RSS-affiliate Swadeshi Jagran Manch: आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच (SJM) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) द्वारा अपने बजट भाषण में घोषित कर (Tax) छूट पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा है कि यह लोगों की बचत (Savings) को प्रभावित करेगा, जो सरकारी उधारी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। संगठन ने यह भी कहा है कि बजट ऐसे समय में विनिर्माण क्षेत्र (Manufacturing Sector) को पर्याप्त समर्थन प्रदान नहीं करता है, जब चीन से भारत का आयात (Impors from China) “अभूतपूर्व” उच्च स्तर पर है।
बचत पर New tax regime का प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है
SJM के संयोजक अश्विनी महाजन ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, “स्वदेशी जागरण मंच का मानना है कि नई आयकर प्रणाली (New tax regime) करदाताओं (Taxpayers) को कम कर बोझ के साथ रिटर्न दाखिल करने में आसानी के मामले में राहत दे सकती है; लेकिन इसका आयकरदाताओं द्वारा की जा रही बचत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।” उन्होंने कहा, “एसजेएम सरकार पर मध्यम वर्ग (Middle Class) द्वारा बचत को बढ़ावा देने के लिए कर व्यवस्था को बदलने के लिए दबाव बनाएगा। क्योंकि यह सरकार के उधार और पूंजी निर्माण का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।”
Manufacturing Sector को प्रोत्साहन अपेक्षाओं से कम
अश्विनी महाजन ने कहा कि उनके संगठन ने विनिर्माण क्षेत्र (Manufacturing Sector) के लिए बजट प्रोत्साहन को अपेक्षाओं से कम पाया है। हालांकि यह उम्मीद थी कि इस बजट में विनिर्माण पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एसजेएम (SJM) बजट में पर्याप्त प्रयासों की कमी पर अपना असंतोष व्यक्त करता है। उसमें उत्पादों पर टैरिफ की बढ़ोतरी और मध्यवर्ती उत्पाद शामिल हैं। आज देश चीन से अभूतपूर्व मात्रा में आयात और व्यापार घाटा देख रहा है, लेकिन वित्त मंत्री का इस ओर पर्याप्त ध्यान नहीं जा सका।
सरकारी व्यय के बारे में बात करते हुए अश्विनी महाजन ने कहा, “वर्ष 2022-23 के संशोधित अनुमानों (RE) के अनुसार, कुल व्यय लगभग 42 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। इसकी तुलना में इस साल करीब 45 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान (बजट अनुमान) रखा गया है, यानी सिर्फ 7 फीसदी की बढ़ोतरी।
आखिर में बजट को बताया विवेकपूर्ण और विकासोन्मुखी
अश्विनी महाजन ने कहा कि शायद राजकोषीय घाटे को 5.9 प्रतिशत तक सीमित करने के उद्देश्य से व्यय को सीमित किया गया है। हालांकि पूंजीगत व्यय पर राजकोषीय विवेक का बोझ महसूस नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘बल्कि कैपेक्स में बढ़ोतरी बजट का स्वागत योग्य हिस्सा है।’ कुल मिलाकर, एसजेएम ने बजट को विवेकपूर्ण और विकासोन्मुखी पाया है और एमएसएमई, कृषि और पर्यटन को बहुत आवश्यक सहायता प्रदान की है।