की मांग की। उनका कहना था कि मंत्री ने शरद पवार का अपमान किया है।

शिंदे के मंत्री दादा भूसे ने असेंबली में कहा कि संजय राउत रोटी मातोश्री की खाते हैं लेकिन वो चाकरी शरद पवार की करते हैं। मंत्री यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने संजय राउत को ललकारते हुए कहा कि हिम्मत है तो वो राज्यसभा से इस्तीफा देकर दिखाए। भूसे का कहना था कि संजय राउत एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों के वोट के दम पर सांसद बने हैं। उन्हें उस सदन में बने रहने का कोई हक नहीं है।

संजय राउत के ट्वीट पर भड़के थे शिंदे के मंत्री

दरअसल मंत्री का गुस्सा संजय राउत के उस ट्वीट को लेकर था जो उन्होंने आज किया था। इसमें उन्होंने दादा भूसे पर आरोप लगाया था कि उन्होंने किसानों के नाम पर 178.25 करोड़ रुपये के शेयर एक ऐसी कंपनी के नाम पर जुटाए, वेबसाइट पर जिसको लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं है। भूसे का कहना था कि राउत का आरोप बेबुनियाद है। उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया है। भूसे का कहना था कि आरोप सही निकले तो वो राजनीति भी छोड़ने को तैयार हैं। लेकिन आरोप गलत निकलने पर संजय राउत को भी राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देना चाहिए।

अजित पवार बोले- मंत्री की टिप्पणी किरार्ड से हटाई जाए

दादा भूसे की टिप्पणी से नेता प्रतिपक्ष और शरद पवार के भतीजे अजित पवार खासे नाराज हो गए। उनका कहना था कि मंत्री ने शरद पवार का अपमान किया है। उन्होंने स्पीकर से मांग की कि वो भूसे की टिप्पणी को रिकार्ड से हटाए। अजित पवार के तेवर खासे तल्ख थे। उनकी बात पर भूसे ने भी करारा जवाब दिया। उनका कहना था कि उन्होंने शरद पवार के लिए कोई भी आपत्तिजनक या अशोभनीय बात नहीं की। गौरतलब है कि जून में शिंदे और उनके समर्थकों ने उद्धव ठाकरे से बगावत कर दी थी। उद्धव को इस्तीफा देना पड़ा और उसके बाद शिंदे ने बीजेपी के साथ सरकार बनाई।

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First published on: 21-03-2023 at 21:18 IST