कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के मामले में विपक्षी दल पार्टी सत्ताधारी बीजेपी पर हमलावर हैं। वहीं, इस मामले में कांग्रेस के दिग्गज नेता शशि थरूर को एक उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि इस दौरान अभूतपूर्व विपक्षी एकता देखने को मिली।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दो साल की जेल की सजा उम्मीद की एक किरण है, इससे अभूतपूर्व विपक्षी एकता सामने आई है। न्यूज़ चैनल एनडीटीवी से साक्षात्कार में उन्होंने कहा, “हमने क्षेत्रीय दलों को प्रत्येक राज्य में कांग्रेस को एक प्रतिद्वंद्वी के रूप में मानते हुए देखा है लेकिन इस समय यह सभी हमारे पक्ष में खड़े हैं।” थरूर ने आगे कहा, “हमने केजरीवाल को दिल्ली में, ममता बनर्जी को बंगाल में, के चंद्रशेखर राव को हैदराबाद में देखा है। ये सभी बीते समय में कभी भी कांग्रेस के साथ नहीं रहे लेकिन ऐसे में समय वो हमारे साथ हैं।”
अभूतपूर्व विपक्षी एकता देखने को मिली- शशि थरूर
शशि थरूर ने आगे कहा कि ये एकता बीजेपी के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी ताकत बनकर सामने आई है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा की कार्रवाई के खिलाफ एक प्रदर्शन था। तिरुवनंनतपुरम से सांसद ने राहुल गांधी के खिलाफ आरोपों को हास्यास्पद बताया क्योंकि न तो भगोड़े व्यवसायी ललित मोदी और नीरव मोदी पिछड़े हैं। वे विदेश में विलासिता का जीवन जी रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा, “यह कहना कि वे पिछड़े वर्ग से हैं और यह टिप्पणी ओबीसी समाज पर हमला है, सामान्य ज्ञान के खिलाफ है।” उन्होंने कहा कि राहुल गांधी विशेष रूप से इन तीन व्यक्तियों की ओर इशारा कर रहे थे।
पीएम मोदी को इस मामले में शिकायतकर्ता होना चाहिए था- थरूर
शशि थरूर ने राहुल की सजा पर भी कहा कि उनके खिलाफ मामला कमजोर है, हमारे पास अच्छे वकील हैं और शिकायतकर्ता का मामला बहुत कमजोर है। थरूर ने कहा कि चौथे मोदी, पूर्णेश मोदी यह नहीं साबित कर सकते कि उन्हें किसी भी तरह टारगेट किया गया था। राहुल गांधी के वकील ने तर्क दिया है कि अदालती कार्यवाही शुरू से ही त्रुटिपूर्ण थी। उन्होंने तर्क दिया कि पीएम मोदी को इस मामले में शिकायतकर्ता होना चाहिए था ना कि विधायक पूर्णेश मोदी को क्योंकि राहुल ने अपने भाषण में उन्हें निशाना बनाया था।
राहुल गांधी पहले से मज़बूत हुए हैं
तिरुवनंनतपुरम से सांसद शशि थरुर ने कहा कि बीजेपी एक आवाज को दबाना चाहती है, लेकिन अब दुनिया के हर एक कोने से राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने की आवाज को सुना जा रहा है। ये सिर्फ अब कांग्रेस या राहुल गांधी की बात नहीं, लोकतंत्र की बात है। क्या ये लोकतंत्र के लिए सही है कि विपक्ष के मुख्य नेता संसद में अपनी आवाज़ नहीं उठा सकते? उन्हें जेल भेजने की बात हो रही है। इसका नुकसान सिर्फ भारत को हो रहा है। राहुल गांधी पहले से और मज़बूत हुए हैं, कांग्रेस पार्टी मजबूत हुई है। विपक्ष एकजुट हुआ है लेकिन नुकसान सिर्फ भारत का है।