अर्णब गोस्वामी को ‘कलियुग के अभिमन्यु’ बता Republic TV पर बोले महंत- Shivsena चीफ का बेटा ड्रग्स का…एंकर ने ‘दबवा’ दी चैनल पर आवाज
Shivsena प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे को लेकर बड़ी बात कहने की कोशिश की। आरोप लगाते हुए कहा कि शिवसेना प्रमुख का बेटा ड्रग्स का...। इसी बीच, चैनल ने उनकी आवाज दबा दी और एंकर ने टोका कि जब तक सबूत नहीं तब कुछ नहीं।

Republic TV के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी के मामले पर शुक्रवार को एक टीवी डिबेट में महंत राजूदास ने अरेस्ट एंकर को कलियुग का अभिमन्यु करार दिया। Shivsena प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे को लेकर बड़ी बात कहने की कोशिश की। आरोप लगाते हुए कहा कि शिवसेना प्रमुख का बेटा ड्रग्स का…। इसी बीच, चैनल ने उनकी आवाज दबा दी और एंकर ने टोका कि जब तक सबूत नहीं तब कुछ नहीं।
दरअसल, यह मामला Republic Bharat के डिबेट शो Poochta Hai Bharat से जुड़ा है। कार्यक्रम में एंकर ने पालघर की सच्चाई का मुद्दा उठाने को लेकर अर्णब को मिली पूर्व में धमकी का जिक्र किया। इस पर महंत बोले, “मैं आपको बधाई दूंगा कि वह अर्णब गोस्वामी नहीं है। वह कलियुग के अभिमन्यु हैं। वह अभिमन्यु नहीं है, जो रणभूमि में मारे जाएंगे। वह सोनिया सेना के सामने झुकेंगे नहीं। बाबर सेना के आगे घुटने टेकेंगे नहीं। अर्णब लगातार संत-महात्माओं की हत्या की बात लगातार उठाएंगे। पालघर की बात करेंगे। बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत का मुद्दा देश में छेड़ेंगे।”
आगे महंत ने आरोप लगाते हुए कहा, “ये ड्रग्स माफिया हैं। उनके मन में डर था कि ड्रगी कहीं पकड़े न जाएं, क्योंकि Shivsena प्रमुख का बेटा जो है, ड्रग्स का…।” राजूदास के इतना कहते ही एंकर ऐश्वर्य कपूर ने बीच में उन्हें चिल्लाते हुए टोका और कहा- देखिए, आप ये बात हम यहां नहीं बोलेंगे। जब तक सबूत नहीं है। जब तक सबूत नहीं, तब तक कुछ नहीं।
हालांकि, इस दौरान महंत राजूदास अपनी बात रख रहे थे, पर रिपब्लिक भारत चैनल की ओर से उनकी आवाज को दबा दिया गया। स्क्रीन पर वह बोलते हुए नजर आ रहे थे, पर उनकी आवाज नहीं आ रही थी। देखिए, डिबेट शो में आगे क्या हुआः
शो में आगे LJP नेता और वकील एके वाजपेयी ने टीवी एंकर की गिरफ्तारी के मुद्दे पर कहा कि लोजपा महाराष्ट्र सरकार के इस कदम की कड़ी निंदा करती है। इसमें आखिर अपराध क्या है? स्पीकर के खिलाफ कुछ बोला ही नहीं है। महाराष्ट्र सरकार को कांग्रेस गाइड कर रही है। ये इमरजेंसी वाला रवैया है…। आपातकाल में पत्रकारों और विपक्षी नेताओं को कैसे जेल में डाला गया था। ऐसे अरेस्ट करेंगे?
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