मोहम्मद यासीन (Mohammad Yasin) नाम का व्यक्ति स्विट्ज़रलैंड (Switzerland) में आरामदायक जीवन जी रहा था। लेकिन अपनी दिवंगत मां के सपने को साकार करने के लिए उसे वापस श्रीनगर आना पड़ा। फिर श्रीनगर में उसने प्रसिद्ध डल झील के बीच में पक्षियों के लिए एक वन क्षेत्र स्थापित किया।
यासीन का जुनून उसे स्विट्जरलैंड ले जाने से पहले कई जगहों पर ले गया। हालाँकि पक्षियों के लिए जुनून, बचपन के दौरान उसमे पैदा हुआ था जब उसने अपनी माँ को उन्हें खिलाते हुए देखा था यही जुनून यासीन को वापस कश्मीर ले आया क्योंकि उसकी मां की मृत्यु के बाद उसने फिर से जुड़ने की कोशिश की।
यासीन ने पीटीआई से बात करते हुए बताया, “मेरी मां एक बड़ी प्रेरणा थीं क्योंकि मैं उन्हें यहां आने वाले पक्षियों को दाना खिलाते देखा करता था। मैं इस वन क्षेत्र को स्थापित करने के लिए वापस आया, जो मुझे लगता है, मेरी मां का सपना था और यह सबसे महत्वपूर्ण बात है। मुझे पक्षियों से प्यार हो गया और मैं उनके काम को आगे बढ़ाकर खुश हूं। वह (मां) अब हमारे साथ नहीं हैं, लेकिन मुझे यकीन है कि उनकी आत्मा हमें देख रही है।” यासीन पिछले साल काम के सिलसिले में यूक्रेन में था जब रूस के साथ युद्ध छिड़ गया था।
उन्होंने कहा, “वहां मैंने महसूस किया कि हर देश में लोग हमें खुले हाथों से स्वीकार करते हैं। हम प्रवासी पक्षियों की तरह थे, वे भी दूर-दूर से आते हैं और मैं समझता हूं कि उन्हें उसी स्वागत की जरूरत है।”
कॉमन मोरन, पॉन्ड हेरॉन, मलाड, किंगफिशर, कठफोड़वा और साइबेरियन मलाड कुछ ऐसी प्रजातियां हैं जिन्हें वन क्षेत्र में आसानी से देखा जा सकता है। यासीन के पिता अब्दुल रहीम को अपने बेटे की इस कोशिश पर नाज है। उन्होंने कहा, “मेरी पत्नी ने इसे शुरू किया। मेरा बेटा इसकी देखभाल करने के लिए स्विट्जरलैंड से लौटा है। सुबह-सुबह पक्षी यहां आते थे और मेरी पत्नी उन्हें खाना खिलाती थी। वह कहती थी कि आशीर्वाद पाने के लिए पक्षियों को दाना डालना जरूरी है।”
पक्षियों की बढ़ती संख्या और वन क्षेत्र की लोकप्रियता को देखते हुए रहीम चाहते हैं कि सरकार इसके रखरखाव में मदद करे। उन्होंने कहा, “हमें सरकार से धन की आवश्यकता नहीं है, लेकिन पक्षियों की देखभाल के लिए उपाय करने चाहिए।” पक्षी वन की कहानी सोशल मीडिया पर लोकप्रिय हो रही है, जो लोगों को इस मिनी रिजर्व में ला रही है। एक आगंतुक मुदासिर अहमद ने कहा, “मुझे इस पक्षी वन क्षेत्र के बारे में सोशल मीडिया से पता चला, हालांकि मेरा शोरूम पास में है। मुझे यह पसंद आया क्योंकि यह एक अच्छी अवधारणा है। यह वास्तव में किसी भी पक्षी प्रेमी के लिए प्रेरणादायक है।”