राजस्थान में कांग्रेस की फूट का फायदा नहीं लेना चाह रही बीजेपी? वसुंधरा के दिल्ली दौरे के बाद सियासी गलियारों में चर्चा
वसुंधरा राजे ने दिल्ली में बीजेपी महासचिव (संगठन) बीएल संतोष और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है।

राजस्थान में जारी सियासी उठा-पटक के बीच बीजेपी की तरफ से खास सक्रियता नहीं देखी जा रही है। जिस पर सवाल उठ रहे हैं। इस बीच राजस्थान की पूर्व सीएम और वरिष्ठ भाजपा नेता वसुंधरा राजे दिल्ली दौरे पर हैं। जिससे चर्चाओं का नया दौर शुरू हो गया है। वसुंधरा राजे ने दिल्ली में बीजेपी महासचिव (संगठन) बीएल संतोष और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है। इन मुलाकात पर कुछ भाजपा नेताओं का कहना है कि वसुंधरा राजे ने राजस्थान में सियासी संभावनाएं तलाशने के मुद्दे पर बात की। वहीं कुछ नेताओं का मानना है कि यह मुलाकात आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति पर केन्द्रित रही।
द इंडियन एक्सप्रेस में छपे लेख दिल्ली कॉन्फिडेंशियल में यह जानकारी दी गई है। बता दें कि राजस्थान कांग्रेस में इन दिनों फूट चल रही हैं और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के नेतृत्व में 19 विधायकों ने सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया है। जिससे गहलोत सरकार पर संकट के बादल छा गए हैं। हालांकि गहलोत गुट का दावा है कि उनके पास बहुमत लायक समर्थन है।
आगामी 14 अगस्त को राजस्थान विधानसभा का सत्र बुलाया गया है, जिसमें फ्लोर टेस्ट होने की संभावना है। सचिन पायलट गुट के विधायक जहां मानेसर के एक होटल में ठहरे हुए हैं, वहीं गहलोत गुट के विधायक जैसलमेर के होटल में ठहरे हुए हैं। इस पूरे घटनाक्रम में भाजपा की कोई सक्रियता नहीं दिखाई दे रही है।
भाजपा के प्रदेश स्तर के नेताओं की तरफ से ही राज्य के मौजूदा सियासी संकट पर बयान सामने आए हैं, लेकिन वसुंधरा राजे और केन्द्रीय नेतृत्व अभी तक इस पूरे मामले पर उदासीन बना हुआ है। जिस पर सवाल भी उठ रहे हैं। भाजपा ने कर्नाटक और मध्य प्रदेश में जिस तरह से सक्रियता दिखाते हुए सत्ता कब्जायी थी, वैसा कुछ राजस्थान में नहीं दिखाई दे रहा है।