किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि वह चुनाव लड़ने की योजना नहीं बना रहे हैं क्योंकि मोर्चा का एकमात्र उद्देश्य भाजपा को सत्ता से हटाना था ताकि नई सरकार मोदी सरकार द्वारा बनाए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त कर सके। किसान नेताओ ने कहा कि, “हम सत्तारूढ़ भाजपा के साथ युद्ध में हैं और देश का एक भी किसान भविष्य में इस पार्टी को वोट नहीं देगा। हमारी सीधी-सादी रणनीति उन लोगों को समर्थन देना है, जो बीजेपी को हराने में सक्षम हैं। हमने इसे बंगाल में भी किया और 2022 में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में इसे दोहराएंगे।”
पिछले आठ महीनों से कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसान, अब उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। किसानों के संयुक्त मोर्चा ने सोमवार को लखनऊ में यह घोषणा करते हुए इसका नाम मिशन यूपी और उत्तराखंड रखा। संयुक्त मोर्चा 5 सितंबर को यूपी के मुजफ्फरनगर में किसानों की एक बड़ी रैली से आंदोलन शुरू करेगा और इसके बाद राज्य के हर इलाके में इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। आंदोलन के दौरान, किसान तीन कृषि कानूनों को वापस लेने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी और यूपी और उत्तराखंड से जुड़े अन्य मुद्दों की मांग उठाएंगे।
भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दावा है कि तीन कृषि कानूनों में किसान विरोधी कुछ भी नहीं है। यह प्रधानमंत्री का बहुत बड़ा झूठ है। तीन कानूनों में से एक में कहा गया है कि किसानों को कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के तहत कॉरपोरेट्स से खाद, बीज, कीटनाशक, उपकरण आदि खरीदने होंगे। इसमें यह भी कहा गया है कि किसानों को इन चीजों को खरीदने के लिए कर्ज लेने के लिए बैंकों के साथ समझौता करना होगा। मंसूबा यह है कि किसान अपनी संपत्तियों को गिरवी रखकर कर्ज लेते हैं।
सोमवार को राज्य की राजधानी में इस आंदोलन की घोषणा करते हुए भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राकेश टिकैत, जय किसान आंदोलन के योगेंद्र यादव, राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के शिव कुमार कक्का और अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के डॉ आशीष ने कहा कि उनके आंदोलन में दिल्ली को आठ महीने पूरे हो गए हैं और अब मिशन यूपी और उत्तराखंड शुरू करने का फैसला किया गया है। किसान के संयुक्त मोर्चा ने यूपी और उत्तराखंड के सभी टोल प्लाजा को खत्म करने की मांग की है।
टिकैत की नई चेतावनी, लखनऊ को भी दिल्ली की तरह सील करेंगे
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मोर्चा ने किसानों से अंबानी और अडानी समूह के कार्यालयों में प्रदर्शन करने का आह्वान किया है। इसके अलावा, इसने भाजपा और उसके सहयोगी दलों के नेताओं के बहिष्कार का भी आह्वान किया है। बहुत जल्द, किसान नेता आंदोलन मे शामिल होने के लिए लोगों को जुटाने के प्रयास मे पूरे यूपी में बैठकों की एक श्रृंखला शुरू करेंगे