भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी एक वीडियो में अपने मन की बात कहते दिखे। मीडिया को लेकर उनका कहना था कि जब वो पॉलिटिक्स में आए तो मीडिया 5-6 साल बाद तक उनकी वाह-वाह करती थी। 2008-09 तक ये सिलसिला कायम था। लेकिन उसके बाद उनकी राय बदल गई। राहुल ने तफसील से उन मुद्दों का जिक्र किया जिसके बाद मीडिया 24 घंटे उनकी आलोचना करने लग गई। राहुल का कहना था कि बीजेपी ने उनकी छवि को बिगाड़ने के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष का कहना था कि Niyamgiri और Bhatta Parsaul के मसले पर जब उन्होंने अपनी बात बेबाकी से सामने रखी तो ये ही मीडिया उन पर हमलावर हो गई और दिन रात उनकी आलोचना करने लग गई। राहुल का कहना था कि उन्होंने गरीबों के हक की बात सामने रखी थी। उनका मानना है कि ये दोनों ही मसले देश के दबे कुचले लोगों के हितों से जुडे़ थे। इनकी बात करना कोई बेमानी बात नहीं है।
राहुल का कहना था कि सविधान के तहत महाराजाओं के पास जो संपत्ति थी वो हमने गरीब लोगों को दी। लेकिन बीजेपी इसका उलट कर रही है। वो सारी धन दौलत गरीब लोगों से छीनकर वापस महाराजाओं के पास भेजने में लगी है। उनका कहना था कि बीजेपी लगातार उनकी छवि बिगाड़ने में लगी है। लेकिन हकीकत ये है कि सच कभी छिपता नहीं। ये कहीं न कहीं से बाहर आने का रास्ता बना ही लेता है।
मेरी मीडिया छवि का असली सच क्या है? https://t.co/PW4ZZqIN8b pic.twitter.com/IX9Lp91FgE
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 4, 2022
केरल के सांसद का कहना था कि जब आप बड़ी ताकत से लड़ते हैं तो आप पर निजी हमले होते ही हैं। जब मेरे ऊपर निजी हमले होते हैं तो मुझे लगने लग जाता है कि मैं सही राह पर हूं। राहुल का कहना था कि इसे वो अपने मार्गदर्शक की तरह से लेते हैं। जब तक वो ठीक जा रहे हैं उन्हें कोई चिंता नहीं। ये चीजें उन्हें सिखाती हैं कि वो सही रास्ते पर हैं भी या नहीं।
ध्यान रहे कि राहुल गांधी ने ओड़िशा के नियामगिरी में वेदांता के लिए अधिगृहित की जा रही जमीन को लेकर विरोध किया था। जबकि भट्ठा परसौल यूपी के किसानों से जुड़ा मसला था। यहां भी वो खासे सक्रिय थे।