2023 के लिए इस महत्त्वपूर्ण प्रवेश परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी आइआइटी, गुवाहाटी के पास है। परीक्षा में तीन-तीन घंटे की अवधि के दो प्रश्नपत्र शामिल हैं। आइआइटी अधिकारियों के मुताबिक उम्मीदवारों का दोनों प्रश्नपत्र में शामिल होना अनिवार्य है।
‘जेईई-एडवांस्ड’ 2023 का आयोजन सात क्षेत्रीय समन्वयक आइआइटी द्वारा संयुक्त प्रवेश बोर्ड-2023 (जेएबी-2023) के मार्गदर्शन में किया जाएगा। जेईई (एडवांस्ड) 2023 में प्रदर्शन के आधार पर एक उम्मीदवार को शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए स्नातक, एकीकृत स्नातकोत्तर और दोहरी डिग्री कार्यक्रमों (10+2 स्तर पर प्रवेश) में प्रवेश मिलेगा। जेईई (एडवांस्ड) 2023 और शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में आइआइटी में प्रवेश से संबंधित सभी मामलों में जेएबी 2023 के निर्णय अंतिम होंगे। देशभर के इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाने वाली जेईई-मुख्य भी जेईई-एडवांस्ड के लिए अर्हता परीक्षा है।
साझा विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा-स्नातक 21 से 31 मई के बीच
साझा विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा-स्नातक (सीयूईटी-यूजी) के दूसरे संस्करण का आयोजन 21 से 31 मई 2023 के बीच किया जाएगा। राष्ट्रीय परीक्षा एजंसी (एनटीए) ने बताया कि विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले की प्रक्रिया जुलाई 2023 तक पूरी कर ली जाएगी और नया शैक्षणिक सत्र एक अगस्त से शुरू हो सकता है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने पिछले साल मार्च में घोषणा की थी कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों दाखिले एक संयुक्त प्रवेश परीक्षा के माध्यम से किए जाएंगे, न कि कक्षा 12 के अंकों के आधार पर।
यूजीसी अध्यक्ष एम जगदीश कुमार के मुताबिक सीयूईटी-यूजी के लिए आवेदन प्रक्रिया फरवरी 2023 के पहले सप्ताह में शुरू होगी। एनटीए देशभर में 1,000 परीक्षा केंद्र तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है, जिनमें से 450 से 500 केंद्रों पर रोजाना परीक्षा होगी। सीयूईटी-पीजी परीक्षा जून 2023 के पहले या दूसरे सप्ताह में होने की संभावना है। सीयूईटी-यूजी परीक्षा के नतीजे जून 2023 के तीसरे सप्ताह में घोषित करने की योजना है। वहीं, सीयूईटी-पीजी के परिणाम जुलाई 2023 के पहले हफ्ते में घोषित किए जा सकते हैं।
आइआइटी के स्नातक पाठ्यक्रमों में छात्राओं की संख्या 20 फीसद हुई
सरकार ने राज्यसभा में कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आइआइटी) के स्नातक पाठ्यक्रमों में छात्राओं की संख्या 2021 में 20 फीसद हो गई जो 2016 में आठ फीसद थी। शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने वाली छात्राओं की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि आइआइटी के स्नातक कार्यक्रमों में छात्राओं की संख्या में सुधार के लिए अतिरिक्त सीटें सृजित की गईं और 2016 में छात्राओं की संख्या आठ फीसद थी जो 2021-22 में बढ़कर 20 हो गर्इं। इसी तरह, एनआइटी संस्थानों में छात्राओं का नामांकन 2021-22 में बढ़कर लगभग 22.1 फीसद हो गया है।
एनआइएस सिद्ध चिकित्सा में नया स्नातक पाठ्यक्रम शुरू करेगा
चेन्नई में स्थित राष्ट्रीय सिद्ध संस्थान (एनआइएस) में 2022-23 शैक्षणिक वर्ष में सिद्ध चिकित्सा में एक नया स्नातक पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। एनआइएस की निदेशक आर मीनाकुमार के मुताबिक नई दिल्ली में स्थित भारतीय चिकित्सा प्रणाली के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीआइएसएम) ने एनआइएस को 60 सीटों के साथ ‘बैचलर आफ सिद्ध मेडिसिन एंड सर्जरी’ (बीएसएमएस) पाठ्यक्रम शुरू करने की मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि नीट 2022-23 रैंक लिस्ट से बीएसएमएस पाठ्यक्रम में दाखिले दिए जाएंगे जिसके लिए काउंसिलिंग जल्द ही शुरू होगी।