राष्ट्रपति के अभिभाषण पर संसद में चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने एक बयान दिया था जिस पर चर्चा तेज हो गई है। लोकसभा में भाषण देते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि अब दो हिंदुस्तान बन रहें हैं। एक अमीरों का हिंदुस्तान और एक गरीबों का हिंदुस्तान।
राहुल गांधी ने कहा था कि दोनों हिंदुस्तान के बीच खाई बढ़ती जा रही है। गरीब हिंदुस्तान के पास रोजगार नहीं है। राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में बेरोजगारी के बारे में एक शब्द भी नहीं था और पूरे हिंदुस्तान में युवा आज रोजगार ढूंढ रहा है।
राहुल गांधी के दो हिंदुस्तान वाले बयान पर कभी उनके खास मित्र रहें और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान आया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि, “मुझे लगता है कि वो (राहुल गांधी) 2014 के पहले के भारत की बात कर रहे हैं, जहां पर कोई विकास नहीं था ,सिर्फ भ्रष्टाचार था। लेकिन 2014 के बाद जब मोदी जी ने नेतृत्व करना शुरू किया उसके बाद एक नया भारत है जो आगे बढ़ रहा है ,विकास कर रहा है और कोई भ्रष्टाचार नहीं है।”
संसद में राहुल ने सरकार को घेरा था: बता दें कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान संसद में राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला था। राहुल गांधी ने कहा था कि यूपीए सरकार ने 27 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला था लेकिन इस सरकार ने 2014 के बाद 23 करोड़ लोगों को गरीबी में धकेल दिया।
राहुल गांधी ने संसद में यह भी कहा था कि देश के बड़े उद्योगपति ज्यादा रोजगार नहीं दे सकते और इस सरकार ने देश के एमएसएमई को खत्म कर दिया। राहुल गांधी ने कहा था कि सरकार मेक इन इंडिया ,न्यू इंडिया की बात करती है लेकिन बिना एमएसएमई को सपोर्ट दिए मेक इन इंडिया हो ही नहीं सकता। देश में सबसे अधिक रोजगार एमएसएमई सेक्टर देता है।
राहुल गांधी ने आज भी उत्तराखंड में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी प्रधानमंत्री नहीं बल्कि एक राजा है। वह किसी की नहीं सुनते और खुद ही फैसले लेते हैं। देश के किसानों की भी 1 साल तक नही सुनी गई।