Punjab Police: कट्टरपंथी उपदेशक और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के नेतृत्व वाले संगठन से जुड़े चार सदस्यों को पंजाब से गिरफ्तार करने के बाद रविवार (19 मार्च, 2023) को असम के डिब्रूगढ़ लाया गया, वहीं अमृतपाल और उसके समर्थकों पर Arms Act के तहत नया मामला दर्ज किया गया है। जबकि अमृतपाल और उसके अन्य सहयोगियों को पकड़ने के लिए सर्च अभियान जारी है। पुलिस ने बताया कि अमृतपाल के संगठन के चार गिरफ्तार सदस्यों को एक विशेष विमान से डिब्रूगढ़ लाया गया।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘चारों को फिलहाल डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार में रखा गया है।’ उन्होंने इस संबंध में और कोई जानकारी नहीं दी। इससे पहले पुलिस ने कहा था कि वह अमृतपाल को जल्द गिरफ्तार कर लेगी। अधिकारियों ने बताया कि पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों के खिलाफ शनिवार को बड़ी कार्रवाई शुरू की थी और उसके नेतृत्व वाले एक संगठन के 78 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था। जालंधर जिले में अमृतपाल के काफिले को रोका गया, लेकिन वह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। अधिकारियों ने कई स्थानों पर सुरक्षा कड़ी कर दी है।
अमृतपाल सिंह और उसके साथियों पर Arms Act के तहत केस दर्ज
अमृतपाल सिंह और उसके कुछ साथियों के खिलाफ अवैध हथियार रखने के सिलसिले में रविवार को एक नयी प्राथमिकी दर्ज की गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। अमृतसर ग्रामीण के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सतिंदर सिंह ने कहा कि अमृतपाल के सात साथियों को शस्त्र अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है।
पंजाब सरकार ने राज्य में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं के निलंबन की अवधि सोमवार दोपहर तक बढ़ा दी है और सुरक्षा बलों ने अमृतसर, जालंधर और लुधियाना समेत राज्य के कई स्थानों पर फ्लैग मार्च किया। राज्य के अधिकारियों ने शनिवार को इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं रविवार दोपहर तक के लिए निलंबित कर दी थीं।
पंजाब में अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा रविवार को जारी आधिकारिक आदेश में कहा गया है, ‘भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 के तहत मुझे प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, यह निर्देश दिया जाता है कि पंजाब के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में सभी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, सभी एसएमएस सेवाएं (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर) और वॉयस कॉल को छोड़कर मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली सभी डोंगल सेवाओं को 19 मार्च (दोपहर 12 बजे) से 20 मार्च (दोपहर 12 बजे) तक के लिए निलंबित किया जाएगा, ताकि हिंसा भड़का सकने और शांति एवं सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ सकने वाली हर प्रकार की घटना को रोका जा सके। आदेश में कहा गया है कि ब्रॉडबैंड सेवाओं को निलंबित नहीं किया जा रहा है, ताकि बैंकिंग सुविधाएं, अस्पताल सेवाएं और अन्य आवश्यक सेवाएं उपलब्ध रहें।
इस बीच अमृतसर में अमृतपाल के पैतृक गांव जल्लूपुर खेड़ा में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई। अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने आरोप लगाया है कि उसके बेटे को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। तरसेम सिंह ने कहा, ‘उसके बारे में कल से कोई जानकारी नहीं है। हमें लग रहा है कि उसे पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है।’ उन्होंने कहा, ‘डरने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि उसने (अमृतपाल) कुछ गलत नहीं किया है।’ तरसेम ने कहा कि अमृतपाल युवाओं को नशीले पदार्थों से दूर कर रहा था।
पुलिस आयुक्त कुलदीप सिंह चहल ने रविवार को जालंधर में संवाददाताओं से कहा, ‘वह (अमृतपाल) अब भगोड़ा है और हम उसकी तलाश कर रहे हैं, हम उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लेंगे।’ जब चहल से सवाल किया गया कि अमृतपाल के सहयोगियों को गिरफ्तार किए जाने के बावजूद वह अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर है, तो क्या किसी प्रकार की ‘चूक’ हुई है, इसके जवाब में पुलिस आयुक्त ने कहा कि जांच में किसी प्रकार की चूक नहीं हुई है।
यह पूछे जाने पर कि अमृतपाल भागने में कैसे सफल रहा, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी चहल ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों ने अमृतपाल के वाहन का पीछा किया। उन्होंने कहा, ‘उसके (अमृतपाल) वाहन का 20 से 25 किलोमीटर तक पीछा किया गया। वह (उसका वाहन) आगे था और स्वाभाविक रूप से उसे इसका लाभ मिला। संकरी गलियां थीं और वह किसी तरह अपना वाहन बदलकर भाग गया।’’ उन्होंने कहा कि अमृतपाल से संबंधित दो वाहनों को जब्त कर लिया गया है। पुलिस ने शनिवार को अमृतपाल के नेतृत्व वाले ‘वारिस पंजाब दे’ (डब्ल्यूपीडी) से जुड़े लोगों के खिलाफ ‘बड़े पैमाने पर राज्यव्यापी घेराबंदी और तलाश अभियान (सीएएसओ)’ शुरू किया था।
पंजाब पुलिस ने शनिवार को अमृतपाल के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई शुरू की थी, जिसमें पुलिस ने उसके नेतृत्व वाले संगठन के 78 सदस्यों को गिरफ्तार किया था। हालांकि, अमृतपाल को पकड़ने के प्रयास जारी हैं, जिसने शनिवार को जालंधर जिले में उसके काफिले को रोके जाने पर पुलिस को चकमा दे दिया था। पुलिस ने 23 फरवरी को हुए अजनाला प्रकरण में अमृतपाल और उसके साथियों के खिलाफ पहले ही प्राथमिकी दर्ज कर ली थी।