राहुल गांधी को दिल्ली पुलिस के नोटिस के जवाब में कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर पलटवार किया है। कांग्रेस ने पिछले दिनों राज्य में हुए विधानसभा चुनाव से पहले मेघालय में नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के अपने आरोपों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को गृह मंत्री अमित शाह को “समन” करने के लिए लिखा है। कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश ने कहा कि अमित शाह ने 17 फरवरी को एक रैली के दौरान एनपीपी सरकार को ‘देश की सबसे भ्रष्ट सरकार’ करार दिया था।
CBI निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल को लिखा पत्र
जयराम रमेश ने सीबीआई निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल को 21 मार्च को लिखे अपने एक पत्र में लिखा कि अमित शाह से पूछताछ करना जरूरी था क्योंकि “कुछ कारणों से” वह उस सूचना पर कार्रवाई करने में “असफल” रहे हैं जिसके आधार पर उन्होंने यह जानकारी दी थी। रमेश ने लिखा, “गृह मंत्री के रूप में उनकी क्षमता में निश्चित रूप से उन सूचनाओं और तथ्यों तक उनकी पहुंच होती जो उन्हें उस निष्कर्ष तक ले जाते। गृह मंत्री जो भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं कुछ वजहों से तत्कालीन मेघालय सरकार के भ्रष्ट आचरण और तथ्यों के बारे में मिली जानकारी पर कानूनी कार्रवाई करने में नाकाम रहे हैं।”
राहुल के बयान पर दिल्ली पुलिस की नोटिस का जवाब
जयराम रमेश ने लिखा, “इसलिए सर्वोच्च राष्ट्रीय हित में हम आपसे अमित शाह को बुलाने और उन सभी सूचनाओं और तथ्यों को पेश करने के लिए कहते हैं, जिनके कारण उन्होंने इस मामले का आकलन किया और जांच की।” दिल्ली पुलिस द्वारा कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को श्रीनगर में महिलाओं के खिलाफ यौन शोषण के कथित मामलों पर भारत जोड़ो यात्रा की समापन के दौरान दिए बयान पर नोटिस दिए जाने के कुछ दिनों बाद कांग्रेस का यह कदम सामने आया है।
राहुल गांधी के आवास पर भी पहुंची थी पुलिस टीम
कांग्रेस ने कहा, दिल्ली पुलिस ने नोटिस के माध्यम से भारत जोड़ो यात्रा के साथ आई उन महिलाओं के बारे में विवरण मांगा है जो राहुल गांधी से घरेलू हिंसा, छेड़छाड़ और उत्पीड़न की शिकायत करने आई थीं। नोटिस के मामले में पुलिस अधिकारी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर भी पहुंचे थे।
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दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई पर विपक्षी दल की ओर से धमकाने और बदला लेने के आरोप लगाए गए थे। पुलिस को दिए अपने प्रारंभिक जवाब में राहुल गांधी ने भी कार्रवाई को “अभूतपूर्व” करार दिया। उन्होंने पुलिस से पूछा था कि क्या अडानी मुद्दे पर संसद के अंदर और बाहर उनके रुख से इस कार्रवाई का कोई लेना-देना है?