Rahul Gandhi Parliament Membership: केरल के वायनाड लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को गुजरात की सूरत कोर्ट के बाद स्पीकर की ओर से झटका लगा है। मोदी सरनेम वाले बयान (Modi Surname Remark) को लेकर आपराधिक मानहानि केस (Defamation Case) में गुरुवार को दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद शुक्रवार को राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द कर दी गई। लोकसभा सचिवालय की ओर से इस मामले में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के बाद राजनीतिक जानकारों ने उनकी दादी इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) का चुनाव रद्द किए जाने के मामले को भी याद किया है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रद्द किया था इंदिरा गांधी का चुनाव
लगभग 48 साल पहले 12 जून 1975 की सुबह इलाहाबाद हाई कोर्ट के कोर्ट रूम नंबर 24 में जस्टिस जगमोहन सिन्हा ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा था, ‘रायबरेली में हुए चुनाव में इंदिरा गांधी धांधली की दोषी पाई गई हैं। उनका चुनाव रद्द किया जाता है।’ जस्टिस सिन्हा के फैसले के बाद जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत अगले 6 सालों तक इंदिरा गांधी को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया था। हाई कोर्ट के फैसले के मुताबिक इंदिरा गांधी ने चुनाव के दौरान सरकारी मशीनरी और संसाधनों का दुरुपयोग किया था। इसलिए उनका सांसद चुना जाना अवैध माना गया था। कोर्ट ने कांग्रेस पार्टी को फौरी राहत के रूप में ‘नई व्यवस्था’ बनाने के लिए तीन हफ्तों की मोहलत दी थी।
देश की राजनीति ने ले लिया खतरनाक मोड़
रायबरेली लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार इंदिरा गांधी के प्रतिद्वंदी और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी राजनारायण ने उनकी एक लाख से ज्यादा वोट से जीत को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को बयान दर्ज कराने के लिए खुद मौजूद रहने भी कहा था। ‘इंदिरा गांधी बनाम राजनारायण’ के नाम से काफी मशहूर इस मुकदमे को बतौर केस स्टडी पढ़ा जाता है। इस केस में फैसले के बाद देश की राजनीति ने एक नया और खतरनाक मोड़ ले लिया था।
Rahul Gandhi Disqualified: Modi Surname वाले भाषण पर मिली सजा के बाद Rahul Gandhi की सदस्यता रद्द | Video
इंदिरा गांधी को हाई कोर्ट में होना पड़ा था हाजिर
राजनारायण की तरफ से जिरह करने वाले मशहूर वकील शान्ति भूषण ने एक पत्रिका को बताया था कि 18 मार्च 1975 को कोर्ट में इंदिरा गांधी को लगभग 5 घंटे तक अपने चुनाव से जुड़े सवालों के जवाब देने पड़े थे। राजनारायण की याचिका में इंदिरा गांधी के खिलाफ लगाए गए सात आरोपों में 5 में जस्टिस सिन्हा ने इंदिरा गांधी को राहत दे दी थी, लेकिन 2 मुद्दों पर उन्हें दोषी पाया था। वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैय्यर ने अपनी एक किताब में जिक्र किया है कि 11 दिन बाद 23 जून 1975 को इंदिरा गांधी ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।