इस प्रोजेक्ट के राष्ट्रीय संयोजक डॉक्टर कृष्ण मोहनदास नरवानी ने कहा, “उत्तम संताती के जरिए हमारा मुख्य ध्येय समर्थ भारत का निर्माण करना है। हम चाहते हैं कि 2020 तक हजारों की संख्या में ऐसे बच्चे हों।” पदाधिकारियों के मुताबिक, यह प्रजोक्ट जर्मनी से प्रेरित है। उन्होंने दावा किया कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जर्मनी ने आयुर्वेद के जरिए ऐसे कई बच्चे पैदा किए हैं। आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संयोजक डॉक्टर हितेश जानी ने कहा, “कम शिक्षा या किसी अन्य कारण से अगर किसी माता-पिता का IQ कम भी है तब भी उनकी संतान उज्जवल हो सकती है। अगर सही प्रक्रिया का पालन किया जाए तो कम लंबाई और सांवले अभिभावक भी लंबी और सुंदर संतान पा सकते हैं।”
जानी काफी समय तक आरएसएस स्वयंसेवक रहे और जामनगर की गुजरात आयुर्वेद यूनिवर्सिटी में पंचकर्मा के हेड भी रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तम संताती पाने की प्रक्रिया हिन्दू शास्त्रों में भी बताई गई है। दावा किया जा रहा है कि इस प्रक्रिया के माध्यम से अब तक 450 सन्तान जन्म ले चुकी हैं और 2020 तक हर राज्य में एक गर्भ विज्ञान अनुसंधान केंद्र खोला जाएगा।