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RBI Interest Rate Hike: रेपो रेट 40 बेसिस प्वॉइंट बढ़कर 4.40%, RBI के ऐलान बाद गिरा सेंसेक्स, महंगे हो जाएंगे लोन

RBI Repo Rate Hike News: आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वैश्विक तनाव प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति को बढ़ाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। कच्चे तेल की कीमत अस्थिर है और $100 प्रति बैरल से ऊपर है।

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RBI repo rate hike | RBI interest rate hike: नई दिल्ली में बुधवार को रेपो रेट में इजाफे की घोषणा करते रिजर्व वैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास। (PHOTO- REUTERS)

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि भारतीय रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने 2-4 मई के बीच हुई एक ऑफ-साइकिल मीटिंग में रेपो दर को 40 आधार अंकों (bps) तक बढ़ाकर तत्काल प्रभाव से 4.40 प्रतिशत कर दिया है। इस घोषणा के बाद सेंसेक्स में भारी गिरावट देखी गई।

आरबीआई के इस कदम से बैंकिंग प्रणाली में ब्याज दरों के बढ़ने की उम्मीद है। घर, वाहन और अन्य व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट ऋणों पर समान मासिक किस्त (ईएमआई) बढ़ने की आशंका है। जमा दरों, मुख्य रूप से निश्चित अवधि की दरों में भी वृद्धि होना तय है।

मीडिया को संबोधित करते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी ने सर्वसम्मति से ब्याज दर को 40 बीपीएस बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत करने का फैसला किया है। कहा कि आरबीआई एमपीसी ने वैश्विक विकास का आकलन करने के लिए ऑफ-साइकिल बैठक की है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वैश्विक तनाव प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति को बढ़ाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। कहा कि कच्चे तेल की कीमत अस्थिर है और $100 प्रति बैरल से ऊपर है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि खाद्य तेलों की कमी की वजह यूरोप में संघर्ष और निर्यातकों द्वारा प्रतिबंध लगाया जाना है।

केंद्रीय बैंक प्रमुख की अचानक घोषणा के बाद, एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स दोपहर 2:18 बजे 953.83 अंक (1.67 प्रतिशत) गिरकर 56,022.16 पर जबकि निफ्टी 50 287.65 अंक (1.69 प्रतिशत) गिरकर 16,781.45 पर आ गया। दास ने अपने भाषण में कहा कि केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने एमपीसी की पिछली बैठक में उदार रुख को वापस लेने के इरादे की घोषणा की थी।

इससे पहले दस फरवरी को हुई बैठक में आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने बताया था कि एमपीसी ने नई मॉनिटरी पॉलिसी में ब्याज दरों में कोई भी बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। आरबीआई ने रेपो रेट पहले की तरह 4 फीसदी बरकरार रखा था। वहीं रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी में भी कोई बदलाव नहीं किया गया था। जबकि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट और बैंक रेट को भी 4.25 फीसदी बरकरार रखा था।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 7.8 फीसदी की वृद्धि का अनुमान जताया था। आरबीआई का मानना था कि वित्तीय वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में घरेलू अर्थव्यवस्था में 17.2 फीसदी, दूसरी तिमाही में 7 फीसदी, तीसरी तिमाही और चौथी तिमाही में 4.3 फीसदी की वृद्धि हो सकती है।

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First published on: 04-05-2022 at 14:41 IST
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