Yes Bank Crisis: बैंक ऑफ अमेरिका में 16 साल की नौकरी, ट्रेनी से शुरू कर हेड तक बनाई मुकाम, जानें- कौन हैं राणा कपूर?
राणा कपूर ने 2004 में यस बैंक की स्थापना की थी, 2018 में बैंक बोर्ड ने संकट के बीच ही उन्हें सीईओ पद छोड़ने के लिए कहा था।

Yes Bank Crisis, Rana Kapoor news and updates: एक समय भारत के बेहतरीन बैंकर्स में शुमार राणा कपूर का नाम इस वक्त देश भर में चर्चा का विषय बन गया है। वजह है यस बैंक, जिसे संकट से उबारने के लिए सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) को जिम्मेदारी दी है। राणा कपूर ने इसी यस बैंक की स्थापना 2004 में की थी। हालांकि, 2018 तक उन्होंने बैंक को ऐसी हालत में छोड़ा कि बोर्ड सदस्यों ने उन्होंने सीईओ पद छोड़ने तक के लिए कह दिया।
राणा कपूर ने 1973 में दिल्ली के फ्रैंक एंथनी पब्लिक स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की। इसके बाद 1977 में उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। राणा ने सफल बैंकर बनने के इरादे से अमेरिका के न्यूजर्सी स्थित रुटगर्स यूनिवर्सिटी से 1980 में एमबीए की डिग्री ली।
पढ़ाई में शानदार रिकॉर्ड के लिए राणा कपूर को ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआईएमए) से फेलोशिप मिली। रुट्गर्स यूनिवर्सिटी ने भी उन्हें प्रतिष्ठित प्रेसिडेंट्स मेडल से सम्मानित किया। इसके अलावा राणा को जीबी पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी से डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी पा चुके हैं।
एमबीए करने के बाद राणा ने 1980 में मैनेजमेंट ट्रेनी के तौर पर बैंक ऑफ अमेरिका में नौकरी शुरू की। धीरे-धीरे उनकी कामयाबी को देखते हुए उन्हें होलसेल बैंकिंग का हेड बना दिया गया, जहां उनके पास एशियाई देशों से जुड़े सात प्रोजेक्ट थे। कपूर ने बैंक ऑफ अमेरिका में करीब 16 साल काम किया। इस दौरान उन्होंने बैंक के कॉरपोरेट, सरकारी और आर्थिक संस्थानों के क्लाइंट्स को संभाला।
1996 में कपूर ने एएनजेड ग्रिंड्सले इन्वेस्टमेंट बैंक में नौकरी शुरू की। यहां उन्हें जनरल मैनेजर और कंट्री हेड का पद दिया गया। हालांकि, यहां 7 साल नौकरी करने के बाद 2003 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया और अपने दोस्त अशोक कपूर के साथ रिजर्व बैंक से यस बैंक के लिए बैंकिंग लाइसेंस हासिल किया। एक समय राणा कपूर के पास यस बैंक में 26% शेयर था। वहीं, अशोक कपूर का 11% और नीदरलैंड्स के रैबोबैंक इंटरनेशनल का 20% शेयर था। 2008 के मुंबई हमलों में अशोक कपूर की मौत के बाद उनकी ज्यादातर जिम्मेदारियां राणा ने ही संभालीं।
राणा कपूर को 2005 में अर्न्सट एंड यंग कंपनी की तरफ से स्टार्टअप आंत्रप्रेन्योर ऑफ द ईयर के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। हालांकि, बैंक ने कई लोगों को जोखिम भरे लोन दिए थे। इसी के चलते बैंक पर एनपीए का काफी बोझ बढ़ गया था। सितंबर 2018 में बैंक के बोर्ड ने ऐलान किया कि उन्होंने राणा कपूर से जनवरी 2019 तक सीईओ पद छोड़ने के लिए कह दिया है।