9 से 23 जुलाई के बीच हुए इस कार्यक्रम में इस बार बीजेपी के कई सीनियर मंत्री, साइंटिस्ट और एक्टर जुटे थे। सिर्फ दिल्ली-दिल्ली में 95,000 से ज्यादा स्वंयसेवक एकत्रित हुए थे। लाल कृष्ण आडवाणी के अलावा कई सीनियर मंत्री भी वहां थे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी संघ में दक्षिणा दिया करते थे।
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए एमजी वैद्या (संघ के सीनियर प्रचारक) ने बताया कि RSS किसी प्रकार का चंदा नहीं लेता। उन्होंने बताया कि यह दान नहीं दक्षिणा है क्योंकि दान देने वाले का स्थान ऊंचा हो जाता है, लेकिन यहां प्यार और आदर से देने की बात है। उन्होंने बताया कि दक्षिणा सील पैक लिफाफे में दी दाती है। मिलने वाले सभी पैसे को व्यवस्था विभाग देखता है।
दक्षिणा के पैसों से खरीदा गया था नागपुर मुख्यालय: 1937 में एक व्यवसायी ने संघ को छह हजार रुपए दक्षिणा दी थी। उस जमाने में यह काफी ज्यादा थी। इसमें से दो हजार रुपए में संघ के मुख्यालय के लिए नागपुर में जगह ली गई थी।