‘लव जिहाद’ पर राजनाथ ने जब बताया योगी के परफॉर्मेंस का हाल! कहा- A1 है, मुझसे बेहतर…
'लव जिहाद' के बारे में सवाल पूछे जाने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि योगी सरकार का पर्फ़र्मेंस ए 1 है और यह उनके कार्यकाल से भी अच्छा है।

उत्तर प्रदेश में ‘लव जिहाद’ के खिलाफ लाए गए कानून पर अकसर चर्चा होती है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी कई प्लैटफॉर्म पर इस बारे में अपनी राय रख चुके हैं। उन्होंने एक बार फिर ‘लव जिहाद’ के मामले में योगी सरकार पर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर योगी सरकार का पर्फॉरमेंस ए 1 है और उनसे भी अच्छा है। बता दें कि राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।
आजतक चैनल के कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रभु चावल को इंटरव्यू दिया। चावला ने पूछा, ‘आजकल लव जिहाद की खूब चर्चा हो रही है। इस मामले में योगी सरकार को आप कहां देखते हैं।’ इसपर सिंह ने जवाब दिया, ‘मैं कहता हूं उनका पर्फॉर्मेंस A1 है।’ प्रभु चावला ने पूछा, ‘आप सब से बेटर है?’ इसपर राजनाथ सिंह ने कहा, मेरा जहां तक सवाल है तो मैं कह दूंगा, हां मुझसे बेटर है।
कुछ दिन पहले रक्षा मंत्री ने उत्तर प्रदेश सरकार के लव जिहाद कानून की प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा था कि वह खु़द धर्मांतरण का समर्थन नहीं करते हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में सिंह ने कहा था, ‘मैं पूछता हूं कि धर्मांतरण की ज़रूरत क्या है? जहां तक मैं जानता हूं मुस्लिम धर्म का कोई भी व्यक्ति दूसरे धर्म में शादी कर सकता है। ऐसे में सामूहिक धर्मांतरण का प्रयास रुकना चाहिए।’
उन्होंने यह भी कहा था कि सच्चा हिंदू धर्म-जाति के आधार पर कभी भेदभाव नहीं करता। भारत इकलौता देश है जो कि वसुधैव कुटुंबकम का संदेश देता है। कोई और देश ऐसा नहीं करता है। बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाया है जिसके तहत किसी के एक से 10 साल तक की कैद हो सकती है। इसके अलावा 15 से 50 हज़ार तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
योगी सरकार के इस कानून के मुताबिक जबरन धर्मांतरण अगर किसी नाबालिग, अनुसूचित जाति या जनजाति, या फिर महिला के साथ होता है तो तीन से 10 साल की सज़ा हो सकती है। अगर सामूहित धर्मांतरण होता है तो भी 10 साल तक की कैद हो सकती है। अगर कोई अपनी अच्छा से धर्म बदलना चाहता है तो उसे दो महीने पहले डीएम के पास नोटिस देना होगा। हालांकि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दो महीने नोटिस देने वाले नियम को ख़ारिज कर दिया है।