पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर में सोमवार से तनाव है। पुलिस लगातार गश्त कर रही है कि कोई दंगा न भड़क जाए। दरअसल मुकंदपुर इलाके में 24 अक्टूबर को एक वर्कशॉप में मां काली की कई सारी मूर्तियां टूटी मिली थीं। शिल्पकार का कहना था कि कुछ लोगों ने उसकी दुकान में घुसकर मूर्तियां तोड़ दीं। ये बात जैसे ही बाहर फैली इलाके में तनाव हो गया। सरकार ने तुरंत ही वहां पर भारी तादाद में पुलिस फोर्स तैनात कर दी। जांच भी शुरू हुई।
सीसीटीवी फुटेज खंगाली गई तो पता चला कि शिल्पकार प्रभात सरदार ने खुद मूर्तियों को दिवाली के दिन तोड़ा था। पूछताछ में उसने बताया कि वो परेशान था कि धंधा बचाने के लिए उसने ये कदम उठाया। उसकी मूर्तियां नहीं बिक पा रही थीं। उसने सोचा कि ये बात बाजार में फैल गई तो नाम खराब हो जाएगा। बदनामी से बचने के लिए उसने खुद ही मूर्तियों को खंडित करके अफवाह फैला दी कि कुछ लोगों ने मां की मूर्तियों को खंडित कर दिया।
साउथ 24 परगना के एसपी धृतिमान सरकार का कहना है कि फिलहाल प्रभात के साथ दो और लोगों को भी अरेस्ट किया है। इलाके में तनाव अभी भी है। सच का पता चलने के बाद अब लोगों का गुस्सा खत्म हो चुका है। लेकिन फिर भी एहतियात बरती जा रही है। उनकी अपील है कि लोग किसी अफवाह पर ध्यान न दें।
ध्यान रहे कि सांप्रदायिक मामले में पश्चिम बंगाल काफी संवेदनशील माना जाता है। पहले भी कई बार वहां हिंदू मुस्लिम एक दूसरे के आमने सामने आ चुके हैं। शोभा यात्रा और मोहर्रम के जुलूस के दौरान पुलिस की सांस फूली रहती है कि कहीं कोई बात बतंगड़ न बन जाए। प्रभात सरकार की मामूली सी शरारत ने इलाके में काफी तनाव पैदा कर दिया था। बात अगर बढ़ जाती तो संभालना मुश्किल हो जाता।