हरियाणा के पानीपत में चल रहे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सालाना समारोह में अपनी विचारधारा के धुर विरोधी रहे मुलायम सिंह यादव के साथ शरद यादव और दिग्गज एडवोकेट शांति भूषण को शिद्दत से याद किया गया। दरअसल संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी उन लोगों को याद कर श्रद्धांजलि दे रहे थे जो बीते एक साल के दौरान दिवंगत हुए। समारोह में 100 से ज्यादा लोगों को याद कर श्रद्धांजलि दी गई। इनमें पीएम नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन के साथ हाल ही में दिवंगत हुए फिल्म अभिनेता सतीश कौशिक को भी श्रद्धांजलि दी गई।
ध्यान रहे कि मुलायम सिंह यादव के साथ शरद यादव और कभी देश के कानून मंत्री रहे शांति भूषण संघ और बीजेपी की विचारधारा के धुर विरोधी रहे थे। बाबरी विध्वंस प्रकरण में 1992 के दौरान मुलायम सिंह ने ही उन लोगों पर गोली चलाने की अनुमति दी थी जो बाबरी को तबाह करने पर आमादा थे। इनमें से बहुत से लोग संघ के भी थे। जबकि शरद यादव हमेशा से बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश करते रहते थे। शांति भूषण भी संघ के धुर विरोधी थे। के पहले सत्र में आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबले ने पिछले एक साल में काल के गाल में समा चुकी प्रतिष्ठित हस्तियों के नाम पढ़े।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बेहद महत्वपूर्ण बैठक आज से हरियाणा में शुरू हो गई है। पानीपत के समालखा एरिया में हो रही मीटिंग में संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पहुंच गए हैं। ये मीटिंग 14 मार्च तक चलेगी।
2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले संघ की टॉप लीडरशिप की यह आखिरी बड़ी मीटिंग हो रही है। इस लिहाज से इसमें संघ और बीजेपी के बीच को-ऑर्डिनेशन का काम करने वाले कुछ चेहरे बदले जा सकते हैं। इसके अलावा संघ के कुछ लोगों की जिम्मेदारियां बदलने का फैसला भी इसमें हो सकता है। इस मीटिंग की अहमियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत 4 दिन पहले ही समालखा पहुंच गए।