बोले राकेश टिकैत- NIA का ऑफिस तलाश रहे, जरा देख कर आवेंगे; सरकार हमें छेड़ कर तो दिखाए
किसान नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि एजेंसी आंदोलन में 5 -5 किलो आटा देने वाले लोगों को खोज रही है जबकि एजेंसियों के पास दूसरे बहुत सारे काम पड़े हैं। एजेंसी देश से पैसा लेकर भागे लोगों के बारे में कोई जाँच नहीं कर रही है जबकि किसान आंदोलन के नेताओं और इसमें शामिल होने वाले लोगों को परेशान कर रही है।

किसान नेताओं को सरकारी जाँच एजेंसी एनआईए द्वारा समन भेजे जाने के बाद राकेश टिकैत ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। किसान नेता राकेश टिकैत ने हमला बोलते हुए कहा है कि हम भी NIA ऑफिस की तलाश रहे हैं, हम भी जरा देख कर आना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि जरा हमें छेड़ कर तो दिखाए। ज्ञात हो कि जाँच एजेंसी ने सिख फॉर जस्टिस के मामले में करीब 40 लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि एजेंसी आंदोलन में 5 -5 किलो आटा देने वाले लोगों को खोज रही है जबकि एजेंसियों के पास दूसरे बहुत सारे काम पड़े हैं। एजेंसी देश से पैसा लेकर भागे लोगों के बारे में कोई जाँच नहीं कर रही है जबकि किसान आंदोलन के नेताओं और इसमें शामिल होने वाले लोगों को परेशान कर रही है। साथ ही टिकैत ने कहा कि ये सरकारों की आंदोलन को परेशान करने की नीति होती है कि उनसे जुड़े लोगों को एजेंसी के मध्यम से डराया और धमकाया जाए.टिकैत ने आगे कहा कि हम जरा इन एजेंसियों के ऑफिस का पता मालूम कर रहे हैं। जल्दी ही पता मालूम होने के बाद इन ऑफिस को देख कर आयेंगे।
सरकार पर हमला बोलते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि एजेंसी को यह भी जाँच करनी चाहिए कि भाजपा ने इतने शानदार और आलीशान ऑफिस कैसे बनवाए और इसमें लगे पैसे कहाँ से आ रहे हैं. लेकिन एजेंसी किसान आंदोलन में आटा , दाल और तेल जैसे सामानों की मदद करने वाले लोगों को नोटिस भेज रही है। राकेश टिकैत ने कहा कि हमने तो भाजपा से भी मदद मांगी लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा। राकेश ने कहा कि हमने ट्रैक्टर परेड के लिए भाजपा से तिरंगे झंडे मांगे हैं लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब ही नहीं आया है।
ज्ञात हो कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर परेड करने का लक्ष्य रखा है। कृषि बिल पर जारी गतिरोध को खत्म करने लिए किसान संगठनों और सरकार के बीच 9 दौर की बातचीत हो चुकी है। अब अगले दौर की बातचीत के लिए 20 जनवरी की तारीख निर्धारित की गयी है।