26 नवंबर को देशभर में संविधान दिवस (Constitution Day of India) मनाया जा रहा है। दुनियाभर के तमाम संविधानों को बारिकी से पढ़ने और उनका परीक्षण करने के बाद बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भारतीय संविधान को तैयार किया था। 26 नवंबर 1949 को इसे भारतीय संविधान सभा के समक्ष लाया गया। इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपना लिया। यही वजह है कि देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रुप में मनाया जाता है। भारतीय संविधान को अंगीकार करने की इस साल 70वीं सालगिरह है।
सरकार का किया विरोध: इस मौके पर देशभर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता। लेकिन इसे विपक्ष कुछ अलग ही तरीके से मना रहा है। विपक्ष का मानना है कि इस सरकार ने पिछले कुछ सालों में संविधान को ताक पर रखकर निर्णय लिए गए है। इसलिए विपक्ष संविधान दिवस को सरकार का विरोध करते हुए मनाया है।
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सोनिया गांधी ने पढ़ी संविधान की प्रस्तावना: इस दौरान कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मूर्ति के सामने ही संविधान के कुछ अंश पढ़े। इस दौरान सोनिया गांधी के साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। विपक्ष का आरोप है कि मोदी सरकार संविधान को ताक पर रखकर उसके मूल्यों से खेल रही है। महाराष्ट्र में सरकार का गठन संवैधानिक तरीकों से नहीं किया गया। विपक्षी पार्टियां महाराष्ट्र में चल रही सत्ता की खींचतान को लोकतांत्रिक मू्ल्यों के खिलाफ बताते हुए भाजपा सरकार पर निशाना साध रही है।
WATCH: You are corrupt till the time you are away from BJP, your sins get washed the moment you join the gold. We should not celebrate constitution day. What’s the need of celebrating it if we see this brazen murder of constitution every single day: @manojkjhadu pic.twitter.com/o3GFBmaphp
— Prashant Kumar (@scribe_prashant) November 26, 2019
आरजेडी नेता ने भाजपा पर कसा तंज: बता दें कि यूपीए के घटक दल आरजेडी के नेता व राज्यसभा सांसद ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, ‘यदि आप भाजपा से दूर हैं तो आप भ्रष्टचारी है और आप जैसे ही भाजपा में शामिल होते है तो आपकी छवि साफ सुथरी हो जाती है। हमें सिर्फ इस बात का दुख है कि हम लोकतंत्र की मर्यादा को तोड़कर सरकार बनाई गई थी। संविधान इसलिए नहीं बनाया गया था कि आधी रात को सरकार बनाई जाए। इसलिए कोई औचित्य नहीं है कि हम संविधान दिवस मनाए। हर दिन संविधान की निर्मम हत्या होती है।’

