कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनकी मोदी सरनेम टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित करने के बाद उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई। दरअसल, बुधवार (23 मार्च) को मानहानि मामले में सूरत की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने राहुल गांधी दोषी करार देते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी। हालांकि उन्हें उसी दिन तुरंत जमानत भी मिल गई थी। जिसके बाद अब लोकसभा की वेबसाइट से राहुल गांधी का नाम हटा दिया गया है।
लोकसभा की वेबसाइट से हटा राहुल गांधी का नाम
लोकसभा के सचिवालय ने शुक्रवार को एक नोटिस में कहा कि राहुल गांधी अपनी सजा की तारीख से लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य हो गए हैं। लोकसभा की वेबसाइट से भी राहुल का नाम हटा दिया गया है। गौरतलब है कि राहुल गांधी केरल के वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सांसद थे।
दरअसल, लोकसभा की वेबसाइट पर सभी वर्तमान सांसदों की लिस्ट होती हैं। इसमें अब राहुल गांधी का नाम नजर नहीं आ रहा है। राहुल गांधी केरल की जिस वायनाड सीट से लोकसभा के लिए चुने गए थे, उस सीट की जानकारी भी हटा दी गई है। गौरतलब है कि संसद सदस्यता रद्द होने के बाद सदस्य के बारे में जानकारी लोकसभा की वेबसाइट से हटा दी जाती है।
23 मार्च से प्रभावी होगा राहुल की अयोग्यता संबंधी आदेश
लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार (24 मार्च) को राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने का नोटिफिकेशन जारी किया था। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनका अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा। अधिसूचना में कहा गया है कि उन्हें संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है। इसमें कहा गया है, “सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को 23 मार्च 2023 से अयोग्य ठहराया जाता है।’’
अयोग्य साबित होने पर नहीं लड़ सकेंगे 8 साल तक चुनाव
अधिसूचना के अनुसार, इसकी एक प्रतिलिप राहुल गांधी के अलावा भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सचिवालय, राज्यसभा सचिवालय, भारत निर्वाचन आयोग, भारत सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों को भेजी गयी है। इसकी प्रतिलिपि केरल के तिरूवनंतपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, संसद भवन एनेक्सी के डायरेक्टेरेट ऑफ इस्टेट के लॉयजन अधिकारी, एनडीएमसी सचिव, लोकसभा सचिवालय की सभी शाखाओं को भेजी गयी है। अगर राहुल गांधी की दोषसिद्धि और सजा पर ऊपरी अदालत से स्थगन आदेश नहीं मिलता है तो वह अगले आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।