किसान 363 दिन आंदोलन करें, पर 2 दिन बख्श दें- अर्णब के शो में निवेदन करने लगे रिटायर्ड मेजर
रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बख्शी ने कहा कि हाथ जोड़ कर भारत के किसानों से विनती करता हूं कि 26 जनवरी को गलवान में शहीद जवानों का सम्मान रख लिजिए।

रिपब्लिक भारत के डिबेट ‘शो पूछता है भारत’ में रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बख्शी ने कहा कि किसान 363 दिन आंदोलन करें, पर 2 दिन बख्श दें। शो के दौरान जीडी बख्शी ने कहा कि हमारे किसान 365 दिन में से 363 दिन आंदोलन करें। लेकिन 2 दिन हमारे नाम से बख्श दें, ये जी डी बख्शी की तरफ से निवेदन है। गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस जो ये पूरा देश मिलकर बनाता है।’ जीडी बख्शी ने कहा कि किसानों के ज्यादातर बच्चे सेनाओं में हैं। 90 प्रतिशत बच्चे किसानों के सेना में हैं। इसी शो में रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बख्शी ने कहा कि हाथ जोड़ कर भारत के किसानों से विनती करता हूं कि 26 जनवरी को गलवान में शहीद जवानों का सम्मान रख लिजिए।
दिल्ली में कल यानी मंगलवार को किसानों की ट्रैक्टर परेड निकलेगी। आंदोलनरत अन्नदाता इस दौरान हजारों की संख्या में दिल्ली में कुछ किमी तक एंट्री लेंगे और ट्रैक्टरों से मार्च कर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध जाहिर करेंगे। इस आयोजन की पूर्व संध्या पर क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शन पाल ने ऐलान किया, “हम एक फरवरी को संसद की ओर कूच करेंगे। इस दिन कैसे कहां जाना है ये हम 28 जनवरी को तय करेंगे।” बता दें कि इसी दिन संसद में केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा।
हमारे किसान भाई 365 दिन में 363 दिन आंदोलन करें, लेकिन दो दिन गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस को बख्श दें: रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बख्शी
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— रिपब्लिक.भारत (@Republic_Bharat) January 25, 2021
किसान सोमवार को 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड की तैयारियों को अंतिम रूप देने में व्यस्त दिखे। उन्होंने कहा कि मंगलवार को होने वाली ट्रैक्टर परेड में मुख्य आकर्षण ‘झांकी’ होंगी जिसमें सबसे आगे ट्राली में पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब होंगे। ट्रैक्टर परेड में शामिल होने वाले तमाम वाहनों को फूलों से सजाया जा रहा है और उनके दोनों ओर सिख नेताओं जैसे शहीद बाबा दीप सिंह, बाबा बंदा सिंह बहादुर व गुरु तेग बहादुर के पोस्टर लगाए जा रहे हैं।
सिंघू बार्डर पर मौजूद स्वयंसेवक जरनैल सिंह ने कहा, ‘‘रैली में सबसे आगे हमारा सबसे पवित्र ग्रंथ होगा। हम ‘प्रसाद’ बांटेंगे और श्रद्धालु दर्शन करेंगे। गुरु ग्रंथ साहिब वाले पवित्र वाहन के पीछे लोग पैदल चलेंगे और उनके पीछे ट्रैक्टर होंगे।’’