राकेश टिकैत बोले- 20 साल में आपकी ज़मीन छिन जाएगी, कहा-मजदूर बनकर रह जाएंगे किसान
मंगलवार को राजस्थान के झुंझुनूं में किसान महापंचायत के दौरान भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सभी को सबसे प्यारी जमीन है और बड़ी कंपनी जो आ रही है वो आपकी जमीन छीनने आ रही हैं।

केंद्र सरकार के नए कृषि क़ानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले तीन महीने से भी ज्यादा समय से जारी है। किसान लगातार इन कानूनों को रद्द कर एमएसपी पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। मंगलवार को राजस्थान के झुंझुनूं में किसान महापंचायत के दौरान भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सभी को सबसे प्यारी जमीन है और बड़ी कंपनी जो आ रही है वो आपकी जमीन छीनने आ रही हैं।
टिकैत ने कहा “दिल्ली में लड़ाई चल रही है। अब लड़ाई यहां भी शुरू करनी पड़ेगी। सीधी बात है जो तीनों कानून लेकर आए हैं। उसे रद्द कर दो। MSP पर कानून बना दो।” टिकैत ने कहा कि सभी को पुत्र सबसे प्यारा होता है। लेकिन जीते जी कोई अपने पुत्र के नाम जमीन करता है। नहीं ना तो सबसे प्यारी जमीन हुई और वही जमीन ये हमसे छिनना चाहते हैं। टिकैत ने कहा “जो बड़ी-बड़ी कंपनी यहां आ रही हैं वो तुमसे तुम्हारी जमीन छीन लेंगी। 20 साल में आपकी ज़मीन आपके हाथ में नहीं रहेगी।”
किसान नेता ने कहा “20 साल में पूरी जमीन कंपनियों के पास चली जाएगी। बड़े-बड़े गोदाम बनेंगे, बड़ी-बड़ी फैक्ट्री बनेगी और हमारे ही नौजवान बच्चे उसमें नौकरियां करेंगे। सरकार ने लेबर एक्ट में भी संशोधन कर दिया है। आपके बच्चे अपने ही खेतों में बनी फैक्ट्रियों में मजदूर बनकर रह जाएंगे। ये आंदोलन आपको चलना पड़ेगा।”
टिकैत ने कहा “कल आगरा में किसान गेहूं मंडी में लेकर गया। वहां व्यापारियों ने 1600 रुपए क्विंटल खरीदने की बात कही। उसने कहा- MSP का रेट 1975 रुपए है। उससे कम पर नहीं बेचूंगा। साथ ही मंडी भी नहीं चलने दूंगा। सारे अधिकारी मौके पर पहुंचे और उसका गेंहू 1975 रुपए में बिका।”
किसान नेता ने कहा “ये कहते हैं कि छोटा किसान तो खेत में है। बड़ा किसान आंदोलन में है। अब ये लोग छोटे और बड़े किसान को बांटने में लगे हैं। हमने कहा कि MSP से छोटे किसान को सबसे ज्यादा लाभ होगा। इनके बहकावे में मत आना। ये रोज नए फॉर्मूले लेकर आ रहे हैं। ये लुटेरे हैं, इन्हें भगाना पड़ेगा।”
टिकैत ने कहा “सरकार सोच रही है कि किसान अपने खेत में काम करने जाएगा तो आंदोलन खत्म हो जाएगा। वो कह रहे हैं कि अप्रैल में आंदोलन अपने आप थम जाएगा। सरकार के साथ लड़ाई लंबी चलेगी। अपके खाने का सामान वहीं पर है। कुछ साथ लेकर आ जाना। आटे-दाल पर ही पूरा आंदोलन चल रहा है। तीनों कानूनों की वापसी के बिना किसान घर नहीं जाएगा।”