भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा लोकसभा चुनावों के दौरान अपने बयानों को लेकर अक्सर विवादों में रहीं। इससे खुद उनकी पार्टी भाजपा भी नाराज रही। भाजपा की अनुशासन समिति ने साध्वी प्रज्ञा को बीते दिनों उनके गोडसे को लेकर दिए बयान पर कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जिसका साध्वी प्रज्ञा ने जवाब दिया है। खबर के अनुसार, साध्वी प्रज्ञा ने पार्टी को भेजे अपने जवाब में लिखकर दिया है कि अब वह अनुशासन में रहेंगी और यदि जरुरत हुई तो समय आने पर पीएम मोदी से मिलकर उनके सामने भी अपनी बात रखेंगी। साध्वी प्रज्ञा ने मीडिया को इसकी जानकारी दी।

बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान साध्वी प्रज्ञा ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त करार दिया था। साध्वी प्रज्ञा के इस बयान पर काफी विवाद हुआ था और विपक्षी पार्टियों ने इसे लेकर उन्हें और भाजपा को निशाने पर ले लिया था। हालांकि भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा के इस बयान से खुद को अलग कर लिया था और इस बयान के लिए साध्वी प्रज्ञा के बयान से नाराजगी भी जाहिर की थी। पीएम मोदी ने भी इस बयान को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी और कहा था कि वह इस बयान के लिए प्रज्ञा ठाकुर को कभी माफ नहीं करेंगे। इसके अलावा साध्वी प्रज्ञा ने बाबरी विध्वंस को लेकर भी एक बयान दिया था और उसमें कहा था कि उन्हें इस पर गर्व है। प्रज्ञा ठाकुर को इस बयान के लिए चुनाव आयोग द्वारा 72 घंटे के लिए चुनाव प्रचार से बैन कर दिया गया था।

अपने एक अन्य बयान में साध्वी प्रज्ञा ने पूर्व एटीएस चीफ हेमंत करकरे के बारे में भी विवादित टिप्पणी की थी। साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि उनके श्राप के चलते हेमंत करकरे आतंकी हमले में मारे गए थे। हालांकि साध्वी के इस बयान पर विपक्षी पार्टियों ने उनकी खूब आलोचना की थी। इससे पहले साध्वी प्रज्ञा को भोपाल से टिकट देने के लिए भाजपा को आलोचना का शिकार होना पड़ा था। बता दें कि साध्वी प्रज्ञा साल 2008 में हुए मालेगांव बम ब्लास्ट की आरोपी हैं। हालिया लोकसभा चुनावों में साध्वी प्रज्ञा ने भोपाल से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को भारी मतों से हराया था।