राजस्थान में लड़कियों से छेड़छाड़ रोकने के लिए प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने अजीबोगरीब फरमान सुनाया है। अब राजस्थान के गर्ल्स स्कूलों में ‘जवान ‘ टीचर नहीं पाएंगे। राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने शुक्रवार को कहा कि लड़कियों के सरकारी स्कूलों में 50 साल की कम उम्र के अध्यापक नहीं पढ़ाएंगे। शिक्षा मंत्री के इस फैसले कि आलोचना की जा रही है और अपरिपक्व बताया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि अध्यापक संघ और अध्यापकों से बातचीत के बाद हम एक खाका तैयार करेंगे जिससे की गर्ल्स स्कूलों में ज्यादा से ज्यादा महिला टीचरों की नियुक्ति करेंगे। ताकि लड़कियों को किसी तरह की परेशानी ना झेलनी पड़े।
Rajasthan state education minister, Govind Singh Dotasra: After talking to teachers orgs and teachers, we will prepare a road-map and formulate a policy to appoint more and more female teachers at girls schools, so that no problem arises for the girls students in the time to come https://t.co/6ohjDhurKp
— ANI (@ANI) 19 October 2019
पत्रकारों से बातचीत के दौरान शिक्षा मंत्री ने बताया कि सभी गर्ल्स स्कूलों में महिला टीचरों को प्रथामिकता दी जाएगी जबिक 50 वर्ष की उम्र से ज्यादा के पुरुष टीचरों को जरूरत के आधार पर तैनात किया जाएगा।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक बाद में शिक्षा मंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा कि सभी गर्ल्स स्कूलों में तैनात पुरुष टीचरों के आंकड़ों पर अध्यन करने के बाद यह फैसला लिया जाएगा अगर हमें और टीचरों की जरूरत होगी।
राजस्थान सरकार द्वारा जारी शिक्षा रिपोर्ट 2018-19 के अनुसार, राज्य में सिर्फ 1,019 गर्ल्स स्कूल हैं जबकि शेष 68,910 को-एड हैं। 3.82 लाख शिक्षकों की संख्या में पुरुष और महिला शिक्षकों का अनुपात लगभग 2: 1 है। इसका अर्थ है कि लगभग सभी 69,929 स्कूलों में महिला शिक्षक मौजूद हैं। ऐसे में मंत्री के बयान में विरोधाभास नजर आता है।