राहुल गांधी के गार्ड्स ने पायलटों से लाइसेंस दिखाने को कहा, मिला सटीक जवाब
फ्लाइट के पायलटों ने अपना लाइसेंस दिखाने से इनकार करते हुए कहा इस बात की जानकारी आपको एयरलाइंस से करनी चाहिए, क्योंकि एसपीजी को पायलटों के लाइसेंस की जांच करने का अधिकार नहीं है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सुरक्षाकर्मियों द्वारा एयरलाइंस के पायलट से लाइसेंस मांगने का मामला सामने आया है। राहुल गांधी दिल्ली से वाराणसी जा रह थे उस दौरान उनकी सुरक्षा में तैनात स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) ने जांच के लिए पायलटों से लाइसेंस दिखाने को कहा। सूत्रों के मुताबिक एसपीजी की ओर से ईंधन के जांच की भी मांग की गई थी। यह मामला 14 सितंबर का है, राहुल गांधी 8.55 am की इंडिगो फ्लाइट 6E 308 से वाराणसी जा रहे थे।
टीओई के मुताबिक क्रू मेंबर्स में शामिल एक सदस्य ने बताया कि एसपीजी की मांग सुनकर वे लोग हैरान रह गए। फ्लाइट के पायलटों ने अपना लाइसेंस दिखाने से इनकार करते हुए कहा इस बात की जानकारी आपको एयरलाइंस से करनी चाहिए, क्योंकि एसपीजी को पायलटों के लाइसेंस की जांच करने का अधिकार नहीं है। वहीं, डीजीसीए (डॉयरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन) की ओर से भी फ्लाइट की जांच की जा रही थी इसलिए फ्यूल टेस्ट की एसपीजी की मांग पूरी की गई। हालांकि इस वजह से फ्लाइट की उड़ान में 45 मिनट की देरी हुई। विमान का फ्यूल सही पाए जाने पर फ्लाइट को वाराणसी के लिए रवाना किया गया।
इंडिगो एयरलाइंस के प्रवक्ता ने एसपीजी की इस डिमांड पर कुछ भी कहने से इनकार दिया है। बताया जा रहा है कि इस तरह की मांग पहले कभी नहीं की गई। स्पेशल वीआईपी फ्लाइट्स के लिए एक प्रोटोकॉल होता है, जहां एयर इंडिया या इंडियन एयरफोर्स में ऐसे समय पर फ्लाइट में बेहतरीन पायलटों को तैनात किया जाता है। लेकिन जब कोई वीआईपी कॉमर्शियल एयरलाइंस से यात्रा करता है तो उसकी सिक्योरिटी को पायलटों के लाइसेंस के जांच का अधिकार नहीं होता है।
करीब 30 साल तक वीआईपी फ्लाइट्स उड़ा चुके एयलाइंस के सीनियर पायलट का कहना है कि कॉकपिट में सिर्फ वहीं लोग होते हैं, जिन्हें वहां होना चाहिए। इस पूरे घटनाक्रम से एयरलाइंस और एविएशन अथॉरिटी हैरान है। जानकारी के मुताबिक सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत वीआईपी यात्रा के लिए एक ब्लू बुक होती है।