कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद शुक्रवार (24 मार्च) को लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया। राहुल गांधी की सदस्यता खत्म कर दी गई। इससे पहले बुधवार को मानहानि मामले में सूरत की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी। हालांकि, उन्हें उसी दिन तुरंत जमानत भी मिल गई थी। वहीं, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि राहुल जिस कानून के तहत अयोग्य साबित हुए वो कांग्रेस ने ही बनाया है।
राहुल गांधी का सड़क पर चलना मुश्किल हो जाएगा- एकनाथ शिंदे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “राहुल गांधी को उस कानून ने निलंबित कर दिया है जो कांग्रेस ने ही बनाया था। लालू यादव और कई अन्य को अयोग्य घोषित किया गया था लेकिन तब ऐसा कुछ नहीं हुआ था। तब लोकतंत्र खतरे में नहीं था?” विधानसभा में बोलते हुए महाराष्ट्र के सीएम शिंदे ने कहा कि राहुल गांधी ने न केवल पीएम मोदी की आलोचना की है बल्कि पूरे ओबीसी समुदाय को बदनाम किया है। वह उसी लहजे में बोलते रहे हैं और मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि अगर वह ऐसा करते रहे तो उनका सड़क पर चलना मुश्किल हो जाएगा
एकनाथ शिंदे ने आगे कहा, “सावरकर केवल महाराष्ट्र के देवता नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श हैं और राहुल गांधी ने उन्हें बदनाम किया है। राहुल गांधी की इस हरकत के लिए जितनी भी आलोचना की जाए कम होगी। आज भी उन्होंने कहा कि मैं माफी मांगने वाला सावरकर नहीं हूं। वह सावरकर के बारे में क्या सोचते हैं? उन्हें इसके लिए दंडित किया जाना चाहिए।”
कर्म दिखाते हैं अपना रंग- हिमंता बिस्वा सरमा
वहीं दूसरी ओर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शनिवार को कहा कि राहुल गांधी ने देश के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय को जानबूझकर गाली दी। उन्होंने कहा कि राहुल की टिप्पणी उन लोगों के खिलाफ अपमानजनक थी जो मोदी सरनेम साझा करते हैं और ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। हिमंता बिस्वा ने कहा, “मैं हिंदू दर्शन में विश्वास करता हूं, जो कहता है कि कर्म आप पर असर करता है। कर्म ने राहुल गांधी को वापस मारा है क्योंकि 2013 में उन्होंने अध्यादेश को खारिज कर दिया था। अब, वह भारत जोड़ो यात्रा करना जारी रख सकते हैं लेकिन संसद नहीं जा सकते।”
राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए थी- हिमंता बिस्वा सरमा
हिमंता बिस्वा सरमा ने गुवाहाटी में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में एक चुनावी भाषण के दौरान जानबूझकर ओबीसी समुदाय को गाली दी। उन्हें समुदाय से माफी मांगनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने अपने बयान के लिए समुदाय से माफी नहीं मांगी। जो एक नेता के अहंकार को दर्शाता है।” मुख्यमंत्री ने कहा, “राहुल गांधी को बयान के बाद माफी मांगनी चाहिए थी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। गलतियां सबके साथ हो सकती हैं। कई बार जुबान फिसलने से हमसे गलती हो जाती है लेकिन हम तुरंत माफी मांग लेते हैं। अब, पांच साल की लंबी न्याय प्रक्रिया के बाद उन्हें दोषी ठहराया गया है।”
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि जबकि राहुल गांधी फैसले को चुनौती दे सकते हैं लेकिन अगर एक पूरे समुदाय को घसीटा गया तो यह साफ है कि उन्हें लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ेगा।”